में,

  1. Pratyay in Hindi प्रत्यय
  2. हिंदी साहित्य
  3. हिंदी वर्णमाला
  4. में


Download: में,
Size: 64.44 MB

संस्कृत

अवनित अंक बादशाही में देख के नारी अंक फुलाए के अष्ट मेल करले भाग दो गुनसट से बनता अंक निहाल भैंगा होई सोई अवसे वही अंक निधी शक्तिचालिनी --- आसन तंत्रिका शक्ति शक्तित्रयः --- `ichcha ',` क्रिया और `gyana के तीन शक्तियों' शक्यं --- करने में सक्षम है। शक्यः --- व्यावहारिक शक्यत्त्वात् --- क्षमता से शक्रस्य --- भगवान इंद्र की शङ्खः --- (पु) एक शंख शठः --- धोखेबाज शतं --- एक सौ शतकोटि: --- 100 कोटि या 1000 लाख शततन्त्री --- (स्त्री) संतूर (shatatanrii viiNaa) शततारका --- चौबीसवें नक्षत्र सौ मामूली सितारों शतपदी --- (स्त्री) सौ पद शतशः --- सैकड़ों शतेन --- सौ शत्रुः --- दुश्मन शत्रुत्वे --- दुश्मनी की वजह से शत्रुवत् --- एक दुश्मन के रूप में शनिः --- शनि ग्रह शनिवासरः --- शनिवार शनैः --- धीरे - धीरे शब्दः --- संयुक्त ध्वनि शब्दकोषः --- शब्दकोश, शब्दकोश, शब्दावली, शब्दकोष शब्दब्रह्म --- शास्त्रों का कर्मकांडों सिद्धांतों शब्दसङ्ग्रहः --- शब्दावली शब्दसमूहः --- शब्दों का एक समूह है, शब्दों का एक संग्रह, शब्दावली शब्दार्थः --- शब्द का अर्थ शब्दावलिः --- (स्त्री) शब्दावली शमः --- सभी सामग्री गतिविधियों की समाप्ति शयनं --- नीन्द शयनप्रकोष्ठः --- बेडरूम (मीटर) शयनागारः --- शयनागार शयनासनम् --- सोना मुद्रा शय्या --- (स्त्री) बिस्तर शरः --- तीर शरणं --- / सहारा आत्मसमर्पण शरणार्थी --- शरणार्थी शरद् --- शरद ऋतु शरीरं --- शरीर शरीरस्थं --- शरीर के भीतर स्थित है शरीरे --- शरीर में शर्करा --- (स्त्री) चीनी शलभः --- तृण - भोजी टिड्डा (पु) शलभासनम् --- टिड्डी आसन शल्यः --- साही (पु) शल्यकारः --- सर्जक शल्यचिकित्सकः --- (मीटर) सर्जन शशः --- खरगोश शशाङ्कः --- चांद शशि --- चांद शस्त्रं --- हथिया...

Pratyay in Hindi प्रत्यय

In this page we are providing all प्रत्यय – Pratyay ki Paribhasha, Prakar, Bhed aur Udaharan (Examples) in Hindi Grammar प्रत्यय‘प्रत्यय’ दो शब्दों से बना है– प्रति + अय। ‘प्रति’ का अर्थ है ‘साथ में, पर बाद में; जबकि ‘अय’ का अर्थ ‘चलने वाला’ है। अत: ‘प्रत्यय’ का अर्थ हुआ, ‘शब्दों के साथ, पर बाद में चलने वाला या लगने वाला, अत: इसका प्रयोग शब्द के अन्त में किया जाता है। प्रत्यय किसी भी सार्थक मूल शब्द के पश्चात् जोड़े जाने वाले वे अविकारी शब्दांश हैं, जो शब्द के अन्त में जुड़कर उसके अर्थ में या भाव में परिवर्तन कर देते हैं अर्थात् शब्द में नवीन विशेषता उत्पन्न कर देते हैं या अर्थ बदल देते हैं। जैसे– • सफल + ता = सफलता • अच्छा + ई = अच्छाई यहाँ ‘ता’ और ‘आई’ दोनों शब्दांश प्रत्यय हैं, जो ‘सफल’ और ‘अच्छा’ मूल शब्द के बाद में जोड़ दिए जाने पर ‘सफलता’ और ‘अच्छाई’ शब्द की रचना करते हैं। हिन्दी भाषा के प्रत्यय को चार भागों में विभक्त किया गया है। जो निम्न हैं • संस्कृत प्रत्यय • हिन्दी प्रत्यय • विदेशज प्रत्यय • ई प्रत्यय हिन्दी प्रत्यय (i) कृत् (कृदन्त) मूल क्रिया के साथ कृत् प्रत्यय को जोड़कर नए शब्दों की रचना की जाती है। • प्रत्यय – मूल क्रिया – उदाहरण • अ – लूटू, खेल – लूट, खेल • अक्कड़ – पी, घूम् – पिअक्कड़, घुमक्कड़ • अन्त – लड़, पिट् – लड़न्त, पिटन्त • अन – जल, ले – जलन, लेन • अना – पढ़, दे – पढ़ना, देना • आ – मेल, बैठ – मेला, बैठा • आई – खेल, लिख – खेलाई, लिखाई • आऊ – टिक्, खा – टिकाऊ, खाऊ • आन – उठ्, मिल् – उठान, मिलान • आव – घुम् , जम् – घुमाव, जमाव • आवा – छल्, बहक् – छलावा, बहकावा • आवना, – सुह, डर – सुहावना, डरावना • आक, आका, आकू – तैराक, लड़ाका, पढ़ाकू • आप, आपा – तैर...

