माइटोकॉन्ड्रिया के 3 कार्य

  1. माइटोकॉन्ड्रिया
  2. What is Mitochondria
  3. माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना तथा कार्य बताइए।
  4. माइटोकॉन्ड्रिया के कार्यों का वर्णन करें , functions of mitochondria in hindi works 5 कार्य लिखिए
  5. माइटोकॉन्ड्रिया क्या है? और इस के कार्य
  6. माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
  7. माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) कार्य और संरचना


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माइटोकॉन्ड्रिया

माइटोकॉन्ड्रिया परिभाषा सभी यूकेरियोटिक कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया नामक झिल्ली-बाउंड ऑर्गेनेल होते हैं, जो एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी) उत्पन्न करते हैं, जो कोशिका का ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। • माइटोकॉन्ड्रिया (यूनानी:, माइटो = थ्रेड,, चोंड्रियन = ग्रेन्युल) उच्च जानवरों और पौधों के सभी एरोबिक कोशिकाओं के साथ-साथ शैवाल, प्रोटोजोआ और कवक सहित कुछ सूक्ष्मजीवों में पाए जाने वाले साइटोप्लाज्मिक ग्रैन्यूल या फिलामेंट्स हैं। • ऐसा इसलिए है क्योंकि जीवाणु कोशिकाओं में ये नहीं होते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया में लिपोप्रोटीन ढांचे में ऊर्जा चयापचय के लिए आवश्यक कई एंजाइम और कोएंजाइम शामिल हैं। • उनके पास राइबोसोम भी होते हैं, जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए जिम्मेदार होते हैं, और साइटोप्लाज्मिक वंशानुक्रम के लिए डीएनए का एक विशेष रूप होता है। • माइटोकॉन्ड्रिया (एकवचन: माइटोकॉन्ड्रियन) डबल-झिल्ली वाले अंग हैं जो कोशिकीय श्वसन करते हैं और लगभग सभी यूकेरियोटिक प्रजातियों में पाए जाते हैं। • वे साइटोप्लाज्म में स्थित हो सकते हैं और कोशिका के "पाचन तंत्र" के रूप में काम कर सकते हैं। • ऊर्जा से भरपूर अणुओं के सेल के उत्पादन में उनका काम महत्वपूर्ण है। • कोशिकीय श्वसन के दौरान होने वाली कई चयापचय घटनाओं के लिए माइटोकॉन्ड्रिया जिम्मेदार होते हैं। • "माइटोकॉन्ड्रियन" नाम ग्रीक से क्रमशः "थ्रेड" और "ग्रैन्यूल्स-लाइक," "मिटोस" और "चोंड्रियन" के लिए आता है। 1890 में, रिचर्ड अल्टमैन नामक एक जर्मन रोगविज्ञानी ने सबसे पहले इसका वर्णन किया था। माइटोकॉन्ड्रिया का इतिहास • कोल्लिकर ने 1850 में माइटोकॉन्ड्रिया की खोज की, उन्हें धारीदार मांसपेशियों में दानेदार कणिकाओं के रूप में देखा। • 1888 में, उन्होंने ...

What is Mitochondria

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Mitochondria-माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका डबल मेम्ब्रेन, सेमी-ऑटोनोमॉस (double membranous, semiautonomous cell organelles) सेल ओर्गानेल्स है, और कुछ को छोड़कर (such as mature RBC) सभी यूकेरियोट्स सेल में पाई जाती है। ऐतिहासिक पहलू Historical view-माइटोकॉन्ड्रिया एरोबिक यूकेरियोट्स के कोशिका अंग हैं जो एरोबिक श्वसन की (site of aerobic respiration) साइट है। माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सीडेटिव डीकार्बाक्सिलेशन, फॉस्फोराइलेशन और एरोबिक श्वसन का क्रेब्स चक्र (oxidative decarboxylation, phosphorylation and aerobic Respiration) होता है। इसलिए कोशिका के शक्ति गृह (power hose of the cell)कहलाते हैं, क्योंकि वे वायुजीवी श्वसन में ऊर्जा मुक्त करने के प्रमुख केंद्र हैं। माइटोकॉन्डिया को पहली बार कोल्लिकर (kollicker) ने 1880 में देखा था। बेंडा (Benda-1897) ने माइटोकॉन्ड्रिया का वर्तमान नाम दिया (Greek word- mitos-thread, chondrion-grain) माइटोकॉन्ड्रिया को जेनस ग्रीन डाई के साथ स्टेन या कलर किया जा सकता है और प्रकाश माइक्रोस्कोप की मदद से आसानी से पहचाना जा सकता है। अल्ट्रास्ट्रक्चर का अध्ययन केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के तहत किया जा सकता है। प्रोकैरियोट्स और एनारोबिक यूकेरियोट्स (prokaryotes & Anaerobic eukaryotes) में माइटोकॉन्ड्रिया अनुपस्थित होती हैं। स्तनधारियों की परिपक्व माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या Number of mitochondia-माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या अलग अलग सेल में भिन्न होती है। माइटोकॉन्ड्रिया संख्या सेलुलर गतिविधियों (metabolic activity of cell) पर निर्भर करती है। निष्क्रिय बीजों (non germinating seed) की कोशिकाओं में बहुत कम माइटोकॉन्ड्र...

माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना तथा कार्य बताइए।

नमस्कार दोस्तों में आज का प्रश्न है माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना तथा कार्य बताइए सुनाइए चित्र की सहायता से समझते हैं तो उत्तर दो हम माइट्रोकांड्रिया की संरचना का चित्र की सहायता से समझेंगे तो देखिए यह है माइट्रोकांड्रिया की सरचना अब हमेशा अच्छे से समझते हैं लेकिन माइटोकॉन्ड्रिया के चारों चारों ओर खींच पाई जाती है एक स्तरीय जल्दी पाई जाती है स्तरीय दिल्ली पाई जाती है ठीक है दूसरी ले पाई जाती है और यह दिल्ली किस चीज की बनी होती है प्रोटीन तथा वर्षा की बनी होती है प्रोटीन व वर्षा से निर्मित यह दिल्ली प्लाज्मा झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया के चारों ओर पाई जाती है और देखिए यह अंदर की दिल्ली में यह ज्योति है यह भारी जल ज्योति थी भाइयों जल्दी होती है और यह जो होती है यह होती है आंतरिक जल्दी ठीक है आंतरिक दिल्ली पर आंतरिक जिले क्या होती है कि आंतरिक दिल्ली 10 कर उंगली नुमा संरचनाएं अंगुली नुमा दत्त कर उंगली नुमा सारण चुनाव संरचनाएं बनाती है जिन्हें क्या कहते हैं कृष्टि क्या कहते हैं कृष 3 मुझे से क्या प्यार देख पा रहे हैं यंग लीन मसल्स नहीं जो है यह कहलाती है कृष्टि ठीक है और इमली नीमच रचनाओं पर इस तरह उंगली नीमा संरचना होती है इन कुछ छोटी-छोटी संरचनाएं इस प्रकार होती है इस प्रकार को छोटी-छोटी सर अंजनाय पाई जाती है जी ने कहते हैं ऑक्सी सॉन्ग क्या कहते हैं ऑक्सी सोम कहते हैं तो यह हो गया 800 भाई हम उसके आगे का जानते हैं तो उसकी जो अंदर का प्रधान होता है और तरल पदार्थ यह पूरा तरल नहीं होता है क्या होता है और दो तरल पदार्थ अर्थ तरल प्रभात ठीक है अतुल प्रधान जो होता है जो चूहा में भरा होता है वह कहलाता है मैट्रिक क्या कहलाता है मैट्रिक्स ठीक है तो यह देखिए आप यह लिखा है मैट्रिक्स तो यह जो भाग ह...

माइटोकॉन्ड्रिया के कार्यों का वर्णन करें , functions of mitochondria in hindi works 5 कार्य लिखिए

