Makoy ke fayde in hindi

  1. मकई या मक्का (कॉर्न) के फायदे, उपयोग और नुकसान
  2. माका रूट (माका जड़) के फायदे, उपयोग और नुकसान
  3. ज्वार के फायदे और नुकसान
  4. मकोय के फायदे ( Makoy Ke fayde in Hindi ) ~ आयुर्वेदिक 1 समाधान
  5. पतंजलि लिव अमृत सिरप के फायदे, संकेत और लाभ
  6. मकोय के फायदे व नुकसान
  7. मकोय के फायदे / Makoy Ke Fayde


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मकई या मक्का (कॉर्न) के फायदे, उपयोग और नुकसान

Corn Benefits in Hindi मकई जिसे मक्का या कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है आहार के रूप में उपयोग किया जाने वाला विशेष खाद्य पदार्थ है। मकई या मक्‍का (Maize) दुनिया के सबसे प्रसिद्ध अनाजों में अपना स्‍थान रखता है और कई देशों में यह मुख्‍य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। मकई के स्वास्थ्य लाभ (health benefits) बहुत अधिक होते हैं यह मक्‍का या मकई एक अनाज का पौधा (grain plant) है जो मेक्सिको में पैदा हुआ था। मकई के कर्नेल या बीजों में बहुत से पोषक तत्‍व होते हैं जिनके कारण इनका उपभोग करना लाभकारी होता है। मक्‍के की कई प्रजातियां होती है जो विविधता के आधार पर वे कई रंगों के होते हैं। मक्‍का का एक और प्रकार होता है जिसे मीठा मक्‍का (sweet corn) कहा जाता है जिनमें पोषक तत्‍वों के साथ चीनी अधिक मात्रा में होती है और स्‍टार्च बहुत ही कम मात्रा में होता है। (और पढ़े – मक्‍का में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व – Corn Nutrition Value in Hindi स्‍वस्‍थ्‍य रहने और दैनिक चयापचय (metabolism) के लिए कैलोरी की आवश्‍यक्‍ता होती है। मक्‍का केवल कैलोरी ही प्रदान नहीं करता है बल्कि मकई के फायदे – Corn ke Fayde in Hindi मकई में उपस्थिति पोषक तत्‍वों (Nutrients) के कारण यह हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद लाभकारी होता है। इस खाद्य पदार्थ का उपयोग कर आप अपने भोजन को स्‍वादिष्‍ट बना सकते हैं। साथ ही इसमें फाइटोकेमिकल्‍स (phytochemicals) भी होते हैं जो पुरानी बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। आइए जाने मकई के फायदे क्‍या है। (और पढ़े – कैंसर को रोकने में मकई खाने के फायदे – Makka ke fayde for Prevents Cancer in Hindi कॉर्नेल विश्वविद्यालय में किए गए अध्‍ययनों के अनुसार, मकई में एंटीऑक्‍सीडेंट का एक स...

माका रूट (माका जड़) के फायदे, उपयोग और नुकसान

प्याज, आलू, शलजम, गाजर व मूली जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियां हैं। ये स्वाद के साथ-साथ सेहत को भी बढ़ावा देने का काम कर सकती हैं। ऐसी ही एक जमीन के अंदर उगने वाली सब्जी है, माका रूट। संभवत: आपके मन में यह सवाल जरूर आएगा कि आखिर माका रूट क्या है? हो सकता है कि आपने इसका नाम न सुना हो, लेकिन यह सेहतमंद सब्जी है। इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए स्टाइक्रेज के इस आर्टिकल में हम माका रूट के बारे में बता रहे हैं। यहां हम माका रूट के फायदे, उपयोग और नुकसान के संबंध में चर्चा करेंगे। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी विभिन्न शोधों पर आधारित है। माका रूट का उपयोग करते समय ध्यान रहे कि गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग डॉक्टर की सलाह पर उचित ट्रीटमेंट के साथ ही इसका सेवन करें। विषय सूची • • • • • माका रूट क्या है? – What is Maca in Hindi माका एक पौधा है, जिसकी जड़ को खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। यह ब्रैसिकेसी (Brassicaceae) परिवार से संबंधित है। यह पत्तेदार सब्जियों की श्रेणी में शामिल है। इसका वैज्ञानिक नाम लेपिडियम मेयेनी (Lepidium meyenii) है और इसकी खेती 2 हजार से भी ज्यादा वर्षों से की जा रही है। माका रूट का उपयोग खाद्य पदार्थों में सप्लीमेंट्स के रूप में किया जाता है। साथ ही औषधीय गुणों की वजह से इसका उपयोग कई रोगों के उपचार में भी किया जाता रहा है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वैज्ञानिक तथ्यों से पता चला है कि माका में पोषण, स्फूर्ति और प्रजनन-क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं ( 1. यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए माका रूट के फायदे एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि माका रूट में शुक्राणुओं की गुणवत्ता व...