हिंदी साहित्य

अनुक्रम • 1 हिन्दी साहित्य का आरम्भ • 1.1 आदिकाल • 1.2 भक्ति काल • 1.3 रीति काल का परिचय • 1.4 आधुनिक काल • 1.5 नव्योत्तर काल • 2 हिन्दी की विभिन्न बोलियों का साहित्य • 3 हिन्दी साहित्य के लिए पुरस्कार • 4 इन्हें भी देखें • 4.1 प्रमुख हिंदी साहित्यकार • 4.2 हिन्दी के प्रमुख ग्रन्थ • 4.3 अन्य • 5 सन्दर्भ हिन्दी साहित्य का आरम्भ [ ] मुख्य लेख: भाषा के विकास-क्रम में हिन्दी साहित्य के लिए पुरस्कार [ ] स्थापना वर्ष पुरस्कार का नाम पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था 1922 1935 1954 1965 1983 भारतीय ज्ञानपीठ 1986 राजभाषा कीर्ति पुरस्कार राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार 1982 1986 1989 1991 1991 के के बिड़ला फाउंडेशन आजीवन साहित्य साधना पुरस्कार माधव प्रसाद मिश्र सम्मान महाकवि सूरदास सम्मान इन्हें भी देखें [ ] प्रमुख हिंदी साहित्यकार [ ] • • • हिन्दी के प्रमुख ग्रन्थ [ ]

हिंदी वर्णमाला

वर्ण क्या हैं? हिंदी भाषा की सबसे छोटी लिखित इकाई वर्ण कहलाती है। या देवनागरी लिपि में भाषा की सबसे छोटी इकाई को ही वर्ण कहते हैं। दूसरे शब्दों में ‘स्वर एवं व्यंजन के सम्मिलित रूप को ही वर्ण कहा जाता है।’ हिंदी वर्णमाला कुल 52 वर्ण हैं। Hindi Varnamala हिंदी वर्णमाला में कुल कितने वर्ण होते हैं? हिन्दी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं। इसमें पहले स्वर वर्ण तथा बाद में व्यंजन वर्ण की व्यवस्था है। विभिन्न प्रकार से हिन्दी वर्णमाला में वर्णों की संख्या इस प्रकार है- • कुल वर्ण – 52 (13 स्वर, 39 व्यंजन) • लेखन के आधार पर वर्ण – 52 (13 स्वर, 39 व्यंजन) • मानक वर्ण – 52 (13 स्वर, 39 व्यंजन) • मूल वर्ण – 44(11 स्वर, 33 व्यंजन) –“ अं, अः, ड़, ढ़, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र” को छोड़कर • उच्चारण के आधार पर कुल वर्ण – 47 (10 स्वर, 37 व्यंजन) –“ ऋ, अं, अः, ड़, ढ़” को छोड़कर स्वर वर्ण जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से या बिना रुकावट के या बिना अवरोध के किया जाये और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हों वे स्वर कहलाते है। स्वर संख्या में कुल 13 हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ अं, अः। स्वरों का वर्गीकरण 1. मात्रा / कालमान / उच्चारण के आधार पर स्वर के भेद या प्रकार इस आधार पर स्वर के तीन भेद होते हैं – १. ह्रस्व स्वर, २. दीर्घ स्वर, ३. प्लुत स्वर। मात्रा का अर्थ ‘उच्चारण करने में लगने वाले समय’ से होता है। ह्रस्व स्वर (Hrasva Swar) जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। इनमें मात्राओं की संख्या 1 होती है। ह्रस्व स्वर हिन्दी में चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। ह्रस्व स्वर को छोटी स्वर या एकमात्रिक स्वर या लघु स्वर भी कहते हैं। दीर्घ स्वर (Deergh Swar) जिन स्वरों के...

में

Contents • 1 Hindi • 1.1 Etymology • 1.2 Pronunciation • 1.3 Postposition • 1.3.1 Derived terms • 1.3.2 References • 1.3.3 Further reading Hindi [ ] Etymology [ ] ( majjhe ), from ( mádhye ), locative of ( mádhya, “ ” ), from The spontaneous nasalization is a common phenomenon in New Indo-Aryan. Compare Hindi ( sā̃p, “ ” ) from Sanskrit ( sarpa ). Pronunciation [ ] • ( Delhi Hindi ) ( /mẽː/ • Audio ( Postposition [ ] में mẽ) ( Urdu spelling • घर में ― ghar mẽ ― inside the house कमरे में ― kamre mẽ ― in the room Synonym: ( ke andar ) • • Reinöhl, Uta(2016),“The diverse origins of the Hindi simple postpositions”, in Grammaticalization and the Rise of Configurationality in Indo-Aryan, Further reading [ ] • The Oxford Hindi-English Dictionary, London: Oxford University Press • Siksarthi Hindi-Angrejhi Sabdakosa[ Learners' Hindi-English Dictionary], Delhi: Rajpal & Sons. • A dictionary of Urdu, classical Hindi, and English, London: W. H. Allen & Co.