मंगल भवन अमंगल हारी pdf

  1. रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी
  2. श्री राणी सती दादी मंगल पाठ PDF
  3. Mangal Bhavan Amangal Hari
  4. रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी
  5. श्री राणी सती दादी मंगल पाठ PDF


Download: मंगल भवन अमंगल हारी pdf
Size: 7.73 MB

रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी

रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी लिरिक्स mangal Bhawan Mangl Hari रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी लिरिक्स (हिन्दी) मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम – हो, होइहै वही जो राम रचि राखा को करे तरफ़ बढ़ाए साखा हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारी हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू हो, जाकी रही भावना जैसी रघु मूरति देखी तिन तैसी रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई राम सिया राम सिया राम जय जय राम हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता राम सिया राम सिया राम जय जय राम अपलोड कर्ता – ललित गेरा झज्जर (SLG Musician) Download PDF (रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी) रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Lyrics Transliteration (English) maMgala bhavana amaMgala hArI drabahu sudasaratha achara bihArI rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma – ho, hoihai vahI jo rAma rachi rAkhA ko kare tarapha़ baDha़Ae sAkhA ho, dhIraja dharama mitra aru nArI Apada kAla parakhiye chArI ho, jehike jehi para satya sanehU so tehi milaya na kaChu sandehU ho, jAkI rahI bhAvanA jaisI raghu mUrati dekhI tina taisI raghukula rIta sadA chalI AI prANa jAe para vachana na jAI rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma ho, hari ananta hari kathA anantA kahahi sunahi bahuvidhi saba saMtA rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma apaloDa kartA – lalita gerA jhajjara (SLG Musician) रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Video रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Video

श्री राणी सती दादी मंगल पाठ PDF

श्री राणी सती दादी मंगल मनका १०८ जय अम्बे जय दुर्गे मात , जय नारायणी जय तनधन दास !! जय दादी जय शक्ति नाम , पतित पावन दादी नाम !! मनका दीन हीन का दुख हरने को ! जन गण मंगल करने को !! शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१) यह शक्ति है माँ जगदम्बा ! यही भवानी दुर्गे अम्बा !! नारायणी है इसका नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (२) पीढी दर पीढी का रिश्ता ! तब ही दादी नाम है इसका !! कुलदेवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३) है अमोध दादी की शक्ति ! सदियों से करते सब भक्ति !! पूजते है त्रिशूल निशान ! पतित पावन दादी नाम !! (४) माँ शक्ति का अलख जगाऊँ ! दादी माँ की बात बताऊँ !! है स्वयं शक्ति दुर्गा महान ! पतित पावन दादी नाम !! (५) जानत है सबही नर नारी ! युद्घ हुआ महाभारत भारी !! था वोः धर्म कर्म संग्राम ! पतित पावन दादी नाम !! (६) कौरव, पाण्डव हुई लडाई ! लीला प्रभु ने अजब दिखाई !! बने सारथी स्वयं भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (७) गीता में उपदेश दिया है ! जग को यह संदेश दिया है !! कर्म करो, तज फल का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (८) जब जब धरती पे धर्म लुटेगा ! और पाप का कर्म बढेगा !! अवतारेंगे श्री भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (९) अभिमन्यु, अर्जुन का लाल ! मंडराया जब उसका काल !! कूदा रण में वह बलवान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०) चक्रव्यूअह की लड़ी लडाई ! वीर गति अभिमन्यु पाई !! गया वीर वह तो सुरधाम ! पतित पावन दादी नाम !! (११) उत्तरा, अभिमन्यु की नारी ! पति धर्म का सत था भारी !! उस देवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१२) देख पति परलोक सिधारे ! उत्तरा ने ये वचन उचारे !! जीवन हुआ आज निष्प्राण ! पतित पावन दादी नाम !! (१३ ) जाऊ मै भी संग पति के ! खूब चढ़ा यह रंग मति ...

