लक्ष्मी माता की ड्राइंग

  1. According To Vastu Shastra These Five Mistakes You Should Not Do At Evening That Make Mata Laxmi Angry
  2. माता लक्ष्मी का ये रहस्य जानकर आप रह जाएंगे हैरान...
  3. Maha Lakshmi Vrat 2021:आज से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लक्ष्मीजी की आरती
  4. Chanakya Niti: इन 3 स्थानों पर माता लक्ष्मी सबसे अधिक करती है निवास, वहां के लोगों को कभी नहीं होती पैसों की कमी
  5. Chanakya Niti: या ४ कामांमुळे माता लक्ष्मी होते नाराज!


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According To Vastu Shastra These Five Mistakes You Should Not Do At Evening That Make Mata Laxmi Angry

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार शाम के वक्त यह काम करने से बचें, वरना रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी Mata laxmi : शाम का समय यानी दिन और रात के बीच का वो वक्त जब सूरज ढलना शुरू होता है लेकिन अंधेरा नहीं होता. इस समय पर वास्तु के कुछ नियमों को न मानने से माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) नाराज हो सकती हैं और रूठ भी सकती है. जान लीजिए कौन कौन से हैं वो काम. Vastu Tips: दिन भर सूरज की ऊर्जा के साथ ही शरीर और मस्तिष्क में भी ऊर्जा का संचार होता है. लेकिन शाम होते ही शरीर के साथ साथ वास्तु (Vastu Shastra) का विज्ञान भी बदलने लगता है. इसलिए शास्त्रों में सूरज के ढलना शुरू होते ही कुछ कामों को न करने की सलाह दी गई है. शाम का समय यानी दिन और रात के बीच का वो वक्त जब सूरज ढलना शुरू होता है लेकिन अंधेरा नहीं होता. इस समय पर वास्तु के कुछ नियमों को न मानने से माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) नाराज हो सकती हैं और रूठ भी सकती है. जान लीजिए कौन कौन से हैं वो काम. शंखनाद के साथ इस गैजेट से सुनें भगवत गीता, हर श्लोक के साथ होने लगेंगे प्रभु के दर्शन शाम को न करें ये काम (Work To Avoid To Do In Evening) यह भी पढ़ें • मान्यतानुसार मिट्टी की ये 4 चीजें घर लाने पर साथ आती है सुख-समृद्धि, आर्थिक कष्ट भी हो सकते हैं दूर • वास्तु एक्सपर्ट ने बताया सप्ताह के सात दिन पहनिए अलग-अलग रंग, जानिए किस दिन कौन सा कलर है शुभ • Vastu Tips For Success: वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस के डेस्क पर रखें यह 4 चीजें, फिर करियर में तरक्की होगी तेजी से झाड़ू न लगाएं सुबह उठ कर घर आंगन बुहारना जितना शुभ माना जाता है. शाम होते ही झाड़ू लगाना उतना ही बुरा माना जाता है. ये ऐसा समय है जिस पर झाड़ू लगाने को माता लक्ष्मी की नाराजगी का कारण...

माता लक्ष्मी का ये रहस्य जानकर आप रह जाएंगे हैरान...

