लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

  1. शब्द शक्ति कितने प्रकार की होती है उदाहरण सहित लिखिए
  2. शब्द शक्ति, अमिधा, लक्षणा, व्यंजना। (हिंदी व्याकरण)
  3. MP Board Class 12th Hindi Half Yearly Paper 2022
  4. शब्द शक्ति ( अभिधा, लक्षणा, व्यंजना ) का सम्पूर्ण ज्ञान
  5. काव्य शास्त्र की परिभाषा, प्रकार, गुण, अंग और शब्द शक्ति
  6. लक्षणा
  7. शब्द शक्ति ( परिभाषा, भेद ) अभिधा, लक्षणा, व्यंजना


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शब्द शक्ति कितने प्रकार की होती है उदाहरण सहित लिखिए

Table of Contents Show • • • • • • • • • • • • • • • 'शब्द की शक्ति उसके अंतर्निहित अर्थ को व्यक्त करने का व्यापार है।' कारण जिसके द्वारा कार्य संपादन करता है, उसे 'व्यापार' कहा जाता है।' उदाहरण के लिए - जिस प्रकार घड़ा बनाने के लिए 'मिट्टी', 'चाक', 'दण्ड' तथा 'कुम्हार' आदि कारण हैं और चाक का घूमना वह 'व्यापार' हैं, जिससे घड़ा बनता है। इसी तरह अर्थ का बोध कराने में 'शब्द' कारण है और 'अर्थ' का बोध कराने वाले व्यापार - अभिधा ,लक्षणा तथा व्यंजना है। आचार्यों ने इन्हीं को 'शक्ति 'तथा 'वृत्ति' नाम दिया है। आचार्य मम्मट ने 'व्यापार' शब्द का प्रयोग किया है तो आचार्य विश्वनाथ ने 'शक्ति 'का । शब्द शक्ति की परिभाषा:- शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थव्यापारों को 'शब्द शक्ति' कहते हैं। प्रसंग के अनुसार शब्द का अर्थ:- शब्द का अर्थ प्रसंग के अनुसार लिया जाता है। पशुओं के मध्य एक विशेष प्रकार के पशु के लिए' बैल' शब्द का प्रयोग होता है, परंतु किसी मूर्ख और विवेक शून्य व्यक्ति को कोई बात समझाते- समझाते जब ऊबकर और खीजकर कोई यह कह बैठता है कि 'तुम तो निरे बैल' हो, तब बैल का आशय 'मूर्ख 'होता है। बहुत दिनों से मूर्ख को 'बैल' कहने की एक रूढि - परंपरा हो गई है। इस प्रकार इस वाक्य में 'बैल' का साधारण तथा प्रचलित अर्थ ( दो सिंग, एक पूंछ, दो कान और चार पैरवाला पशु ) न लेकर दूसरा ही अर्थ- अर्थात् 'अत्यंत मूर्ख' लिया जाएगा। अतः वाक्य में प्रसंग के अनुसार 'बैल' शब्द का अर्थ 'मूर्ख' लिया जाएगा । केवल सार्थक शब्दों में ही किसी व्यक्ति, पदार्थ, वस्तु, क्रिया आदि का ज्ञान कराने की शक्ति होती है। ऐसे शब्दों का ठीक अर्थ वाक्य के शब्दों के बीच उसके स्थान और प्रयोग से ही निश्चित होता है। जैसे- 'उल्लू '...

शब्द शक्ति, अमिधा, लक्षणा, व्यंजना। (हिंदी व्याकरण)