ज्वार के फायदे और नुकसान

ज्वार पूरी दुनिया में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबन्ध देशों में पाए जाने वाला एक घास की प्रजाति है। दुनिया भर में 30 से अधिक ज्वार की प्रजातियां हैं पर मानव के खाने के लिए सिर्फ एक प्रजाति का उपयोग किया जाता है। बाकि अन्य प्रजातियों का उपयोग पशुओं के लिए चारेके रूप में किया जाता है। मनुष्यों के खाने के लिए इसकी महत्वपूर्ण प्रजाति ज्वार बायकलर (Sorghum bicolor) का उपयोग किया जाता है जिसकी खेती सबसे पहले अफ्रीका में हुई थी। लेकिन आज के समय में इसका उपयोग दुनिया भर में किया जाता है। इसकी खेती कई अलग अलग देशों में की जाती है। ज्वार का उपयोग मुख्य रूप से ज्वार शीरा, ज्वार सिरप और अनाज के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग दुनिया भर में शराब बनाने और जैव ईंधन के लिए किया जाता है। इसे दुनिया में पांचवां सबसे महत्वपूर्ण अनाज माना जाता है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जिनको ज्वार पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें नियासिन, राइबोफ्लैविविन और थियामीन जैसे विटामिनों के साथ-साथ मैग्नीशियम, • • • • • • • • • • हम सभी जानते हैं कि कई स्वस्थ खाद्य पदार्थों में कुछ मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार करता है। फाइबर की प्राप्ति के लिए ज्वार सबसे अच्छा भोजन है। इसके एक बार सेवन से हमें पूरे दिन का करीब 48% फाइबर मिल जाता है जो 12 ग्राम से अधिक होता है। इसका मतलब यह है कि यह पाचन तंत्र को अच्छा कर भोजन को तेजी से पचाने में मदद करता है और पेट की समस्या जैसे ऐंठन, सूजन, (और पढ़ें – myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे...

मकोय के फायदे ( Makoy Ke fayde in Hindi ) ~ आयुर्वेदिक 1 समाधान

Ayurvedic Solution, Gharelu iLaj, Gharelu Upay, Home Remedies · आयुर्वेदिक घरेलु उपचार ... Ayurvedic Solution · ज्योतिष ज्ञान Ayurvedic treatment for Asthma Ayurveda in Hindi, आयुर्वेद : आयुर्वेद तन, मन और आत्‍मा के बीच संतुलन बनाकर स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल त्‍वचा की देखभाल से लेकर बालों की देखभाल तक के लिए घरेलू नुस्‍खे (Dadima Ke Ayurvedic Nuskhe For Face) अपनाये जाते हैं। आयुर्वेदिक 1 समाधान loading... • मकोय के फल सवेरे सवेरे खाली पेट खाने से अपच की बीमारी ठीक होती है। • शहद मकोय के गुणों को सुरक्षित रख कर दोषों को दूर करता है। • यह वात , पित्त और कफ नाशक होता है। • यह सूजन और दर्द को दूर करता है। • आजकल मकोय के फलों का मौसम चल रहा है।मौसमी फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। • यह हर जगह अपने आप ही उग जाती है। सर्दियों में इसके नन्हे नन्हे लाल लाल फल बहुत अच्छे लगते हैं। ये फल बहुत स्वादिष्ट होते हैं और लाभदायक भी। इसके फल जामुनी रंग के या हलके पीले -लाल रंग के होते हैं। • शुगर की बीमारी हो या फिर कमजोरी हो तो मकोय के सूखे बीजों का पावडर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें। किडनी की बीमारी हों तो 10-15 दिन लगातार इसकी सब्जी खाइए। Makoy Ke fayde इसके 10 ग्राम सूखे पंचांग का 200 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीयें। • बुढापे में हृदय गति कम हो जाए तो इसके 10 ग्राम पंचांग का काढ़ा पीयें। हृदय की किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए 5 ग्राम मकोय का पंचांग और 5 ग्राम अर्जुन की छाल ; दोनों को मिलाकर 400 ग्राम पानी में पकाएँ। जब एक चौथाई रह जाए तो पी लें। • लीवर ठीक नहीं है, पेट खराब है , आँतों में infection है, spleen बढ़ी हुई है या फिर पेट में पानी भर गया है। सभी का इलाज...

