लता मंगेशकर की आवाज में

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Lata Mangeshkar लता मंगेशकर की आवाज सुनते ही मैं सुधबुध खो बैठा था : नौशाद के शब्दों में लता की दास्तां

लता मेरे नजदीक कैसे आई उसकी भी एक कहानी है। सन् 1946। महीना कौन-सा था, इसकी याद नहीं। कारदार स्टूडियो में एक दिन मैं किसी को टेलीफोन कर रहा था कि एक गुनगुनाती हुई आवाज उधर से तैरती हुई निकल गई। इस आवाज में कुछ ऐसी कशिश थी कि मेरा ध्यान टेलीफोन से हटकर फौरन उधर चला गया। लगा जैसे एक मीठी-सी लहर आकर मलयानिल का झोंका बहा गई हो। उसके प्रभाव से तमाम फूल खिल उठे हों, राग-रागिनियां बजने लगी हों। मैंने पता लगाया तो मालूम हुआ कि वह लड़की मराठी फिल्मों की कोई कोरस गायिका थी। मुझे यह सुनकर आश्चर्य हुआ। समझ में नहीं आया कि इतनी अच्छी आवाज का इस्तेमाल मात्र कोरस में किया जा रहा है? जब मैंने अपने एक सहायक से कहा कि उस लड़की को मैं अपनी किसी फिल्म में गाने का मौका देना चाहता हूं तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थीं। अमीरबाई, राजकुमारी, नूरजहां, सुरैया और शमशाद बेगम जैसी लोकप्रिय गायिकाओं के होते हुए मात्र एक कोरस गायिका को इतना बड़ा अवसर? और आप इसे मेरी गर्वोक्ति न समझें तो शायद वह जमाना ऐसा था, जब लोग मेरी फिल्मों में गाना अपनी खुशकिस्मती समझते थे। लेकिन उस लड़की की आवाज का जादू तो मेरे सर पर सवार होकर बोल रहा था। उसी समय मैंने भविष्यवाणी भी कर दी थी कि इस लड़की को अगर कायदे से मौका मिला तो वह बड़ी तेजी के साथ सबसे आगे निकल जाएगी और मैंने तय कर लिया कि वह मौका मैं खुद उसको दूंगा। मैंने अपने एक सहकारी से कहा कि उस लड़की का पता लगाकर टेस्ट के लिए उसे मेरे पास जल्दी से जल्दी ले आएं। और वह मामूली-सी लड़की जिसे मैंने तब तक देखा नहीं था, जब मेरे कमरे में आई तब मूसलधार बारिश हो रही थी और उसका पुराना छाता उस बारिश से रत्तीभर भी उसे बचा नहीं पा रहा था। फिर जब मैंने गौर से उसे देखा तो पाया कि ‍बिलकु...

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बॉलीवुड की आन बान और शान रह चुकीं लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.उनके निधन के बाद, उनके जीवन के कई पहलू सामने आए,और उनमें से सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें उनके घर में कोई धीरे-धीरे जहर देकर मारने की कोशिश कर रहा था. ये सुनकर आप सभी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. Lata Mangeshkar: बॉलीवुड की आन बान और शान रह चुकीं लता मंगेशकर आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. उनकी मृत्यु 6 फरवरी साल 2022 में हुई थी. उनकी मृत्यु से बॉलीवुड को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. लता मंगेशकर को स्वर कोकिला के रूप में भी जाना जाता है. उनकी आवाज उनकी पहचान थी. हर सिंगर उनकी जैसी आवाज निकालने की कोशिश करता है लेकिन कोई भी सिंगर लता जैसी आवाज में गाना नहीं गा सकता. एक बार एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने कहा था , "मेरी आवाज ही पहचान है..." और वह कितनी सही थीं?! लता मंगेशकर के गाने हमारे दिलों में आज भी जिंदा हैं, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम लता मंगेशकर के निधन से कभी उबर पाएंगे. उनके निधन के बाद, उनके जीवन के कई पहलू सामने आए,और उनमें से सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें उनके घर में कोई धीरे-धीरे जहर देकर मारने की कोशिश कर रहा था. ये सुनकर आप सभी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. हरे रंग की उल्टी होती थी लता मंगेशकर ने बताया था कि एक दिन, "मेरे पेट में बहुत दर्द होने लगा और फिर मैंने उल्टी करना शुरू कर दिया. जिसे देखकर मैं काफी डर गई क्योंकि मेरी उल्टी हरे रंग की थी. जब डॉक्टर आए और वो एक्स-रे मशीन भी घर ले आए क्योंकि मैं उस वक्त चल नहीं सकती थी. उन्होंने जब...

