महाराणा प्रताप हिस्ट्री हिंदी

  1. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास
  2. महाराणा प्रताप
  3. महारणा प्रताप की जीवनी
  4. महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)
  5. महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)
  6. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास
  7. महारणा प्रताप की जीवनी
  8. महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)
  9. महारणा प्रताप की जीवनी
  10. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास


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महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास

Maharana Pratap ki Jivani महाराणा प्रताप ने अनेकों बार मुगल वंश को युद्ध में हराया और विजय प्राप्त की। यहाँ पर हम महाराणा प्रताप का जीवन परिचय (Biography of Maharana Pratap in Hindi) और महाराणा प्रताप की कुछ युद्ध नीति के बारे में चर्चा करेंगे। महाराणा प्रताप का जीवन परिचय | Maharana Pratap ki Jivani विषय सूची • • • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप जीवनी एक नज़र में नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया जन्म 9 मई 1540 आयु 95 वर्ष (मृत्यु तक) जन्म स्थान राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ दुर्ग पिता का नाम महाराजा उदय सिंह माता का नाम रानी जयवंता कँवर पत्नी का नाम अजबदे (महाराणा प्रताप ने 11 शादियाँ की थी) पेशा महाराजा घोड़ा चेतक बच्चे 22 (17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ) मृत्यु 19 जनवरी 1597 मृत्यु स्थान कुंभलगढ़ दुर्ग भाई-बहन – राज्य कुंभलगढ़ दुर्ग Maharana Pratap Biography in Hindi महाराणा प्रताप कौन थे? (Maharana Pratap Kaun The) महाराणा प्रताप उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया नामक राजवंश के एक कुशल शासक थे। महाराणा प्रताप इतने प्रतापी और शूरवीर थे कि उनके वीरता और उनकी दृढ़ प्रण की गाथा इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो गए। यहां तक कि महाराणा प्रताप ने बादशाह महाराणा प्रताप जी का जन्म राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ में महाराजा उदय सिंह और माता रानी जयवंता कवर के घर में हुआ था। महाराणा प्रताप अपने शौर्य और वीरता के दम पर अनेकों राज्य को अपने अधीन किया था। परंतु उन्होंने उन राज्यों पर शासन ना करके वहां के राजाओं को अपना मित्र बनाया और उन राज्यों को उन्हीं राजाओं को सौंप दिया, जो वहां के मूल राजा थे। ऐसा कहा जाता है कि जब महाराणा प्रताप किसी भी प्रकार का प्रण कर लेते हैं तो वह अपने प्रण से पीछे नह...

महाराणा प्रताप

पूर्ववर्ती उत्तरवर्ती जन्म (वर्तमान में:कुम्भलगढ़ दुर्ग, निधन 19 जनवरी 1597 ( 1597-01-19) (उम्र56) (वर्तमान में:चावंड, जीवनसंगी महारानी संतान भगवान दास (17 पुत्र) पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया पिता माता धर्म महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उनका जन्म वर्तमान महाराणा प्रताप का जन्म पाली जिले में हुआ था और उनका ननिहाल पाली में था मुंशी देवी प्रसाद द्वारा रचित सरस्वती के भाग 18 में सात पंक्तियां में ताम्र पत्र उल्लेखित है और सोमानी रचित पुस्तक में महाराणा प्रताप द्वारा ब्राह्मणों को दान की गई भूमि का उल्लेख है इन स्रोतों से सत्य है की महाराणा प्रताप के ननिहाल की भूमि का उल्लेख पाली का करना उचित हैु अनुक्रम • 1 जन्म स्थान • 2 जीवन • 2.1 हल्दीघाटी का युद्ध • 2.2 समर्पण विचार • 2.3 पृथ्वीराज राठौर का पत्र • 2.4 दिवेर-छापली का युुद्ध • 2.5 सफलता और अवसान • 3 मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया • 4 फिल्म एवं साहित्य में • 5 कुछ महत्वपूर्ण तथ्य • 6 इसे भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कडियाँ जन्म स्थान महाराणा प्रताप के जन्मस्थान के प्रश्न पर दो धारणाएँ है। पहली महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता , भीलों के साथ ही वे युद्ध कला सीखते थे , भील अपने पुत्र को कीका कहकर पुकारते है, इसलिए भील महाराणा को कीका नाम से पुकारते थे। हिन्दुवा सूर्य महाराणा प्रताप के अनुसार जब प्रताप का जन्म हुआ था उस समय उदयसिंह युद्व और असुरक्षा से घिरे हुए थे। इस कारण पाली और मारवाड़ हर तरह से सुरक्षित था और रणबंका राठ...

