संघ सूची

  1. संघ, समवर्ती और राज्य सूची के विषय
  2. सातवीं अनुसूची
  3. संघ सूची के कुल कितने विषय है?
  4. भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ sanvidhan ki anusuchi in hindi
  5. संघ सूची में कुल कितने विषय हैं?
  6. भारतीय संविधान संघात्मक एवं एकात्मक
  7. सातवीं अनुसूची
  8. संघ सूची के कुल कितने विषय है?
  9. संघ, समवर्ती और राज्य सूची के विषय
  10. भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ sanvidhan ki anusuchi in hindi


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संघ, समवर्ती और राज्य सूची के विषय

संघ सूची भारत का संविधान संघ (केंद्र) और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का प्रावधान करता है। यह सभी विषयों को 3 सूचियों में विभाजित करता है - संघ सूची, राज्य सूची, और समवर्ती सूची संघ सूची नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन विषयों का वर्णन करती है, राज्य सूची राज्यों के अधिकार क्षेत्र के तहत विषयों का वर्णन करती है समवर्ती सूची उन विषयों का वर्णन करती है जो हैं राज्यों के केंद्र के संयुक्त अधिकार क्षेत्र के तहत। वे विषय जो इन सूचियों में नहीं आते हैं अर्थात अवशेष विषय केंद्र को दिए गए हैं। तीन सूचियों के विषय • संघ सूची विषय (97 विषय) • राज्य सूची (66 विषय) • समवर्ती सूची (47 विषय) संघ, राज्य और समवर्ती सूची के विषय 1. संघ सूची विषय (97 विषय) संघ सूची तीन सूचियों में सबसे लंबी है।इसमें 97 विषयों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन पर केंद्रीय संसद कानून पारित कर सकती है।संघ सूची की प्रभावी ताकत अब 98 है। संघ सूची के मुख्य विषय हैं: रक्षा, विदेशी मामले, मुद्रा और सिक्का, युद्ध और शांति, परमाणु ऊर्जा, राष्ट्रीय संसाधन, रेलवे, पोस्ट और टेलीग्राफ, नागरिकता, नेविगेशन और शिपिंग , विदेशी व्यापार, अंतर-राज्य व्यापार और वाणिज्य, बैंकिंग, बीमा, राष्ट्रीय राजमार्ग, जनगणना, चुनाव, उच्च शिक्षा के संस्थान और अन्य। 2. राज्य सूची (66 विषय) राज्य सूची उन विषयों को समाहित करती है जिन पर प्रत्येक राज्य विधानमंडल कानून बना सकता है और ऐसे कानून प्रत्येक राज्य के क्षेत्र में संचालित होते हैं।राज्य सूची के मुख्य विषय हैं: सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस, राज्य न्यायालय शुल्क, जेल, स्थानीय सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, अस्पताल और औषधालय, भारत के भीतर तीर्थयात्रा, शराब के नशे में, विकलांगों और बेरोजगार...