(1) माइटोकॉन्ड्रीया में विभिन्न प्रकार की महत्त्वपूर्ण क्रियाएँ, जैसे-ऑक्सीडेशन, डिहाइड्रोजिनेशन, ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन आदि सम्पन्न होती हैं। इन क्रियाओं के लिए आवश्यक एन्जाइम्स माइटोकॉन्ड्रीया में ही पाये जाते है । इनके अतिरिक्त फॉस्फेट व एडीनोसीन डाइ- फोस्फेट की ईंधन के रूप में तथा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इन क्रियाओं से उत्पादन के रूप में ATP, CO, तथा H2O निकलते हैं । अतः माइटोकॉन्ड्रीया कोशिका के श्वसन अंगों की तरह कार्य करते हैं। इस प्रकार इनका मुख्य कार्य (i) कोशिका में विघटित खाद्य पदार्थों से बनने वाले अन्तः पदार्थों, जैसे- शर्करा, अमीनो अम्ल व वसा अम्लों का ऑक्सीकरण करना है। इसके अतिरिक्त ATP संश्लेषण व संचय करना है । यह ATP कोशिका में होने वाली अन्य जैविक क्रियाओं में उपयोग में ले ली जाती है। (2) बीज अंकुरण के समय माइटोकॉन्ड्रीया अधिक सक्रिय होकर श्वसन क्रिया की दर को बढ़ा देते है। (3) स्पर्मेटिड्स से शुक्राणु बनने के समय माइटोकॉन्ड्रीया एक साथ जुड़कर अक्षीय तन्तु (axial filament) के चारों ओर माइटोकॉन्ड्रीय सर्पिल बनाते हैं । (4) अण्ड में पाये जाने वाले माइटोकॉन्ड्रीया अधिक मात्रा में योक प्रोटीन का संचय करते हैं। तथा उसे योक प्लेटलेट्स में बदलते रहते हैं । (5) माइटोकॉन्ड्रीयल झिल्लियाँ Cat”, Mg” तथा PO, आयन के सक्रिय स्थानान्तरण में सक्षम होती हैं। माइटोकॉन्ड्रीया का जीवात जनन (Biogenesis of Mitochondria) माइटोकॉन्ड्रीया की उत्पत्ति हेतु विभिन्न मत दिये गये हैं- (1) अन्य कोशिकांगों से उत्पत्ति (Origin from other cell organelles ) (a) प्लाज्मा कला से (From plasma membrane) रॉबर्टसन (Robertson) झिल्ली बेलनाकार ( tubular ) संरचना बनाती हैं जो कि बाद में वक्र...

माइटोकॉन्ड्रिया क्या है? और इस के कार्य

माइटोकॉन्ड्रिया क्या है? और इस के कार्य कोशिकीय अंग कणाभ सूत्र ( माइटोकॉन्ड्रिया ) हम आपके लिए आज एक और नई पोस्ट लेकर आए हैं इसमें हम आपको कुछ जानकारी देंगे हम आपको इसके अंदर साइंस से संबंधित कुछ बातें बताएंगे और उसके बारे में कुछ जानकारी देंगे साइंस तो आजकल बहुत ही आगे बढ़ चुका है क्योंकि साइंस ने सब कुछ कर दिखाया है चाहे वह किसी भी तरह का काम होता है ऑपरेशन करने का काम होता हे आदमी के शरीर से किसी बीमारी को ठीक करने का काम हो किसी भी तरह का काम होगा क्योंकि आदमी के शरीर के अंदर बीमारी होने के कारण बहुत से ऐसे किटाणु हो जाते हैं जो कि जानकारी उस बीमारी को किसी और बीमारी में बदलते हैं इसलिए डॉक्टरों का बहुत ज्यादा बड़ा महत्व है. डॉक्टरों की नई नई रिसर्च से बहुत सी ऐसी बीमारियों का इलाज आज के समय में निकाला गया है जो कि पहले शायद कभी था ही नहीं तो साइंस बहुत ही आगे जा चुका है साइंस का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है वैसे साइंस के अंदर हम किसी भी चीज के बारे में जान सकते हैं चाय जीव जंतुओं के बारे में जानना होता हे मनुष्य के बारे में जानना हो चाहे किसी जानवर के बारे में जानना हो तो है पेड़ पौधों के बारे में जानना हो क्योंकि साइंस के अंदर हमें सब चीजों का ज्ञान मिलता है तो साइंस के अंदर बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो हमें पता नहीं होता है उसको जाना हमारे लिए बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि वह चीज हमें बहुत बार आती है वह हमारे सामान्य ज्ञान के लिए जानना जरूरी होता है क्योंकि आजकल साईं सब कुछ है इसलिए साइंस से संबंधित ज्यादा चीज है आती है किसी भी एग्जाम है इंटरव्यू में तो अगर आपको भी साइंस के बारे में जानकारी लेना पसंद है या सुनना पसंद है तो आप हमारी इस पोस्ट को देख सकते हैं इसमें आज...

