मेरा जन्म कहां हुआ था

  1. 'हिन्दू तन
  2. मुहम्मद
  3. 150+ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन प्रश्नोत्तरी
  4. महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म कहां हुआ था, साहित्यिक परिचय
  5. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर)
  6. तुलसीदास
  7. तुलसीदास
  8. महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म कहां हुआ था, साहित्यिक परिचय


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'हिन्दू तन

'हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय' : भारतीय राजनीति के अजातशत्रु और युगदृष्टा 'अटल बिहारी वाजपेयी' की चुनिंदा कविताएं - Atal bihari vajpayee, hindu tan man hindu jeevan, atal bihari vajpayee ki kavitaayein, poetry of atal bihari vajpayee, hindi kavita, hindi kavi, yogi adityanath in vidhansabha, hindutva, hindu, – News18 हिंदी अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, हार का निर्वासन नहीं, बल्कि युद्ध की घोषणा हैं. वे भाजपा के सह-संस्थापकों व वरिष्ठ नेताओं में से एक थे, साथ ही तीन बार देश के प्रधानमंत्री भी बने. लेकिन इसके साथ ही वे एक प्रसिद्ध कवि और लेखक भी थे. उन्होंने युवावस्था में ही एक अद्भुत कविता लिखी थी, ”हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय”, इससे पता चलता है, कि बचपन से ही उनका रुझान कविताओं और देश हित के प्रति था. ये वही कविता है, जिसे कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में सुनाकर रामायण की आड़ में हिंदुत्व और हिंदुओं पर हमला बोलने वालों को आड़े हाथों लिया था. काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण अटल बिहारी वाजपेयी को विरासत में मिले थे. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे, जो ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे. पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में भी कविताएं बहती थीं. राजनीति के साथ-साथ समष्टि एवं राष्ट्र के प्रति वैयक्तिक संवेदनशीलता उनके भाषणों और रचनाओं के माध्यम से समय-समय पर प्रकट होती रही है. संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियां, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि जैसे अनेक आयामों के प्रभाव एवं अनुभूतियों की वजह उनके काव्य को अभिव...

मुहम्मद

मुह़म्मद इस्लामी पैगंबर مُحَمَّد अरबी सुलेख में मुहम्मद का नाम जन्म मुह़म्मद इब्न अ़ब्दुल्लाह अल हाशिम 570 (अब मृत्यु 8 जून 632 ( 632-06-08) (उम्र62) मृत्यु का कारण बुख़ार स्मारकसमाधि अन्यनाम मुसतफ़ा, अह़मद, ह़ामिद प्रसिद्धिकारण इस्लाम के पैगंबर धार्मिक मान्यता जीवनसाथी पत्नियां: बच्चे बेटे बेटियाँ माता-पिता पिता माता संबंधी अंतिम स्थान अनुक्रम • 1 परिचय • 2 नाम और कुरान में प्रश्ंसा • 3 मुहम्मद साहब की पत्नियां • 4 सूत्र • 4.1 कुरान • 4.2 प्रारंभिक जीवनी • 4.3 हदीस • 5 पूर्व इस्लामी अरब • 6 जिंदगी • 6.1 बचपन और प्रारंभिक जीवन • 6.2 कुरान की शुरुआत • 6.3 विरोध • 6.4 इस्रा और मिराज • 6.5 हिजरत से पिछले साल पहले • 6.6 हिजरत • 6.6.1 मदीना में प्रवासन • 6.6.2 एक नई राजनीति की स्थापना • 6.6.3 सशस्त्र संघर्ष की शुरुआत • 6.6.4 मक्का के साथ संघर्ष • 6.6.5 मदीना की घेराबंदी • 6.6.6 हुदैबिया की संधि • 6.7 अंतिम वर्ष • 6.7.1 मक्का पर विजय • 6.7.2 अरब पर विजय • 6.7.3 विदाई तीर्थयात्रा • 6.7.4 मौत और मक़बरा • 6.8 मुहम्मद के बाद • 7 इस्लामी सामाजिक सुधार • 8 दिखावट • 9 गृहस्थी • 10 विरासत • 10.1 मुस्लिम परंपरा • 11 आलोचना • 11.1 मुहम्मद के विवाह • 11.1.1 आइशा • 12 गैलरी • 13 मुहम्मद पर बनी फिल्में • 14 यह भी देखें • 15 टिप्पणियाँ • 16 सन्दर्भ • 17 बाहरी कड़ियाँ परिचय मुहम्मद का जन्म मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार अरब के रेगिस्तान के शहर नाम और कुरान में प्रश्ंसा मुख्य लेख: मुसलमानों का मानना ​​है कि मुहम्मद साहब की पत्नियां विश्वासियों के माता (अरबी: أمهات المؤمنين उम्महत अल-मुमीनिन) है। मुसलमानों ने सम्मान की निशानी के रूप में उन्हें संदर्भित करने से पहले या बाद में प्रमुख शब्द का प्रयो...

