माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय

  1. माँ का दूध (ब्रेस्ट मिल्क) बढ़ाने के तरीके, उपाय, क्या करें
  2. 7 सबसे बेस्ट दूध बढ़ाने के कैप्सूल, आयुर्वेदिक दवा, और घरेलु उपाय Doodh badhane ke capsule ka naam
  3. माँ के दूध को बढ़ाते हैं यह 22 घरेलू उपाय
  4. माँ का दूध (Breast Milk) बढ़ाने केअसरदार घरेलू नुस्खे
  5. माँ के दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 31 सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ
  6. दादी माँ के घरेलू नुस्खे : Dadi Maa Ke Gharelu Nuskhe – MyBapuji
  7. मां का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय🤔
  8. Top Tips to Increase Breastmilk in Hindi, Doodh Badhane ke Gharelu Nuskhe, मां का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय
  9. बच्चे को माँ का दूध (स्तनपान) छुड़ाने के उपाय
  10. माँ के स्तनों का दूध कैसे सुखाएं घरेलू उपाय और तरीके


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माँ का दूध (ब्रेस्ट मिल्क) बढ़ाने के तरीके, उपाय, क्या करें

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7 सबसे बेस्ट दूध बढ़ाने के कैप्सूल, आयुर्वेदिक दवा, और घरेलु उपाय Doodh badhane ke capsule ka naam

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं दूध बढ़ाने के कैप्सूल के बारे में | एक नवजात शिशु के लिए सबसे जरूरी होता है उसकी मां का दूध जो उसे जरूरी पोषण देता है। मां के दूध के बिना बच्चे अनेकों बीमारियों से घिर जाते हैं। ये बात महिलाएं भी भली भांति जानती हैं इसलिए बच्चा पैदा होते ही महिला उसे स्तनपान (breastfeeding) कराना शुरू कर देती है। हालांकि कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिनके स्तन से या तो दूध ही नहीं आता है या फिर बहुत कम मात्रा में आता है। ऐसे में दूध बढ़ाने के कैप्सूल (doodh badhane ke capsule) की सलाह दी जाती है। कोई भी दूध बढ़ाने वाले कैप्सूल के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। Doodh badhane ke capsule ka naam आज हम इसी टॉपिक पर चर्चा करने वाले हैं क्योंकि यह हमारी बहुत सारी माताओं और बहनों के साथ होता है। आज हम बात करेंगे दूध बढ़ाने की टेबलेट का नाम क्या है (Doodh badhane ki tablet ka naam) और दूध बढ़ाने का कैप्सूल (doodh badhane ka capsule), और दूध बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में। तो चलिए शुरू करते हैं। महिला में दूध कैसे आता है? What is lactation इससे पहले की हम जाने लड़कियों के दूध बढ़ाने के कैप्सूल के नाम (dudh badhane ke capsule), पहले ये समझ लेते हैं की लड़कियों में दूध कैसे आता है। लड़कियों और महिलाओं में दूध आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन शारीरिक बनावट और अन्य समस्याएं जैसे स्तन ग्रंथियों में रुकावट, की वजह से दुध आने में दिक्कत होती है। महिलाओं में दूध बनने और निकलने की प्रक्रिया को लैक्टेशन कहते हैं जो गर्भावस्था की शुरुआत से ही हार्मोनल परिवर्तन (Harmonal Changes) की वजह से होता है। जब महिला में दूध नहीं आता है तो उत्प्रेरण की मदद स...