सातवीं अनुसूची

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (नवम्बर 2018) स्रोत खोजें: · · · · भारत के संविधान में राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार के मध्य मुद्दों अथवा अधिकारों के बंटवारे के लिए विभिन्न अनुसूचियाँ परिभाषित की गयी हैं। इनमें से महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद २४५ और २४६ के अन्तर्गत आते हैं। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लिखित करती है। इसमें तीन सूचियाँ हैं: 1) संघ सूची, 2) राज्य सूची और 3) समवर्ती सूची। एक अन्य सूची भी है - अवशिष्ट सूची, जिसमें संविधान निर्माण के पश्चात के विषयों को रखा जाता है। अनुक्रम • 1 संघ सूची • 2 राज्य सूची • 3 समवर्ती सूची • 4 सन्दर्भ संघ सूची [ ] (अनुच्छेद 246) • कुल विषय - 100 • भारत की और उसके प्रत्येक भाग की रक्षा, जिसके अंतर्गत रक्षा के लिए तैयारी और ऐसे सभी कार्य हैं, जो युद्ध के समय युद्ध के संचालन और उसकी समाप्ति के पश्चात्‌ प्रभावी सैन्यवियोजन में सहायक हों। • नौसेना, सेना और वायुसेना; संघ के अन्य सशस्त्र बल। • क. संघ के किसी सशस्त्र बल या संघ के नियंत्रण के अधीन किसी अन्य बल का या उसकी किसी टुकड़ी या यूनिट का किसी राज्य में सिविल शक्ति की सहायता में अभिनियोजन; ऐसे अभिनियोजन के समय ऐसे बलों के सदस्यों की शक्तियाँ, अधिकारिता, विशेषाधिकार और दायित्व।) • छावनी क्षेत्रों का परिसीमन, ऐसे क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन, ऐसे क्षेत्रों के भीतर छावनी प्राधिकारियों का गठन और उनकी शक्तियाँ तथा ऐसे क्षेत्रों में गृह वास-सुविधा का विनियमन (जिसके अंतर्गत भाटक का नियंत्रण है)। • नौसेना, सेना और वायुसेना संकर्म। • आयुध, अग्रयायुध, गोलाबारूद और विस्फोटक। • परमाणु ऊर्जा और उसके उत्पादन...

संघ सूची के कुल कितने विषय है?

संघ सूची (Union Catalog) के कुल 97 विषय है। राष्ट्रीय महत्व से सम्बंधित विषयों को संघ सूची में सम्मिलित किया गया है, इन विषयों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है। विधायी विषयों को संविधान की सातवीं अनुसूची की तीन सूचियों में विभाजित किया गया है। सूचियां एवं उनमें विभाजित विषयों की संख्या इस प्रकार हैं — 1. संघ सूची 97 विषय, 2. राज्य सूची 66 विषय और समवर्ती सूची 47 विषय। संघ सूची में 2 (A), 92 (A) एवं 92 (B) के रूप में 3 अतिरिक्त विषय भी शामिल किए गए हैं लेकिन सूचियों की अंतिम संख्या 97 ही है न कि 100। किसी भी रूप में सूचियों की संख्या 99 नहीं हो सकती हैं जिसे SSC ने अपने उत्तर के रूप में स्वीकृत किया है। इस प्रकार सही उत्तर (C) होगा। Tags :

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ sanvidhan ki anusuchi in hindi

2.12.1 ■ भारतीय संविधान की अनुसूचियों तथा संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची से सम्बंधित प्रश्न – sanvidhan ki anusuchi भारतीय संविधान की अनुसू चियाँ Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ एवं मतलब Meaning of Schedules of indian constitution in hindi पहली अनुसूची क्या है आठवीं अनुसूची में कौन कौन सी भाषा है हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा एवं खूबसूरत संविधान है जिसमें 22 भाग, 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ मौजूद हैं। आज का आर्टिकल भारतीय संविधान की अनुसूचियों से संबंधित है जिसमें भारत के संविधान में कितनी अनुसूचियाँ है Bhartiya samvidhan ki anusuchi in hindi, 12 अनुसूचियाँ कौन कौन है एवं Schedules of indian constitution in hindi को सरल भाषा में समझाने की कोशिश की गई है। साथ ही Bhartiya samvidhan ki anusuchi in hindi से सम्बंधित रोचक तथ्य एवं Important Facts को भी कवर किया गया है ताकि परीक्षा में Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan से पूछे गए प्रश्नों को आप चुटकी भर में हल कर सकें। ● भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan कई बार भारतीय संविधान की अनुसूचियों को याद करते समय हमारे मन में यह सवाल आता है कि आखिर भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ क्या है ? संविधान में अनुसूचियों का मतलब क्या है ? संविधान में अनुसूचियों की आवश्यकता क्यों पड़ी ? ● भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ एवं मतलब Meaning of Schedules of indian constitution in hindi भारतीय संविधान में अनुसूची का मतलब, किसी विषयवस्तु, तथ्य एवं अनुच्छेदों को एक जगह, एक लिस्ट बनाकर उसको एक जगह विस्तार (Details) से वर्णन करना था। अनुसूचियां और कुछ नहीं किसी महत्वपूर्ण अनुच...

