महादेवी वर्मा की रचनाएं

  1. Mahadevi Verma Biography in Hindi
  2. महादेवी वर्मा
  3. महादेवी वर्मा जी का जीवन परिचय
  4. महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी है ?
  5. महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं
  6. महादेवी वर्मा
  7. महादेवी वर्मा का जीवन परिचय एवं रचनाएं


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Mahadevi Verma Biography in Hindi

Mahadevi Verma Biography in Hindi, Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay, Mahadevi Verma Ki Rachna, Poems, Born, Age, Death, Career, महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाए, जन्म, मृत्यु, कविताएं, इस दुनिया में पहले से ही हिंदी भाषा को काफी मन सम्मान मिलता आ रहा है, और इसमें हिंदी भाषा की कविताएं, रचनाए और उसके आरंभो के लेखकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है जिसमे से एक है Mahadevi Verma। महादेवी वर्मा को हिंदी भाषा के मजबूत लेखक स्तंभों में से एक माना जाता है। Mahadevi Verma Biography in Hindi Mahadevi Verma एक हिंदी भाषा के बहुत बड़े लेखक थे, जो की हिंदी कविताओं में वो किसी सरस्वती से कम नहीं थे। जिसने अपने जीवन को बहुत अलग तरीके से जिए है, पहले से ही उसको लिखना, कविताओं का काफी शोख था उसके साथ साथ वो पशु प्रेमी और वातावरण प्रेमी भी थे। तो आज हम महादेवी वर्मा का जीवन परिचय जानेंगे। 16. Q. महादेवी वर्मा को क्या कहा गया है? Basic Information (सामान्य जानकारी) : नाम (Name) महादेवी वर्मा जन्म (Born) 26 मार्च, 1907 जन्म स्थल (Born Place) फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश उम्र (Age) 80 मृत्यु (Death) 11 सितंबर, 1987 व्यवसाय (Profession) हिंदी लेखिका, कवियत्री परिवार (Family) गोविंद प्रसाद वर्मा (पिता) हेम रानी देवी (माता) पति (Husband) स्वरुप नारायण वर्मा सम्मान (Award) पद्म भूषण, पद्म विभूषण शिक्षण (Education) M.A (इलाहाबाद समय (Time) 20 वी शताब्दी राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय Mahadevi Verma Biography in Hindi (महादेवी वर्मा का जिवन परिचय) : महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च,1907 को फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में पिता गोविंद प्रसाद वर्मा और माता हेम रानी देवी के घर हुआ था। पिताजी गोविंद प्रसाद वर्मा ए...

महादेवी वर्मा

अनुक्रम • 1 जीवनी • 1.1 जन्म और परिवार • 1.2 शिक्षा • 1.3 वैवाहिक जीवन • 1.4 कार्यक्षेत्र • 2 प्रमुख कृतियाँ • 2.1 कविता संग्रह • 2.2 महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य • 2.3 महादेवी वर्मा का बाल साहित्य • 3 समालोचना • 4 पुरस्कार व सम्मान • 5 महादेवी वर्मा का योगदान • 6 इन्हें भी देखें • 7 टीका-टिप्पणी • 8 सन्दर्भ • 8.1 ग्रन्थसूची • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवनी जन्म और परिवार महादेवी का जन्म शिक्षा महादेवी जी की शिक्षा वैवाहिक जीवन सन् कार्यक्षेत्र कविता संग्रह १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. श्रीमती महादेवी वर्मा के अन्य अनेक काव्य संकलन भी प्रकाशित हैं, जिनमें उपर्युक्त रचनाओं में से चुने हुए गीत संकलित किये गये हैं, जैसे महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य • रेखाचित्र: • संस्मरण: • चुने हुए भाषणों का संकलन: • निबंध: • ललित निबंध: • कहानियाँ: • संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: अन्य निबंध में संकल्पिता तथा विविध संकलनों में स्मारिका, स्मृति चित्र, संभाषण, संचयन, दृष्टिबोध उल्लेखनीय हैं। वे अपने समय की लोकप्रिय पत्रिका ‘चाँद’ तथा ‘साहित्यकार’ मासिक की भी सम्पादक रहीं। हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने प्रयाग में ‘साहित्यकार संसद’ और महादेवी वर्मा का बाल साहित्य महादेवी वर्मा की बाल कविताओं के दो संकलन छपे हैं। • ठाकुरजी भोले हैं • आज खरीदेंगे हम ज्वाला समालोचना आधुनिक गीत काव्य में महादेवी जी का स्थान सर्वोपरि है। उनकी कविता में प्रेम की पीर और भावों की तीव्रता वर्तमान होने के कारण भाव, भाषा और संगीत की जैसी त्रिवेणी उनके गीतों में प्रवाहित होती है वैसी अन्यत्र दुर्लभ है। महादेवी के गीतों की वेदना, प्रणयानुभूति, करुणा और रहस्यवाद काव्यानुरागियों को आकर्षित करते हैं। पर इन रचनाओं की वि...