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) माइटोकॉन्ड्रिया ग्रीक भाषा के दो शब्द mitos + chondria से मिलकर बना है जिसका अर्थ है - mitos = thread (धागा), chondria = granule or particle (कण) होता है। माइटोकॉन्ड्रिया कोशिकाओं का श्वसनांग होता है, जिसमें भोज्य पदार्थों के आक्सीकरण के परिणामस्वरुप ऊर्जा मुक्त होती है। यह ऊर्जा जीवधारियों की विभिन्न क्रियाओं के काम आती है। यह ऊर्जा ATP के रूप में उत्पन्न होती है। इसलिए इसे कोशिका का विद्युत् गृह (Power House of the Cell) भी कहते है। • माइटोकॉन्ड्रिया को सर्वप्रथम कोलिकर (Kollikar, 1850) नामक वैज्ञानिक ने देखा। • फ्लेमिंग (Flemming, 1882) ने माइटोकॉन्ड्रिया के लिए फीलिया (Filia) नाम दिया। • अल्टमान (Altman, 1890) ने इसके लिए बायोप्लास्ट (Bioplast) नाम प्रस्तावित किया। • माइटोकॉन्ड्रिया के विस्तृत अध्ययन का श्रेय कार्ल बेंडा (Carl Benda, 1897) नामक वैज्ञानिक को जाता है। • इसे प्लास्टोसोम , प्लास्मोसॉम्स , वर्मीक्यूल्स, कॉन्ड्रियोसोम्स, आदि नामों से पुकारा जाता है। • माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका में अधिक ऊर्जा उत्पादन वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। • इनकी लम्बाई 0.3 म्यूक्रान से 4.0 म्यूक्रान तक तथा व्यास 0.2 म्यूक्रान से 2 म्यूक्रान तक होता है। • पादप कोशिकाओं में इनकी संख्या जन्तु कोशिकाओं की तुलना से अपेक्षाकृत कम होता है। वितरण (Distribution) - माइटोकॉन्ड्रिया मुख्यत: यूकैरियोटिक कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में पाया जाने वाला कोशिकांग है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में इनका अभाव होता है। उपापचयी क्रियाओं में संलग्न कोशिकाओं में इनकी संख्या अधिक होती है। माइटोकॉन्ड्रिया की परासंरचना (Ultrastructure of Mitochondria) - पैलेड (Palade) एवं स्जोस्ट्रैंड (S...

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) कार्य और संरचना

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) लेटिन भाषा का शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है Mitos = thread ,chondrion= granul) शब्दो से मिलकर बना है। इस लिए इसे सूत्रकणिका भी कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया की खोज (Detection of Mitochondria) • सर्वप्रथम कोलिकर ने वर्ष 1990 इन्हें कीटों की रेखित पेशियों में देखा था। • फ्लेेमिंग (1882) उन्हें फाइलिया तथा आर. अल्टमान (1894) ने बायोब्लास्ट नाम दिया। इनकी खोज का श्रेय फ्लेमिंग एवं अल्टमान को दिया जाता है। • सी. बेंडा (1897) ने इन्हें माइटोकॉन्ड्रिया नाम दिया। • सर्वप्रथम पादप कोशिकाओं (Plant cell) में एफ.मिविस (1904) में इनकी उपस्थिति देखी। माइटोकॉन्ड्रिया का आकार (Mitochondria size) • इनका आकार गोलाकार, छडीनुमा अथवा धागेनुमा संरचनाएं होती है। • इनकी औसत लम्बाई 5 से 8 माइक्रोन और व्यास 0.5 से 1 माइक्रोन होता है। • सामान्यतः इनकी संख्या एक कोशिका में 50 से 5000 तक हो सकती है। माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना (Structure of Mitochondria) प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया का अभाव रहता हैं। माइक्रोस्टेरीयाज नामक शैवाल की कोशिका में एक एवं कुछ एककोशिक जीवों 500000 तक इनकी संख्या पाई जाती है। माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) एक दोहरी झिल्ली से परिबद्ध कोशिकांग है। बाह्यकला झिल्ली चिकनी व समतल होती है। जबकि अंत:कला (आन्तरिक झिल्ली) में कई अंगुली के समान उभार पाये जाते हैं जो किरीटी, शिखी या क्रिस्टी (Cristae) कहलाते हैं। क्रिस्टी की सतह पर असंख्य संवृत कण लगे होते हैं। इन कणों को ऑक्सीसोम कहते हैं। क्रिस्टी के मध्य भाग को आधात्री यामेट्रिक्स (Matrix) कहते हैं अंत:कला एवं बाह्यकला के बीच 6 से 8 नैनो मीटर की दूरी होती है। ...