संघ सूची में कुल कितने विषय हैं?

Explanation : संघ सूची में कुल 100 विषय हैं। भारत में केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान द्वारा निश्चित किए गए हैं। चूँकि भारत राज्यों का संघ है। इसलिए संघ और राज्य के काम बँटे हुए हैं। संघ (केंद्र) सरकार जो कानून बनाती है वह पूरे देश के लिए बनाती है। वह ऐसे मामलों (विषयों) पर कानून बनाती है जो किसी एक राज्य के लिए न होकर सभी राज्यों के लिए होते हैं। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्र एवं राज्य की शक्तियों के बँटवारे से संबंधित तीन सूची दी गई है : 1. संघ सूची 2. राज्य सूची और 3. समवर्ती सूची। संविधान में केंद्र सरकार से संबंध रखने वाले विषय केंद्र सूची (Union List) में दिये गये हैं- इस सूची में इस समय 100 विषय हैं (मूलतः 97) जैसे- रेलवे, जल परिवहन, वायु परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग, बैंक, विदेशी मामले, स्मारक, रक्षा, दूरसंचार डाक एवं तार, सीमा शुल्क, अंतर्राष्ट्रीय संधि, सेना, परमाणु ऊर्जा नागरिकता मदा भारतीय रिजर्व बैंक आदि। सनद रहे कि राज्य सूची में 61 विषय और समवर्ती सूची में 52 विषय है। इसके अलावा केंद्र एवं राज्यों के मध्य विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यतः चार आयोग गठित किये गये, जो इस प्रकार हैं– प्रशासनिक सुधार आयोग, राजमन्नार आयोग, भगवान सहाय समिति एवं सरकारिया आयोग। Tags :

भारतीय संविधान संघात्मक एवं एकात्मक

भारतीय संविधान संघात्मक एवं एकात्मक भारतीय संविधान में संघवाद भारतीय संविधान में संघवाद के आधारभूत लक्षणों को निम्न प्रकार विवेचित किया गया है- 1. शक्तियों का विभाजन- संसार के अन्य संघात्मक संविधानों की भाँति भारतीय संविधान द्वारा भी केन्द्र एवं राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया गया है। यह विभाजन निम्नलिखित प्रकार से किया गया है- ( क ) संघीय सूची- इसमें 97 विषय हैं (वर्तमान में इसमें 99 विषय हैं , नये दोनों विषय अनुच्छेद 246 में भाग-2 के अन्तर्गत नये भाग 2-क द्वारा सम्मिलित किए गए हैं। जिन पर संघीय (केन्द्रीय) सरकार को कानून बनाने का पूर्ण व एकमात्र अधिकार है। सुरक्षा , विदेशी मामले , युद्ध तथा शान्ति , रेल , डाक , तार , मुद्रा , बीमा , बैंक , अखिल भारतीय सेवाएँ , सर्वोच्च न्यायालय , आयकर , सीमा शुल्क आदि प्रमुख संघीय विषय हैं। ( ख ) राज्य सूची- इसमें 66 विषय हैं (वर्तमान में 62 विषय हैं , 42वें संवैधानिक संशोधन 1976 द्वारा राज्य सूची के चार विषय समवर्ती सूची में कर दिये गये हैं) जिन पर राज्य सरकारों को कानून बनाने का पूर्ण एवं एकमात्र अधिकार है। इस सूची के मुख्य विषय हैं — स्थानीय स्वशासन , पुलिस , जेल , न्याय , सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि। भारतीय संविधान संघात्मक एवं एकात्मक ( ग ) समवर्ती सूची – इस सूची में 47 विषय हैं (वर्तमान में इसके विषयों की संख्या 52 है , 42वें संवैधानिक संशोधन द्वारा राज्य सूची के चार विषय तथा एक नया विषय समवर्ती सूची में जोड़ दिया गया) जिन पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्रीय और राज्य सरकारों दोनों को है। जिन मुख्य विषयों को इस सूची में रखा गया है , वे हैं-दीवानी और फौजदारी कानून , दण्ड- विधि , विवाह , तलाक , श्रमिक संघ , कारखाने , विद्युत , सामा...

