मेहदी हसन

  1. Mehidy Hasan Profile
  2. 13th June History On This Day Acharya Atre Death Anniversary EMS Namboodiripad Birth Anniversary Mehdi Hasan Death Anniversary
  3. मेहदी हसन
  4. Death Anniversary: शहंशाह
  5. मेहदी हसन पुण्यतिथि: साइकल मेकेनिक से


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Mehidy Hasan Profile

Career Information Teams Played Bangladesh, Bangladesh A, Khulna Division, Bangladesh Under-19, 1st Place, Chattogram Challengers, Bangladesh Central Zone, Bangladesh South Zone, Trinbago Knight Riders, Bangladesh Under-23, Khelaghar Samaj Kallyan Samity, Kalabagan Cricket Academy, Abahani Limited, Sheikh Jamal Dhanmondi Club, Mohammedan Sporting Club, Comilla Victorians, Rajshahi Royals, Khulna Tigers, Bangladesh Emerging, Mahmudullah XI, Tamim XI, Fortune Barishal Career Span Mehidy Hasan Miraz is known for his heroics with the red ball. He is a right-arm off-break bowler who also is a handy batsman down the order. Hasan showcased his brilliance with the ball right from his teenage days. Even though his parents wanted him to continue his studies, Hasan had other plans for his future. At a young age of 16, he was determined to become a cricketer and represent his nation one day. Mehidy's effort and skills at the age-level cricket earned him the position of the captain of the Bangladesh U-19 for the 2014 U-19 WC at a tender age. In the following year, he made his first-class debut for the Khulna Titans as well. In the 2016 edition also, Mehidy was named as Bangladesh U-19 captain for the U-19 WC and the tournament was a life-changing one for the all-rounder. Mehidy was outstanding throughout and his all-round efforts led to his team finishing third on the points table. He made headlines after grabbing the Player of the Tournament award. His top form continued in the follow...

13th June History On This Day Acharya Atre Death Anniversary EMS Namboodiripad Birth Anniversary Mehdi Hasan Death Anniversary

13th June In History: साहित्यिक, अष्टपैलू व्यक्तीमत्त्व आचार्य अत्रे, गझल सम्राट मेहदी हसन यांचे निधन; आज इतिहास 13th June In History: आजचा दिवस सामाजिक, राजकीय आणि सांस्कृतिक क्षेत्रासाठी महत्त्वाचा आहे. आचार्य अत्रे यांचे निधन आजच्या दिवशी झाले. तर, कम्युनिस्ट नेते ई.एम.एस. नंबुद्रीपाद यांचा आज जन्मदिवस... 13th June In History: आजचा दिवस सामाजिक, राजकीय आणि सांस्कृतिक क्षेत्रासाठी महत्त्वाचा आहे. साहित्य, चित्रपट, पत्रकारिता, सामाजिक-राजकीय लढे यामध्ये मोलाचे योगदान देणारे प्रल्हाद केशव अत्रे उर्फ केशवकुमार, सर्वांचे लाडके आचार्य अत्रे यांचे निधन आजच्या दिवशी झाले. जगभरात क्रांतीची लाट सुरू असताना भारतात लोकशाही मार्गाने स्थापन झालेल्या कम्युनिस्ट सरकारचे पहिले मुख्यमंत्री ई.एम. एस. नंबुद्रीपाद यांचा जन्म आजच्या दिवशी झाला. तर, गझल सम्राट मेहदी हसन यांचे निधन आजच्या दिवशी झाले. 1909 : ज्येष्ठ कम्युनिस्ट नेते ई.एम.एस नंबुद्रीपाद यांचा जन्म भारतातील कम्युनिस्ट चळवळीतील प्रमुख नेते, विचारवंत आणि केरळचे मुख्यमंत्री म्हणून काम केलेले ई. एम. नंबुद्रीपाद यांचा आज जन्मदिवस. लोकशाही मार्गाने स्थापन झालेल्या कम्युनिस्ट सरकारचे ते पहिले मुख्यमंत्री होते. डाव्या चळवळीत ईएमएस या नावाने ते परिचित आहेत. ईएमएस यांनी स्वातंत्र्य चळवळीत सहभाग घेतला होता. त्याशिवाय त्यांनी केरळमधील जातीय प्रथांविरोधातही आंदोलने उभी केली. त्यांच्या नेतृत्वात कम्युनिस्ट पक्षाचे केरळमध्ये सरकार आल्यानंतर त्यांनी जमीन सुधारणा घडवून आणत जमिनीचे फेरवाटप केले. शैक्षणिक सुधारणाही घडवून आणल्या. हे निर्णय म्हणजे आधुनिक, सामाजिक निर्देशांकात केरळला अग्रसेर करण्यासाठीचा पाया होता. ईएमएस हे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्षा...