पतंजलि लिव अमृत सिरप के फायदे, संकेत और लाभ

लीवर जिसे जिगर और यकृत भी कहते हैं, शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऑर्गन है। यह डायाफ्राम के नीचे, पेट के ऊपरी दाएं किनारे पर स्थित होता है। यह मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और औसत वयस्क में लगभग 1.5 किलोग्राम वजन का होता है। पाचन तंत्र से रक्त पहले जिगर के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है और फिर यहाँ से शरीर के दूसरे हिस्सों में जाता है। यकृत की मुख्य भूमिकाओं में शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाना, खाद्य पोषक तत्वों को संसाधित करना और शरीर चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करना आदि शामिल है। लीवर का कोई भी रोग इन महत्वपूर्ण कार्यों की श्रृंखला को होने से रोक सकता है। लीवर में अधिक वसा संचय, शराब का दुरुपयोग, वायरल संक्रमण, लौह या तांबा संचय, जहरीले क्षति और कैंसर आदि होनेपर लीवर सही से काम नहीं कर पाता। पतंजलि लिव अमृत सिरप एक लीवर टॉनिक है तथा यह लिवर / प्लीहा विकारों और पाचन विकारों में उपयोगी है। इसे लीवर के बढ़ जाने, पीलिया, फैटी लीवर और अन्य स्थितियों के उपचार में एडजूवेंट की तरह से लिया जा सकता है। यह हर्बल आयुर्वेदिक उत्पाद है जिसे लम्बे समय तक लेना सुरक्षित है। इसे बड़े और बच्चे सभी ले सकते हैं। पतंजलि लिव अमृत सिरप की कीमत लिव अमृत सिरप 200 ml की एमआरपी Rs 75 है। पतंजलि लिव अमृत सिरप के फायदे करे लीवर की रक्षा लिव अमृत सिरप में लीवर एंटीहेपाटॉक्सिक जड़ी बूटियाँ है जो लीवर को डैमेज से बचाती है। इसमें वे वनस्पतियां है जो मुख्य रूप से लीवर के रोगों और लीवर के टॉनिक की तरह से प्रयोग की जाती है। भूमि आंवला को यकृत विकारों और हेपेटाइटिस बी वायरस में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग मूत्रवर्धक, स्रोतों को खोलने वाला, एंटी-इन्फ्लेमाटरी, खून रोकने वाला है। लीवर रोगों में ...