सातवीं अनुसूची

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (नवम्बर 2018) स्रोत खोजें: · · · · भारत के संविधान में राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार के मध्य मुद्दों अथवा अधिकारों के बंटवारे के लिए विभिन्न अनुसूचियाँ परिभाषित की गयी हैं। इनमें से महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद २४५ और २४६ के अन्तर्गत आते हैं। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लिखित करती है। इसमें तीन सूचियाँ हैं: 1) संघ सूची, 2) राज्य सूची और 3) समवर्ती सूची। एक अन्य सूची भी है - अवशिष्ट सूची, जिसमें संविधान निर्माण के पश्चात के विषयों को रखा जाता है। अनुक्रम • 1 संघ सूची • 2 राज्य सूची • 3 समवर्ती सूची • 4 सन्दर्भ संघ सूची [ ] (अनुच्छेद 246) • कुल विषय - 100 • भारत की और उसके प्रत्येक भाग की रक्षा, जिसके अंतर्गत रक्षा के लिए तैयारी और ऐसे सभी कार्य हैं, जो युद्ध के समय युद्ध के संचालन और उसकी समाप्ति के पश्चात्‌ प्रभावी सैन्यवियोजन में सहायक हों। • नौसेना, सेना और वायुसेना; संघ के अन्य सशस्त्र बल। • क. संघ के किसी सशस्त्र बल या संघ के नियंत्रण के अधीन किसी अन्य बल का या उसकी किसी टुकड़ी या यूनिट का किसी राज्य में सिविल शक्ति की सहायता में अभिनियोजन; ऐसे अभिनियोजन के समय ऐसे बलों के सदस्यों की शक्तियाँ, अधिकारिता, विशेषाधिकार और दायित्व।) • छावनी क्षेत्रों का परिसीमन, ऐसे क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन, ऐसे क्षेत्रों के भीतर छावनी प्राधिकारियों का गठन और उनकी शक्तियाँ तथा ऐसे क्षेत्रों में गृह वास-सुविधा का विनियमन (जिसके अंतर्गत भाटक का नियंत्रण है)। • नौसेना, सेना और वायुसेना संकर्म। • आयुध, अग्रयायुध, गोलाबारूद और विस्फोटक। • परमाणु ऊर्जा और उसके उत्पादन...

संघ सूची के कुल कितने विषय है?

संघ सूची (Union Catalog) के कुल 97 विषय है। राष्ट्रीय महत्व से सम्बंधित विषयों को संघ सूची में सम्मिलित किया गया है, इन विषयों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है। विधायी विषयों को संविधान की सातवीं अनुसूची की तीन सूचियों में विभाजित किया गया है। सूचियां एवं उनमें विभाजित विषयों की संख्या इस प्रकार हैं — 1. संघ सूची 97 विषय, 2. राज्य सूची 66 विषय और समवर्ती सूची 47 विषय। संघ सूची में 2 (A), 92 (A) एवं 92 (B) के रूप में 3 अतिरिक्त विषय भी शामिल किए गए हैं लेकिन सूचियों की अंतिम संख्या 97 ही है न कि 100। किसी भी रूप में सूचियों की संख्या 99 नहीं हो सकती हैं जिसे SSC ने अपने उत्तर के रूप में स्वीकृत किया है। इस प्रकार सही उत्तर (C) होगा। Tags :

