महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ

  1. Maharana Pratap Jayanti: महाराणा प्रताप जयंती 2023 में कब है?
  2. Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं
  3. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय: Maharana Pratap Biography in Hindi
  4. महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?
  5. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय
  6. महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?
  7. Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं
  8. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय: Maharana Pratap Biography in Hindi
  9. महाराणा प्रताप का जीवन परिचय
  10. Maharana Pratap Jayanti: महाराणा प्रताप जयंती 2023 में कब है?


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Maharana Pratap Jayanti: महाराणा प्रताप जयंती 2023 में कब है?

महाराणा प्रताप के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल महारणा प्रताप जयंती मनाई जाती है। वह सोलहवीं शताब्दी के उदयपुर, मेवाड़ मेम सिसोदिया राजपूत राजवंश के महान राजा थे। वह अपनी वीरता, पराक्रम, व शौर्यता के लिए इतिहास में अमर है। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर को रणभूमि में कई बार टक्कर का मुकाबला दिया। खासकर महारणा प्रताप को हल्दी घाटी के युद्ध के लिये जाना जाता है। उन्हें धरती का वीर पुत्र महारणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है । क्या आपके जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है, क्या आप उनका समाधान चाहते है, तो अभी हमारे महाराणा प्रताप जयंती कैसे मनाई जाती है? महाराणा प्रताप राजस्थान मेवाड के राजपूत राजा थे। राजपूत समाज का एक बड़ा हिस्सा खासकर के राजस्थान में महाराणा प्रताप की जयंती को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाते है। पूरा राजपूत समाज इस दिन झाकियां सजाता है, शहरों और गलियों में रेलिया निकालता है। इसके साथ ही महाराणा प्रताप के नाम के नारे लगाते हैं । कई जगहों पर महाराणा प्रताप की मूर्तिया और मंदिर भी बने हुए हैं। वहां जाकर उनकी मूर्ति की पूजा-अर्चना की जाती है। शाही परिवार के लोग अपने घर में उनके नाम की जौत जलाते है । महाराणा प्रताप से जुड़ी कुछ बाते जन्म और इतिहास कुंभलगढ़ दुर्ग राजस्थान में 9 मई, 1540 ईस्वी को महारणा प्रताप का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम महारणा उदयसिंह तथा माता का नाम जीवत कंवर था। उनके कुलदेवता का नाम एकलिंग महादेव है। मेवाड़ के सभी राणाओं के जीवन में एकलिंग महादेव का बहुत महत्व है। एकलिंग महादेव राणाओं के अराध्यदेव है। जिनका मंदिर उदयपुर में स्थित है। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था, जो दुनिया के सभी घोड़ों में श्रेष्ठ था। इतिहास में महारणा प्रताप के नाम के स...

Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं

Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं महाराणा प्रताप मेवाड़ के 13 वें राजा थे, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक क्षेत्र है, जो अब राजस्थान में स्थित है. वीर योद्धा के साहस और वीरता को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती पर महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था... Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप मेवाड़ के 13 वें राजा थे, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक क्षेत्र है, जो अब राजस्थान में स्थित है. वीर योद्धा के साहस और वीरता को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती पर महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था. हालांकि, हिंदी कैलेंडर में तारीखें अलग-अलग हैं. इसलिए, इस वर्ष, महाराणा प्रताप जयंती 25 मई को मनाई जाएगी. 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ में जन्मे “महाराणा प्रताप” राणा उदयसिंह द्वितीय और रानी जलवंता बाई के पुत्र थे. वे मेवाड़ और सिसोदिया राजवंश के गौरव थे. यह भी पढ़ें: बहुत कम उम्र से, महाराणा प्रताप सिंह की भू-राजनीति में रुचि थी और बर्बर मुगल आक्रमणों के खिलाफ उनके पिता के सैन्य कारनामे थे. इसके अलावा, शक्तिशाली राजा ने अपने पिता राणा उदय सिंह को विभिन्न लड़ाइयों में भी सहायता की, जिसने देश के लिए राजकुमार के प्रेम और रईसों के प्रति उनकी स्वतंत्र भावना को चित्रित किया. वह राजस्थान के नायक के रूप में रहते थे और कहा जाता था कि वे 7 फीट और 5 इंच लंबे थे, वे 80 किलोग्राम का भाला और दो तलवारें लेकर चलत...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय: Maharana Pratap Biography in Hindi