मेहदी हसन

पूरा नाम मेहदी हसन ख़ान अन्य नाम ख़ाँ साहब जन्म जन्म भूमि मृत्यु मृत्यु स्थान अभिभावक संतान नौ बेटे और पाँच बेटियाँ कर्म भूमि ब्रिटिश भारत और कर्म-क्षेत्र मुख्य रचनाएँ 'रंजिश ही सही..', 'ज़िंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं...', 'गुलों में रंग भरे' आदि। पुरस्कार-उपाधि 'तमगा-ए-इम्तियाज़', 'हिलाल-ए-इम्तियाज़ पुरस्कार', 'सहगल अवॉर्ड'। नागरिकता पाकिस्तान अद्यतन‎ 17:43, 14 जून 2012 (IST) मेहदी हसन ( Mehdi Hassan, जन्म: जीवन परिचय ग़ज़ल सम्राट मेहदी हसन का जन्म 18 जुलाई, 1927 को गायकी की शुरुआत ख़ाँ साहब को सन कार्यक्षेत्र जीवन चलाने के लिए उन्होंने पहले एक साइकिल की दुकान में काम किया और बाद में बतौर कार मैकेनिक का काम किया। परंतु इन दिक्कतों के बावजूद ख़ाँ साहब का ग़ज़ल गायकी के प्रति लगाव कम नहीं हुआ। ख़ाँ साहब दिनभर की मेहनत के बाद रोजाना प्रशंसा और श्रद्धांजलि • भारतीय संगीत की दुनिया के एक अन्य महान् कलाकार • • मेहदी हसन के दोस्त नारायण सिंह ने कुछ शायराना अंदाज़ में याद किया, 'वो आता मिल के जाता, चला गया मिलने वाला। कयामत तक उसकी ग़ज़ल रहेगी, चला गया गाने वाला।' • लूणा गांव के लोगों का कहना है कि मेहदी हसन बचपन में पाकिस्तान गए थे और उसके बाद से तीन बार यहां आ चुके हैं। मेहदी हसन ने लूणा गांव में एक सरकारी स्कूल में दो कमरों के निर्माण में भी मदद दी थी। संगीत के बड़े दिग्गज़ों ने उन्हें ग़ज़ल सम्राट के ख़िताब से भी नवाज़ा। • आबिदा परवीन कहती हैं, 'हर पंक्ति, हर ग़ज़ल मेहदी हसन साहब की ही है। हमारे ज़हन से, दिल से यहां तक कि हमारी रूह से मेहदी हसन कभी निकल ही नहीं सकते। मैं तो कहूंगी कि जाते-जाते वो सब जगह बस धुंआ ही कर गए हैं। एक अजब क़यामत ढा गए हैं। आबिदा ये भी कहती ह...