संघ, समवर्ती और राज्य सूची के विषय

संघ सूची भारत का संविधान संघ (केंद्र) और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का प्रावधान करता है। यह सभी विषयों को 3 सूचियों में विभाजित करता है - संघ सूची, राज्य सूची, और समवर्ती सूची संघ सूची नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन विषयों का वर्णन करती है, राज्य सूची राज्यों के अधिकार क्षेत्र के तहत विषयों का वर्णन करती है समवर्ती सूची उन विषयों का वर्णन करती है जो हैं राज्यों के केंद्र के संयुक्त अधिकार क्षेत्र के तहत। वे विषय जो इन सूचियों में नहीं आते हैं अर्थात अवशेष विषय केंद्र को दिए गए हैं। तीन सूचियों के विषय • संघ सूची विषय (97 विषय) • राज्य सूची (66 विषय) • समवर्ती सूची (47 विषय) संघ, राज्य और समवर्ती सूची के विषय 1. संघ सूची विषय (97 विषय) संघ सूची तीन सूचियों में सबसे लंबी है।इसमें 97 विषयों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन पर केंद्रीय संसद कानून पारित कर सकती है।संघ सूची की प्रभावी ताकत अब 98 है। संघ सूची के मुख्य विषय हैं: रक्षा, विदेशी मामले, मुद्रा और सिक्का, युद्ध और शांति, परमाणु ऊर्जा, राष्ट्रीय संसाधन, रेलवे, पोस्ट और टेलीग्राफ, नागरिकता, नेविगेशन और शिपिंग , विदेशी व्यापार, अंतर-राज्य व्यापार और वाणिज्य, बैंकिंग, बीमा, राष्ट्रीय राजमार्ग, जनगणना, चुनाव, उच्च शिक्षा के संस्थान और अन्य। 2. राज्य सूची (66 विषय) राज्य सूची उन विषयों को समाहित करती है जिन पर प्रत्येक राज्य विधानमंडल कानून बना सकता है और ऐसे कानून प्रत्येक राज्य के क्षेत्र में संचालित होते हैं।राज्य सूची के मुख्य विषय हैं: सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस, राज्य न्यायालय शुल्क, जेल, स्थानीय सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, अस्पताल और औषधालय, भारत के भीतर तीर्थयात्रा, शराब के नशे में, विकलांगों और बेरोजगार...

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ sanvidhan ki anusuchi in hindi

2.12.1 ■ भारतीय संविधान की अनुसूचियों तथा संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची से सम्बंधित प्रश्न – sanvidhan ki anusuchi भारतीय संविधान की अनुसू चियाँ Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ एवं मतलब Meaning of Schedules of indian constitution in hindi पहली अनुसूची क्या है आठवीं अनुसूची में कौन कौन सी भाषा है हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा एवं खूबसूरत संविधान है जिसमें 22 भाग, 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ मौजूद हैं। आज का आर्टिकल भारतीय संविधान की अनुसूचियों से संबंधित है जिसमें भारत के संविधान में कितनी अनुसूचियाँ है Bhartiya samvidhan ki anusuchi in hindi, 12 अनुसूचियाँ कौन कौन है एवं Schedules of indian constitution in hindi को सरल भाषा में समझाने की कोशिश की गई है। साथ ही Bhartiya samvidhan ki anusuchi in hindi से सम्बंधित रोचक तथ्य एवं Important Facts को भी कवर किया गया है ताकि परीक्षा में Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan से पूछे गए प्रश्नों को आप चुटकी भर में हल कर सकें। ● भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan कई बार भारतीय संविधान की अनुसूचियों को याद करते समय हमारे मन में यह सवाल आता है कि आखिर भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ क्या है ? संविधान में अनुसूचियों का मतलब क्या है ? संविधान में अनुसूचियों की आवश्यकता क्यों पड़ी ? ● भारतीय संविधान की अनुसूची का अर्थ एवं मतलब Meaning of Schedules of indian constitution in hindi भारतीय संविधान में अनुसूची का मतलब, किसी विषयवस्तु, तथ्य एवं अनुच्छेदों को एक जगह, एक लिस्ट बनाकर उसको एक जगह विस्तार (Details) से वर्णन करना था। अनुसूचियां और कुछ नहीं किसी महत्वपूर्ण अनुच...