मेंढक का परिवहन तंत्र

  1. परिवहन
  2. मेंढक
  3. मेंढक का जीवन चक्र: चरण और योजनाबद्ध चित्र
  4. 11: जंतुओं और पादप में परिवहन / Vigyan
  5. मेंढक क्या है


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परिवहन

भारतीय कृषि की तरक्की में एक बड़ी बाधा अच्छी परिवहन व्यवस्था की कमी भी है। आज भी देश के कई गांव और केंद्र ऐसे हैं जो बाजारों और शहरों से नहीं जुड़े हैं। वहीं कुछ सड़कों पर मौसम का भी खासा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में, किसान स्थानीय बाजारों में ही कम मूल्य पर सामान बेच देते हैं। कृषि क्षेत्र को इस समस्या से उबारने के लिए बड़ी धनराशि के साथ-साथ मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता भी चाहिए। Transportation (परिवहन) परिवहन: परिवहन उस सुविधा को कहते हैं जिसमें जीव और निरजीव को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते हैं। बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी, रिक्शा, साइकिल, कार, बस, ट्र्क, रेलगाड़ी, हवाई जहाज़, लिफ़्ट, ट्राली, ट्राम, मेट्रो, जल यान, नाव, राकेट, रेलगाड़ी आदि कुछ प्रमुख परिवहन के साधन हैं। परिवहन के मार्ग • सड़क मार्ग • रेल मार्ग • हवाई मार्ग • जल मार्ग परिवहन की विधि परिवहन की विधि (या परिवहन के साधन या परिवहन प्रणाली या परिवहन का तरीका या परिवहन के रूप) वह शब्द हैं जो वस्तुत: परिवहन के अलग-अलग तरीकों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। सबसे प्रमुख परिवहन के साधन हैं हवाई परिवहन, रेल परिवहन सड़क परिवहन और जल परिवहन, लेकिन अन्य तरीके भी उपलब्ध हैं जिनमें पाइप लाइन, केबल परिवहन, अंतरिक्ष परिवहन और ऑफ-रोड परिवहन भी शामिल हैं। मानव संचालित परिवहन और पशु चालित परिवहन अपने तरीके का परिवहन है, लेकिन यह सामान्य रूप से अन्य श्रेणियों में आते हैं। सभी परिवहन में कुछ माल परिवहन के लिए उपयुक्त हैं और कुछ लोगों के परिवहन के लिए उपयुक्त हैं। प्रत्येक परिवहन की विधि को मौलिक रूप से विभिन्न तकनीकी समाधान और कुछ अलग वातावरण की आवश्यकता होती है। प्रत्येक विधी की अपनी बुनियादी सुविधाएं, वाहन, कार्य और अक्सर विभिन्न वि...

मेंढक

मेढक या मण्डूक सामयिक शृंखला: ट्रायासिक – वर्तमान लाल-अक्षी वृक्ष मेंढक ( Litoria chloris) अनुरा विश्व में मेंढक का वितरण (काले रंग में) मेंढक ( मेंढक भेक या दादुर तथा मेंढक में कुछ अंतर है जैसे दादुर अधिकतर जमीन पर रहता है, इसकी त्वचा शुष्क एवं झुर्रीदार होती है जबकि मेंढक की त्वचा कोमल एवं चिकनी होती है। मेंढक का आकारिकी मण्डूक की त्वचा मण्डूक का शरीर शिर व धड़ में विभाजित रहता है। बाह्यसूत्र • • • San Francisco Chronicle, April 20, 1992 • • • • • Acèh • Afrikaans • Alemannisch • አማርኛ • Aragonés • Ænglisc • العربية • مصرى • অসমীয়া • Asturianu • Azərbaycanca • تۆرکجه • Башҡортса • Basa Bali • Boarisch • Bikol Central • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • भोजपुरी • বাংলা • Brezhoneg • Bosanski • Català • 閩東語 / Mìng-dĕ̤ng-ngṳ̄ • Нохчийн • Cebuano • ᏣᎳᎩ • کوردی • Čeština • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Dagbanli • Deutsch • Thuɔŋjäŋ • डोटेली • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Võro • Føroyskt • Français • Arpetan • Nordfriisk • Gaeilge • 贛語 • Gàidhlig • Galego • گیلکی • Avañe'ẽ • Bahasa Hulontalo • Wayuunaiki • Gaelg • Hausa • 客家語/Hak-kâ-ngî • עברית • Fiji Hindi • Hrvatski • Kreyòl ayisyen • Magyar • Հայերեն • Interlingua • Bahasa Indonesia • Iñupiatun • Ilokano • ГӀалгӀай • Íslenska • Italiano • ᐃᓄᒃᑎᑐᑦ / inuktitut • 日本語 • Jawa • ქართული • Taqbaylit • Gĩkũyũ • Қазақша • ភាសាខ្មែរ • ಕನ್ನಡ • 한국어 • Kurdî • Кыргызча • Latina • Limburgs • Lietuvių • Latviešu • Мокшень • Minangkabau • Македонски • മലയാളം • Монгол • मराठी • К...