दरअसल, पुराणों की कथा में छुपे रहस्य को जानना थोड़ा मुश्किल होता है, इसे समझना जरूरी है। आपको शायद पता ही होगा कि शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश के माता-पिता का नाम सदाशिव और दुर्गा बताया गया है। उसी तरह तीनों देवियों के भी माता-पिता रहे हैं। समुद्र मंथन से जिस लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी, दरअसल वह स्वर्ण के पाए जाने के ही संकेत रहा हो। *माता लक्ष्मी के प्रमुख मंदिर : पद्मावती मंदिर तिरुचुरा, लक्ष्मीनारायण मंदिर वेल्लूर, महालक्ष्मी मंदिर मुंबई, लक्ष्मीनारायण मंदिर दिल्ली, लक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर, अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नई, अष्टलक्ष्मी मंदिर हैदराबाद, लक्ष्मी-कुबेर मंदिर वडलूर (चेन्नई), लक्ष्मीनारायण मंदिर जयपुर, महालक्ष्मी मंदिर इंदौर, श्रीपुरम् का स्वर्ण मंदिर तमिलनाडु, पचमठा मंदिर जबलपुर आदि। *समुद्र मंथन की लक्ष्मी : समुद्र मंथन की लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश है। इस कलश द्वारा लक्ष्मीजी धन की वर्षा करती रहती हैं। उनके वाहन को सफेद हाथी माना गया है। दरअसल, महालक्ष्मीजी के 4 हाथ बताए गए हैं। वे 1 लक्ष्य और 4 प्रकृतियों (दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं व्यवस्था शक्ति) के प्रतीक हैं और मां महालक्ष्मीजी सभी हाथों से अपने भक्तों पर आशीर्वाद की वर्षा करती हैं। विष्णुप्रिया लक्ष्मी : ऋषि भृगु की पुत्री माता लक्ष्मी थीं। उनकी माता का नाम ख्याति था। (समुद्र मंथन के बाद क्षीरसागर से जो लक्ष्मी उत्पन्न हुई थीं, उसका इनसे कोई संबंध नहीं।) म‍हर्षि भृगु विष्णु के श्वसुर और शिव के साढू थे। महर्षि भृगु को भी सप्तर्षियों में स्थान मिला है। राजा दक्ष के भाई भृगु ऋषि थे। इसका मतलब वे राजा द‍क्ष की भतीजी थीं। माता लक्ष्मी के दो भाई दात...

Maha Lakshmi Vrat 2021:आज से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लक्ष्मीजी की आरती

Maha lakshmi Vrat 2021: आज से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और लक्ष्मीजी की आरती विस्तार Maha lakshmi Vrat 2021: मंगलवार, 14 सितंबर 2021 से महालक्ष्मी व्रत शुरू हो रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होता है। महालक्ष्मी व्रत लगातार 16 दिनों तक रखा जाता है। महालक्ष्मी व्रत गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद शुरू होता है। इस व्रत का समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर होगा। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, क्योंकि इस व्रत में धन, सुख-संपदा और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी के प्रसन्न होने पर आशीर्वाद प्राप्त होता है। खास बात यह कि इस तिथि पर राधा अष्टमी भी मनाई जाती है। जिस कारण से इस दिन से महालक्ष्मी व्रत का आरंभ बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ हो जाता है। इसके अलावा इसी तिथि पर दूर्वा अष्टमी भी है जिसमें दूर्वा घास की पूजा होती है। महालक्ष्मी व्रत रखने पर घर पर सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। जिसमें से अधिकतर विवाहित महिलाएं 16 दिनों तक व्रत रखती हैं। जो महिलाएं अगर 16 दिन तक नहीं रख पाती वे 3 तीन या आखिरी दिन व्रत रखती हैं। Maha lakshmi Vrat Shubh Muhurat 2021 अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 13, 2021 03:10 PM को अष्टमी तिथि समाप्त - सितम्बर 14, 2021 को 01:09 PM तक महालक्ष्मी व्रत पूजन विधि: Maha lakshmi Vrat 2021 Pujan Vidhi महालक्ष्मी के पहले दिन पूजा स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने-चांदी के सिक्के और फल फूल रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के ...

