माउंट एवरेस्ट फोटो

  1. Sherpa Trapped In A Crevice Between Two Rocks While Climbing Mount Everest Video Of Rescue Operation Going Viral
  2. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले भारतीय मूल का पर्वतारोही अब भी लापता, उनकी पत्नी चितिंत, जानें क्या हुआ?
  3. चट्‌टानों के बीच 200 फीट नीचे से रेस्क्यू किया गया, आधा शरीर बर्फ में धंसा था
  4. International Everest Day: माउंट एवरेस्ट के अलावा ये हैं दुनिया की टॉप 5 चोटियां world top mountains on international mount Everest day
  5. Namche Bazar:एवरेस्ट के प्रवेश द्वार नाम्चे बाजार में 12 डिग्री तापमान, यह पिछले 12 वर्ष में सर्वाधिक
  6. Mountains four times higher than Everest were found under the earth


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Sherpa Trapped In A Crevice Between Two Rocks While Climbing Mount Everest Video Of Rescue Operation Going Viral

कई पर्वतारोही अपने एक्सपर्टीज, तकनीक और सही डायरेक्शन की बदौलत माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफल हो जाते हैं. हालांकि, कभी-कभी एक्सपर्टीज होने के बावजूद कुछ लोग फंस जाते हैं और पर्वत पर चढ़ने का शौक जान के लिए खतरा बन जाता है. शेरपा जैसे अनुभवी पर्वतारोहियों के लिए भी कई बार माउंट एवरेस्ट जैसे पर्वत पर चढ़ने का फैसला मुश्किल भरा बन जाता है. हाल में सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शेरपा माउंट एवरेस्ट चढ़ने के दौरान एक गहरी दरार में फंसता नजर आता है. यहां देखें पोस्ट During every climbing season on Mount Everest, many brave rescues take place. The media tends to focus and highlight the rescues involving clients and foreign climbers, but there are lesser-known stories, such as this one, where a sherpa's life is saved. We successfully rescued… ट्विटर पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक शेरपा को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ते समय एक गहरी दरार में गिरने के बाद बचाये जाते हुए दिखाया गया है. गेसमैन तमांग नाम के एक कुशल पर्वतारोही और बचावकर्मी ने वीडियो को एक बयान के साथ पोस्ट किया है. बयान में शेरपाओं के योगदान और इन चुनौतियों को बताया गया है. गेसमैन तमांग ने वीडियो को एक मैसेज के साथ शेयर किया, जिसमें लिखा है, ‘माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के हर मौसम के दौरान, कई बहादुर बचाव कार्य होते हैं. हमनें एक शेरपा को सफलतापूर्वक बचाया, जो कैंप 1 और कैंप 2 के बीच एक दरार में गिर गया था और यह एक चमत्कार है कि, वह बच गया. यह कहानी उन बलिदानों और जोखिमों की याद दिलाती है, जिनका एवरेस्ट अभियान को संभव बनाने के लिए पर्वतीय श्रमिकों को सामना करना पड़ता है.' पोस्ट करने बाद से इ...

माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले भारतीय मूल का पर्वतारोही अब भी लापता, उनकी पत्नी चितिंत, जानें क्या हुआ?

माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले भारतीय मूल का पर्वतारोही अब भी लापता, उनकी पत्नी चितिंत, जानें क्या हुआ? 39 वर्षीय श्रीनिवास सैनिस दत्तात्रेय 1 अप्रैल को माउंट एवरेस्ट के लिए रवाना हुए थे और 4 जून को स्वदेश लौटने वाले थे। उन्होंने 19 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की, लेकिन अपनी पत्नी को बताया कि उसकी पहाड़ से नीचे उतरने की संभावना नहीं है। 19 मई को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे सिंगापुर के एक भारतीय मूल के पर्वतारोही का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पर्वतारोही की पत्नी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में यह जानकारी दी। 39 वर्षीय श्रीनिवास सैनिस दत्तात्रेय 1 अप्रैल को माउंट एवरेस्ट के लिए रवाना हुए थे और 4 जून को स्वदेश लौटने वाले थे। उन्होंने 19 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की, लेकिन अपनी पत्नी को बताया कि उसकी पहाड़ से नीचे उतरने की संभावना नहीं है। विभिन्न पर्वत चोटियों पर श्रीनिवास की तस्वीरों के साथ अपना संदेश देते हुए, उनकी पत्नी सुषमा सोमा ने कहा, वह 39 वर्ष के थे, और वे निडर होकर और पूरी तरह से जीते थे। उन्होंने समुद्र की गहराई का पता लगाया और पृथ्वी की सबसे अधिक ऊंचाई नापी। द स्ट्रेट्स टाइम्स ने सोमा के हवाले से कहा, और अब, श्री पहाड़ों में हैं, जहां उन्हें ज्यादा घर जैसा महसूस हुआ। श्रीनिवास के अभियान का सह-आयोजन करने वाली कंपनियों में से एक नेपाल गाइड ट्रेक्स एंड एक्सपेडिशन ने पहले द स्ट्रेट्स टाइम्स को बताया तीन-तीन शेरपाओं का समूह श्रीनिवास की तलाश कर रहा है। पर्वतारोही एक ही अभियान में माउंट एवरेस्ट और फिर माउंट ल्होत्से को फतह करने के उद्देश्य से सिंगापुर से निकला था। सोमा के अनुसार, वह ऐसा करने वाले दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ गिने-चुने लोगो...

चट्‌टानों के बीच 200 फीट नीचे से रेस्क्यू किया गया, आधा शरीर बर्फ में धंसा था

शेरपा को उसके साथियों ने गिरते हुए देखा और उसका रेस्क्यू किया। माउनटेनियर और रेस्क्यूअर गेसमैन तमांग ने 8 जून को इस घटना का वीडियो पोस्ट किया है। इसमें शेरपा का रेस्क्यू करते हुए दिखाया गया है। 14 सेकेंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि ग्रे कलर का जैकेट और काले रंग की टोपी पहने एक शेरपा बर्फ की चट्‌टानों के बीच है। वह हिल भी नहीं पा रहा था। चट्‌टानों के बीच कमर तक वह बर्फ में फंसा हुआ था। उसका दूसरा साथी जो मैरून कलर का जैकेट पहने हुए है। वह रस्सी के सहारे नीचे आता है और एक हथियार के जरिए बर्फ काटकर जगह बनाता है ताकि वह फंसे हुए साथी की कमर में रस्सी बांध सके। बर्फ हटाने के बाद फंसे हुए शख्स के कमर में वह रस्सी बांधता है और कुछ मिनट के बाद उसे सुरक्षित ऊपर की ओर खींच लिया जाता है। इस तस्वीर में साथी शेरपा बर्फ को हटाता हुआ नजर आ रहा है। गेसमैन तमांग ने कहा- कुछ बहादुरी के किस्से बर्फीली चोटियों के बीच दब जाते हैं गेसमैन तमांग ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान कई बहादुरी भरे किस्से सामने आते हैं। मीडिया विदेशी पर्वतारोहियों के रेस्क्यू को तो हाइलाइट करता है, लेकिन कुछ ऐसे भी शख्स हैं, जिनकी बहादुरी इन बर्फीली चोटियों के बीच ही दब कर रह जाती हैं। आज एक शेरपा की जान बचाई गई है। यह एक चमत्कार जैसा है कि वह बच गया। यह कहानी उन जोखिमों की याद दिलाती है, जिनका एवरेस्ट कैंपेन को सफल बनाने के लिए शेरपाओं को सामना करना पड़ता है। तस्वीर में शेरपा गेल्जा मलेशिया के पर्वतारोही को पीठ पर लादकर बेस कैंप तक लाते हुए देखे जा सकते हैं। इस बीच उन्होंने हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर भी पकड़ा हुआ है। पर्वतारोही को पीठ पर बांधकर 8 घंटे चला और जान बचा ली इससे पहले 18 मई को...