मकोय के फायदे व नुकसान

मकोय के फायदे मकोय के पौधे मे सर्वप्रथम फूल, फिर कच्चे फल, और फिर पके फल मिलते है। इस पौधे को अधिक महत्व नही दिया जाता, क्योकी यह सदाबहार पौधे की श्रेणी आता है। तथा कही भी आसानी से उग जाता है। इसलिये गांव के लोग इसे घास (खड-पतवार) के श्रेणी मे रखते है। लेकिन इसमे लगने वाला फल छोटे बच्चो को खूब भाता है। (मकोय के फायदे) मकोय का पौधा और इसके आयुर्वेदिक गुण मकोय एक प्रकार का छोटा सा पौधा है। जो भारत मे अधिकांस छाया युक्त स्थानो पर, किसी भी ऋतु मे उग जाते है। यह सदाबहार पौधे होते है। यानी की मकोय के पौधे मे सभी महीनो मे फल व फूल देखा जा सकता है। मकोय के फायदे: मकोय का पौधा पूर्णरुप से आयुर्वेदिक होता है। अर्थात इस पौधे का तना, जड, फल, फूल, पत्तिया सभी मे आयुर्वेदिक गुण पाये जाते है। जो की सूजन, खांसी, घाव, अपच, मूत्र रोग, कान दर्द, गठिया का दर्द, आदि में फायदा पहुंचाता है। पढे – 1. 2. 3. मकोय का फल – मकोय का फल छोटा व गुच्छेदार होता है। कच्चे मे देखने पर यह हरे रंग का और पकने पर नीले या बैंगनी रंग का हो जाता है। मकोय की अन्य प्रजातिया भी होती है। जो पकने पर पीले या लाल भी हो जाती है। मकोय के फायदे – Benefits of Makoy मकोय खाने से अनेको फायदे होते है। कुछ निम्न है। मकोय के फायदे 1.मकोय वात , पित्त और कफ नाशक होता है। 2. शहद मकोय के गुणों को सुरक्षित रख कर दोषों को दूर करता है। 3. मकोय सूजन और दर्द को दूर करता है। 4. मकोय शुगर की बीमारी मे फायदेमंद होता है। 5. मकोय खाने से कमजोरी दूर होती है। 6. मकोय खाने से किडनी से जुडी बीमारी से निजाद मिलता है। 7. मकोय हृदय सम्बंधित बीमारियो को दूर करता है। और दिल को स्वस्थ व तंदरुस्त बनाता है। 8. मकोय लीवर, पेट खराब, आँतों में infection, आदि ...

मकोय के फायदे / Makoy Ke Fayde

मकोय (Makoy) को काकमाची भी कहते है। मकोय के पौधे एक से लेकर तीन फूट तक ऊंचे होते है। इसके फल छोटी गूदी के फलों के समान होते है। ये कच्ची हालत में हरे , पकने पर लाल और बाद में काले पड जाते है। मकोय के सभी अंग औषधोपयोग में आते है। मकोय त्रिदोष (कफ , वात और पित्त) नाशक , गरम , रसायन , नेत्रों को हितकर , स्वर को हितकर , वीर्यवर्धक तथा सूजन , कुष्ठ , बवासीर , बुखार , उल्टी , प्रमेह , हिचकी और ह्रदय रोग को नष्ट करती है। आयुर्वेदिक औषधियों में मकोय के उपयोग के कारण: मकोय के फायदे / Makoy Ke Fayde → कफ-पित्त और वात तीनों दोषों को नष्ट करने के लिये ( इन्दुवटी) → रसायन और वीर्यवर्धक गुण के लिये → सूजन को नष्ट करने के लिये → यकृत ( Liver) को शक्ति देकर उसके दोषों को दूर करने के लिये ( Livomyn Syrup) → ह्रदय को लाभ पहुंचाने के लिये → बवासीर , बुखार , कुष्ठ , ह्रदय रोग आदि रोगों की औषधियों में → मूत्रल और रेचक गुण के लिये आयुर्वेदिक औषधियों में मकोय एक सूजन को नष्ट करनेवाली औषधि है। यह यकृत ( Liver) को सुधारकर सूजन को नष्ट करती है। इसके सेवन से यकृत की तमाम क्रिया सुधार जाती है। यकृत की क्रिया बिगड़ने से जीतने भी रोग है जैसे बवासीर , सूजन , पेट के रोग आदि इस के सेवन से नष्ट हो जाते है। सूजन में इसके फलों का लेप और सेवन किया जाता है। इसके पत्तों के रस से दस्त साफ होकर आंतों के अंदर पैदा होनेवाला विष ( Toxin) नष्ट हो जाता है और जो थोड़ा बहुत विष यकृत में पहुंचता है वह पेशाब के जरिये से बाहर निकल जाता है। यूनानी मत से मकोय कान , नाक और आँखों की बीमारी में उपयोगी , गले में जलन को दूर करनेवाली तथा पुराना बुखार और यकृत की सूजन में बहुत उपयोगी होती है। यह औषधि गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाह...

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