Mishr dhaatu kise kahate hain kisi ek mishr dhaatu ka naam likhiye

  1. प्रताप नारायण मिश्र
  2. क्रिया किसे कहते हैं
  3. सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)
  4. धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India
  5. सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)
  6. प्रताप नारायण मिश्र
  7. क्रिया किसे कहते हैं
  8. धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India
  9. सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)
  10. धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India


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प्रताप नारायण मिश्र

poora nam pandit pratap narayan mishr janm janm bhoomi mrityu abhibhavak pandit sankatadin karm bhoomi karm-kshetr bhasha prasiddhi lekhak, nagarikata bharatiy sanbandhit lekh any janakari mishr ji bharatendu mandal ke pramukh lekhakoan mean se ek the. unhoanne inhean bhi dekhean pratap narayan mishr ( Pratap Narayan Mishra; janm- janm tatha shiksha pratap narayan mishr ka janm 24 sitambar, 1856 ee. mean hindi ke prati anurag pratap narayan mishr chhatravastha se hi "kavivachanasudha" ke gady-pady-may lekhoan ka niyamit path karate the, jisase masik patr ka sampadan sahayak sanpadak age ke samay mean san rachanaean • kavy - 'kanapur mahatmy', 'tripyantamh‌', 'tarapati pachisi', 'dangal khand', 'prarthana shatak', 'prem pushpavali', 'phalgun mahatmy', 'braidala svagat', 'man ki lahar', 'yuvaraj kumar svagatante', 'lokokti shatak', 'shokashru', 'shrriangar vilas', 'shri prem puran', 'holi hai', 'divane barahaman' aur 'sphut kavitaean'. uparyukt rachanaoan mean se 'tripyantamh‌', 'tarapati pachisi', 'prem pushpavali', 'braidala svagat', 'man ki lahar', 'yuvarajakumar svagatantean', 'shokashru', 'prem puran' tatha 'holi' 'pratap narayan mishr kavitavali' mean sangrahit haian. • naty-sahity - 'kali kautuk' (roopak), 'juari khuari' (prahasan, apoorn), 'hathi hamir', 'sangit shakuntal' ('abhijnan shakuntalamh' ke adhar par rachit giti roopak), 'bharat durdasha' (roopak), 'kali pravesh' (gitiroopak), 'doodh ka doodh aur pani ka pani' (bhan, apoorn). • nibandh - 'pratap narayan gra...

क्रिया किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • क्रिया (Kriya) क्रिया हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण और ज़रूरी हिस्सा है, जिसे समझने में छात्रों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्रिया शब्द का शाब्दिक अर्थ काम होता है, अर्थात किसी वाक्य में कर्ता द्वारा किया जाने वाला कार्य ही क्रिया होती है। परीक्षा की दृष्टि से क्रिया बहुत ही मत्वपूर्ण है। अतः लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें। kriya ki paribhasha क्रिया किसे कहते हैं | Kriya Kise Kahate Hain किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है उसे क्रिया कहते हैं। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ काम होता है। क्रिया की उत्पत्ति धातु शब्दों से होती है। मूल धातु शब्द में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया बनती है। किसी वाक्य में लिंग, वचन, काल आदि के आधार पर क्रिया का रूप परिवर्तित होने के साथ-साथ क्रिया के उदाहरण | Kriya Ke Udahran • विक्रम पढ़ रहा है। • शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे। • महेश क्रिकेट खेल रहा है। • सुरेश खेल रहा है। • राजा राम पुस्तक पढ़ रहा है। • बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं। • लड़कियाँ गाना गा रही हैं। • गीता चाय बना रही है। • महेश पत्र लिखता है। • उसी ने बोला था। • राम ही सदा लिखता है। • अध्यापक छात्रों को पाठ पढ़ा रहा था। • राम ने कृष्ण को पत्र लिखा। • आज सभी पतंग उड़ा रहे हैं। • धनश्याम दूध पी रहा है। प्रथम वाक्य में विक्रम द्वारा पढ़ाई काम का करना पाया जा रहा है। अतः इस वाक्य में ‘पढ़ रहा है’ क्रिया पद है। द्वितीय वाक्य में स्पष्ट रूप से किसी काम का करना दिखाई नहीं दे रह...

सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)

Saral Vakya in Hindi: हिंदी व्याकरण में तीन प्रकार के वाक्य होते है, सरल वाक्य, हिंदी भाषा पढ़ने वाले कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियोंको परीक्षा में सरल वाक्य की परिभाषा (saral vakya ki paribhasha), सरल वाक्य क्या होता है (saral vakya kya hota hai) और सरल वाक्य के उदाहरण पूछे जाते है। इस आर्टिकल की मदद से आप सरल वाक्य को आसानी से समझ सकते हैं। • राम किताब पढ़ता है। प्रयुक्त उदाहरण में एक उद्देश्य और एक क्रिया हो रही है। एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राम है। किताब पढ़ना एक विधेय एवं क्रिया है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • राधिका नाचती है। जैसा कि ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस उदाहरण में एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राधिका है और इस वाक्य में एक विधेय एवं क्रिया जो नाचना हैं। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत रखा जाएगा। • बालक सोता रहता है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में बालक कर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि सोना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • पूजा गाना गाती है। प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो पूजा है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो गाना गाती है। • मेरी माता खाना बना रही है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में मेरी माताकर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि खाना बनाना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • मोहन थैला लेकर चला गया । प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो मोहन है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया चला गयाहै। • माला मंदिर गई है । प्रयुक्त उदाहरण में...

धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India

1. अगर हम ‘खाना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘खा’ के साथ लगा है। इस प्रकार से खाना की मूल धातु ‘खा’ है। 2. इसी प्रकार से यदि हम ‘जाना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘जा’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘जाना’ की मूल धातु ‘जा’ होगी। 3. इसी प्रकार से यदि हम ‘पढ़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘पढ़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पढ़ना’ की मूल धातु ‘पढ़’ है। 4. इसी प्रकार से यदि हम ‘आना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘आ’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘आना’ की मूल धातु ‘आ’ है। 5. अगर हम ‘देखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘देख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘देखना’ की मूल धातु ‘देख’ है। 6. इसी प्रकार से यदि हम ‘लिखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लिख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लिखना’ की मूल धातु ‘लिख’ है। 7. इसी प्रकार से यदि हम ‘पीना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘पी’ है उसके साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पीना’ की मूल धातु ‘पी’ कहलाएगी। 8. अगर हम ‘रोकना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘रोक’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘रोकना’ शब्द की मूल धातु ‘रोक’ है। 9. इसी प्रकार से यदि हम ‘करना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘कर’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘करना’ की मूल धातु ‘कर’ कहलाएगी। 10. अगर हम ‘लड़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लड़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लड़ना’ शब्द क...

सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)

Saral Vakya in Hindi: हिंदी व्याकरण में तीन प्रकार के वाक्य होते है, सरल वाक्य, हिंदी भाषा पढ़ने वाले कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियोंको परीक्षा में सरल वाक्य की परिभाषा (saral vakya ki paribhasha), सरल वाक्य क्या होता है (saral vakya kya hota hai) और सरल वाक्य के उदाहरण पूछे जाते है। इस आर्टिकल की मदद से आप सरल वाक्य को आसानी से समझ सकते हैं। • राम किताब पढ़ता है। प्रयुक्त उदाहरण में एक उद्देश्य और एक क्रिया हो रही है। एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राम है। किताब पढ़ना एक विधेय एवं क्रिया है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • राधिका नाचती है। जैसा कि ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस उदाहरण में एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राधिका है और इस वाक्य में एक विधेय एवं क्रिया जो नाचना हैं। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत रखा जाएगा। • बालक सोता रहता है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में बालक कर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि सोना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • पूजा गाना गाती है। प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो पूजा है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो गाना गाती है। • मेरी माता खाना बना रही है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में मेरी माताकर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि खाना बनाना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • मोहन थैला लेकर चला गया । प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो मोहन है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया चला गयाहै। • माला मंदिर गई है । प्रयुक्त उदाहरण में...

