माता की अमृतवाणी

  1. [Lyrics & PDF] વિશ્વંભરી સ્તુતી
  2. माता अमृतानंदमयी
  3. माँ महागौरी अमृतवाणी
  4. अमृतवाणी
  5. Shri Saraswati Amritwani Lyrics
  6. जय जय हे लक्ष्मी मैया अमृतवाणी लिरिक्स
  7. माता


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[Lyrics & PDF] વિશ્વંભરી સ્તુતી

વિશ્વંભરી અખિલ વિશ્વતણી જનેતા, વિદ્યા ધરી વદનમાં વસજો વિધાતા। દુર્બુદ્ધિને દુર કરી સદ્બુદ્ધિ આપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ ભુલો પડી ભવરણે ભટકુ ભવની, સુઝે નહી લગિર કોઈ દિશા જવાની । ભાસે ભયંકર વળી મનના ઉતાપો, મામ્ પાહી ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ આ રંકને ઉગરવા નથી કોઈ આરો, જનમાન્ધ છું જનની હુ ગ્રહિ બાળ તારો । ના શું સુણો ભગવતિ શિશુ ના વિલાપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ મા કર્મ જન્મ કથની કરતા વિચારૂં, આ સૃષ્ટિમં તુજ વિના નથી કોઈ મરૂં । કોને કહું કઠણ યોગ તણો બળપો, મામ્ પહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ હું કામ ક્રોધ મદ મોહ થકી છકેલો, આડંબરે આતી ઘણો મદથી બકેલો । દોષો થકી દુષિત ના કરી માફ પાપો, મામે પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ ના શસ્ત્ર ના શ્રવણનું પયપાન પીધું, ના મંત્ર કે સ્તુતિ કથા નથી કાંઈ કીધું । શ્રધ્ધા ધરી નથી કર્યા તવ નામ જાપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતી ભવદુઃખ કાપો ॥ રે રે ભવાની બહુ ભૂલ થઈ જ મારી, આ જિંદગી થઈ મને અતિશય અકારી । દોષો પ્રજાળી સધળા તવ છાપ છાપો,મામ્ પાહિ ઓમ્ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ ખાલી ન કોઈ સ્થળ જે વીણ આપ ઘારો, બ્રહમાંડમાં અણુ અણુ મહી વાસ તારો । શક્તિ ન માપ ગણવા અગણિત માપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો । પાપે પ્રપંચ કરવા બધી વાતે પૂરો, ખોટો ખરો ભગવતિ પણ હું તમારો । જાડયાંધકાર કરી દુર સદ્બુદ્ધિ આપો, મામ્ પાહી ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ શીખે સુણે રસિક છંદ જ એક ચિત્તે, તેના થકી ત્રિવિધ તાપ ટળે ખચીતે । વાધે વિશેષ વળી અંબા તણા પ્રતાપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ॥ શ્રી સદ્ગુરૂ શરણમાં રહીને યજું છું, રાત્રિ દિને ભગવતિ તુજને ભજું છું । સદ્ભક્ત સેવક તણા પરિતાપ છપો, મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવદુઃખ કાપો ।। અંતર વિષે અધિક ઉર્મિ થતાં ભવાની, ગાઉ સ્તુતિ તવ બળે નમીને મૃડાની । સંસારના સ...