शब्द शक्ति : हिंदी व्याकरण में ‘शब्द शक्ति’ से तात्पर्य शब्दों की उस शक्ति से होता है जो शब्द के अर्थ का बोध कराती है। हर शब्द में एक अर्थ छिपा होता है। उस शब्द के मूल अर्थ का बोध कराने वाली शक्ति को ‘ शब्द शक्ति ‘ कहा जाता है। आइये शब्द शक्ति को समझते हैं… शब्द शक्ति शब्द शक्ति से तात्पर्य शब्द के अर्थ का भाव का बोध कराने वाली शब्द शक्ति से होता है। किसी भी शब्द या शब्द समूह में एक अर्थ छुपा होता है, वह मूल अर्थ का बोध कराने की शक्ति को शब्द शक्ति कहा जाता है। शब्द के अर्थ का बोध जिस भाव या रीत द्वारा कराया जाता है, वही उस शब्द की शक्ति है। शब्दों के अर्थ के बोध के अलग-अलग प्रकार होते हैं। उसी आधार पर शब्द शक्ति भी अलग-अलग प्रकार की होती है। शब्द शक्ति के भेद शब्दों के अनुसार शब्द के अर्थ तीन प्रकार के होते हैं। • वाच्यार्थ • लक्ष्यार्थ • व्यंग्यार्थ इन्हीं तीन अर्थ के आधार पर शब्द शक्ति भी तीन प्रकार की होती है, जो कि इस प्रकार है : ✫ अमिधा ✫ लक्षणा ✫ व्यंजना अभिधा अमिधा शब्द शक्ति से तात्पर्य शब्द के उस अर्थ बोध से होता है, जो शब्द का सबसे प्रचलित एवं साधारण अर्थ होता है। किसी शब्द को सुनने या पढ़ने के बाद वाचक या श्रोता उस शब्द का जो सबसे प्रसिद्ध एवं प्रचलित अर्थ ग्रहण करें, वह ‘अमिधा’ शब्द शक्ति कहलाती है अमिधा शब्द शक्ति में शब्द के सांकेतिक अर्थ का बोध होता है। अभिधा में शब्द शक्ति से युक्त शब्द के अर्थ में कोई विरोधाभास प्रकट नही होता और ना ही कोई कोई अवरोध नही होता और उसका सीधा अर्थ प्रकट होता है। जैसे… सुरेन्द्र खाना खा रहा है। यहाँ पर सीधा स्पष्ट है कि सुरेन्द्र नाम का एक व्यक्ति खाना खा रहा है। आशीष खेल रहा है। यहाँ पर सीधा स्पष्ट है कि आशीष नाम का एक बालक खेल...

MP Board Class 12th Hindi Half Yearly Paper 2022

Join प्रिय छात्रों जैसा कि आप जानते है माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश के द्वारा कक्षा 9 से 12 अर्द्धबार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया गया है जिसके अनुसार कक्षा 12वीं हिन्दी अर्धवार्षिक पेपर 7 जनवरी को होने वाला है परीक्षा का समय सुबह 11 बजे से रहेगा. व्यवसाय अध्ययन का पेपर 75 अंको का होगा और 25 अंक प्रोजेक्ट के होंगे कुल आपका पेपर 100 अंको का होगा परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए आपको ब्लू प्रिंट के अनुसार तैयारी करना होगा. इस आर्टिकल में हम आपको Important Question : अर्द्धबार्षिक परीक्षा 2023 Class 12th Hindi paper • पद्य साहित्य से आप क्या समझते हैं? लिखिए। • रीतिकाल को श्रृंगार काल क्यों कहा गया है? लिखिए। • कवि संसार को अपूर्ण क्यों मानता है। • कवि किस प्रकार के ज्ञान को भूलना चाह रहा है? • महाकाव्य की विशेषताएं लिखिए। • खंड काव्य की विशेषताएं लिखिए। • अभिधा शब्द शक्ति की परिभाषा लिखिए। • लक्षणा शब्द शक्ति उदाहरण सहित लिखिए। • नाटक और एकांकी में कोई दो अंतर लिखिए। • बारिश के न होने पर गांव की हालत कैसी थी? • ‘काले मेघा पानी दे’ से लेखक का क्या तात्पर्य है? • राजभाषा की विशेषताएं लिखिए। • क्षेत्रीय शब्द किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए। • बिंब क्या है? उदाहरण के माध्यम से लिखिए। • प्रेरक अनुभूति के आधार पर बिंब के प्रकार लिखिए • यशोधर बाबू के चरित्र की विशेषताएं लिखिए। • सिल्वर वेडिंग का आयोजन क्यों हुआ था? • अच्छे लेखन के लिए ध्यान देने योग्य कौन-कौन सी बातें हैं? • पत्रकारीय लेखन के बारे में लिखिए। • निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ अथवा तुलसीदास का साहित्यिक परिचय लिखिए- • (i) दो रचनाएं • (ii) कला पक्ष • (iii) साहित्य में स्थान • नि...

