Mahabharat mein kaun se chitrakar ka naam hai

  1. महाभारत किसने लिखा था
  2. रामायण: माता सीता का जीवन परिचय, Mata Sita History In Ramayan In Hindi
  3. एकलव्य की कहानी
  4. Janmashtami 2020 Mahabharat In Which Era Lord Krishna Was Born Do You Know
  5. Mahabharat PDF in Hindi
  6. Mahabharat In Hindi


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महाभारत किसने लिखा था

अनुक्रम • • महाभारत किसने लिखा था | महाभारत के लेखक कौन हैं | महाभारत के रचयिता (mahabharat kisne likha tha | mahabharat ke lekhak kaun hai | mahabharat ke rachiyta) महाभारत को महर्षि वेद व्यास जी के द्वारा लिखा गया हैं. वेद व्यास जी को महाभारत लिखने में तीन साल का लम्बा समय लगा था. आज कल जो हम महाभारत पढ़ते हैं. वह महाभारत ग्रन्थ कही सदियों की धारणाओं से गुजर कर आई हैं. पुराने समय में ऋषि मुनि अपने ज्ञान को अपने शिष्यों को मौखिक रूप में देते थे. क्योंकि उस समय भाषा और लिपि इतनी समृध्द नहीं थी. धीरे धीरे ऋषि मुनियों ने लिखना शुरू किया. हो सकता हो उनको ज्ञान का विलुप्त होने का डर हो. इसका फायदा यह हुआ की आज भी ज्ञान जीवित हैं. महाभारत से जुड़ी गणेश जी की कहानी महाभारत में उल्लेख हैं की देव व्यास जी ने हिमालय के किसी गुफा में ध्यान करके मन ही मन में महाभारत की रचना कर दी थी. लेकिन इस ज्ञान को आम जन तक पहुचाने के लिए इसे बिना गलती के लिखना जरुरी था. अंत ब्रह्मा जी के सुझाव पर वेद व्यास जी गणेश जी के पास जाते हैं. और महाभारत लिखने का प्रस्ताव रखा. श्री रामायण से जुड़े प्रश्न और उत्तर की शृंखला – रामायण की जानकारी कात्यायनी मंत्र जप संख्या – माँ कात्यायनी मन्त्र – पूजा करने की विधि गणेश जी एक शर्त पर लिखने को मान जाते हैं. वह शर्त यह थी एक बार अगर गणेश जी ने लिखना शुरू कर दिया तो जब तक महाभारत पूरी नहीं हो जाए तब तक नहीं रुकेगे. इस पर वेद व्यास जी ने भी चतुराई से एक शर्त रखी की गणेश जी प्रत्येक श्लोक को लिखने के पश्चात् समझगे फिर आगे लिखेंगे. जिससे वेद व्यास जी को कठिन श्लोक को अपने मन में बनाने का समय मिल जाए. गणेश जी इस बात को मान गए. इस प्रकार महाभारत ग्रन्थ को लिखने की शुरुआत ...

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रामायण: माता सीता का जीवन परिचय, Mata Sita History In Ramayan In Hindi

त्रेता युग में जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में जन्म लिया तो माता लक्ष्मी ने सीता (Essay On Sita In Hindi) के रूप में। माता सीता ने अपने जीवन में उच्च आदर्शों की स्थापना की तथा समाज को कई संदेश दिए। उन्होंने हमेशा धैर्य और संयम से काम लिया व भविष्य की संभावनाओं (Mata Sita Character In Hindi) को देखते हुए ही निर्णय लिए। आज हम आपको माता सीता के भूमि में निकलने से लेकर उनका पुनः भूमि में समाने तक की कथा का वर्णन करेंगे। रामायण में माता सीता का जीवन परिचय (Mata Sita In Ramayan In Hindi) माता सीता का जन्म (Mata Sita Ka Janam Kaha Hua Tha) रामायण में माता सीता के जन्म (Sita Kiski Putri Thi) को लेकर कुछ स्पष्ट मत नही है लेकिन यह पता चलता हैं कि मिथिला के राजा जनक को वे भूमि (Biography Of Sita In Hindi) में से प्राप्त हुई थी। एक प्रचलित मान्यता के अनुसार वे रावण व मंदोदरी की पुत्री थी जिसे रावण ने अपशकुन के कारण समुंद्र में फिंकवा दिया था। वहां से बहती हुई माता सीता राजा जनक (Sita Father Name In Hindi) के राज्य में पहुँच गयी। जब महाराज जनक अपने राज्य को सूखे से बचाने के लिए खेत में हल जोत रहे थे तभी उनको वहां से सीता प्राप्त हुई। चूँकि राजा जनक व उनकी पत्नी सुनैना (Sita Ki Mata Ka Naam) को कोई संतान नही थी इसलिये उन्होंने सीता को गोद ले लिया। बाद में माता सीता की एक छोटी बहन हुई जिसका नाम उर्मिला (Sita Kiski Bahan Thi) था। इसके अलावा उनकी दो चचेरी बहने मांडवी व श्रुतकीर्ति भी थी जो उनके चाचा कुशध्वज की पुत्रियाँ थी। माता सीता के अन्य नाम (Sita Ji Ke Naam In Hindi) माता सीता को कई अन्य नाम से भी जाना जाता है तथा हर नाम से उनकी एक अलग विशेषता दिखाई देती हैं। आइए उनके सभी नाम (S...