मेंढक का जीवन चक्र: चरण और योजनाबद्ध चित्र

विषय - सूची • • • • • मेंढक एक बहुत ही सामान्य प्रकार के उभयचर हैं और पूरे ग्रह में व्यापक रूप से वितरित किए जाते हैं। वे काफी हद तक पानी पर निर्भर करते हैं, क्योंकि उन्हें सांस लेने के लिए इसकी आवश्यकता होती है, और उनके जीवन चक्र में कई अलग-अलग चरण शामिल होते हैं, जो अच्छी तरह से अलग-अलग होते हैं और यह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में भिन्न हो सकते हैं। सभी प्रजातियों की तरह, वे अपने पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए एक मूलभूत कारक हैं। ग्रीन इकोलॉजिस्ट में हम आपको चाबियां देते हैं ताकि आप इसके मुख्य बिंदुओं को जान सकें मेंढक का जीवन चक्र और हम आपको इन चरणों का कारण जानने में मदद करते हैं। इसके अलावा, आप प्रत्येक चरण और चक्र की छवियों को देखने में सक्षम होंगे। एक मेंढक के जीवन चक्र के चरण और चित्र संक्षेप में, हम संकेत कर सकते हैं कि मेंढक के जीवन चक्र में निम्नलिखित चरण या चरण होते हैं, प्रजनन और अंडे देने के क्षण से शुरू: • अंडे देना और भ्रूण अवस्था। • अंडे सेने या टैडपोल का जन्म। • टैडपोल का वयस्क मेंढकों में कायापलट। • वयस्क मेंढकों का प्रजनन। इस अंतिम बिंदु से, मेंढकों का जीवन चक्र फिर से पहले बिंदु से शुरू होता है। एक वयस्क मेंढक अपने पूरे जीवन में कई बार प्रजनन करता है जब तक कि वह मर नहीं जाता। नीचे, प्रत्येक चरण या अवस्था का विवरण खोजने के अलावा, आप देख सकते हैं मेंढक के जीवन चक्र की तस्वीरें. मेंढकों की भ्रूण अवस्था मेंढक, सभी की तरह उभयचर, डिंबग्रंथि जानवर हैं, अर्थात उनके पास a यौन प्रजनन अंडे का उपयोग करना। मेंढक के अंडे में बड़ी मात्रा में जर्दी होती है, जो पोषक तत्वों का एक भंडार है जिसका उपयोग भ्रूण अपने विकास को पूरा करने के लिए करेगा। इस जर्द...