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लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज निधन हो गया है. अपनी जादुई आवाज से सबको दीवाना बनाने वालीं लता मंगेशकर आज हम सबको छोड़ कर चली गई हैं. (Lata Mangeshkar’s Fan) बॉलीवुड की कई नामी हस्तियां भी थीं. उनके एक फैन से जुड़ा हुआ एक किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं. बता दें कि लता मंगेशकर की आवाज सुनने के लिए एक शख्स रोज उन्हें फोन किया करता था. वो शख्स और कोई बल्कि मशहूर फिल्म निर्माता महबूब खान (Mehboob Khan) थे. दरअसल, अन्नू कपूर ने अपने एक रेडियो शो में बताया था कि ये बात 1956 की है जब राज कपूर की फिल्म ‘चोरी-चोरी’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म का गाना ‘रसिक बलमा दिल क्यों लगाया’ काफी हिट था. नरगिस की शानदार एक्टिंग और लता मंगेशकर की आवाज ने मिलकर इस गाने को सुपरहिट बना दिया था. सिर्फ फैंस ही नहीं, बल्कि कई सेलेब्स को भी ये गाना पसंद था. दरअसल, फिल्म ‘मदर इंडिया’ के डायरेक्टर महबूब खान को ये गाना काफी पसंद आ गया था. इस बीच अपनी बीमारी के कारण उन्हें इलाज के लिए अमेरिका जाना पड़ा था. अस्पताल में महबूब को इस गाने को सुनने की काफी तलब होती थी. उन्होंने लता मंगेशकर के इस गाने के रिकॉर्ड को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अमेरिका में ये कहीं मिला नहीं. लता मंगेशकर को किया फोन गाना सुनने की महबूब की तलब रुक ही नहीं रही थी और उन्हें ये गाना हर हाल में सुनना था. अब जब कहीं से रिकॉर्ड्स का इंतजाम नहीं हो पाया तो उन्होंने वहीं से लता मंगेशकर को फोन कर लिया. फोन लता मंगेशकर ने उठाया तो महबूब तुरंत बोल पड़े- मैं महबूब खान बोल रहा हूं. आपका एक गाना मेरे दिल में बस गया है, ‘रसिका बलमा दिल क्यों लगाया तोसे.’ इस गाने को सुनने का बहुत मन हो रहा है, लेकिन यहां इस गाने के रिकॉर्ड्स नहीं मिल रहे हैं. म...

लता मंगेशकर

लता का जन्म एक कर्हाडा ब्राह्मण दादा और हालाँकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश कीर्ती हसाल के लिये गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये। पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की कारण से पैसों के लिये उन्हें कुछ पाहिली मंगलागौर ( माझे बाल, चिमुकला संसार ( गजभाऊ ( बड़ी माँ ( जीवन यात्रा ( माँद ( बड़ी माँ में लता ने आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया। इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों "अंग्रेजी छोरा चला गया" और "दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने" जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी। विविध • पिता दीनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे। • उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ' किती हसाल' (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था। • लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया "आयेगा आने वाला" सुपर डुपर हिट था। • लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं। • लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी। • लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति थीं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं। • लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर तले फ़िल्मो का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है। • वे हमेशा अपने पैर से चप्पल उतार कर हि ...

lata mangeshkar success and struggle story is worth inspiring know rare anecdotes on birthday

जब पब्लिक के सामने पहली बार गाया लता मंगेशकर की आवाज और उनकी काबिलियत के चर्चे हर तरफ होने लगे। हर कोई यही कहता कि यह बच्ची एक दिन बहुत आगे जाएगी और पिता का नाम रोशन करेगी। हुआ भी यही। 9 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने पहली बार पब्लिक के सामने गाना गाया। उसका किस्सा भी दिलचस्प है। 1930 के आसपास जब लता मंगेशकर के बाबा अपनी थिअटर कंपनी के टूर पर शोलापुर में थे तो कुछ लोगों ने उनसे गाना गाने की रिक्वेस्ट की। लता ने यह सुन लिया। वह बाबा के पास गईं और पूछा कि क्या वह भी उनके साथ गाना गा सकती हैं? बाबा मान गए और बस लता मंगेशकर ने अपनी धमाकेदार परफॉर्मेंस दे डाली। पिता की मौत, टूूटा दुखों का पहाड़ लता मंगेशकर और पूरे परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ तब टूटा जब उनके पिता यानी बाबा का निधन हो गया। उस वक्त लता मंगेशकर मात्र 13 साल की थी। चूंकि लता घर में बड़ी थीं तो परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं पर आ गई। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने छोटी बहन आशा भोसले और परिवार की जिम्मेदारी नन्हे कंधों पर उठा ली। वह स्कूल जातीं तो साथ में बहन आशा भोसले को भी ले जातीं। लेकिन जब एक दिन स्कूलवालों ने लता मंगेशकर से बहन को स्कूल न लाने को कहा तो उन्होंने पढ़ाई ही छोड़ दी। घर के लिए 'कुर्बान' हुईं लता घर की माली-हालत को सुधारने के लिए लता मंगेशकर ने स्कूल त्याग दिया और करियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया। 14 साल की उम्र तक लता बड़े-बड़े नाटकों और प्रोग्राम में काम करने लगीं। पिता की मौत के बाद मंगेशकर परिवार के करीबी दोस्त रहे मास्टर विनायक ने लता मंगेशकर के करियर में बहुत मदद की। उन्होंने लता को एक सिंगर और ऐक्ट्रेस के रूप में करियर शुरू करने में सहारा दिया। टकराव को भी यूं संभाला एक तरफ लता मंगेशकर का करियर द...