महादेवी वर्मा जी का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • महादेवी वर्मा कौन है? 1907 में जन्मी महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य के छायावाद युग की एक प्रसिद्ध कवयित्री, निबंधकार, और हिंदी साहित्य की एक प्रख्यात लेखिका थीं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 1956 में पद्मभूषण और साल 1988 में पद्मा विभूषण से सम्मानित किया गया है। आधुनिक युग की मीरा के रूप में परिचित है महादेवी वर्मा। छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक है महादेवी वर्मा जो कि अपने कविता के साथ-साथ रेखाचित्र के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। महादेवी वर्मा का जीवन परिचय (Mahadevi Verma Biography in Hindi) आधुनिक हिंदी साहित्य कविता में अपनी एक स्वतंत्र परिचय बनाने वाली तथा सत्याग्रह आंदोलन के समय कवि सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार पाने वाली महादेवी वर्मा का जन्म होली के दिन 26 मार्च 1907 में उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद में एक संपन्न साहू परिवार में हुआ था। लेखिका महादेवी वर्मा के पिता जी का नाम गोविंद सहाय वर्मा है जो, एक वकील थे । और उनके माता श्रीमती हेमरानी देवी एक साधारण कवित्री महिला थी, जो कि भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थी। इसी कारण था जो आगे चलकर महादेवी वर्मा एक महान कवयित्री बनी। महादेवी वर्मा की शिक्षा महादेवी वर्मा जी की प्रारंभिक शिक्षा इंदौर से शुरू की और वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1919 में इंदौर से प्रयाग चली गई थी। पढ़ाई के दौरान, 9 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह श्री स्वरूप नारायण वर्मा से हो गया। उस समय स्वरूप नारायण वर्मा दसवीं कक्षा में थे। इसी करण से उन्हें कुछ समय के लिए अपनी पढ़ाई को रुकना पड़ा था। साल 1920 में महादेवी जी ने प्रयाग से मिडिल पास किया. संयुक्त प्रांत के...

महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी है ?