Mangal Bhavan Amangal Hari

मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम होइ है वही जो राम रचि राखा, को करे तरफ़ बढ़ाए साखा। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 धीरज धरम मित्र अरु नारी, आपद काल परखिये चारी। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम – 2 मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी। राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम राम, सिया राम, सिया राम, जय जय राम Mangal bhavan amangal hari, dravahu su dasarath ajir bihari. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram Hoi hai vahee jo Ram rachi raakha, ko kare taraf badhaye saakha. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram – 2 Dheeraj dharam mitra aru naari, apad kaal parakhiye chaari. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram – 2 Jehi ke jehi par satya sanehoo, So tehi milay na kachhu sandehoo. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram – 2 Jaaki rahi bhawana jaisi, prabhu moorati dekhi teen taisee. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram – 2 Hari anant hari katha ananta kahahi sunahi bahuvidhi sab santa. Ram, Siya Ram, Siya Ram, Jai Jai Ram – 2 Raghukul reet sada chalee a...

रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी

रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी लिरिक्स mangal Bhawan Mangl Hari रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी लिरिक्स (हिन्दी) मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम – हो, होइहै वही जो राम रचि राखा को करे तरफ़ बढ़ाए साखा हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारी हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू हो, जाकी रही भावना जैसी रघु मूरति देखी तिन तैसी रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई राम सिया राम सिया राम जय जय राम हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता राम सिया राम सिया राम जय जय राम अपलोड कर्ता – ललित गेरा झज्जर (SLG Musician) Download PDF (रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी) रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Lyrics Transliteration (English) maMgala bhavana amaMgala hArI drabahu sudasaratha achara bihArI rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma – ho, hoihai vahI jo rAma rachi rAkhA ko kare tarapha़ baDha़Ae sAkhA ho, dhIraja dharama mitra aru nArI Apada kAla parakhiye chArI ho, jehike jehi para satya sanehU so tehi milaya na kaChu sandehU ho, jAkI rahI bhAvanA jaisI raghu mUrati dekhI tina taisI raghukula rIta sadA chalI AI prANa jAe para vachana na jAI rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma ho, hari ananta hari kathA anantA kahahi sunahi bahuvidhi saba saMtA rAma siyA rAma siyA rAma jaya jaya rAma apaloDa kartA – lalita gerA jhajjara (SLG Musician) रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Video रामायण चौपाई मंगल भवन मंगल हारी Video

श्री राणी सती दादी मंगल पाठ PDF

श्री राणी सती दादी मंगल मनका १०८ जय अम्बे जय दुर्गे मात , जय नारायणी जय तनधन दास !! जय दादी जय शक्ति नाम , पतित पावन दादी नाम !! मनका दीन हीन का दुख हरने को ! जन गण मंगल करने को !! शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१) यह शक्ति है माँ जगदम्बा ! यही भवानी दुर्गे अम्बा !! नारायणी है इसका नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (२) पीढी दर पीढी का रिश्ता ! तब ही दादी नाम है इसका !! कुलदेवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३) है अमोध दादी की शक्ति ! सदियों से करते सब भक्ति !! पूजते है त्रिशूल निशान ! पतित पावन दादी नाम !! (४) माँ शक्ति का अलख जगाऊँ ! दादी माँ की बात बताऊँ !! है स्वयं शक्ति दुर्गा महान ! पतित पावन दादी नाम !! (५) जानत है सबही नर नारी ! युद्घ हुआ महाभारत भारी !! था वोः धर्म कर्म संग्राम ! पतित पावन दादी नाम !! (६) कौरव, पाण्डव हुई लडाई ! लीला प्रभु ने अजब दिखाई !! बने सारथी स्वयं भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (७) गीता में उपदेश दिया है ! जग को यह संदेश दिया है !! कर्म करो, तज फल का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (८) जब जब धरती पे धर्म लुटेगा ! और पाप का कर्म बढेगा !! अवतारेंगे श्री भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (९) अभिमन्यु, अर्जुन का लाल ! मंडराया जब उसका काल !! कूदा रण में वह बलवान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०) चक्रव्यूअह की लड़ी लडाई ! वीर गति अभिमन्यु पाई !! गया वीर वह तो सुरधाम ! पतित पावन दादी नाम !! (११) उत्तरा, अभिमन्यु की नारी ! पति धर्म का सत था भारी !! उस देवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१२) देख पति परलोक सिधारे ! उत्तरा ने ये वचन उचारे !! जीवन हुआ आज निष्प्राण ! पतित पावन दादी नाम !! (१३ ) जाऊ मै भी संग पति के ! खूब चढ़ा यह रंग मति ...