जानिए:

गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के पास इस्थित लुम्बिनी नामक वन में हुआ था। यह स्थान आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा मगर यह नेपाल में स्थित है। गौतम बुद्ध के जन्म के पीछे भी एक रोचक कहानी है कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि कपिलवस्तु की महारानी जिनका नाम महामाया देवी था वह, अपने नैहर यानी कि अपने पिता के गांव देवदह जा रही थीं, और वह गर्भवती थी, और उनका नौंवा महीना चल रहा था, और देवदह जाने पर रास्ते में एक लुम्बिनी वन पड़ता था। और लुम्बिनी में एक शुद्धोधन नामक राजा का घर था तो उन्ही के घर पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के जन्म के लगभग सात दिन के बाद ही उनके माता का देहांत हो चुका था और उनके जाने के बाद गौतम बुद्ध का लालन-पालन उनके मौसी गौतमी ने किया था, गौतम बुद्ध जब पैदा हुए थे तब इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था। गौतम बुद्ध कौन थे ? गौतम बुद्ध एक महान चरित्र वाले व्यक्ति थे इनका उल्लेख इतिहास के पन्नों में बड़े ही विचित्र शब्दों में किया गया है, इनके कर्मों के वजह से इन्हें भगवान का रूप भी दिया गया है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो इनके कर्मों और सिद्धांतों के अनुसार अपना धर्म परिवर्तन करके इनके ही धर्म का पालन करते हैं, और इनके नाम से ही एक धर्म भी बनाया गया है जिसे लोग बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं। गौतम बुद्ध अपने विचार ज्ञान समृद्धि के बदौलत दुनिया को एक नई राह प्रदान किए थे, और कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो इनके बताए गए राह पर चलते हैं और वह काफी सुखी और संपन्न भी हैं। आप जान करके हैरान होंगे कि बौद्ध धर्म के विश्व में कुल अनुवाई तकरीबन 25% के आस पास है। कुछ देशों के सर्वे के अनुसार जापान, थाईलैंड, चीन, कंबोडिया, अमेरिका, साउथ कोरिया, मंगोलिया, वियतनाम, ने...

150+ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन प्रश्नोत्तरी

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन प्रश्नोत्तरी (Indian National Movement Questions in Hindi) - भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था, इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बने थे। उन्होंने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर महत्वपूर्ण प्रश्नों का 150 संग्रह यहां दिया गया है। यह प्रश्न यूपीएससी (आईएएस, आईपीएस, आईईएस, आईएफएस, सीडीएस और एनडीए), राज्य– पीएससी, एसएससी, रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए है या फिर कभी भी पूछे जा सकते है। इसलिए इन्हें अच्छी तरह नोट कर ले ताकि आपकी सफलता सुनिश्चित कर सकें। 1. 1885 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना किसकी पहल पर की गई? (A) महात्मा गांधी (B) ए. ओ. ह्यूम (C) गोपालकृष्ण गोखले (D) बाल गंगाधर तिलक 2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कब और कहां हुआ था? (A) 28 दिसंबर, 1885 को बम्बई में (B) 28 दिसंबर, 1885 को लखनऊ में (C) 25 दिसंबर, 1885 को सूरत में (D) 25 दिसंबर, 1885 को दिल्ली में 3. कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता किसके द्वारा की गई? (A) दादा भाई नौरोजी (B) व्योमेशचंद्र बनर्जी (C) वी. राघवाचार्य (D) फिरोजशाह मेहता 4. 'आर्य समाज' के संस्थापक कौन थे? (A) बाल गंगाधर तिलक (B) राजा राममोहन राय (C) स्वामी दयानंद सरस्वती (D) स्वामी विवेकानंद 5. राजा राममोहन राय द्वारा किसकी स्थापना की गई? (A) ब्रह्म समाज (B) आर्य समाज (C) थियोसोफिकल सोसाइटी (D) पूना सार्वजनिक सभा 6. 'वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट' किसके शासन में पारित किया गया? (A) लॉर्ड लिटन (B) लॉर्ड कर्जन (C) लॉर्ड क्लाइव (D) लॉर्ड वैवेल 7. 'पूना सार्वजनिक सभा' की स्थापना किसके द्वारा की गई? (A) फिरो...