माता अमृतानंदमयी

माता अमृतानंदमयी जन्म 27 सितंबर 1953 नागरिकता व्यवसाय धार्मिक मान्यता वेबसाइट माता अमृतानंदमयी देवी ( सुधामणि इदमन्नेल, 27 सितम्बर 1953) एक अम्मा ", "अम्माची" या "मां" के नाम से भी जानते हैं। उनकी मानवतावादी गतिविधियों के लिए उन्हें व्यापक स्तर पर सम्मान प्राप्त है। माता अमृतानंदमयी मठ के उपाध्यक्ष स्वामी अमृतास्वरुपनन्द पुरी के अनुसार, "अम्मा के लिए दूसरों के दुःख को दूर करना उतना ही स्वाभाविक है जैसे कि अपनी आंखों के आंसू पोछना। दूसरों की खुशी में ही अम्मा की खुशी है। दूसरों की सुरक्षा में ही अम्मा अपनी सुरक्षा मानती हैं। दूसरों के विश्राम में ही अम्मा का विश्राम है। यही अम्मा का सपना है। और यही वह सपना है जिसके लिए मां ने अपना जीवन मानवता के जागरण के प्रति समर्पित कर दिया है।" अनुक्रम • 1 जीवनी • 2 दर्शन • 3 शिक्षाएं • 4 धर्मार्थ मिशन • 5 भजन • 6 पुस्तकें और प्रकाशन • 7 पद • 8 पुरस्कार और सम्मान • 9 अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पता • 10 वृत्तचित्र • 11 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों से वीडियो • 12 उद्धरण • 13 आलोचना • 14 इन्हें भी देखें • 15 नोट्स • 16 सन्दर्भ • 17 बाहरी कड़ियाँ जीवनी [ ] माता अमृतानंदमयी देवी का जन्म पर्यकडवु (जो अब कभी कभी अमृतापुरी के नाम से भी जाना जाता है) के छोटे से गांव अलप्पढ़ पंचायत, जिला कोलम, इन कार्यों के एक हिस्से के रूप में सुधामणि इदमन्नेल अपने परिवार की गायों और बकरियों के लिए अपने पड़ोसियों से बचा हुआ भोजन एकत्र करती थीं। अम्मा बताती हैं कि उन दिनों वे अत्यधिक निर्धनता और अन्य लोगों के कष्टों के कारण अत्यधिक दुःख से गुजर रही थीं। वे अपने घर से इन लोगों के लिए वस्त्र और खाना लाती थीं। उनका परिवार, जोकि धनवान नहीं था, इसके लिए उन्हें डांटता था और दण...

माँ महागौरी अमृतवाणी

माँ महागौरी महिमा (अमृतवाणी) | Mahagauri Mata Ki Katha या देवी सर्वभूतेषु शक्ति -रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। या देवी सर्वभूतेषु महागौरी -रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। रूप आठवा माता जब धारण करती है महागौरी कहलाती और संरक्षण करती है वृषभ सवारी कर आती चतुर भुजी माता भमर ध्वनि से भक्तो का भये सब हट जाता है कर त्रिशूल से वार माँ दुष्टो को मारे वरद हस्ता से संतो को भाव सागर तारे शांति स्वरूपी देवी की शोभा अति प्यारी मधुर मधुर मुस्कान से दुःख हारले सारे जय महागौरी माँ जय हे आंबे माँ जय महागौरी माँ जय हे आंबे माँ ।। Trending Bhajan गौरी वर्ण जो चन्द्रमा पुण्य पुष्प सा मुख उसपर स्वेत वस्त्र माता दर्शन देता सुख पारवती जी के रूप में शिव प्राप्ति हेतु माँ ने निर्मित किया तपस्या का सेतु निरहार रह कर जाप किया शिव को भाजा दिन रात सही अनगिनत कष्ट तभी तभी मिला शम्भू का साथ जनम कोटि लगी लगन हमारी कह गए तुलसी दास वरौ शम्भु साथ नहीं तो राहु कुमारी माँ को था विश्वास जय महागौरी माँ जय हे आंबे माँ जय महागौरी माँ जय हे आंबे माँ ।। दुर्गा भजन लिरिक्स | Durga Ji Bhajan Lyrics | Mata Bhajan Lyrics Watch Durga Mata Bhajan Music Video Durga Mata Varsha Shrivastava Singer Ka Bhajan