शब्द शक्ति ( अभिधा, लक्षणा, व्यंजना ) का सम्पूर्ण ज्ञान

इस लेख में आप शब्द शक्ति का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। यह लेख आपके सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए कारगर है। किसी शब्द का अर्थ या प्रभाव उस शब्द की शक्ति कहीं जाती है। हिंदी व्याकरण में इसका विशेष महत्व है। हिंदी व्याकरण के अंतर्गत अभिधा, लक्षणा, व्यंजना, तीन प्रकार की शब्द शक्तियां है। इनके प्रयोग से शब्दों का प्रभाव बदल जाता है। इस विषय को सरल तथा समझ के अनुकूल बनाने के लिए हमने विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर की पहचान की है। शब्द शक्ति की परिभाषा किसी शब्द का अर्थ उसकी शक्ति से ही ज्ञात होता है। शब्द का अर्थ तीन प्रकार से ज्ञात होता है। अतः शब्द शक्ति की तीन शक्तियां है १ अभिधा २ लक्षणा ३ व्यंजना। अभिधा शब्द शक्ति शब्द की जिस शक्ति से उसके जगह प्रचलित अर्थ का बोध होता है, उसे अभिधा शक्ति कहते हैं। अभिधा शक्ति से प्राप्त अर्थ को अभिधार्थ या वाच्यार्थ कहते हैं। शब्दकोश ने वाच्यार्थ पर ही दिया होता है। जैसे – शेर एक प्राणी विशेष के लिए प्रयुक्त शब्द है जिसका अर्थ रूढ है शेर। शब्द सुनते ही हमारा ध्यान जंगल के एक विशाल शक्तिशाली पशु की ओर जाता है, जो पशुओं का राजा होता है तथा जिसके सिर पर केशर है तथा जो बिल्ली की जाति का एक पशु है। लक्षणा शब्द शक्ति जब वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अभिधा शक्ति से अर्थ ग्रहण करने में बाधा पड़ती है, तब अधिकार से संबंधित दूसरा अर्थ जिसे शब्द शक्ति से ग्रहण किया जाता है उसे लक्षणा कहते हैं। इससे प्राप्त अर्थ को लक्ष्यार्थ कहा जाता है। रमा तो गाय है इस वाक्य में अभिधा शक्ति से गाय का अर्थ ग्रहण करने में बाधा पड़ रही है। गाय शब्द का वाक्य एक पशु विशेष है, जो दूध देती है। परंतु रमा तो गाय नहीं है, एक लड़की या युवती है। यहां लक्षणा शक्ति आगे आती है और अ...

काव्य शास्त्र की परिभाषा, प्रकार, गुण, अंग और शब्द शक्ति

विकिपीडिया के अनुसार “काव्यशास्त्र, काव्य और साहित्य का दर्शन तथा काव्य शास्त्र को समझने के लिए काव्य शास्त्र के मुख्य बिंदुओं को समझना होता है। काव्यशास्त्र के मुख्य 5 बिन्दु हैं। • काव्य की परिभाषा • काव्य के भेद • काव्य के गुण • काव्य के अंग • काव्य की शब्द शक्ति काव्य शास्त्र की परिभाषा विभिन्न आचार्यों के द्वारा अलग-अलग तरीके से परिभाषित की गई। आचार्य विश्वनाथ के अनुसार:-“रसात्मक वाक्यम काव्यम”– अर्थात रसयुक्त पंडित जगन्नाथ के अनुसार:-“रामरणीयार्थ प्रतिपादक शब्दक काव्यम”– अर्थात रमणीय शब्दों का अर्थ बताने वाले शब्द काव्य कहलाते हैं। आचार्य भमाह के अनुसार:-“शब्दर्शों सहितों काव्यम” -अर्थात शब्द और उसके अर्थ के सममिश्रण को काव्य कहा गया। आचार्य रुद्रट के अनुसार:-“ननु शब्दर्शों काव्यम”– अर्थात अर्थ के लघु समन्वयन को काव्य कहा गया। आचार्य मम्मट के अनुसार:-“तद्रदोष शब्दर्शों गुणवाल कृति पुन क्वापि” अर्थात दोष रहित गुण सहित और कहीं-कहीं अलंकार विहीन शब्दों को काव्य कहा जाता हैं। काव्य के प्रकार काव्य के 2 प्रकार होते हैं • सामान्य दृष्टि के आधार पर • रचना के आधार पर सामान्य दृष्टि के आधार पर काव्य सामान्य दृष्टि के आधार पर काव्य के 2 प्रकार होते हैं। • दृश्य काव्य • श्रव्य काव्य 1. द्रव्य काव्य जिस काव्य में भावों का चमत्कार संकेतों, अभिनय आदि के द्वारा प्रदर्शित होते हैं। और इन भावों से आनंद की अनुभूति होती हैं उनके मिश्रण को ही दृश्य काव्य कहा जाता हैं। संस्कृत में इसे रूपक कहा जाता हैं। उदाहरण:- • महाराणा प्रताप • स्कन्दगुप्त • सत्य हरिचन्द्र 2.श्रव्य काव्य जिस काव्य में आनंद को सुनकर या पढ़कर प्राप्त किया जा सकता हैं वहाँ पर श्रव्य काव्य होता हैं। उदाहरण:- • रामचरित्र म...

