Manovigyan ka arth

  1. मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है ? इसकी विभिन्न परिभाषा और उद्देश्यों का विस्तृत विवेचन
  2. मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा, विकास एवं सिद्धांत
  3. शैक्षिक मनोविज्ञान
  4. (Manovigyan) मनोविज्ञान meaning in hindi
  5. बाल मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा
  6. बाल मनोविज्ञान


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मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है ? इसकी विभिन्न परिभाषा और उद्देश्यों का विस्तृत विवेचन

मनोविज्ञान व्यावहारिक जीवन का विज्ञान है। यह ज्ञान की वह शाखा है जो प्राणियों के व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं जैसे कि बुद्धि, स्मृति, चिन्तन, सीखना, समस्या समाधान, निर्णय प्रक्रिया, विस्मरण का क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित अध्ययन करती है। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में प्राणी (मानव एवं पशु दोनों) किस प्रकार का व्यवहार करते है? उनके इस प्रकार व्यवहार करने के पीछे क्या-क्या कारण होते है? एक ही स्थिति में अलग-अलग प्राणी को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक है ? प्राणियों के मानसिक गुणों जैसे बुद्धि, उपलब्धि, अभिक्षमता, अभिवृत्ति इत्यादि तथा व्यक्तित्व शीलगुणों में विभिन्नता क्यों पायी जाती है आदि इन सभी का अध्ययन करना मनोविज्ञान व्यवहार तथा व्यक्तित्व तथा मानसिक गुणों का मापन तथा तुलनात्मक अध्ययन किस प्रकार किया जाये ? इस हेतु‘‘मनोवैज्ञानिक परीक्षणों‘‘ की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। मनोवैज्ञानिकों को ऐसे साधनों की आवश्यकता का अनुभव हुआ जो वैयक्तिक विभिन्नताओं के प्रत्येक पहलू का वस्तुनिष्ठ एवं वैज्ञानिक मापन तथा अध्ययन कर समायोजन बनाये रखने का प्रयास करें। वस्तुतः व्यक्तियों की उपलब्धि ज्ञान, शीलगुण इत्यादि का पता लगाने के लिये अतप्राचीनकाल से ही किसी न किसी प्रकार के परीक्षणों एवं मापन प्रविधियों का प्रयोग किया जाता रहा है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण से क्या अभिप्राय है ? यदि सामान्य बोलचाल की भाषा में प्रश्न का उत्तर दिया जाये तो कहा जा सकता है कि मनोवैज्ञानिक परीक्षण व्यावहारिक रूप से किसी व्यक्ति का अध्ययन करने की एक ऐसी व्यवस्थित विधि है, जिसके माध्यम से किसी प्राणी को समझा जा सकता है, उसके बारे में निर्णय लिया जा सकता है, उसके बारे में निर्णय लिया जा सकता है अर्थात एक व्यक्ति का बु...

मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा, विकास एवं सिद्धांत

मनोविज्ञान मानव मन का विश्लेषणात्मक रूप है। मन के भावों या मनोवेगों का आलय, मनोविकारों या अनुभूतियों का कोष है और मनोविज्ञान में इन्हीं भावों, अनुभूतियों, उद्वेगों की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है। मनोविज्ञान के विषय की ओर मानव मन सदा आकर्षित रहा है। उसे अपने और दूसरों के स्वभावों, गुणों, व्यवहारों, संबंधों, प्रयासों, सुख-दुःख तथा अन्य अनुभवों में रुचि रही है। मनुष्य की इन सब उधेड़बुन में सदियों तक प्रेक्षणों, अनुमानों, वाद-विवाद एवं खोज की अनेक धाराएँ चलती रही है। उन्हीं में मनोविज्ञान का जन्म एवं विकास हुआ है। मनोविज्ञान का अर्थ प्राचीन काल में मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र का ही एक अंग था, किन्तु सन् 1950 ई. में इसका एक स्वतंत्र विषय के रूप में प्रयोग किया गया। अंग्रेजी शब्द ‘साइकोलॉजी' यूनानी भाषा के 'साइके' (Psyche) तथा‘लोगस’ (Logous) शब्दों से मिलकर बना है। यूनानी भाषा में 'साइके' का अर्थ है 'आत्मा' तथा‘लोगस’ का अर्थ है 'विज्ञान' | इस प्रकार शाब्दिक अर्थ में 'साइकोलॉजी' का अर्थ है‘आत्मा का विज्ञान’। अर्थात् आत्मा का अध्ययन करना अथवा आत्मा संबंधित विचार करना। सन् 1950 से आज तक के क्रमिक विकास में मनोविज्ञान का स्वरूप बदलता गया है। कभी यह आत्मा का विज्ञान बना तो कभी मन का। विभिन्न कालों के अनुसार मनोविज्ञान का विकास निम्नानुसार है (अ) आत्मा का विज्ञान:- अपने प्रारंभिक काल में मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना जाता था और उसका मुख्य कार्य आत्मा के स्वरूप, अर्थ, कार्य आदि का अध्ययन करना था। अरस्तू, प्लेटो तथा भारतीय आदर्शवादी दार्शनिक इसे आत्मा का विज्ञान मानते थे पर वे यह नहीं बता पाये कि आत्मा क्या है ? उसका स्वरूप क्या है ? उसके कार्य क्या है ? परिणामस्वरूप यह जनसाधारण से प...