11: जंतुओं और पादप में परिवहन / Vigyan

• • NCERT: Text Format • • • • • • • • • • • • • Rationalised NCERT • • • • • • • • • • • • • Old NCERT (2015) • • • • • • • • • • • • • Lab Manuals & Kits • • e-Books for UPSC • • Android App • • NCERT Books • • • • • • • • • H. C. Verma • • • Lakhmir Singh • • • • • • • • • R. D. Sharma • • • • • • • • R. S. Aggarwal • • • • • • • All in One • • • • • • • • • Evergreen Science • • • Together with Science • • • Xam Idea 10 th Science • • Classroom Courses • • • • • • • UPSC Exams • • Teaching • • Banking • • • Hair Accessories • Jewellery • Stationery • Lunch Boxes • • Explore Store आप जानते हैं कि सभी जीवों को जीवित रहने के लिए भोजन, जल और अॉक्सीजन की आवश्यकता होती है। उन्हें इन सभी पदार्थों को अपने शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाना होता है। साथ ही जंतुओं को उन अंगों में उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन उस स्थान तक करना होता है, जहाँ से उन्हें बाहर निकाला जा सके। क्या आप जानते हैं, यह सब कैसे संभव होता है? चित्र 11.1 को देखिए। क्या आपको हृदय और रक्त वाहिनियाँ दिखाई दे रही हैं? हृदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का परिसंचरण तंत्र बनाती हैं। इस अध्याय में हम पादप और जंतुओं में पदार्थों के परिवहन के बारे में अध्ययन करेंगे। जब आपके शरीर का कोई भाग कट जाता है, तो क्या होता है? रक्त या रुधिर बाहर बहने लगता है, लेकिन रक्त है क्या? रक्त वह तरल पदार्थ या द्रव है, जो रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। यह पाचित भोजन को क्षुद्रांत (छोटी आँत) से शरीर के अन्य भागों तक ले जाता है। फेफड़ों से अॉक्सीजन को भी रक्त ही शरीर की कोशिकाओं तक ले जाता है। रक्त शरीर में से अपशिष्...

परिवहन

यातायात देश के सतत विकास में सुव्यवस्थित एवं समन्वित यातायात प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पिछले कुछ वर्षों में यातायात के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास देखने को मिला है, जिसके पश्चात देश के सुदूर क्षेत्रों तक यातायात सेवाओं का विस्तार हुआ है एवं लोगों को इसका लाभ भी प्राप्त हुआ है। इस खंड में यातायात के विभिन्न साधनों,जैसे –रेल, सड़क, जलमार्ग, वायुमार्ग एवं मेट्रो इत्यादि से संबंधित जानकारी प्रदान की गई है। इस क्षेत्र से संबंधित मंत्रालयों एवं संगठनों, नीतियों, योजनाओं, परियोजनाओं, एवं ऑनलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी यहाँ दी गई है।

मेंढक क्या है

मेंढक (Frog) : वैगानिक नाम = राना टिग्रिना वर्गीकरण :- संघ – कोड्रेटा वर्ग – एम्फिबिया गण – एन्युरा वंश – राना जाति – टिग्रीना आवास व प्रकृति : यह गड्डे , तालाब , दलदल व नम स्थानों पर पाया जाता है , यह समतापी प्राणी है , अनुहरण की क्षमता होती है | यह जल व थल दोनों आवासों में रह सकता है , यह शीत निष्क्रियता व ग्रीष्म निष्क्रियता प्रकट करता है | बाह्य आकारिकी • त्वचा : मेंढक की त्वचा मुलायम नम व लसलसी होती है , त्वचा पर अनियमित धब्बे होते है , निचली सतह हल्के पीले रंग की होती है | मेढक पानी नहीं पीता बल्कि त्वचा द्वारा अवशोषित करता है | • मेंढक का शरीर सिर , धड में विभाजित रहता है | • मेंढक में गर्दन व पूंछ का अभाव होता है | • मुख के ऊपर एक जोड़ी नासिका द्वार तथा निमेषक पटल युक्त आँखे पायी जाती है | • आँखों के दोनों ओर कर्णपट्ट उपस्थित होता है जबकि बाह्य कर्ण का अभाव होता है | • मेंडक में दो जोड़ी पैर , अग्रपाद व पश्च पाद होते है जो गमन करने व गड्ढा बनाने में सहायक होते है | • अग्र पाद में चार व पश्चपाद में 5 अंगुलियाँ होती है | • पश्चपाद में झिल्लीयुक्त संरचना पायी जाती है जो तैरने में सहायक है | • नर मेंढक में ध्वनी उत्पन्न करने के वाक् कोष व अग्र पाद की पहली अंगुली पर मैथुनांग पाया जाता है | • मादा में वाक्कोष व मैथुनांग का अभाव होता है | आन्तरिक आकारिकी • आहारनाल : मेंढक एक माँसाहारी प्राणी है , मेंडक का पाचन तंत्र आहारनाल व पाचक ग्रंथियों से बना होता है , आहारनाल के अन्तर्गत सिर के अग्र सिरे पर एक अर्द्धचन्द्राकर मुख होता है | जो मुखगुहिका में खुलता है , मुखगुहिका में एक द्विपालित जीभ होती है , जो पीछे से स्वतंत्र व आगे से जुडी रहती है | मुखगुहिका में दो जबड़े होते है ,...