प्रताप नारायण मिश्र

poora nam pandit pratap narayan mishr janm janm bhoomi mrityu abhibhavak pandit sankatadin karm bhoomi karm-kshetr bhasha prasiddhi lekhak, nagarikata bharatiy sanbandhit lekh any janakari mishr ji bharatendu mandal ke pramukh lekhakoan mean se ek the. unhoanne inhean bhi dekhean pratap narayan mishr ( Pratap Narayan Mishra; janm- janm tatha shiksha pratap narayan mishr ka janm 24 sitambar, 1856 ee. mean hindi ke prati anurag pratap narayan mishr chhatravastha se hi "kavivachanasudha" ke gady-pady-may lekhoan ka niyamit path karate the, jisase masik patr ka sampadan sahayak sanpadak age ke samay mean san rachanaean • kavy - 'kanapur mahatmy', 'tripyantamh‌', 'tarapati pachisi', 'dangal khand', 'prarthana shatak', 'prem pushpavali', 'phalgun mahatmy', 'braidala svagat', 'man ki lahar', 'yuvaraj kumar svagatante', 'lokokti shatak', 'shokashru', 'shrriangar vilas', 'shri prem puran', 'holi hai', 'divane barahaman' aur 'sphut kavitaean'. uparyukt rachanaoan mean se 'tripyantamh‌', 'tarapati pachisi', 'prem pushpavali', 'braidala svagat', 'man ki lahar', 'yuvarajakumar svagatantean', 'shokashru', 'prem puran' tatha 'holi' 'pratap narayan mishr kavitavali' mean sangrahit haian. • naty-sahity - 'kali kautuk' (roopak), 'juari khuari' (prahasan, apoorn), 'hathi hamir', 'sangit shakuntal' ('abhijnan shakuntalamh' ke adhar par rachit giti roopak), 'bharat durdasha' (roopak), 'kali pravesh' (gitiroopak), 'doodh ka doodh aur pani ka pani' (bhan, apoorn). • nibandh - 'pratap narayan gra...

क्रिया किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • क्रिया (Kriya) क्रिया हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण और ज़रूरी हिस्सा है, जिसे समझने में छात्रों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्रिया शब्द का शाब्दिक अर्थ काम होता है, अर्थात किसी वाक्य में कर्ता द्वारा किया जाने वाला कार्य ही क्रिया होती है। परीक्षा की दृष्टि से क्रिया बहुत ही मत्वपूर्ण है। अतः लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें। kriya ki paribhasha क्रिया किसे कहते हैं | Kriya Kise Kahate Hain किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है उसे क्रिया कहते हैं। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ काम होता है। क्रिया की उत्पत्ति धातु शब्दों से होती है। मूल धातु शब्द में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया बनती है। किसी वाक्य में लिंग, वचन, काल आदि के आधार पर क्रिया का रूप परिवर्तित होने के साथ-साथ क्रिया के उदाहरण | Kriya Ke Udahran • विक्रम पढ़ रहा है। • शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे। • महेश क्रिकेट खेल रहा है। • सुरेश खेल रहा है। • राजा राम पुस्तक पढ़ रहा है। • बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं। • लड़कियाँ गाना गा रही हैं। • गीता चाय बना रही है। • महेश पत्र लिखता है। • उसी ने बोला था। • राम ही सदा लिखता है। • अध्यापक छात्रों को पाठ पढ़ा रहा था। • राम ने कृष्ण को पत्र लिखा। • आज सभी पतंग उड़ा रहे हैं। • धनश्याम दूध पी रहा है। प्रथम वाक्य में विक्रम द्वारा पढ़ाई काम का करना पाया जा रहा है। अतः इस वाक्य में ‘पढ़ रहा है’ क्रिया पद है। द्वितीय वाक्य में स्पष्ट रूप से किसी काम का करना दिखाई नहीं दे रह...

धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India

1. अगर हम ‘खाना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘खा’ के साथ लगा है। इस प्रकार से खाना की मूल धातु ‘खा’ है। 2. इसी प्रकार से यदि हम ‘जाना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘जा’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘जाना’ की मूल धातु ‘जा’ होगी। 3. इसी प्रकार से यदि हम ‘पढ़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘पढ़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पढ़ना’ की मूल धातु ‘पढ़’ है। 4. इसी प्रकार से यदि हम ‘आना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘आ’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘आना’ की मूल धातु ‘आ’ है। 5. अगर हम ‘देखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘देख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘देखना’ की मूल धातु ‘देख’ है। 6. इसी प्रकार से यदि हम ‘लिखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लिख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लिखना’ की मूल धातु ‘लिख’ है। 7. इसी प्रकार से यदि हम ‘पीना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘पी’ है उसके साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पीना’ की मूल धातु ‘पी’ कहलाएगी। 8. अगर हम ‘रोकना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘रोक’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘रोकना’ शब्द की मूल धातु ‘रोक’ है। 9. इसी प्रकार से यदि हम ‘करना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘कर’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘करना’ की मूल धातु ‘कर’ कहलाएगी। 10. अगर हम ‘लड़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लड़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लड़ना’ शब्द क...

सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण)

Saral Vakya in Hindi: हिंदी व्याकरण में तीन प्रकार के वाक्य होते है, सरल वाक्य, हिंदी भाषा पढ़ने वाले कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियोंको परीक्षा में सरल वाक्य की परिभाषा (saral vakya ki paribhasha), सरल वाक्य क्या होता है (saral vakya kya hota hai) और सरल वाक्य के उदाहरण पूछे जाते है। इस आर्टिकल की मदद से आप सरल वाक्य को आसानी से समझ सकते हैं। • राम किताब पढ़ता है। प्रयुक्त उदाहरण में एक उद्देश्य और एक क्रिया हो रही है। एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राम है। किताब पढ़ना एक विधेय एवं क्रिया है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • राधिका नाचती है। जैसा कि ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस उदाहरण में एक उद्देश्य एवं कर्ता जो राधिका है और इस वाक्य में एक विधेय एवं क्रिया जो नाचना हैं। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत रखा जाएगा। • बालक सोता रहता है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में बालक कर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि सोना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • पूजा गाना गाती है। प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो पूजा है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो गाना गाती है। • मेरी माता खाना बना रही है। ऊपर उदाहरण में दर्शाया गया है कि इस वाक्य में मेरी माताकर्ता एवं उद्देश्य है और इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया जो कि खाना बनाना है। अतः यह उदाहरण सरल वाक्य के अंतर्गत आएगा। • मोहन थैला लेकर चला गया । प्रयुक्त उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि उद्देश्य एवं कर्ता एक है जो मोहन है। इस वाक्य में एक विधेय और क्रिया चला गयाहै। • माला मंदिर गई है । प्रयुक्त उदाहरण में...

धातु किसे कहते है तथा इसके कितने भेद होते है। – Best Hindi Blog in India

1. अगर हम ‘खाना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘खा’ के साथ लगा है। इस प्रकार से खाना की मूल धातु ‘खा’ है। 2. इसी प्रकार से यदि हम ‘जाना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘जा’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘जाना’ की मूल धातु ‘जा’ होगी। 3. इसी प्रकार से यदि हम ‘पढ़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘पढ़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पढ़ना’ की मूल धातु ‘पढ़’ है। 4. इसी प्रकार से यदि हम ‘आना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘आ’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘आना’ की मूल धातु ‘आ’ है। 5. अगर हम ‘देखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘देख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘देखना’ की मूल धातु ‘देख’ है। 6. इसी प्रकार से यदि हम ‘लिखना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लिख’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लिखना’ की मूल धातु ‘लिख’ है। 7. इसी प्रकार से यदि हम ‘पीना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘पी’ है उसके साथ लगा है। इस प्रकार से ‘पीना’ की मूल धातु ‘पी’ कहलाएगी। 8. अगर हम ‘रोकना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘रोक’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘रोकना’ शब्द की मूल धातु ‘रोक’ है। 9. इसी प्रकार से यदि हम ‘करना’ क्रिया का उदाहरण लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु जोकि ‘कर’ है के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘करना’ की मूल धातु ‘कर’ कहलाएगी। 10. अगर हम ‘लड़ना’ क्रिया को लें तो इसमें ‘न’ प्रत्यय है जोकि इसकी मूल धातु ‘लड़’ के साथ लगा है। इस प्रकार से ‘लड़ना’ शब्द क...