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म कहां हुआ था, साहित्यिक परिचय

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय आधुनिक युग की मीरा’ के नाम से विख्यात और छायावाद के चार स्तंभ में से एक महादेवी वर्मा हैं। महादेवी वर्मा का जन्म 1907 में फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनकी मां का नाम श्रीमती हेमरानी देवी और उनके पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा था। इनके पिता भागलपुर में एक विद्यालय में प्रधान अध्यापक थे। इस प्रकार इनका लालन पोषण एक शिक्षित परिवार में हुआ था। इनका विवाह 9 वर्ष की आयु में नवाबगंज के डॉक्टर रूपनारायण वर्मा के साथ हुआ था उनके ससुर स्त्री शिक्षा के घोर विरोधी थे इसलिए उनके देहांत के बाद ही इन्होंने पुनः अध्ययन प्रारंभ किया। इन्होंने संस्कृत में एम.ए. की शिक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। महादेवी वर्मा का जीवन परिचय विद्यार्थी जीवन से ही इनकी रचनाएं देश की मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी थी। वे कुछ समय तक मासिक पत्रिका चांद की संपादिका भी रही। इसके बाद में प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधान अध्यापिका भी रहे। इन्हे सेक्सरिया पुरस्कार, मंगला प्रसाद पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, सन 1983 में यामा के लिए तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का भारती पुरस्कार भी मिला। इन्हें सन 1965 में पद्मभूषण उपाधि से भी अलंकृत किया गया। यह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रही। सन 1987 को इनका निधन हो गया। जन्म सन् 1907 ई० को जन्म स्थान फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा माता का नाम श्रीमती हेमरानी पति का नाम श्री रूपनारायण वर्मा शिक्षा एम.ए. तक निबंध श्रृंखला की कड़ियां, साहित्यकार की आस्था, क्षणदा काव्य निहार, रश्मि नीरजा, संध्यागीत, दीपशिखा, यामा संस्मरण अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, मेरा परिवार मृत्यु सन् 1987 ई० मे...

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर)

नमस्कार दोस्तों, आज हम अपने इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से आपको एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने आईएएस जैसी सबसे बड़े सम्मानजनक पद वाले जॉब को छोड़कर एक अध्यापक व लेखक बनना स्वीकार किया। इन्होंने आईएएस ऑफिसर बनने के बाद अपने आईएस की जॉब छोड़ दी और एक अध्यापक बन गए। हम बात कर रहे हैं प्रसिद्ध अध्यापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के बारे में। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने आईएएस की जॉब छोड़ कर बच्चों को सफलता प्राप्त कराने के लिए स्वयं को एक अध्यापक के रूप में चुना। डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति बहुत ही उदार दिल के व्यक्ति हैं। आज हम अपने इस महत्वपूर्ण लेख में डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में ही विस्तार पूर्वक से चर्चा करेंगे। आज हमारे द्वारा लिखे गए लेख में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कौन है?, डॉक्टर विकास का जन्म कब और कहां हुआ था?, डॉ. विकास को प्राप्त शिक्षा और डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का करियर इत्यादि विषयों पर विस्तार पूर्वक से जानकारी प्राप्त कराएंगे। यदि आप डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति के बारे में विस्तारपूर्वक से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया आप हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंदर तक अवश्य पढ़ें। क्यों ना डरे जिन्दगी में क्या होगा कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर) विषय सूची • • • • • • • • • • • • • डॉ विकास दिव्यकीर्ति के विषय में संक्षिप्त जानकारी नाम विकास दिव्यकीर्ति उपाधि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जन्म 1973 जन्म स्थान हरियाणा माता का नाम – पिता का नाम – धर्म हिंदू शिक्षा यूपीएससी योग्य नेट वर्थ ज्ञात नहीं है डॉ विकास दिव्यकीर्ति कौन हैं? डॉ. विकास दिव्यकीर्ति भारत के माने जाने आईएएस कोचिंग क...