शैक्षिक मनोविज्ञान

शैक्षिक मनोविज्ञान (Educational psychology), शिक्षा मनोविज्ञान से तात्पर्य इस प्रकार शिक्षा मनोविज्ञान में व्यक्ति के व्यवहार, मानसिक प्रक्रियाओं एवं अनुभवों का अध्ययन शैक्षिक परिस्थितियों में किया जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका ध्येय शिक्षण की प्रभावशाली तकनीकों को विकसित करना तथा अधिगमकर्ता की योग्यताओं एवं अभिरूचियों का आंकलन करना है। यह व्यवहारिक मनोविज्ञान की शाखा है जो शिक्षण एवं सीखने की प्रक्रिया को सुधारने में प्रयासरत है। अनुक्रम • 1 शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा • 2 मनोविज्ञान की आवश्यकता • 3 इतिहास • 3.1 प्रमुख शिक्षा-मनोवैज्ञानिक • 4 शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र • 5 शिक्षा और मनोविज्ञान का संबंध • 6 मनोविज्ञान का शिक्षा के साथ संबंध • 7 मनोविज्ञान का शिक्षा में योगदान • 7.1 शिक्षा के उद्देश्य • 7.2 शिक्षा की विषयवस्तु • 7.3 शिक्षा के साधन • 7.4 शिक्षा की विधियाँ • 8 शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र • 9 शिक्षा मनोविज्ञान की विधियाँ • 9.1 आत्म निरीक्षण विधि (अर्न्तदर्शन विधि) • 9.2 जीवन इतिहास विधि या व्यक्ति अध्ययन विधि • 9.3 बहिर्दर्शन या अवलोकन विधि • 9.4 प्रश्नावली • 9.5 साक्षात्कार • 9.6 प्रयोग विधि • 9.7 मनोचिकित्सीय विधि • 10 इन्हें भी देखें • 11 बाहरी कड़ियाँ • 11.1 रोजगार • 11.2 पाठ्यपुस्तकें शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा [ ] शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो शिक्षा की समस्याओं का विवेचन, विश्लेषण एवं समाधान करता है। शिक्षा, स्किनर के अनुसार: शिक्षा मनोविज्ञान, शैक्षणिक परिस्थितियों में मानवीय व्यवहार का अध्ययन करता है। शिक्षा मनोविज्ञान अपना अर्थ शिक्षा से, जो सामाजिक प्रक्रिया है और मनोविज्ञान से, जो व्यवहार संबंधी विज्ञान है, ग्...

(Manovigyan) मनोविज्ञान meaning in hindi

मनोविज्ञान - मतलब हिंदी में Get definition, translation and meaning of मनोविज्ञान in hindi. Above is hindi meaning of मनोविज्ञान. Yahan मनोविज्ञान ka matlab devanagari hindi dictionary bhasha mai (मनोविज्ञान मतलब हिंदी में) diya gaya hai. What is Hindi definition or meaning of मनोविज्ञान ? ( Recently Viewed Hindi Words