महादेवी वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के एक संपन्न परिवार में 26 मार्च 1907 ई. में हुआ था। उनके पिताजी श्री गोविंद प्रसाद वर्मा कॉलेजिएट स्कूल, भागलपुर में कई वर्षों तक हेड मास्टर थे। इसलिए महादेवी जी अपने पिता और परिवार से मिलन भागलपुर आया करती थी। और लगातार कई दिनों तक रुका करती थी तथा कभी-कभार उस स्कूल के छात्रों को पढ़ा भी दिया करती थी, इसलिए कवित्री के मन में और उसके भाव जगत में बिहार प्रवास का संस्कार रचा बसा हुआ था। हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल छायावाद है और उसी ने आधुनिक प्रगतिशील और प्रयोगधर्मी साहित्य को जन्म दिया। इस युग में बहुत लेखक और कवि हुए लेकिन जिन्होंने मजबूती से भारतीय साहित्य को व्यापकता दी उनमें चार महान विभूतियां हैं-जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा। उनकी उच्चतर शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई जहाँ से उन्होंने संस्कृत में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। महादेवी वर्मा जी का जीवन साहित्य और कला के प्रति हमेशा समर्पित रहा। 1932 में जब उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया तब तक उनकी दो कविता संग्रह ‘‘निहार’’ तथा‘‘रश्मि’’ प्रकाशित हो चुकी थी। महादेवी वर्मा का कार्य क्षेत्र लेखन, संपादन और अध्यापन रहा। साहित्य में महादेवी वर्मा का आविर्भाव उस समय हुआ जब खड़ी बोली का आकार परिष्कृत हो रहा था। उन्होंने हिन्दी कविता को बृजभाषा की कोमलता दी, छंदों के नये दौर को गीतों का भंडार दिया और भारतीय दर्शन को वेदना की हार्दिक स्वीकृति दी। इस प्रकार उन्होंने भाषा, साहित्य और दर्शन तीनों क्षेत्रों में ऐसा महत्त्वपूर्ण काम किया, जिसने आनेवाली एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया। उन्होंने अपने गीतों क...

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय, रचनाएं

विषय सूची • • • • • • • • • • महादेवी वर्मा का जीवन परिचय महादेवी वर्मा जी का स्थान आधुनिक गीत काव्य में सबसे उपर रहा है। उनकी कविता में प्रेम की पीर और भावो की तीव्रता होने के कारण संगीत जैसी त्रिवेणी उनके गीतों में प्रवाहित होती है I बिना कल्पना किए काव्यरूपों का सहारा लिए कोई रचनाकर गद्य में कितना कुछ अर्जित कर सकता है। ये आप महादेवी वर्मा के बारे में पढ़कर ही जान सकते है I उनके गद्य में इतनी वैचारिक परिपक्वता है कि वह आज भी प्रासंगिक है। सामाजिक जीवन की गहरी परतो को छूने वाली इतनी तीव्र दृष्टि नारी जीवन के शोषण को तीखेपन से आंकने वाली महादेवी जी की जितनी प्रशंसा की जाएं कम ही होगी I महादेवी वर्मा का जीवन परिचय महादेवी वर्मा का जन्म जन्म सन् 1907 ई० में जन्म स्थान फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में मृत्यु सन् 1987 ई० में पिता का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा शिक्षा M.A. तक रचनाएं निहार, रश्मि नीरजा, संध्यागीत, दीपशिखा, यामा निबंध श्रृंखला की कड़ियां, साहित्यकार की आस्था, क्षणदा महादेवी वर्मा जी का जन्म 1907 में उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद नामक जनपद में हुआ था I उनकी माता का नाम हमरानी और पिता का नाम गोविन्द प्रसाद था I आपको बता दें कि इनके परिवार में 200 साल बाद यानी 7 पीढ़ी के बाद पहली लडकी के रूप में महादेवी जी ने जन्म लिया था और इसी वजह से परिवार वाले इन्हें सबसे ज्यादा प्यार करते थे I इनके पिता इन्हें घर की देवी मानते थे और इसलिए उन्होंने इनका नाम महादेवी रखा था I शिक्षा दीक्षा महादेवी वर्मा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा इंदौर और आगे की पढाई प्रयाग से पूरी की थी I उन्हें घर पर ही संस्कृत, अंग्रेजी, संगीत और चित्रकला की शिक्षा दी जाती थी I महादेवी तब 7 वर्ष की थी जब उन्होंने कवित...

