महाराणा प्रताप की तलवार की फोटो

  1. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?
  2. Demand for installation of statue of Maharana Pratap
  3. महाराणा प्रताप की तलवार कितने किलो की थी
  4. Fact Check: यह महाराणा प्रताप की तलवार नहीं है


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वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड अपडेट बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे बोर्ड का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) से पहले विभिन्न बोर्डों के गठन की प्रक्रिया जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने बीते 22 मई को उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) के गठन की घोषणा की थी. महज 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. इस बोर्ड के गठन के पीछे गहलोत सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश जन-जन तक पहुंचे. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड इस दिशा में काम करेगा. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में सरकारी कर्मचारियों के अलावा नियुक्तियां होंगी. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे. इसके अलावा बोर्ड के कामकाज को करने के लिए सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है. यह रहेगा मुख्य रूप से बोर्ड का कार्य बोर्ड का कार्य महाराणा प्रताप पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबंधित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है. इसके साथ ही उनके नाम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना भी है. महाराणा प्रताप पर आधारित मेलों, प्...

Demand for installation of statue of Maharana Pratap

क्षत्रिय चेतना परिषद ने इटावा शहर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाए जाने की मांग की है। इस संबंध में परिषद की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया है कि इटावा क्षेत्र में महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित नहीं है जब भी इतिहास में वीरता की बात की जाती है तो महाराणा प्रताप का नाम आता है। इसलिए इटावा में उनकी प्रतिमा की स्थापना की जानी चाहिए। यह भी कहा गया है कि पक्का बाग तिराहा या नुमाइश चौराहा पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना की जाए। इस कार्य में आर्थिक सहयोग देने का भरोसा भी परिषद ने दिया है। परिषद के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भदौरिया के नेतृत्व में ज्ञापन देने के लिए पहुंचने वालों में देवेंद्र सिंह भदोरिया पुत्तन, सुशीला राजावत, आशीष चौहान, दीपू ठाकुर, गजेंद्र मिश्रा, प्रीति चौहान, एकलव्य भदौरिया आदि शामिल रहे।

महाराणा प्रताप की तलवार कितने किलो की थी

महाराणा प्रताप की तलवार कितने किलो की थी – महाराणा प्रताप भारत के महान वीर सपूतों में से एक थे। वीरों के नायक महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया, जिनकी वीरता, बलिदान और त्याग की गाथाएं आज भी पूरे देश में गूंजती हैं। महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को एक राजपूत राजघराने में हुआ था। पिता उदयसिंह मेवाड़ा वंश के शासक थे। महाराणा प्रताप उनके बड़े पुत्र थे। महाराणा प्रताप के तीन छोटे भाई और दो सौतेली बहनें थीं। वीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाईयां लड़ी थीं। महाराणा प्रताप ने अकबर को तीन बार युद्ध में हराया था। कहते है कि महाराणा प्रताप ने जंगल में घास की रोटी खाई और जमीन पर रात बिताई, पर अकबर के सामने कभी हार नहीं मानी। कहा तो यह भी जाता है की महाराणा प्रताप अपनी तलवार से दुश्मनों के एक झटके में घोड़े समेत दो टुकड़े कर देते थे। तो आइये जानते है महाराणा प्रताप की तलवार का वजन कितना था और महाराणा प्रताप की तलवार का क्या नाम था – महाराणा प्रताप की तलवार कितने किलो की थी (Maharana Pratap Ki Talwar Kitne Kilo Ki Thi) सोशल मीडिया और इंटरनेट पर कई रिपोर्ट्स में महाराणा प्रताप के भाले के वजन को लेकर चर्चा की जाती है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो और उनके छाती के कवच का वजन 72 किलो था। वहीं उनके भाले, कवच, ढाल और दो तलवारों का कुल वजन 208 किलो था। वहीं, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनका वजन 110 किलो और हाइट 7 फीट 5 इंच थी। साथ ही कई जगहों पर इस 208 किलो को 500 किलो तक भी बताया गया है और कहा गया है कि प्रताप अपने वजन से कई किलो ज्यादा वजन लेकर युद्ध के मैदान में उतरते थे। पर सचाई क्या है? वैसे बहुत से लोग यही जानते हैं कि ...

Fact Check: यह महाराणा प्रताप की तलवार नहीं है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। वायरल हो रही तस्वीर में नजर आ रही तलवार स्पेन के ग्रैनाडा के आखिरी आमिर (सुल्तान) मुहम्मद XII की है। क्या है वायरल पोस्ट में? फेसबुक यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर (आर्काइव It is the same sword by which in the battle of Haldighati, Maharana Pratap sliced one of the Mughal opponent Behlol Khan into two along with his horse!! 🚩🚩🚩” फेसबुक पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”करीब 50 किलोग्राम वजनी महाराणा प्रताप की तलवार। आप उस आदमी की ताकत का अंदाजा लगा सकते हैं, जिसके एक हाथ में 50 किलो की तलवार और दूसरे हाथ में 80 किलो की ढाल थी और वह दोनों के साथ दौड़ते घोड़े पर सवार होकर दुश्मनों पर हमला करता था। इसी तलवार की मदद से हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप ने मुगल शासक बहलोल खान और उसके घोड़े के दो टुकडे़ कर दिए थे।” पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 250 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स ने भी तलवार की इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है। पड़ताल वायरल पोस्ट में नजर आ रही तलवार की तस्वीर को रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें imgur.com की फोटो Source-Britannica.com यानी जिस तलवार को महाराणा प्रताप का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह स्पेन के ग्रैनाडा के आखिरी शासक मुहम्मद XII की है। इसके बाद हमने सोशल सर्च का सहारा लिया। सर्च में हमें यू-ट्यूब पर 30 जुलाई 2013 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसे ‘bmanishap’ नाम के यूजर्स ने अपलोड किया है। अपलोड किया गया वीडियो राणा प्रताप म्यूजियम (उदयपुर) का है और इसमें महाराणा प्रताप की तलवार और अन्य साजो-समान को देखा जा सकता है। ...