तुलसीदास

तुलसीदास काँच मन्दिर, तुलसी पीठ (चित्रकूट) में प्रतिष्ठित गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा जन्म रामबोला 1511 ई० (सम्वत्- 1568 वि०) मृत्यु 1623 ई० (संवत 1680 वि०) गुरु/शिक्षक नरहरिदास खिताब/सम्मान गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि साहित्यिक कार्य रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि कथन सीयराममय सब जग जानी। करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ (रामचरितमानस १.८.२) धर्म हिन्दू दर्शन अनुक्रम • 1 जन्म • 2 बचपन • 3 भगवान श्री राम जी से भेंट • 4 संस्कृत में पद्य-रचना • 5 रामचरितमानस की रचना • 6 मृत्यु • 7 तुलसी-स्तवन • 8 रचनाएँ • 8.1 कुछ ग्रंथों का संक्षिप्त विवरण • 8.1.1 रामललानहछू • 8.1.2 वैराग्य संदीपनी • 8.1.3 बरवै रामायण • 8.1.4 पार्वती-मंगल • 8.1.5 जानकी-मंगल • 8.1.6 रामाज्ञा प्रश्न • 8.1.7 दोहावली • 8.1.8 कवितावली • 8.1.9 गीतावली • 8.1.10 श्रीकृष्ण गीतावली • 8.1.11 हनुमानबाहुक • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कड़ियाँ • 11 सन्दर्भ जन्म गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान विवादित है। अधिकांश विद्वानों व राजकीय साक्ष्यों के अनुसार इनका जन्म बचपन भगवान की प्रेरणा से शूकरक्षेत्र में रहकर पाठशाला चलाने वाले गुरु नृसिंह चौधरी ने इस रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूँढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीदास रखा भगवान श्री राम जी से भेंट कुछ काल राजापुर रहने के बाद वे पुन: काशी चले गये और वहाँ की जनता को राम-कथा सुनाने लगे। कथा के दौरान उन्हें एक दिन मनुष्य के वेष में एक प्रेत मिला, जिसने उन्हें चित्रकूट पहुँच कर उन्होंने रामघाट पर अपना आसन जमाया। एक दिन वे प्रदक्षिणा करने निकले ही थे कि यकायक मार्ग में उन्हें श्रीराम...

जानिए:

गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के पास इस्थित लुम्बिनी नामक वन में हुआ था। यह स्थान आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा मगर यह नेपाल में स्थित है। गौतम बुद्ध के जन्म के पीछे भी एक रोचक कहानी है कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि कपिलवस्तु की महारानी जिनका नाम महामाया देवी था वह, अपने नैहर यानी कि अपने पिता के गांव देवदह जा रही थीं, और वह गर्भवती थी, और उनका नौंवा महीना चल रहा था, और देवदह जाने पर रास्ते में एक लुम्बिनी वन पड़ता था। और लुम्बिनी में एक शुद्धोधन नामक राजा का घर था तो उन्ही के घर पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के जन्म के लगभग सात दिन के बाद ही उनके माता का देहांत हो चुका था और उनके जाने के बाद गौतम बुद्ध का लालन-पालन उनके मौसी गौतमी ने किया था, गौतम बुद्ध जब पैदा हुए थे तब इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था। गौतम बुद्ध कौन थे ? गौतम बुद्ध एक महान चरित्र वाले व्यक्ति थे इनका उल्लेख इतिहास के पन्नों में बड़े ही विचित्र शब्दों में किया गया है, इनके कर्मों के वजह से इन्हें भगवान का रूप भी दिया गया है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो इनके कर्मों और सिद्धांतों के अनुसार अपना धर्म परिवर्तन करके इनके ही धर्म का पालन करते हैं, और इनके नाम से ही एक धर्म भी बनाया गया है जिसे लोग बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं। गौतम बुद्ध अपने विचार ज्ञान समृद्धि के बदौलत दुनिया को एक नई राह प्रदान किए थे, और कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो इनके बताए गए राह पर चलते हैं और वह काफी सुखी और संपन्न भी हैं। आप जान करके हैरान होंगे कि बौद्ध धर्म के विश्व में कुल अनुवाई तकरीबन 25% के आस पास है। कुछ देशों के सर्वे के अनुसार जापान, थाईलैंड, चीन, कंबोडिया, अमेरिका, साउथ कोरिया, मंगोलिया, वियतनाम, ने...