माँ के दूध को बढ़ाते हैं यह 22 घरेलू उपाय

4 माँ का दूध बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय : maa ka doodh badhane ke upay in hindi नवजात शिशु के लिए माँ का दूध प्रकृति का वरदान : माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना ममता से भरा और प्रकृति का नियम हैं। माँ का दूध बच्चे के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता हैं। माँ का पहला पीला दूध बच्चे को जानलेवा बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता हैं। और तो और स्तनपान करवाने से माँ और बच्चे में एक भवनात्मक रिश्ता भी बनता हैं। लेकिन कई बार माँ के स्तनों में दूध की कमी हो जाती हैं जिस कारण यह बहुत ही गंभीर स्तिथि बन जाती हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको ऐसे नेचुरल तरीके बताने जा रहे हैं, जो माँ का दूध बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे। माँ का दूध कम बनने के कारण : प्रसूता स्त्रियों में देखा गया है कि कुछ कमजोर कारणों से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता है जिसके कारण शरीर का कमजोर होना, दु:ख और चिंता का सताना तथा कलह का वातावरण होना स्त्रियों के छाती में दूध के कम होने के कारण होते हैं आइये जाने माँ के दूध(Maa ka Doodh) को बढाने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय| Home Remedies for Increase Breast Milk in Hindi माँ का दूध बढ़ाने के अनुभूत नुस्खे : maa ka doodh badhane ke nuskhe पहला प्रयोगः खजूर, खोपरा, दूध, मक्खन, घी, शतावरी, अमृता आदि खाने से अथवा मक्खन मिश्री के साथ चने खाने से अथवा गाय के दूध में चावल पकाकर खाने से अथवा रोज 1-1 तोला सौंफ दो बार खाने से दूध(Maa ka Doodh)बढ़ता है। दूसरा प्रयोगः अरण्डी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को ऊपर से स्तनों पर डालें एवं उसमें ही उबले हुए पत्तों को छाती पर बाँधने से सूखा हुआ दूध भी उतरने लगता है। दूध बंद करने के लिएः कुटज छाल का 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में...

माँ का दूध (Breast Milk) बढ़ाने केअसरदार घरेलू नुस्खे

माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना ममता से भरा और प्रकृति का नियम हैं। माँ का दूध बच्चे के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता हैं। माँ का पहला पीला दूध Breast Milk बच्चे को जानलेवा बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता हैं। और तो और स्तनपान करवाने से माँ और बच्चे में एक भवनात्मक रिश्ता भी बनता हैं। लेकिन कई बार माँ के स्तनों में दूध की कमी हो जाती हैं जिस कारण यह बहुत ही गंभीर स्तिथि बन जाती हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको ऐसे नेचुरल तरीके बताने जा रहे हैं, जो माँ का दूध बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे। कारण: प्रसूता स्त्रियों में देखा गया है कि कुछ कमजोर कारणों से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता है जिसके कारण शरीर का कमजोर होना, दु:ख और चिंता का सताना तथा कलह का वातावरण होना स्त्रियों के छाती में दूध के कम होने के कारण होते हैं उपाय : पहला प्रयोगः खजूर, खोपरा, दूध, मक्खन, घी, शतावरी, अमृता आदि खाने से अथवा मक्खन मिश्री के साथ चने खाने से अथवा गाय के दूध में चावल पकाकर खाने से अथवा रोज 1-1 तोला सौंफ दो बार खाने से दूध बढ़ता है। दूसरा प्रयोगः अरण्डी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को ऊपर से स्तनों पर डालें एवं उसमें ही उबले हुए पत्तों को छाती पर बाँधने से सूखा हुआ दूध भी उतरने लगता है। गर्म दूध में घी डालकर पीने से माँ के दूध की वृद्धि होती है। दूध बंद करने के लिएः कुटज छाल का 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाने से दूध आना बंद हो जाता है औषधियों से उपचार: 1. विदारीकन्द : विदारीकन्द 100 ग्राम, मुलेठी 100 ग्राम तथा शतावर 100 ग्राम लेकर इसे कूट-पीस और छानकर चूर्ण बना लें। इसका 10 ग्राम चूर्ण और 10 ग्राम पिसी हुई मिश्री एक गिलास दूध में डालकर आधे घंटे तक उबाले इसे थो...

माँ के दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 31 सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ