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. Essay On Maharana Pratap Speech In Hindi:महाराणाप्रतापकीआज 483वींजयंतीमनाईजारहीहै।भारतकेसबसेवीरयोद्धामहारणाप्रतापसिंहकाजन्म 9 मई 1540 कोराजस्थानकेकुंभलगढ़मेंहुआऔर 19 जनवरी 1587 मेंमहाराणाप्रतापकानिधनहुआ।महाराणाप्रतापकोसन 1572 मेंमेवाड़काशासकबनायागया।महाराणाप्रतापराजपूतराजाराणासांगाकेपोतेऔरराजाउदयसिंहद्वितीयऔरजयवंताबाईसोंगाराकेपुत्रथे। कहतेहैंयुद्धपरजानेसेपहलेवे 208 किलोकीदोतलवारेंरखतेथेएवं 72 किलोंकासुरक्षाकवचपहनतेथे।उनकेसबसेप्रियेघोड़ेकानामचेतकथा, जोबड़ी-बड़ीनदियोंऔरबहुमंजिलाइमारतोंसेभीछलांगलगादेताथा।उदयपुरकेसिटीपैलेसमेंमहाराणाप्रतापसेजुड़ीकईचीजोंकोसभागारमेंरखागयाहै।महाराणाप्रतापनेअपनापूराजीवनमेवाड़कीरक्षाऔरराष्ट्रकोसमर्पितकिया।महाराणाप्रतापकीपूण्यतिथिऔरजयंतीपरकईतरहकेकार्यक्रमआयोजितकिएजातेहैं।स्कूलआदिमेंमहाराणाप्रतापपरनिबंध, क्विजकॉम्पीटिशनऔरभाषणप्रतियोगिताआयोजितकिएजातेहैं।ऐसेमेंयदिआपकोभीमहाराणाप्रतापकेबारेमेंपताहोनाचाहिए। महाराणाप्रतापपरनिबंधहिंदीमें | Essay ...

महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)

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महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास

Maharana Pratap ki Jivani महाराणा प्रताप ने अनेकों बार मुगल वंश को युद्ध में हराया और विजय प्राप्त की। यहाँ पर हम महाराणा प्रताप का जीवन परिचय (Biography of Maharana Pratap in Hindi) और महाराणा प्रताप की कुछ युद्ध नीति के बारे में चर्चा करेंगे। महाराणा प्रताप का जीवन परिचय | Maharana Pratap ki Jivani विषय सूची • • • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप जीवनी एक नज़र में नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया जन्म 9 मई 1540 आयु 95 वर्ष (मृत्यु तक) जन्म स्थान राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ दुर्ग पिता का नाम महाराजा उदय सिंह माता का नाम रानी जयवंता कँवर पत्नी का नाम अजबदे (महाराणा प्रताप ने 11 शादियाँ की थी) पेशा महाराजा घोड़ा चेतक बच्चे 22 (17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ) मृत्यु 19 जनवरी 1597 मृत्यु स्थान कुंभलगढ़ दुर्ग भाई-बहन – राज्य कुंभलगढ़ दुर्ग Maharana Pratap Biography in Hindi महाराणा प्रताप कौन थे? (Maharana Pratap Kaun The) महाराणा प्रताप उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया नामक राजवंश के एक कुशल शासक थे। महाराणा प्रताप इतने प्रतापी और शूरवीर थे कि उनके वीरता और उनकी दृढ़ प्रण की गाथा इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो गए। यहां तक कि महाराणा प्रताप ने बादशाह महाराणा प्रताप जी का जन्म राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ में महाराजा उदय सिंह और माता रानी जयवंता कवर के घर में हुआ था। महाराणा प्रताप अपने शौर्य और वीरता के दम पर अनेकों राज्य को अपने अधीन किया था। परंतु उन्होंने उन राज्यों पर शासन ना करके वहां के राजाओं को अपना मित्र बनाया और उन राज्यों को उन्हीं राजाओं को सौंप दिया, जो वहां के मूल राजा थे। ऐसा कहा जाता है कि जब महाराणा प्रताप किसी भी प्रकार का प्रण कर लेते हैं तो वह अपने प्रण से पीछे नह...