तुलसीदास

तुलसीदास काँच मन्दिर, तुलसी पीठ (चित्रकूट) में प्रतिष्ठित गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा जन्म रामबोला 1511 ई० (सम्वत्- 1568 वि०) मृत्यु 1623 ई० (संवत 1680 वि०) गुरु/शिक्षक नरहरिदास खिताब/सम्मान गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि साहित्यिक कार्य रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि कथन सीयराममय सब जग जानी। करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ (रामचरितमानस १.८.२) धर्म हिन्दू दर्शन अनुक्रम • 1 जन्म • 2 बचपन • 3 भगवान श्री राम जी से भेंट • 4 संस्कृत में पद्य-रचना • 5 रामचरितमानस की रचना • 6 मृत्यु • 7 तुलसी-स्तवन • 8 रचनाएँ • 8.1 कुछ ग्रंथों का संक्षिप्त विवरण • 8.1.1 रामललानहछू • 8.1.2 वैराग्य संदीपनी • 8.1.3 बरवै रामायण • 8.1.4 पार्वती-मंगल • 8.1.5 जानकी-मंगल • 8.1.6 रामाज्ञा प्रश्न • 8.1.7 दोहावली • 8.1.8 कवितावली • 8.1.9 गीतावली • 8.1.10 श्रीकृष्ण गीतावली • 8.1.11 हनुमानबाहुक • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कड़ियाँ • 11 सन्दर्भ जन्म गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान विवादित है। अधिकांश विद्वानों व राजकीय साक्ष्यों के अनुसार इनका जन्म बचपन भगवान की प्रेरणा से शूकरक्षेत्र में रहकर पाठशाला चलाने वाले गुरु नृसिंह चौधरी ने इस रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूँढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीदास रखा भगवान श्री राम जी से भेंट कुछ काल राजापुर रहने के बाद वे पुन: काशी चले गये और वहाँ की जनता को राम-कथा सुनाने लगे। कथा के दौरान उन्हें एक दिन मनुष्य के वेष में एक प्रेत मिला, जिसने उन्हें चित्रकूट पहुँच कर उन्होंने रामघाट पर अपना आसन जमाया। एक दिन वे प्रदक्षिणा करने निकले ही थे कि यकायक मार्ग में उन्हें श्रीराम...

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं, जन्म कहां हुआ था, साहित्यिक परिचय

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय आधुनिक युग की मीरा’ के नाम से विख्यात और छायावाद के चार स्तंभ में से एक महादेवी वर्मा हैं। महादेवी वर्मा का जन्म 1907 में फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनकी मां का नाम श्रीमती हेमरानी देवी और उनके पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा था। इनके पिता भागलपुर में एक विद्यालय में प्रधान अध्यापक थे। इस प्रकार इनका लालन पोषण एक शिक्षित परिवार में हुआ था। इनका विवाह 9 वर्ष की आयु में नवाबगंज के डॉक्टर रूपनारायण वर्मा के साथ हुआ था उनके ससुर स्त्री शिक्षा के घोर विरोधी थे इसलिए उनके देहांत के बाद ही इन्होंने पुनः अध्ययन प्रारंभ किया। इन्होंने संस्कृत में एम.ए. की शिक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। महादेवी वर्मा का जीवन परिचय विद्यार्थी जीवन से ही इनकी रचनाएं देश की मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी थी। वे कुछ समय तक मासिक पत्रिका चांद की संपादिका भी रही। इसके बाद में प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधान अध्यापिका भी रहे। इन्हे सेक्सरिया पुरस्कार, मंगला प्रसाद पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, सन 1983 में यामा के लिए तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का भारती पुरस्कार भी मिला। इन्हें सन 1965 में पद्मभूषण उपाधि से भी अलंकृत किया गया। यह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रही। सन 1987 को इनका निधन हो गया। जन्म सन् 1907 ई० को जन्म स्थान फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा माता का नाम श्रीमती हेमरानी पति का नाम श्री रूपनारायण वर्मा शिक्षा एम.ए. तक निबंध श्रृंखला की कड़ियां, साहित्यकार की आस्था, क्षणदा काव्य निहार, रश्मि नीरजा, संध्यागीत, दीपशिखा, यामा संस्मरण अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, मेरा परिवार मृत्यु सन् 1987 ई० मे...