शिशु को स्तनपान के दिनों में एक माँ के आहार में ध्यान देना अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि यह न केवल उत्पादित दूध की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि माँ के प्रसव के बाद की आरोग्य प्राप्ति को भी प्रभावित करता है। प्रसवोत्तर आहार की योजना बनाते समय पोषण– विशेषज्ञ से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, ताकि वे यह ध्यान में रखते हुए पोषण– संबंधी आवश्यकताओं को संतुलित कर सकें कि कौन सा खाद्य पदार्थ माँ के दूध में वृद्धि करता है। माँ के दूध की पर्याप्त आपूर्ति का सर्वोत्तम संकेत शिशु के वज़न की जाँच करना है। शिशु को नियमित रूप से डॉक्टर के पास ले जाने की आवश्यकता है और साथ ही बच्चे के वज़न की जाँच करने की आवश्यकता यह जानने के लिए है कि उसका विकास और वृद्धि सही मात्रा में हो रही है। हालांकि, जन्म के तुरंत बाद शिशुओं का वज़न कम होना आम बात है। यह समस्या शिशु के जन्म के 5-6 दिनों के बाद खुद ही ठीक हो जाएगी। 14 वें दिन में आपके बच्चे का वज़न बिलकुल उतना हो जाएगा जितना वह जन्म के समय पर था। • शिशु द्वारा स्तनपान, आपके लिए आरामदायक और दर्दरहित है। • आपका शिशु बार– बार दूध पीना पसंद करता है। माँ का दूध जल्दी पच जाता है और इसलिए आपका बच्चा बार– बार दूध पीना चाहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर रही हैं। अधिकांश बच्चे 1.5 घंटे से दो घंटे के अंतराल पर स्तनपान करते हैं। • आपके स्तन प्रत्येक बार दूध पिलाने के बाद नर्म और खाली हो जाते हैं। • स्तनपान के दौरान शिशु के दूध निगलने की गतिविधि आपको समझ आती है। • दूध पीना समाप्त करने के बाद आपका शिशु अपने आप ही स्तन छोड़ देता है। • आपका शिशु दिन में करीब सात बार पेशाब करता है और मल, कुछ गांठों के साथ हल्के पीले रंग का होता...

दादी माँ के घरेलू नुस्खे : Dadi Maa Ke Gharelu Nuskhe – MyBapuji

वनस्पतियों के साथ ग्रामीण जीवन पुरातनकाल से जुड़ा है। ये वनस्पतियाँ मानव-जीवनके लिये प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमृत हैं। इसीलिये इन वनस्पतियों के प्रति लोक-जीवन में कृतज्ञ भाव है, देव-भाव है। आज भले ही परिस्थितियाँ प्रतिकूल हैं और देशी दवाइयाँ तिरस्कृत तथा उपेक्षित हैं, पर हमें यह बात भूलनी नहीं चाहिये कि ग्रामीण क्षेत्र में दादी मां के रामबाण घरेलू देशी नुस्खों से इलाज की परम्परा बहुत प्राचीन है। उनमें से कुछ नुस्खे यहाँ प्रस्तुत किये जा रहे हैं 1). खाँसी- • खाँसी में करोंदे के पत्ते शहद में मिलाकर खाने से लाभ होता है। • पीपल के फल को कूटकर छानकर शहद में खानेसे भी खाँसी दूर हो जाती है। • कटेहरी के फूलों के बीचमें एक पीला अङ्ग होता है, उसे खानेसे भी खाँसी दूर हो जाती है। • आक की जड़ की छालका चूर्ण शहद में लेनेसे भी खाँसी का उपचार किया जा सकता है। • भटकटैया के फूलों और जड़ोंके सेवनसे बच्चों की पुरानी खाँसी अच्छी हो जाती है। • खाँसी में काला नमक तथा बहेड़े का चूर्ण मिलाकर लेना भी लाभप्रद होता है। • तंबाकू को लकड़ी जलाकर राख कर लें तथा काला नमक मिला दें, फिर अजवाइन या पान के साथ लें, यह भी खाँसी की दवा है। • भुनी तथा कच्ची अजवायन बराबर-बराबर पीसकर शामको फंकी मारे, पानी न पिये, खाँसीमें लाभ होगा।( और पढ़े – खांसी दूर करने के घरेलु देसी नुस्खे ) 2). बवासीर- • बवासीर में मूली तथा भुने चने खाना लाभदायक है। • बवासीरमें एरण्ड के पत्तेका बफारा लेने से भी लाभ होता है। ( और पढ़े – बवासीर के 52 सबसे असरकारक घरेलु उपचार ) 3). वायु-वृद्धि- • वायु बढ़ने पर आक के टेमने को गायके मूत्र या शुद्ध देशी घी में मिलाकर खानेसे लाभ होता है। • ज्वार के पट्टे का गूदा रोटियों में मिलाकर या लड्डु बनाकर सेव...