Chanakya Niti: इन 3 स्थानों पर माता लक्ष्मी सबसे अधिक करती है निवास, वहां के लोगों को कभी नहीं होती पैसों की कमी

आचार्य का मत है कि चंचल मन वाली लक्ष्मी को स्थिर रखना आसान नहीं है। लेकिन कुछ विशेष स्थानों पर लक्ष्मी स्थायी वास करना चाहती हैं और ये स्थान हमारे स्वभाव और परिवेश से ही निर्धारित होते हैं। इस संदर्भ में लक्ष्मी के स्थायित्व के कुछ मुख्य कारकों पर आचार्य चाणक्य ने प्रकाश डाला है- 1. प्रेम में वास है मां लक्ष्मी का पति पत्नी के आपसी रिश्ते का असर पूरे परिवार पड़ता है। यदि पति पत्नी में प्रेम का अभाव व आपसी तालमेल की कमी है तो घर में हमेशा अशांति बनी रहेगी। ऐसे वातावरण को मां लक्ष्मी अपना अपमान मानती हैं और वहां से शीघ्र चली जाती हैं। इसके विपरीत परस्पर प्रेम व सौहार्द वाले घर में मां लक्ष्मी वास करना चाहती हैं। 4. अन्न के समुचित संग्रह से प्रसन्न होती हैं लक्ष्मी आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर के भंडारगृह में समुचित रूप से अनाज और खाने-पीने की चीजों की व्यवस्था रहती है, वहां मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं और उस परिवार को धन धान्य से परिपूरित रखती हैं। आचार्य चाणक्य के उपर्युक्त विचारों का अनुपालन कर हम दैनिक जीवन में सुख समृद्धि का अनुभव करते हुए मां लक्ष्मी की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। Disclaimer : VikramUniv.Net किसी भी विश्वविद्यालय का ऑफिसियल वेबसाइट नहीं है। हमारी इस वेबसाइट का संबंध किसी भी सरकारी संगठन से नहीं है। VikramUniv.Net पर जो भी जानकारी शेयर की गई है वो ऑनलाइन और ऑफलाइन के अलग-अलग स्रोतों से एकत्रतित किया गया है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी का एकमात्र उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक नई-नई जानकारी पहुंचाना है।

Chanakya Niti: या ४ कामांमुळे माता लक्ष्मी होते नाराज!

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य सांगतात की आपण आपल्या दैनंदिन जीवनात जाणूनबुजून किंवा नकळत अशी कोणतीही चूक करू नये, ज्यामुळे धनाची देवी माता लक्ष्मी क्रोधित होते. आचार्य चाणक्य यांच्या मते, माणसाच्या जाणून-बुजून झालेल्या चुकीमुळे माता लक्ष्मी क्रोधित होते आणि व्यक्तीच्या जीवनात पैशाची कमतरता निर्माण होते. म्हणजेच व्यक्ती आर्थिकदृष्ट्या कमकुवत होऊ लागते. अनावश्यक पैसे खर्च करू नका आचार्य चाणक्य यांच्या मते, प्रत्येक व्यक्तीने पैसे कमविण्यासाठी कठोर परिश्रम केले पाहिजे, तसेच काही पैसे कमावले पाहिजेत. यासोबतच अनावश्यक पैशांचा खर्चही टाळायचा आहे. एखाद्या व्यक्तीने व्यर्थ पैसे खर्च केले किंवा पैसे दाखवले तर माता लक्ष्मी क्रोधित होते. आचार्य चाणक्य यांच्या मते, असे लोक स्वतःच्या विनाशाचा मार्ग उघडतात आणि कंगाल बनतात. संध्याकाळच्या वेळी कधीही घर झाडू नये. कारण संध्याकाळी लक्ष्मी घरात येते. त्यावेळी तिला घरात किंवा घराच्या दारात घाण दिसली तर ती परत जाते. कोणाचाही अपमान करू नका यासोबतच आचार्य चाणक्य आणखी एक मोठी गोष्ट सांगतात जी मानवी वर्तनासाठी खास आहे. चाणक्य नुसार, जो व्यक्ती वडील, विद्वान, महिला किंवा गरिबांचा छळ करतो किंवा अपमान करतो, त्याच्या घरात माता लक्ष्मी कधीच वास करत नाही. जे इतरांशी वाईट वागतात त्यांच्यावर माता लक्ष्मी नेहमी कोपलेली असते.