Maharana Pratap Jayanti | महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था | महाराणा प्रताप की जयंती कब मनाई जाती है | महाराणा प्रताप जयंती कब है | महाराणा प्रताप की जयंती कब है | महाराणा प्रताप का इतिहास | महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई थी महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य के विस्तारवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सारी लड़ाइयां लड़ी, लेकिन इसमें से मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई और 1982 में दिवेर की लड़ाई सबसे प्रमुख है। हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप हार गए थे और उन्हें कई वर्षों तक अपने परिवार के साथ जंगलों में जीवन व्यतीत करना पड़ा था। इसके बाद दिवेर की लड़ाई में उन्होंने वापस मेवाड़ राज्य को जीतने की शुरुआत कर दी थी। इस आर्टिकल में हम आपको महाराणा प्रताप का जन्म, महाराणा प्रताप का इतिहास, महाराणा प्रताप की जयंती कब मनाई जाती है, महाराणा प्रताप की मृत्यु, महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया और महाराणा प्रताप का उत्तराधिकारी के बारे में सभी प्रकार की जरूरी जानकारी देंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था? महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ राज्य के कुंभलगढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम जयवंता बाई था। इसके अलावा इनके छोटे भाइयों का नाम शक्ति सिंह, विक्रम सिंह और जगमाल सिंह था। इन की अन्य 2 सौतेली बहनों का नाम चांद कंवर और मान कंवर था। महाराणा प्रताप का इतिहास: भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप का नाम बड़े ही आदर एवं सम्मानपूर्वक लिया जाता है। यदि उनके घरेलू जीवन की बात करें तो उनका विवाह उनका विवाह बिजोलिया के अज...

महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?

महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ? महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?– इनका जन्म राजस्थान ने कुम्भलगड़ में हुआ था। इनकी माता का नाम रानी जीवत कंवर तथा इनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई सन 1540 को हुआ था। अकबर इनके ही समकालीन था। इनके काल में दिल्ली की सल्तनत की डोर मुगल बादशाह अकबर के हाथों में थी। आमेर के राजा मान सिंह एवं आसफ खां ने 1576 में अकबर के आदेश अनुसार मेवाड़ पर चढ़ाई कर दी और उसे हथियाने का प्रयास किया। लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण इस युद्ध में महान शासक महाराणा प्रताप मुगल सेना के साथ युद्ध करते हुए वीर गति को प्राप्त हो गए। ये भी देखें- Credit-

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय

परिचय महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एक महान योद्धाथे। महाराणा प्रताप अपने जीवन में कभी भी मुगलोंके आगे नहीं झुके और ना ही कभी मुगलों से हार मानी। वे एक पराक्रमी व बहादुर राजपूत थे। महाराणा प्रतापने हर परिस्थिति में अपनी अंतिम सांस तक अपनी प्रजा की रक्षा की, वे अपनी प्रजा का बहुत सम्मान करते थे। महाराणा प्रताप की वीरता को अकबरभी सलाम करता था। वे भावुक और धर्म परायणता के साथ-साथ युद्ध कौशल में भी निपुण थे। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाईजी उनकी सबसे पहली गुरु थीं। महाराणा प्रताप की पहली रानी का नाम अजबदे पुनवारथा, उनसे अमर सिंहऔर भगवानदासनाम के दो पुत्र थे। महाराणा प्रताप के भाले का भार 81 किलोव कवच का भार 72 किलोथा, उनके कवच, भाला, ढाल और तलवारों का वजन मिलकर 208 किलोथा और उनका खुद का भार 110 किलो था। जन्म व बचपन महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई सन. 1540को राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्गमें हुआ था। उनकी माता का नाम जयवंता बाई और पिता का नाम राणा उदयसिंह था। उनकी माता पाली के सोनगरा अखेराज की पुत्री थीं। इनके पिता उदयपुर शहर के संस्थापक थे। महाराणा प्रताप बचपन से ही वीर, साहसी व निडर थे, उनको अस्त्र-शस्त्रका ज्ञान भी बचपन में ही प्राप्त हुआ था। महाराणा प्रताप को बचपन से ही घुड़सवारी का शौक था। उनके पिता ने उन्हें बचपन में एक घोडा दिया था, जिसका नाम उन्होंने ”चेतक”रखा। बचपन में महाराणा प्रताप को ”कीका”के नाम से भी पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप की पत्नी महाराणा प्रताप की प्रथम पत्नि का नाम रानी अजबदे पुनवारथा। वह बिजोली की राजकुमारी थी और स्वभाव से बहुत ही शान्त और सुशील थी। अजबदे बाई ने महाराणा प्रताप का कठिन परिस्थतियों में उचित निर्णय लेने में साथ दिया था। अजबदे बाई के अलावा इनके...

महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?

महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ? महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ?– इनका जन्म राजस्थान ने कुम्भलगड़ में हुआ था। इनकी माता का नाम रानी जीवत कंवर तथा इनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई सन 1540 को हुआ था। अकबर इनके ही समकालीन था। इनके काल में दिल्ली की सल्तनत की डोर मुगल बादशाह अकबर के हाथों में थी। आमेर के राजा मान सिंह एवं आसफ खां ने 1576 में अकबर के आदेश अनुसार मेवाड़ पर चढ़ाई कर दी और उसे हथियाने का प्रयास किया। लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण इस युद्ध में महान शासक महाराणा प्रताप मुगल सेना के साथ युद्ध करते हुए वीर गति को प्राप्त हो गए। ये भी देखें- Credit-

Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं

Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप जयंती पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers भेजकर दें शुभकामनाएं महाराणा प्रताप मेवाड़ के 13 वें राजा थे, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक क्षेत्र है, जो अब राजस्थान में स्थित है. वीर योद्धा के साहस और वीरता को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती पर महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था... Maharana Pratap Jayanti 2023 Greetings: महाराणा प्रताप मेवाड़ के 13 वें राजा थे, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक क्षेत्र है, जो अब राजस्थान में स्थित है. वीर योद्धा के साहस और वीरता को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती पर महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था. हालांकि, हिंदी कैलेंडर में तारीखें अलग-अलग हैं. इसलिए, इस वर्ष, महाराणा प्रताप जयंती 25 मई को मनाई जाएगी. 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ में जन्मे “महाराणा प्रताप” राणा उदयसिंह द्वितीय और रानी जलवंता बाई के पुत्र थे. वे मेवाड़ और सिसोदिया राजवंश के गौरव थे. यह भी पढ़ें: बहुत कम उम्र से, महाराणा प्रताप सिंह की भू-राजनीति में रुचि थी और बर्बर मुगल आक्रमणों के खिलाफ उनके पिता के सैन्य कारनामे थे. इसके अलावा, शक्तिशाली राजा ने अपने पिता राणा उदय सिंह को विभिन्न लड़ाइयों में भी सहायता की, जिसने देश के लिए राजकुमार के प्रेम और रईसों के प्रति उनकी स्वतंत्र भावना को चित्रित किया. वह राजस्थान के नायक के रूप में रहते थे और कहा जाता था कि वे 7 फीट और 5 इंच लंबे थे, वे 80 किलोग्राम का भाला और दो तलवारें लेकर चलत...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय: Maharana Pratap Biography in Hindi

Maharana Pratap Jayanti | महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था | महाराणा प्रताप की जयंती कब मनाई जाती है | महाराणा प्रताप जयंती कब है | महाराणा प्रताप की जयंती कब है | महाराणा प्रताप का इतिहास | महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई थी महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य के विस्तारवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सारी लड़ाइयां लड़ी, लेकिन इसमें से मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई और 1982 में दिवेर की लड़ाई सबसे प्रमुख है। हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप हार गए थे और उन्हें कई वर्षों तक अपने परिवार के साथ जंगलों में जीवन व्यतीत करना पड़ा था। इसके बाद दिवेर की लड़ाई में उन्होंने वापस मेवाड़ राज्य को जीतने की शुरुआत कर दी थी। इस आर्टिकल में हम आपको महाराणा प्रताप का जन्म, महाराणा प्रताप का इतिहास, महाराणा प्रताप की जयंती कब मनाई जाती है, महाराणा प्रताप की मृत्यु, महाराणा प्रताप की मृत्यु पर अकबर की प्रतिक्रिया और महाराणा प्रताप का उत्तराधिकारी के बारे में सभी प्रकार की जरूरी जानकारी देंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ था? महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ राज्य के कुंभलगढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम जयवंता बाई था। इसके अलावा इनके छोटे भाइयों का नाम शक्ति सिंह, विक्रम सिंह और जगमाल सिंह था। इन की अन्य 2 सौतेली बहनों का नाम चांद कंवर और मान कंवर था। महाराणा प्रताप का इतिहास: भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप का नाम बड़े ही आदर एवं सम्मानपूर्वक लिया जाता है। यदि उनके घरेलू जीवन की बात करें तो उनका विवाह उनका विवाह बिजोलिया के अज...