मां का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय🤔

*माँ के दूध को बढ़ाते हैं घरेलु उपाय* *माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना ममता से भरा और प्रकृति का नियम हैं। माँ का दूध बच्चे के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता हैं। माँ का पहला पीला दूध बच्चे को जानलेवा बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता हैं। और तो और स्तनपान करवाने से माँ और बच्चे में एक भवनात्मक रिश्ता भी बनता हैं। लेकिन कई बार माँ के स्तनों में दूध की कमी हो जाती हैं जिस कारण यह बहुत ही गंभीर स्तिथि बन जाती हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको ऐसे नेचुरल तरीके बताने जा रहे हैं, जो माँ का दूध बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।* *कारण : प्रसूता स्त्रियों में देखा गया है कि कुछ कमजोर कारणों से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता है जिसके कारण शरीर का कमजोर होना, दु:ख और चिंता का सताना तथा कलह का वातावरण होना स्त्रियों के छाती में दूध के कम होने के कारण होते हैं* *उपाय : पहला प्रयोगः खजूर, खोपरा, दूध, मक्खन, घी, शतावरी, अमृता आदि खाने से अथवा मक्खन मिश्री के साथ चने खाने से अथवा गाय के दूध में चावल पकाकर खाने से अथवा रोज 1-1 तोला सौंफ दो बार खाने से दूध(Maa ka Doodh)बढ़ता है।* *दूसरा प्रयोगः अरण्डी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को ऊपर से स्तनों पर डालें एवं उसमें ही उबले हुए पत्तों को छाती पर बाँधने से सूखा हुआ दूध भी उतरने लगता है।* *गर्म दूध में घी डालकर पीने से माँ के दूध की वृद्धि होती है।* *दूध बंद करने के लिएः कुटज छाल का 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाने से दूध आना बंद हो जाता है* *औषधियों से उपचार:* *1. विदारीकन्द : विदारीकन्द 100 ग्राम, मुलेठी 100 ग्राम तथा शतावर 100 ग्राम लेकर इसे कूट-पीस और छानकर चूर्ण बना लें। इसका 10 ग्राम चूर्ण और 10 ग्राम पिसी हुई ...

Top Tips to Increase Breastmilk in Hindi, Doodh Badhane ke Gharelu Nuskhe, मां का दूध बढ़ाने के घरेलू उपाय

हर माँ को स्तनपान 6 महीने तक तो कराना ही चाहिए और अगर हो सके तो आप अपने बच्चे को स्तनपान 2 साल तक भी करा सकती है। पर अगर यही माँ का दूध बच्चे को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता हैं तो उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। आइयें आज जानते हैं कि मां का दूध बढ़ाने के कुछ घरेलू उपाय (Doodh badhane ke gharelu nuskhe) मां का दूध कम होने के कारण (Reason for Low Breastmilk in Hindi) माँ के दूध (Maa ka Dudh kam hone ke karan) में कमी होने के बहुत से कारण हो सकते है जैसे कि: • अधिक दवाइयो का सेवन, • हॉरमोन में बदलाव, • बच्चे का अच्छे से दूध न पीना, • कमजोर या बीमार होने पर, • गलत खानपान • तनाव इसके लिए जरूरी हैं कि आप अपने खान-पान को सुधारे और अधिक मात्रा में पोषक तत्व युक्त भोजन करे। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपाय (Breast milk badhane ke gharelu upay) भी अपना सकती हैं जिससे माँ का दूध बढ़ाया जा सके। इसे भी अवश्य पढ़ें: मां का दूध बढ़ाने के लिए क्या खाएं माँ का दूध बढ़ाने के 5 असरदार घरेलू नुस्खे और उपाय (Tips to Increase Breastmilk in Hindi) #1. मेथी की चाय या पानी दूध की कमी को पूरा करने के लिए ये सबसे पुराना और असरदार उपाय हैं जो कि प्रसव के बाद सभी महिलाओ को दिया जाता हैं। मेथी में ओमेगा 3, आइरन, कैल्शियम और फेटी एसिड के गुण होते हैं जिससे बच्चे का दिमाग तेज होता है और उन्हे कई बीमारियो से लड़ने में मदद मिलती हैं। दूध बढ़ाने के इस उपाय को करने के लिए आपको एक बड़ा चम्मच मेथी के दाने को 1 कप पानी में रात भर भिगो के रखना हैं और दूसरे दिन सुबह इस पानी को 5 से 7 मिनट के लिए उबालना हैं और इसे छान कर चाय की तरह पीने से दूध में बढ़ोतरी आती हैं और बच्चे और माँ के लिए भी लाभकारी हैं। आप अपने आ...