एकलव्य की कहानी

सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है Eklavya Story In Hindi – कहते हैं ना कि नदी को रास्ता नहीं दिखाना पड़ता, वो खुद-ब-खुद अपना रास्ता बना लेती है। इसी प्रकार पुराने समय में एक ऐसा शिष्य हुआ जिसने अपने हुनर और गुरु भक्ति से अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा लिया। वो वीर योद्धा था एकलव्य। लेकिन इस वीर योद्धा की जिंदगी का अंत कैसे हुआ। आइये जानते है वीर एकलव्य की कहानी विस्तार में :- महान धनुर्धर एकलव्य की कहानी बात उस समय की है, जब शिक्षा का रूप आज से बहुत अलग हुआ करता था। उस समय के विद्यालय गुरुकुल हुआ करते थे। विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सब महाभारत काल मेँ प्रयाग (इलाहाबाद) के तटवर्ती प्रदेश मेँ सुदूर तक फैला हुआ एक राज्य श्रृंगवेरपुर था। व्यात्राज हरिण्यधनु (Vyatraj Harinyadhanu) उस आदिवासी इलाके के राजा व एक महान योद्धा थे। गंगा के तट पर अवस्थित श्रृंगवेरपुर उसकी सुदृढ़ राजधानी थी। उस समय श्रृंगवेरपुर राज्य की शक्ति मगध, हस्तिनापुर, मथुरा, चेदि और चन्देरी आदि बड़े राज्योँ के समकक्ष थी। निषादराज हिरण्यधनु और रानी सुलेखा व उनकी प्रजा सुखी और सम्पन्न थी। निषादराज हिरण्यधनु की रानी सुलेखा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम “अभिद्युम्न” रखा गया। बचपन में वह “अभय” के नाम से जाना जाता था। बचपन में जब “अभय” शिक्षा के लिए अपने कुल के गुरुकुल में गया तो अस्त्र शस्त्र विद्या में बालक की लगन और एकनिष्ठता को देखते हुए गुरू ने बालक को “एकलव्य” नाम से संबोधित किया। सारी शिक्षाएँ प्राप्त कर एकलव्य युवा हो गया तब उसका विवाह हिरण्यधनु के एक निषाद मित्र की कन्या सुणीता से हुआ। एकलव्य को अपनी ध...

Janmashtami 2020 Mahabharat In Which Era Lord Krishna Was Born Do You Know

Mahabharat: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म किस युग में हुआ था, क्या आप जानते हैं? Mahabharat Katha: जन्माष्टमी का पर्व आने वाला है. 12 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिन जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाएगा. महाभारत की कथा में भगवान श्रीकृष्ण मुख्य पात्र के तौर पर नजर आते हैं. आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण के बारे में. Mahabharat In Hindi: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कब हुआ था. इस प्रश्न का उत्तर हर कोई जानना चाहता है. आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी कुछ विशेष बातें बताने जा रहे हैं. द्वापर युग में जन्मे थे श्रीकृष्ण भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में जन्म लिया था. श्रीकृष्ण को इस युग का सर्वश्रेष्ठ पुरुष माना गया है. उन्हें जगतगुरु भी कहा गया क्योंकि श्रीकृष्ण ने ही महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान दिया था. श्रीकृष्ण की जन्म कथा पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अति शुभ रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही कारागार के सभी दरवाजे खुल गए और सैनिक सो गए. भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं श्रीकृष्ण कारागार के दरवाजे खुल गए और सैनिक सो गए तब वासुदेव और देवकी के सामने भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि वे कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लेंगे. उन्होंने वासुदेव जी से कहा कि वे उन्हें तुंरत गोकुल में नन्द बाबा के यहां पहुंचा दें और उनके यहां अभी-अभी जन्मी कन्या को लाकर कंस को सौंप दें. वासुदेव ने ऐसा ही किया और कृष्ण को सौंपकर कन्या कंस को दे दी. कन्या को मारने के लिए जैसे ही कंस ने हाथ को ऊपर उठाया तभी कन्या आकाश में गायब हो गई और भविष्यवाणी हुई कि कंस जिस...