लक्षणा

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (अक्टूबर 2022) स्रोत खोजें: · · · · लक्षणा कभी-कभी ऐसा होता है कि शब्द के साधारण अर्थ से उसका वास्तविक अभिप्राय नहीं प्रकट होता। वास्तविक अभिप्राय उसके साधारण अर्थ से कुछ भिन्न होता है। शब्द को जिस शक्ति से उसका वह साधारण से भिन्न और दूसरा वास्तविक अर्थ प्रकट होता है, उसे लक्षणा कहते हैं। शब्द का वह अर्थ जो अभिधा शक्ति द्वारा प्राप्त न हो बल्कि लक्षणा शक्ति द्वारा प्राप्त हो, लक्षितार्थ कहलाता है। परिभाषा--शब्द की वह शक्ति जिसमें श्रोता या पाठक को उस शब्द के मूल अर्थ को छोोड़कर लक्ष्य कर रही कई बात का बोध कराती है लक्षणा शब्द शक्ति कहला ती उदाहरण--रमेश गधा है है अनुक्रम • 1 प्रकार • 1.1 रूढ़ि लक्षणा • 1.2 प्रयोजनवती लक्षणा • 1.2.1 गौणी लक्षणा • 1.2.2 शुद्धा लक्षणा • 1.2.2.1 उपादान लक्षणा • 1.2.2.2 लक्षणलक्षणा • 2 सन्दर्भ • 3 इन्हें भी देखें • 4 बाहरी कड़ियाँ प्रकार [ ] साहित्य में लक्षणा शक्ति दो प्रकार की मानी गई है— रूढ़ि और प्रयोजनवती। रूढ़ि लक्षणा [ ] जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं। जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है। इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है। रूढ़ि लक्षणा में रूढ़ि के कारण मुख्यार्थ को छोड़कर उससे सम्बन्ध रखने वाला अन्य अर्थ ग्रहण किया जाए। जैसे 'राजस्थान वीर है।' राजस्थान प्रदेश वीर नहीं हो सकता। इसमें मुख्यार्थ की बाधा है। इससे इसका लक्ष्यार्थ 'राजस्थान निवासी' होता है, क्योंकि राजस्थान से उसके निवासी का आधाराधेयभाव का सम्बन्ध है। यहाँ राजस्थानियों के लिए 'राजस्था...

शब्द शक्ति ( परिभाषा, भेद ) अभिधा, लक्षणा, व्यंजना

यहां शब्द शक्ति की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है जिसमें उदाहरण , भेद , परिभाषा आदि शामिल है। यह लेख विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर को ध्यान में रखकर लिखा गया है।। अतः इसके अध्ययन के उपरांत आप शब्द की शक्ति से परिचित हो सकेंगे। अपने परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं। शब्द शक्ति हिंदी व्याकरण के साथ अभिधा, लक्षणा, व्यंजना टॉपिक को भी विस्तार से पढ़ेंगे। Table of Contents • • • • • • शब्द शक्ति साहित्य में दूसरा स्थान शब्द की शक्तियों का है। क्योंकि ध्वनियों के समूह से शब्द का निर्माण होता है और उससे ध्वनित वाला बोध हमें शब्द के तात्पर्य से अवगत कराता है। अतः शब्द बोधक है और अर्थ बोध्य है। लेकिन भाषा में यह साहित्य में शब्द के अंदर अनेक अर्थ सन्निहित रहते हैं। शब्द का अर्थ देशकाल परिस्थिति के साथ-साथ वक्ता की प्रस्तुति श्रोता की स्थिति और संदर्भों वह प्रसंगों की अवधारणा से भी संबंधित रहती है काव्यशास्त्रीय ने शब्द शक्तियों का निम्न प्रकार निरूपण किया है। सरल शब्दों में कहें तो शब्द से अर्थ ग्रहण करने की शक्ति को शब्द शक्ति कहते हैं। अभिधा शब्द के साथ संयुक्त लोक प्रसिद्ध अर्थ का बोध कराने वाले शब्द की प्रवृत्ति या शक्ति को अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। जैसे ‘ कमल ‘ कहने पर एक फूल विशेष का ‘ चंद्रमा ‘ कहने पर एक आकाश में चमकने वाले ग्रह पिंड का बिंब मन में उपस्थित हो जाता है। जिस शब्द से प्रचलित अर्थ का बोध हो वहां अभिधा शब्द शक्ति होती है। जैसे – यह कमल का फूल है ( बोलचाल की भाषा में अधिकतर अभिधा शब्द शक्ति का ही प्रयोग किया जाता है ) यह भी पढ़ें लक्षणा जब शब्द का मुख्य अर्थ बाधित होकर रूढि अथवा प्रयोजन विशेष के कारण मुख्यार्थ से संबंधित किसी अन्य गौण अर्थ की प्रतीति...