बाल मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा

बाल मनोविज्ञानः– मनोविज्ञान शब्द में बाल ‘उपसर्ग' लगने से बना बाल मनोविज्ञान जिसका तात्पर्य बच्चों का मनोविज्ञान या बाल व्यवहार का अध्ययन । बालकों का मनोविज्ञान बहुत रोचक है। इसमें बाल्यावस्था में होने वाले क्रमिक विकास व्यक्तित्व संबंधी विशेषताओं और मनोदशा का अध्ययन किया जाता है। यदि हम बाल मनोविज्ञान पर शाब्दिक दृष्टि से ही विचार करें तो कह सकते है कि‘“बाल मनोविज्ञान बालक के मन का अध्ययन करता है। " “बाल मनोविज्ञान जन्म से किशोरावस्था तक विभिन्न विकासों का अध्ययन करता है।” बाल मनोविज्ञान का अर्थ बाल्यावस्था मानव के समूचे जीवन की आधारशीला है। अतः इस अवस्था में ही उसके जीवन को विकास की सही संतुलित दिशा मिलनी चाहिए जिससे स्वस्थ मानव जीवन निर्मित हो सके। वैसे प्राचीन काल से ही बचपन के महत्व को समझा जाता रहा है। भारत में धर्म ग्रंथों में भी गर्भस्थ शिशु से लेकर किशोरावस्था तक बालक के समूचे विकास के लिए कहा गया है फिर भी आधुनिक जीवन में बाल मनोविज्ञान के जन्म और विकास से यह क्षेत्र विस्तृत हो गया है। इसलिए बाल मनोविज्ञान को आज के युग की अनिवार्य आवश्यकता कहा गया है। ‘“बाल मनोविज्ञान बाल व्यवहार तथा मनोवैज्ञानिक वृद्धि से संबद्ध विज्ञान के लिए उपयोग में लाया जाने वाला एक सामान्य शब्द है। " बाल मनोविज्ञान का तात्पर्य बाल मन से है। बाल मनोविज्ञान बालक के मानसिक तथा शारीरिक दोनों के ही विकास का अध्ययन प्रस्तुत करता है। बाल मनोविज्ञान के अंतर्गत बालकों की विभिन्न प्रवृत्तियों के विकास का अध्ययन, विश्लेषण होता है। मनोविश्लेषकों ने बालकों के प्रत्येक व्यवहार और क्रियाओं का गहराई से अध्ययन किया और बालकों के स्वस्थ मनोविकास के लिए बाल मनोविज्ञान को समझना आवश्यक आवश्यक माना है। बाल मनोवि...

बाल मनोविज्ञान

अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 बालमनोविज्ञान की विधियाँ • 3 विकासात्मक मनोविज्ञान • 4 बालविकास • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] बालमनोविज्ञान, बालमनोविज्ञान का प्रारंभिक अध्ययन जर्मनी के विद्वानों ने बालक के सीखने की प्रक्रियाओं पर अनेक प्रयोग किए और सीखने की क्रिया के गूढ़ रहस्य को समझाने के मौलिक सिद्धांतों का अन्वेषण किया। इन विद्वानों ने बालमन और पशुमन की सीखने की प्रणाली में समानता दिखलाने की चेष्टा की है और यह बताने का प्रयास किया है कि जो मानसिक विकास बंदर और बनमानुष से प्रारंभ होता है, वह मानव जीवन में जारी रहता है। यूरोप के विद्वानों की अधिकतर खोजों का उपयोग इंग्लैंड की शिक्षा के क्षेत्र में किया गया है। यहाँ बुद्धिमापक परीक्षाओं का विशेष विकास हुआ। बालक की भिन्न भिन्न योग्यताओं में आपसी संबंध क्या है, यह जानने की चेष्टा की गई। इस दिशा में सीयरमैन और टॉमसन के प्रयोग अत्यंत महत्व के है। इसके अतिरिक्त असाधारण बालकों के विषय में जानकारी की गई और उनकी उचित शिक्षा तथा सुधार के लिए महत्व के सिद्धांत निर्धारित किए गए। डॉ॰ सिल्डवर्ट का अपराधी बालकों का अध्ययन महत्व की देन है। डॉ॰ होमरलेन के अपराधी बालकों के सुधार संबंधी प्रयोग भी महत्व के हैं। बाल मनोविज्ञान संबंधी व्यापक कार्य अमरीका के विद्वानों के प्रयास से हुआ है। जो काम सीमित रूप से दूसरे दशों में किया गया, वह सुसंगठित और विस्तृत ढंग से अमरीका में हुआ है। अमरीका में आज भी सैकड़ों, विद्वान् बालक के विकास की भिन्न भिन्न दशाओं का अध्ययन अनेक वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में कर रहे हैं। डॉ॰ स्टेनले हाल ने किशोर बालकों का जैसा अध्ययन किया है, वैसा संसार में दूसरी जगह नहीं हुआ। उनकी "ऐडोलेसेंस" नामक पुस्तक बालमनोविज्ञान ...