International Everest Day: माउंट एवरेस्ट के अलावा ये हैं दुनिया की टॉप 5 चोटियां world top mountains on international mount Everest day

International Everest Day: माउंट एवरेस्ट के अलावा ये हैं दुनिया की टॉप 5 चोटियां International Everest Day: माउंट एवरेस्ट के अलावा ये हैं दुनिया की टॉप 5 चोटियां दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) की ऊंचाई लगातार थोड़ी-थोड़ी बढ़ रही है. अब इसकी ऊंचाई 8848.86 मीटर है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये पर्वत के बढ़ने का अंत नहीं है. • Last Updated :May 29, 2021, 11:40 IST 01 आज यानी 29 मई का दिन देश के इतिहास में काफी मायने रखता है. यही वो दिन है जब दुनिया की सबसे पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर इंसानी फतह हुई थी. साल 1953 में इी रोज शेरपा तेनजिंग नॉर्गे और एडमंड हिलरी एवरेस्ट पर (Sherpa Tenzing Norgay and Edmund Hillary scaled Everest) पहुंचे. लगभग 29,029 फीट ऊंचे एवरेस्ट पर पहुंचने की उनकी जीत की याद में हर साल आज इंटरनेशनल एवरेस्ट दिवस (International Everest Day) मनाते हैं. सांकेतिक फोटो (pixabay) 02 साल 2008 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी, जिसका फैसला नेपाल ने लिया था. इस साल ही एडमंड हिलरी की मृत्यु हुई थी. तेनजिंग नॉर्गे की अगले दो सालों में छपी किताब में उन्होंने कई घटनाओं के बारे में बताया था, जो चढ़ाई के दौरान घटीं. इसी में उन्होंने लिखा था कि वे 29 मई को सुबह 11.30 पर सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचे और वहां लगभग 15 मिनट तक रहे. सांकेतिक फोटो (pixabay) 03 ये एक रिकॉर्ड था. इससे पहले बहुतेरों ने एवरेस्ट पर फतह की कोशिश की और मारे गए थे. बता दें कि नेपाली में सगरमाथा कही जाने वाली यह चोटी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है. साल 1955 में भारत ने इसके सर्वे में पाया कि ये 8,848 मीटर ऊंचा है. बाद में एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़कर लगभग 8848.86 मीटर हो गई. नेपाल और चीन ने साल 2019...

Namche Bazar:एवरेस्ट के प्रवेश द्वार नाम्चे बाजार में 12 डिग्री तापमान, यह पिछले 12 वर्ष में सर्वाधिक

Namche Bazar: एवरेस्ट के प्रवेश द्वार नाम्चे बाजार में 12 डिग्री तापमान, यह पिछले 12 वर्ष में सर्वाधिक विस्तार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का प्रवेश द्वार कहे जानेवाले नाम्चे बाजार में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस साल सबसे गर्म मौसम है। नाम्चे बाजार समुद्र तल से 3400 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पिछले एक सप्ताह से लगातार कड़ी धूप निकल रही है और दैनिक तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। यह पिछले 12 वर्ष में सर्वाधिक है।

Mountains four times higher than Everest were found under the earth

पृथ्वी की गहराई में माउंट एवरेस्ट की तुलना में तीन से चार गुना अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ हैं। अंटार्कटिका स्थित भूकंप विज्ञान केंद्रों के डाटा का विश्लेषण कर वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धरती के अंदर लगभग 2900 किलोमीटर की गहराई में कोर और मेंटल के बीच विशाल पर्वत शृंखला मौजूद हैं। इन्हें भूमिगत पर्वत शृंखला या ‘अल्ट्रा-लो वेलोसिटी जोन कहा जाता है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा, यह पर्वत शृंखला अब तक विशेषज्ञों की नजरों में नहीं आई। अब भूकंप और परमाणु विस्फोटों के डाटा ने उनकी मौजूदगी को पुख्ता कर दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा, जो पहाड़ जैसी संरचनाएं दिखी हैं, वे पूरी तरह से रहस्यमयी हैं क्योंकि इनके बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एडवर्ड गर्नेरो ने कहा, अंटार्कटिका से हजारों भूकंपीय रिकॉर्डिंग का विश्लेषण करते हुए हमारी हाई-डेफिनिशन इमेजिंग पद्धति से इन पर्वतों के चित्र उभरे हैं। इन पर्वतों की चौड़ाई और ऊंचाई कुछ किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक भिन्न है। कुछ जगहों पर यह माउंट एवरेस्ट की तुलना में चीन से चार गुना अधिक लंबे हैं।