बच्चे को माँ का दूध (स्तनपान) छुड़ाने के उपाय

How To Stop Baby From Breastfeeding In Hindi माँ के लिए बच्चे को जितना जरुरी होता है दूध पिलाना उतना ही जरुरी होता है बच्चे का दूध छुड़ाना, क्योकि जैसे जैसे बच्चे बड़े होते है उन्हें शरीर के विकास के लिए और ज्यादा पोषक तत्वों की जरुरत होती है परन्तु उस समय तक केवल माँ के दूध से उनको पूरा पोषण मिल पाना काफी नहीं होता है इसलिए बच्चा जब 6 महीने का हो जाये उसके बाद आप उसे ठोस आहार देना शुरू कर सकती है और साथ ही धीरे धीरे बच्चे की स्तनपान की आदत को भी छुड़ा सकती है। परन्तु अगर आपने समय रहते बच्चे की स्तनपान करने की आदत को नहीं छुड़ाया तो यह बहुत ही कष्टदायक हो सकता है क्योकि बच्चे जब चीजों को समझने लगते है तो वह जिद्दी हो जाते है फिर बच्चे को दूध छुड़ाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। विषय सूची • • • • • बच्चे को माँ का दूध कब तक पिलाना चाहिए – Bacche ka stanpan kab band kar Dena chahiye in Hindi यह सभी जानते है की माँ के दूध से बच्चे को सभी तरह के पोषक तत्त्व मिलते है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। परन्तु जब बच्चे बड़े होने लगते है तो उन्हें सिर्फ स्तनपान करने से सारे पोषक तत्त्व नहीं मिलते है उन्हें ठोस आहार की भी जरुरत होती है इसलिए जब बच्चा 6 महीने का हो जाये तो उसे ठोस आहार देना शुरू करें और साथ इस उसे कप या बोतल से दूध पीने की आदत डालें। शिशु के एक साल का होने पर उसे सभी पोषक तत्त्व खाने से मिलने लगते है ऐसे में जब बच्चा एक साल का हो जाये तो आप उसे स्तनपान करवाना छुड़ा सकती है। लेकिन कुछ लोगों का सवाल हैं की बच्चे को मां का दूध कितने साल तक पिलाना चाहिए? हालांकि कहा जाता है की यदि माँ या बच्चे को कोई दिक्कत ना हो तो आप बच्चे को डेढ़ से दो साल तक स्तनपान करवा सकती है, परन्तु ...

माँ के स्तनों का दूध कैसे सुखाएं घरेलू उपाय और तरीके

अगर आपको स्तनपान कराते हुए समय हो गया है और आप चाहती हैं, कि स्तनों का दूध सूख जाए, तो इसके लिए कई तरीके अपना सकती हैं। वैसे तो कई महिलाओं का दूध प्राकृतिक रूप से खुद सूख जाता है, लेकिन कुछ के दूध को पूरी तरह सूखने में कई सप्ताह लग जाते हैं। मां के दूध को सुखाने के लिए अगर घरेलू उपायों को आजमाया जाए, तो ये असरदार साबित होंगे। इस लेख में आप जानेगीं माँ के स्तनों का दूध कैसे सुखाएं। मां का दूध सुखाने का कारण मल्टीप्रेग्नेंसी या फिर प्रीटर्म डिलीवरी होता है। जिन • • अगर बच्चे को अब दूध की जरूरत नहीं होती, तो इस वजह से भी स्तनों का दूध सुखाया जाता है। • मां के स्तन में दूध की कमी भी दूध को सुखाने का मुख्य कारण होती है। हालांकि, कई बार महिलाओं के स्तनों में बच्चे की आपूर्ति करने लायक दूध नहीं बनता और वे तनाव में आ जाती हैं। इससे बच्चे और मां के बीच रिश्ता कमजोर हो जाता है। (और पढ़े – स्तनों के दूध को रोकने के संभावित जोखिम – Risks of stopping breast milk in Hindi स्तनपान को अचानक रोकना एन्जाइटी के जोखिम और अवरूद्ध दूध नलिकाओं या संक्रमण की संभावना को बढ़ाता है। आपको उबकाई भी आ सकती है, इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको कुछ दूध निकालने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, जितना ज्यादा दूध आप निकालेंगे, उतनी ही देर दूध सूखने में लगेगी। (और पढ़े – स्तनों के दूध को सुखाने के लिए डॉक्टर की मदद कब लें – When to call doctor for dry up breast milk in Hindi लेक्टेशन सप्रेशन कभी-कभी असुविधाजनक हो सकता है। लेकिन अगर आप दर्द और अन्य चिंताजनक लक्षणों का अनुभव करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि 12 घंटे के बाद भी लगातार आपको बुखार बना रहता है, तो यह ब्रेस्ट इंफेक्शन का संकेत है। ब्रेस्ट...