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

महाराणा प्रताप पर निबंध हिंदी में (Essay On Maharana Pratap)

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. Essay On Maharana Pratap Speech In Hindi:महाराणाप्रतापकीआज 483वींजयंतीमनाईजारहीहै।भारतकेसबसेवीरयोद्धामहारणाप्रतापसिंहकाजन्म 9 मई 1540 कोराजस्थानकेकुंभलगढ़मेंहुआऔर 19 जनवरी 1587 मेंमहाराणाप्रतापकानिधनहुआ।महाराणाप्रतापकोसन 1572 मेंमेवाड़काशासकबनायागया।महाराणाप्रतापराजपूतराजाराणासांगाकेपोतेऔरराजाउदयसिंहद्वितीयऔरजयवंताबाईसोंगाराकेपुत्रथे। कहतेहैंयुद्धपरजानेसेपहलेवे 208 किलोकीदोतलवारेंरखतेथेएवं 72 किलोंकासुरक्षाकवचपहनतेथे।उनकेसबसेप्रियेघोड़ेकानामचेतकथा, जोबड़ी-बड़ीनदियोंऔरबहुमंजिलाइमारतोंसेभीछलांगलगादेताथा।उदयपुरकेसिटीपैलेसमेंमहाराणाप्रतापसेजुड़ीकईचीजोंकोसभागारमेंरखागयाहै।महाराणाप्रतापनेअपनापूराजीवनमेवाड़कीरक्षाऔरराष्ट्रकोसमर्पितकिया।महाराणाप्रतापकीपूण्यतिथिऔरजयंतीपरकईतरहकेकार्यक्रमआयोजितकिएजातेहैं।स्कूलआदिमेंमहाराणाप्रतापपरनिबंध, क्विजकॉम्पीटिशनऔरभाषणप्रतियोगिताआयोजितकिएजातेहैं।ऐसेमेंयदिआपकोभीमहाराणाप्रतापकेबारेमेंपताहोनाचाहिए। महाराणाप्रतापपरनिबंधहिंदीमें | Essay ...

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय और इतिहास

Maharana Pratap ki Jivani महाराणा प्रताप ने अनेकों बार मुगल वंश को युद्ध में हराया और विजय प्राप्त की। यहाँ पर हम महाराणा प्रताप का जीवन परिचय (Biography of Maharana Pratap in Hindi) और महाराणा प्रताप की कुछ युद्ध नीति के बारे में चर्चा करेंगे। महाराणा प्रताप का जीवन परिचय | Maharana Pratap ki Jivani विषय सूची • • • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप जीवनी एक नज़र में नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया जन्म 9 मई 1540 आयु 95 वर्ष (मृत्यु तक) जन्म स्थान राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ दुर्ग पिता का नाम महाराजा उदय सिंह माता का नाम रानी जयवंता कँवर पत्नी का नाम अजबदे (महाराणा प्रताप ने 11 शादियाँ की थी) पेशा महाराजा घोड़ा चेतक बच्चे 22 (17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ) मृत्यु 19 जनवरी 1597 मृत्यु स्थान कुंभलगढ़ दुर्ग भाई-बहन – राज्य कुंभलगढ़ दुर्ग Maharana Pratap Biography in Hindi महाराणा प्रताप कौन थे? (Maharana Pratap Kaun The) महाराणा प्रताप उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया नामक राजवंश के एक कुशल शासक थे। महाराणा प्रताप इतने प्रतापी और शूरवीर थे कि उनके वीरता और उनकी दृढ़ प्रण की गाथा इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो गए। यहां तक कि महाराणा प्रताप ने बादशाह महाराणा प्रताप जी का जन्म राजस्थान राज्य के कुंभलगढ़ में महाराजा उदय सिंह और माता रानी जयवंता कवर के घर में हुआ था। महाराणा प्रताप अपने शौर्य और वीरता के दम पर अनेकों राज्य को अपने अधीन किया था। परंतु उन्होंने उन राज्यों पर शासन ना करके वहां के राजाओं को अपना मित्र बनाया और उन राज्यों को उन्हीं राजाओं को सौंप दिया, जो वहां के मूल राजा थे। ऐसा कहा जाता है कि जब महाराणा प्रताप किसी भी प्रकार का प्रण कर लेते हैं तो वह अपने प्रण से पीछे नह...