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बॉलीवुड की आन बान और शान रह चुकीं लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.उनके निधन के बाद, उनके जीवन के कई पहलू सामने आए,और उनमें से सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें उनके घर में कोई धीरे-धीरे जहर देकर मारने की कोशिश कर रहा था. ये सुनकर आप सभी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. Lata Mangeshkar: बॉलीवुड की आन बान और शान रह चुकीं लता मंगेशकर आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. उनकी मृत्यु 6 फरवरी साल 2022 में हुई थी. उनकी मृत्यु से बॉलीवुड को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. लता मंगेशकर को स्वर कोकिला के रूप में भी जाना जाता है. उनकी आवाज उनकी पहचान थी. हर सिंगर उनकी जैसी आवाज निकालने की कोशिश करता है लेकिन कोई भी सिंगर लता जैसी आवाज में गाना नहीं गा सकता. एक बार एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने कहा था , "मेरी आवाज ही पहचान है..." और वह कितनी सही थीं?! लता मंगेशकर के गाने हमारे दिलों में आज भी जिंदा हैं, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम लता मंगेशकर के निधन से कभी उबर पाएंगे. उनके निधन के बाद, उनके जीवन के कई पहलू सामने आए,और उनमें से सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उन्हें उनके घर में कोई धीरे-धीरे जहर देकर मारने की कोशिश कर रहा था. ये सुनकर आप सभी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. हरे रंग की उल्टी होती थी लता मंगेशकर ने बताया था कि एक दिन, "मेरे पेट में बहुत दर्द होने लगा और फिर मैंने उल्टी करना शुरू कर दिया. जिसे देखकर मैं काफी डर गई क्योंकि मेरी उल्टी हरे रंग की थी. जब डॉक्टर आए और वो एक्स-रे मशीन भी घर ले आए क्योंकि मैं उस वक्त चल नहीं सकती थी. उन्होंने जब...

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लता मेरे नजदीक कैसे आई उसकी भी एक कहानी है। सन् 1946। महीना कौन-सा था, इसकी याद नहीं। कारदार स्टूडियो में एक दिन मैं किसी को टेलीफोन कर रहा था कि एक गुनगुनाती हुई आवाज उधर से तैरती हुई निकल गई। इस आवाज में कुछ ऐसी कशिश थी कि मेरा ध्यान टेलीफोन से हटकर फौरन उधर चला गया। लगा जैसे एक मीठी-सी लहर आकर मलयानिल का झोंका बहा गई हो। उसके प्रभाव से तमाम फूल खिल उठे हों, राग-रागिनियां बजने लगी हों। मैंने पता लगाया तो मालूम हुआ कि वह लड़की मराठी फिल्मों की कोई कोरस गायिका थी। मुझे यह सुनकर आश्चर्य हुआ। समझ में नहीं आया कि इतनी अच्छी आवाज का इस्तेमाल मात्र कोरस में किया जा रहा है? जब मैंने अपने एक सहायक से कहा कि उस लड़की को मैं अपनी किसी फिल्म में गाने का मौका देना चाहता हूं तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थीं। अमीरबाई, राजकुमारी, नूरजहां, सुरैया और शमशाद बेगम जैसी लोकप्रिय गायिकाओं के होते हुए मात्र एक कोरस गायिका को इतना बड़ा अवसर? और आप इसे मेरी गर्वोक्ति न समझें तो शायद वह जमाना ऐसा था, जब लोग मेरी फिल्मों में गाना अपनी खुशकिस्मती समझते थे। लेकिन उस लड़की की आवाज का जादू तो मेरे सर पर सवार होकर बोल रहा था। उसी समय मैंने भविष्यवाणी भी कर दी थी कि इस लड़की को अगर कायदे से मौका मिला तो वह बड़ी तेजी के साथ सबसे आगे निकल जाएगी और मैंने तय कर लिया कि वह मौका मैं खुद उसको दूंगा। मैंने अपने एक सहकारी से कहा कि उस लड़की का पता लगाकर टेस्ट के लिए उसे मेरे पास जल्दी से जल्दी ले आएं। और वह मामूली-सी लड़की जिसे मैंने तब तक देखा नहीं था, जब मेरे कमरे में आई तब मूसलधार बारिश हो रही थी और उसका पुराना छाता उस बारिश से रत्तीभर भी उसे बचा नहीं पा रहा था। फिर जब मैंने गौर से उसे देखा तो पाया कि ‍बिलकु...