Mahabharat PDF in Hindi

महाभारत, जो कई अन्य नामों जैसे- जय, भारत, पंचम आख्यान, शतसाहस्त्री संहिता, कृष्णम वेद आदि नामों से जाना जाता है हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्मृति ग्रंथ है। इसकी रचना 3100 ईसा पूर्व महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास द्वारा किया गया था। इस पूरे महाकाव्य में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा श्लोक और 2 लाख से ज्यादा पद है, जो 18 लाख शब्दों में लिखे गए हैं। Mahabharat PDF | महाभारत ये भी पढ़े– द्वापर युग में महाभारत के युद्ध में अर्जुन के रथ के ध्वज पर विराजमान श्री हनुमान जी की चालीसा यहां से अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर जरुर पढ़े- महाभारत-कथा स्वाभाविक और अस्वाभाविक का विचित्र मिश्रण है। पढ़ते-पढ़ते ऐसा प्रतीत होता है कि हम एक अद्भुत स्वप्नलोक में आ गए हैं। वहां देवता और मनुष्यों में अबाध मेल है, ऋषिगण हज़ारों वर्षों की तपस्या में लीन हैं तथा बीच-बीच में अप्सराओं के मोहजाल में फंसकर अपना तप खो देते हैं। यज्ञ करना ही राजाओं का सबसे बड़ा कार्य है। प्रसिद्ध वीर जिन अस्त्रों को लेकर लड़ते हैं, उनके सामने आज के आधुनिक अस्त्र तुच्छ हैं। अगर हम यूनानी (Greece) काव्यों – Eliad तथा Odyssey; दोनो को मिला भी दे फिर भी यह महाकाव्य उनसे 10 गुना ज्यादा तथा रामायाण से 4 गुना ज्यादा लंबा है। जो इसे विश्व का सबसे वृहद एवं लंबा महाकाव्य बनाता है। महाभारत के अध्यायों को पर्व कहा जाता है, इसमे कुल 18 पर्व हैं तथा 100 उप-पर्व हैं। इन पर्वों का नाम उस अध्याय के मुख्य पात्र या वृत्तांत के आधार पर रखा गया है। #2. महाभारत को स्मृति ग्रंथ क्यों कहा जाता है? महर्षि वेदव्यास जी को संपूर्ण #3. क्या वास्तव में भगवान श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थीं? नहीं, यह एक मिथ्या है कि श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थीं। उनकी केवल 8 पत्न...

Mahabharat In Hindi

Mahabharat In Hindi | Mahabharat Ke Rachyita Kaun Hai 🤔 | महाभारत के रचयिता कौन हैं | Mahabharat Kisne Likhi सभी विद्यानुरागियों को SanskritExam वेबसाइट की तरफ से हार्दिक नमस्कार एवं हार्दिक वन्दन- अभिनन्दन! प्रिय मित्रों, यथा आप सभी परिचित हैं विगत पाठमाला में हमने महाभारत में कितने श्लोक हैं- महाभारत के श्लोकों‌‌ के बारें में विशेष अध्ययन किया , जो कि विभिन संस्कृत परीक्षाओं में पूछा जाता है और आपके ज्ञान के लिए भी काफी उपयोगी है। अतः पिछले लेख को अवश्य पढें। पिछले लेख को पढने के लिए यंहा देखें। आज उसी कड़ी में हम एक रोचक रहस्यमय विषय प्रस्तुत करने जा रहे हैं- Mahabharat Ke Rachyita Kaun Hai महाभारत के रचयिता कौन हैं, महाभारत के रचयिता के बारें में रहस्यमयी जानकारी एवं महाभारत से जुड़ी रोचक बातें, जो कि आपके ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यन्त उपयोगी है। इसे भी दबाएँ- महाभारत एक ऐतिहासिक महाकाव्य है। यह हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि महाभारत के एक लेखक नहीं बल्कि तीन-तीन लेखक थे! तो आयान्तु ! शुरु करते हैं महाभारत की महाचर्चा। महाभारत का परिचय (Mahabharat In Hindi) महाभारत शब्द अपने आप में एक विशाल एवं अद्भुत अर्थ को प्रकट करने वाला है। महा + भारत (महत् च इदं भारतम् इति) महाभारतम्। महाभारत भारतीय इतिहास को इंगित करने वाला एक महाकाव्य है। जिन विषयों का वर्णन महाभारत में मिलता है उनका वर्णन अन्यत्र कुत्रापि मिलना संभव नहीं है। जैंसे कि इसी विषय में महाभारत के लिए एक सूक्ति भी अतिप्रसिद्ध है- यदिहास्ति तदन्यत्र यन्नेहास्ति न तत्क्वचित्। अर्थात् जो यंहा है वही सब जगह है जो यंहा नहीं है वह अन्यत्र कंही भी नहीं है। (भावार्थ- महाभारत ही स...