अमृतवाणी

(परमवंदनीया माता जी का 1984 का एक महत्वपूर्ण उद्बोधन) गायत्री मंत्र हमारे साथ−साथ− ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। प्रज्ञापुत्रों, बेटियों और प्रज्ञा परिजनों? शिवाजी के पिताजी मुस्लिम शासन के एक वेतनभोगी कर्मचारी थे। यह उनकी माता जीजाबाई के संस्कार ही थे, जिनने शिवाजी को महान बनाया । हमीरदेव के पिता में सभी सामंतवादी कुसंस्कार थे, पर उन्हें ऐतिहासिक व्यक्तित्व मिला, इसमें उनकी माँ की भूमिका प्रमुख थी। जगद्गुरु शंकराचार्य संन्यासी पीछे बने, पहले उनकी मनोभूमि के आध्यात्मीकरण की शिक्षा माता के अंक में ही पूरी हुई थी। विश्व विजेता नेपोलियन के पिता साधारण सिपाही थे। उनके अंतःकरण में अजेय संकल्प शक्ति का बीज उनकी माँ ने आरोपित किया था। यह तो माताओं की बात हुई। पुरुष के निर्माण में नारी का योगदान सहधर्मिणी−धर्मपत्नी स्वरूप उससे कम गरिमायुक्त नहीं है। एक पुलिस कोतवाल के बिगड़े हुए बेटे मुँशीराम, जिन्हें छोटी उम्र से ही जुआ, शराब आदि दुर्गुण विरासत में मिले थे, किंतु अपने पवित्र साहचर्य से आर्य समाज के मूर्द्धन्य मनीषी के रूप में ढालने वाली उनकी पत्नी ही थी। सरदार चूड़ावत को कौन जानता, यदि उनकी सहधर्मिणी हाडारानी ने राष्ट्र, जाति एवं संस्कृति के लिए मर मिटने का प्राण न फूँ का होता। दुर्गा भाभी की पवित्र प्रेरणाओं ने सरदार भगतसिंह को इतिहासपुरुष बना दिया और वीर बहन उत्तरा ने शंख जैसे कायर भाई को महान योद्धा बनने का पथ प्रशस्त किया । ये उदाहरण इस बात के प्रमाण हैं कि पारिवारिक जीवन में पुरुष और नारी दोनों की समानता होते हुए भी मुख्य भूमिका किसकी है? यह तय करना हो तो ध्यान स्त्री पर अपने आप केंद्रित हो जाता है, क्योंकि अंतरंग व्यवस्था से लेक...

Shri Saraswati Amritwani Lyrics

सुरमय वीणा धारिणी, सरस्वती कला निधान, पावन आशीष से करदे, जन जन का कल्याण । विद्या बोध स्वरूपिणी, मन मोहक तेरा रूप, हर ले निशा अज्ञान की, ज्ञान की देकर दूप । शारदे माँ सुरेस्वारी, कर दुखों का अंत, ज्योतिर्मय है जगत में, महिमा तेरी अंनत । त्रिभुवन में है गूंजता, मधुर तेरा संगीत, दिव्य आकर्षण है लेता, शत्रु का मन जीत । जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ.. देवी ज्ञान विज्ञान की, कष्ट हरण तेरा जाप, तेरे उपासक को छुवे, कभी न दुःख संताप । कला निधि करुनेस्वरी, करुणा करदे आपार, कलह कलेश न हो यहाँ, सुखमय हो संसार । सात सुरों के स्वामिनी, सातों रंग तेरे पास, अपने साधक की करना, पूर्ण हर एक आश । श्री नारायण की प्रिय, प्रीत की पुस्तक खोल, पीड़ित पा जाए शांति, वाणी मनोहर बोल । जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ.. बुद्धि और विवेक का, दे सबको उपहार, सर्व कलाओं से मैया, भरे तेरे भण्डार । परम योग स्वरूपिणी, मोडक मन की हर, सर्व गुणों के रत्नों से, घर साधक का भर । कला में दे प्रवीणता, जग में बढ़ा सम्मान, तेरे अनुग्रह से बनते, अनपढ़ भी विद्वान । भगतों के मन पटल पर, अंकित हो तेरा नाम, हर एक कार्य का मिले, मन बांछित परिणाम । जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ.. तेरी अनुकम्पा से होता, प्रतिभा का विकाश, ख्याति होती विश्व में, जीवन आता रास । हंस के वाहन बैठ के, प्रिये जगत में घूम, दशों दिशाओं में मची, तेरे नाम की धूम । स्मरण शक्ति दे हमें, जग की श्रृजन हार, तेरे कोष में क्या कमी, तूम हो अपरंपार । श्वेत कमल के आसन पर, मैया रही विराज, तेरी साधना जो करे, सिद्ध करे उनके काज । जय सरस्वती माँ, जय हो सरस्वती माँ.. Shri Saraswati Amritwani English Lyrics Suramay Veena Dhaarinee, Saraswati Kala Nidhaan, Paavan ...