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय

परिचय महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एक महान योद्धाथे। महाराणा प्रताप अपने जीवन में कभी भी मुगलोंके आगे नहीं झुके और ना ही कभी मुगलों से हार मानी। वे एक पराक्रमी व बहादुर राजपूत थे। महाराणा प्रतापने हर परिस्थिति में अपनी अंतिम सांस तक अपनी प्रजा की रक्षा की, वे अपनी प्रजा का बहुत सम्मान करते थे। महाराणा प्रताप की वीरता को अकबरभी सलाम करता था। वे भावुक और धर्म परायणता के साथ-साथ युद्ध कौशल में भी निपुण थे। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाईजी उनकी सबसे पहली गुरु थीं। महाराणा प्रताप की पहली रानी का नाम अजबदे पुनवारथा, उनसे अमर सिंहऔर भगवानदासनाम के दो पुत्र थे। महाराणा प्रताप के भाले का भार 81 किलोव कवच का भार 72 किलोथा, उनके कवच, भाला, ढाल और तलवारों का वजन मिलकर 208 किलोथा और उनका खुद का भार 110 किलो था। जन्म व बचपन महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई सन. 1540को राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्गमें हुआ था। उनकी माता का नाम जयवंता बाई और पिता का नाम राणा उदयसिंह था। उनकी माता पाली के सोनगरा अखेराज की पुत्री थीं। इनके पिता उदयपुर शहर के संस्थापक थे। महाराणा प्रताप बचपन से ही वीर, साहसी व निडर थे, उनको अस्त्र-शस्त्रका ज्ञान भी बचपन में ही प्राप्त हुआ था। महाराणा प्रताप को बचपन से ही घुड़सवारी का शौक था। उनके पिता ने उन्हें बचपन में एक घोडा दिया था, जिसका नाम उन्होंने ”चेतक”रखा। बचपन में महाराणा प्रताप को ”कीका”के नाम से भी पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप की पत्नी महाराणा प्रताप की प्रथम पत्नि का नाम रानी अजबदे पुनवारथा। वह बिजोली की राजकुमारी थी और स्वभाव से बहुत ही शान्त और सुशील थी। अजबदे बाई ने महाराणा प्रताप का कठिन परिस्थतियों में उचित निर्णय लेने में साथ दिया था। अजबदे बाई के अलावा इनके...

Maharana Pratap Jayanti: महाराणा प्रताप जयंती 2023 में कब है?

महाराणा प्रताप के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल महारणा प्रताप जयंती मनाई जाती है। वह सोलहवीं शताब्दी के उदयपुर, मेवाड़ मेम सिसोदिया राजपूत राजवंश के महान राजा थे। वह अपनी वीरता, पराक्रम, व शौर्यता के लिए इतिहास में अमर है। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर को रणभूमि में कई बार टक्कर का मुकाबला दिया। खासकर महारणा प्रताप को हल्दी घाटी के युद्ध के लिये जाना जाता है। उन्हें धरती का वीर पुत्र महारणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है । क्या आपके जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है, क्या आप उनका समाधान चाहते है, तो अभी हमारे महाराणा प्रताप जयंती कैसे मनाई जाती है? महाराणा प्रताप राजस्थान मेवाड के राजपूत राजा थे। राजपूत समाज का एक बड़ा हिस्सा खासकर के राजस्थान में महाराणा प्रताप की जयंती को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाते है। पूरा राजपूत समाज इस दिन झाकियां सजाता है, शहरों और गलियों में रेलिया निकालता है। इसके साथ ही महाराणा प्रताप के नाम के नारे लगाते हैं । कई जगहों पर महाराणा प्रताप की मूर्तिया और मंदिर भी बने हुए हैं। वहां जाकर उनकी मूर्ति की पूजा-अर्चना की जाती है। शाही परिवार के लोग अपने घर में उनके नाम की जौत जलाते है । महाराणा प्रताप से जुड़ी कुछ बाते जन्म और इतिहास कुंभलगढ़ दुर्ग राजस्थान में 9 मई, 1540 ईस्वी को महारणा प्रताप का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम महारणा उदयसिंह तथा माता का नाम जीवत कंवर था। उनके कुलदेवता का नाम एकलिंग महादेव है। मेवाड़ के सभी राणाओं के जीवन में एकलिंग महादेव का बहुत महत्व है। एकलिंग महादेव राणाओं के अराध्यदेव है। जिनका मंदिर उदयपुर में स्थित है। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था, जो दुनिया के सभी घोड़ों में श्रेष्ठ था। इतिहास में महारणा प्रताप के नाम के स...