Madhya pashan kal in english

  1. मध्यपाषाण काल किसे कहते हैं?
  2. भारत का इतिहास, History of India in Hindi, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास


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मध्यपाषाण काल किसे कहते हैं?

यह काल पुरापाषाण व नवपाषाण काल के मध्य का संक्रमण का काल है ।इस काल तक हिमयुग पूरी तरह से समाप्त हो चुका था तथा जलवायु गर्म तथा आद्र हो चुकी थी । जिसका प्रभाव पशु-पक्षी तथा मानव समूह पर पङा। बङे पाषाण उपकरणों के साथ-2 लघु पाषाण उपकरण का प्रचलन भी मिलता है । ये उपकरण 1-8 से.मी. लंबे , विभिन्न आकार वाले – जैसे त्रिकोण , नवाचंद्राकार , अर्द्धचंद्राकार , ब्लेड आदि मिलते हैं। मध्य पाषाण काल की सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी मनुष्य को पशुपालक बनाना । इस काल में आखेट के क्षेत्र में भी परिष्कार हुआ, वह तीक्ष्ण तथा परिष्कृत औजारों का प्रयोग करने लगा । प्रक्षेपास्र तकनीकि प्रणाली का विकास ( छोटे पक्षियों को मारने वाले छोटे उपकरण ) इसी काल में हुआ। तीर – कमान का विकास भी इसी काल में हुआ । बङे पशुओं के साथ-साथ छोटे पशु – पक्षियों एवं मछलियों के शिकार में विकास संभव हुआ।

भारत का इतिहास, History of India in Hindi, प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास

भारतीय इतिहास भारत के इतिहास को अगर विश्व के इतिहास के महान अध्यायों में से एक कहा जाए तो इसे अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता। इसका वर्णन करते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कहा था, ‘‘विरोधाभासों से भरा लेकिन मजबूत अदृश्य धागों से बंधा’’। भारतीय इतिहास की विशेषता है कि वो खुद को तलाशने की सतत् प्रक्रिया में लगा रहता है और लगातार बढ़ता रहता है, इसलिए इसे एक बार में समझने की कोशिश करने वालों को ये मायावी लगता है। इस अद्भुत उपमहाद्वीप का इतिहास लगभग 75,000 साल पुराना है और इसका प्रमाण होमो सेपियंस की मानव गतिविधि से मिलता है। यह आश्चर्य की बात है कि 5,000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के वासियों ने कृषि और व्यापार पर आधारित एक शहरी संस्कृति विकसित कर ली थी। युगों के अनुसार भारत का इतिहास इस प्रकार हैः पूर्व ऐतिहासिक काल पाषाण युगः पाषाण युग 500,000 से 200,000 साल पहले शुरू हुआ था और तमिलनाडु में हाल ही में हुई खोजो में इस क्षेत्र में सबसे पहले मानव की उपस्थिति का पता चलता है। देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से से 200,000 साल पहले के मानव द्वारा बनाए हथियार भी खोजे गए हैं। कांस्य युगः भारतीय उपमहाद्वीप में कांस्य युग की शुरुआत लगभग 3,300 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता के साथ हुई थी। प्राचीन भारत का एक ऐतिहासिक हिस्सा होने के अलावा यह मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्त्र के साथ साथ विश्व की शुरुआती सभ्यताओं में से एक है। इस युग के लोगों ने धातु विज्ञान और हस्तशिल्प में नई तकनीक विकसित की और तांबा, पीतल, सीसा और टिन का उत्पादन किया। प्रारंभिक ऐतिहासिक काल वैदिक कालः भारत पर हमला करने वालों में पहले आर्य थे। वे लगभग 1,500 ईसा पूर्व उत्तर से आए थे और अपने साथ मजबूत सांस्कृतिक परंपरा ल...