महादेवी वर्मा

उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में "यम" नामक कविताओं का संग्रह और "गिलहरी" उपन्यास शामिल हैं। अपने लेखन में, वर्मा ने पितृसत्तात्मक समाज में प्रेम, हानि और महिलाओं के संघर्ष के विषयों की खोज की। उनका काम एक रूढ़िवादी समाज में एक महिला के रूप में उनके अपने अनुभवों से गहराई से प्रभावित था, और वह अक्सर अपने लेखन को सामाजिक परिवर्तन की वकालत करने के साधन के रूप में इस्तेमाल करती थीं। अपने साहित्यिक योगदान के अलावा, महादेवी वर्मा एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं और उन्होंने महिला शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने इलाहाबाद में लड़कियों के लिए "प्रयाग महिला विद्यापीठ" नाम से एक स्कूल की स्थापना की, जो सभी पृष्ठभूमि की लड़कियों को शिक्षा प्रदान करता था। आज, महादेवी वर्मा को हिंदी साहित्य में सबसे महान कवियों में से एक और भारत में महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा की लड़ाई में एक अग्रणी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है। उनका काम पाठकों और लेखकों को समान रूप से प्रेरित करता है, और उनकी विरासत भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है। • 1. यमीं और कविताएँ • 2. निम्नलिखित • 3. लहरें • 4. वीरता की माला • 5. सत्य का पथ • 6. बाग़ बहार • 7. मधुशाला • 8. चमेली की शाख • 9. दीप से दीप जले • 10. अग्निपथ • 11. दोहा • 12. तृष्णा • 13. अनमोल वचन • 14. आज अधूरी है दास्तां • 15. नाव-पर्वत • 16. स्त्रीपुरुष • 17. मेरी कविताओं का संग्रह • 18. चिर यात्रा • 19. आत्मपरिचय • 20. वीरांगना

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय एवं रचनाएं

महादेवी वर्मा छायावादी युग की महादेवी वर्मा का जन्म सन् 1907 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद नामक स्थल पर हुआ था। इनके पिता का नाम श्री गोविंद सहाय वर्मा तथा इनकी माता का नाम श्रीमती हेमरानी था। इनके पिता इंदौर के एक कॉलेज में अध्यापक के पद पर थे। इनकी माता एक अच्छी कवियत्री होने के साथ-साथ श्री कृष्ण में अटूट श्रद्धा रखती थी और इनके नाना ब्रज भाषा में कविता करते और पाठ कराते थे। माता और नाना की काव्य में रुचि देखकर इन पर काफी प्रभाव पड़ा। इनकी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर के 'मिशन स्कूल' से शुरू हुई और इन्होंने संस्कृत अंग्रेजी और चित्रकला की पढ़ाई घर पर ही रहकर की। महादेवी वर्मा का विवाह मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में हो गया। इन्होंने प्रयागराज विश्वविद्यालय से किया फिर इनकी साहित्य में रुचि होने के कारण इन्होंने बहुत सी रचना की और इनकी बहुत सी रचनाओं पर इन्हें पारितोषिक प्राप्त हुआ तथा इन्हें 'आधुनिक युग की मीरा' के नाम से विख्यात किया गया, इन्हें छायावादी युग के 4 स्तंभों में से एक माना जाता है। अंत में 80 वर्ष की उम्र में आकर 11 सितंबर सन् 1987 में इनका देहांत हो गया।(mahadevi verma ka sahityik parichay) महादेवी वर्मा का जीवन परिचय नाम महादेवी वर्मा पिता का नाम श्री गोविंद सहाय वर्मा माता का नाम श्रीमती हेमरानी दादा का नाम बांके बिहारी जन्म सन् 1907 ईस्वी जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पति का नाम डॉ॰ स्वरूप नारायण वर्मा भाषा संस्कृतनिष्ठ खड़ी बोली मृत्यु 11 सितंबर 1987 ईसवी मृत्यु स्थान प्रयागराज जन्म छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक और आधुनिक युग की मीरा के नाम से प्रसिद्ध और विख्यात महादेवी वर्मा का जन्म 24 मार्च सन् 1960 ईस्वी (विक्रम संवत 1964) में भार...