Death Anniversary: शहंशाह

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।भारत में हुए पुलावामा हमले ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद बहुत से पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम मिलना बंद हो गया, हालांकि इसमें कुछ ऐसे कलाकार भी रहे जो अभी भी भारतीय लोगों के दिलों पर राज करते हैं। ऐसे ही महान कलाकारों में से एक थे मेहंदी हसन। मेहंदी हसन की गजलों कोआज भी लोग बेहद पसंद करते हैं। आज यानी 13 जूनको गजलों के शहंशाह मेहंदी हसन की डेथ एनिवर्सरी है। मेहंदी हसन ऐसे में बने गजलों के शहंशाह मेहंदी हसन का जन्म 18 जुलाई 1927 को राजस्थान के झुंझनू जिले में हुआ। बचपन से ही उनकाझुकाव संगीत की ओर था क्योंकि उनके पिता अजीम खान और चाचा इस्माइल खान इस क्षेत्र में उस्ताद की उपाधि प्राप्त कर चुके थे। मेहंदी हसन कोबचपन से ही इसकी शिक्षा मिलनी शुरू हो गई थी। ऐसे में जब मेहंदी हसन 18 साल के हुए तब तक, वह संगीत की दुनिया के मास्टर बन गए थे। वह स्टेज परभीपरफॉर्म करने लगे थे। हालांकि जब वह महज 20 साल के थे तभी भारत -पाकिस्तान के विभाजन के कारण उन्हें पाकिस्तान जाना पड़ा। लेकिन उनके चाहने वालेभारत में भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। ऐसे में जब भी उनका भारत आने का मन करता थातो वह यहां आ जाते थे। आजहम आपको उनकी कुछ शानदार गजलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आज भीलोग दीवानों की तरह पसंद करते हैं। मेहंदी हसन की मशहूर गजलें 'रंजिश ही सही' 'शिकवा न कर, गिला न कर' ' रफ्ता रफ्ता' ' मुझे तु्म नजर से' Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Top News • बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, दिल्ली पुलिस ने की पोक्सो मामला रद्द... • नीतीश के लोकसभा चुनाव जल्दी होने की संभावना पर तेजस्वी बोले- यह... • बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट : पहलवानों के प्रद...

मेहदी हसन पुण्यतिथि: साइकल मेकेनिक से

Mehdi Hassan Death Anniversary: पाकिस्तानी सिंगर मेहंदी हसन को दुनियाभर में ‘शहंशाह-ए-गजल’ कहा जाता है. अपनी पूरी जिंदगी मेहंदी हसन केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाभर में सबसे चहेते गायकों में से एक थे. मेहंदी हसन ने अपनी जिंदगी में काफी स्ट्रगल करने के बाद ऐसा शानदार करियर बनाया था और फस दौर में उपमहाद्वीप में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले सिंगर बन गए थे. शहंशाह-ए-ग़ज़ल मेहदी हसन की आज 11वीं पुण्यतिथि है. उनकी डेथ ऐनिवर्सरी पर जानें इस लेजेंडरी सिंगर के बारे में खास बातें. Also Read: • • • राजस्थान में हुआ था मेहदी हसन का जन्म 18 जुलाई 1927 के दिन राजस्थान के झुंझनू जिले के लूना गांव में जन्मे मेहदी हसन बचपन से ही संगीत से ताल्लुक रखते थे. दरअसल, उनके पिता पिता उस्ताद अजीम खान और चाचा उस्ताद इस्माइल खान ने उन्हें महज आठ साल की उम्र में ही संगीत की शिक्षा देनी शुरू कर दी थी. वहीं, जब मेहदी हसन 18 साल के हुए, तब वह ध्रुपद, ठुमरी और खयाल गायकी में मास्टर हो चुके थे. साथ ही, परफॉर्म भी करने लगे थे. हालांकि, जब तक वह बुलंदी का दौर छू पाते, तक तक उनके संघर्ष का वक्त आ गया. मेहदी हसन का परिवार पाकिस्तान जाकर बस गया मेहदी हसन ने संगीत की शरूआती तालीम अपने वालिद उस्ताद अज़ीम ख़ान और चाचा उस्ताद ईस्माइल ख़ान से हासिल की. वह दोनों ही ध्रुपद के अच्छे फ़नकार थे. हिंदुस्तान के बंटवारे के बाद मेहदी हसन का परिवार पाकिस्तान जाकर बस गया. वहां उन्होंने कुछ दिनों तक एक साइकिल की दुकान में काम किया और बाद में मोटर मेकैनिक का भी काम किया, लेकिन संगीत को लेकर जो जुनून उनके दिलो-दिमाग़ पर तारी था, वह कभी कम नहीं हुआ. मैकेनिक के रूप में भी काम किया पाक में मेहदी हसन ने कुछ दिनों तक एक साइकिल दुकान म...