जय जय हे लक्ष्मी मैया अमृतवाणी लिरिक्स

जय जय हे लक्ष्मी मैया, रूप अनेक तुम्हारे मैया, अष्ट रूप की महिमा गाऊं, अवगुण चित न लाना मैया।। दोहा – भृगु ऋषि के घर में मां, तुमने जनम लिया, तीनों देवों को हे मां, तुमने प्रकट किया।। तुम ही सरस्वती तुम्हीं काली, भक्तों की करती रखवाली, सर स्वरूप की महिमा न्यारी, सुख समृद्धि देने वाली, आज है दिन मां लक्ष्मी जी का, विधी विधान से करे जो पूजा, माता लक्ष्मी की फिर उस पर, सदा बरसती रहती कृपा।। दोहा – अपने भक्तों की सदा, मैया करें सहायक, मां की कृपा से सभी, दुख दारिद्र मिट जाय। धन लक्ष्मी स्वरूप है दूजा, करती दुनिया इनकी पूजा, वैभव से परिपूर्ण कराती, महिमा सारी दुनिया गाती, एक बार श्री विष्णु जी ने, लिया कुबेर से कर्ज प्रभू ने, मां लक्ष्मी ने धन बरसाया, श्री विष्णु को मुक्त कराया।। दोहा – एक हाथ धन का घड़ा, कमल है दूजे हाथ, मां लक्ष्मी के नाम से, सब संकट टल जात।। तुमसा नहीं कोई उपकारी, सब विधि रखना लाज हमारी, कृपा दृष्टि मां सब पर कीजै, भक्ति का वर हमको दीजै।। दोहा – हे मां लक्ष्मी स्तुति, कैसे करूं तुम्हार, चरणों में अपनाइये, मां न देना बिसार। धन्य लक्ष्मी है तीसरा रूपा, अन्नपूर्णा मात स्वरुपा, धन्य लक्ष्मी है अन्न की दाती, दाने दाने में ये बिराजी, ख़ुश करना जो मां को चाहो, तो अन्न की बर्बादी मिटाओ, जिस घर में हो अन्न का आदर, भरा रहे भंडार वहां पर।। दोहा – माँ की कृपा मात्र से, खुल जाएं सब द्वार, धनंजय धान्य घर में भरें, खुशियां मिले आपार। मंगल करणी अमंगल हारी, मां तुम्हीं सबकी हितकारी, हे दुख हरणी हे भव तरणी, महिमा जाए नहीं मा बरणी।। दोहा – माता चरणों से मुझे, अपने मुझे अपने लीजो लगाय, सेवा पूजा नित्य करूं, चरणो में चित लाय। गज पर बैठी गज लक्ष्मी मां, कमल पुष्प का लगाके आसन, जो...

माता

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 2 मातृत्व दिवस • 3 पर्यायवाची • 4 माँ बनने की सही उम्र क्या है • 5 चर्चित माताएँ • 6 देखें • 7 सन्दर्भ परिभाषा [ ] मातृत्व दिवस [ ] अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस सम्पूर्ण मातृ-शक्ति को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है, जिसे मदर्स डे, मातृ दिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें यह दिन सबके मन में विशेष स्थान लिए हुए है। पूरी जिंदगी भी समर्पित कर दी जाए तो माँ के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता है। संतान के लालन-पालन के लिए हर दुख का सामना बिना किसी शिकायत के करने वाली माँ के साथ बिताये दिन सभी के मन में आजीवन सुखद व मधुर स्मृति के रूप में सुरक्षित रहते हैं। भारतीय संस्कृति में माँ के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा रही है, लेकिन आज आधुनिक दौर में जिस तरह से मदर्स डे मनाया जा रहा है, उसका इतिहास भारत में बहुत पुराना नहीं है। इसके बावजूद दो-तीन दशक से भी कम समय में पर्यायवाची [ ] • जननी • माँ • मातृ • अम्मा • ममा • माँ बनने की सही उम्र क्या है [ ] गर्भवती होने के लिए सही उम्र 30 वर्ष से कम होती है क्योंकि 30 वर्ष के बाद महिलाओं के प्रजनन स्तर में कमी आ जाती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे ही शरीर में अंडे का उत्पादन घटता है जिससे आप में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब आपकी उम्र। 17 से 30 के बीच है, तब वो प्रेग्नेन्सी का सही उम्र अगर आप 35 वर्ष के बाद या ज़्यादा उम्र में माँ बनने का सोचती हैं तो आपको सी-सेक्शन ( सीजेरियन आपरेशन) कराना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, देर से गर्भधारण में आपके बच्चे में न्यूरल ट्यूब दोष या डाउन सिंड्रोम जैसी जेनेटिक असमानताएँ विकसित होने की संभावनाएँ अधिक रहती हैं। हालाँकि नियमित रूप से चर्चित माताएँ [ ] • • • • • • देखें ...