मकर संक्रांति कब मनाया जाता है

  1. Makar Sankranti 2022 Date:कब है मकर संक्रांति, क्या कहता है पंंचांग, आज या कल किस दिन मनाएं ?
  2. makar sankranti 2022 know date time puja vidhi katha importance shubh muhurat surya gochar 14
  3. मकर संक्रांति के बारे में संपूर्ण जानकारी, Makar Sankranti Ka Tyohar In Hindi
  4. Makar Sankranti क्‍यो मनाया जाता हैं पूरी जानकारी
  5. Makar Sankranti 2022 date timing and shubh muhurat
  6. मकर संक्रांति कब है?, मकर संक्रांति क्यों और कैसे मनाया जाता है?, निबंध Makar Sankranti 2023 Date, Story, Essay On Makar Sankranti » INDIAN FESTIVALS & CULTURE
  7. मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, जानिये इसका इतिहास व धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
  8. 2024 में मकर संक्रांति कब है New Delhi, India में


Download: मकर संक्रांति कब मनाया जाता है
Size: 17.36 MB

Makar Sankranti 2022 Date:कब है मकर संक्रांति, क्या कहता है पंंचांग, आज या कल किस दिन मनाएं ?

Makar Sankranti 2022 Date: कब है मकर संक्रांति, क्या कहता है पंंचांग, आज या कल किस दिन मनाएं ? विस्तार Makar Sankranti 2022 Date: सूर्यदेव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति कहलाती है। लेकिन इस वर्ष सूर्य के राशि बदलने को लेकर पंचांग में मदभेद होने के कारण मकर संक्रांति कही 14 तो कहीं 15 जनवरी को मनाई जा रही है। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है। वहीं बनारस, उज्जैन और देश के बाकी हिस्सों में पंचांग के अनुसार सूर्य 14 जनवरी की रात करीब 08 बजकर 49 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस कारण से कुछ लोग 15 जनवरी को मकर संक्रांति मना रहे हैं। अलग अलग जगहों के अक्षांश-रेखांश के अनुसार सूर्योदय के परिणामस्वरूप सूर्य के राशि परिवर्तन में समयांतर हो जाता है। इस बार भी यही भ्रम रहेगा कि संक्रांति 14 या 15 जनवरी को मनाया जाए। वाराणसी के पंचांगों के साथ-साथ देश के अन्य भागों के अधिकतर पंचांगों में सूर्य का राशि परिवर्तन 14 जनवरी की रात्रि 08 बजे के बाद दिखा रहा है अतः वाराणसी के पंचांग के अनुसार संक्रांति पर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य जैसे यज्ञोपवीत, मुंडन, शादी-विवाह, गृहप्रवेश आदि आरम्भ हो जाएंगे। सूर्य की दक्षिणायन यात्रा के समय जो देवप्राण शक्तिहीन हो गये थे उनमें पुनः नई ऊर्जा शक्ति का संचार हो जाएगा और वे अपने भक्तों-साधकों को यथोचित फल देने में सामर्थ्यवान हो जाएंगे। मकर संक्रांति पर स्नान-दान इस पर्व पर समुद्र में स्नान के साथ-साथ गंगा, यमुना, सरस्वती, नमर्दा, कृष्णा, कावेरी आदि सभी पवित्र नदियों में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देने से पापों ...

makar sankranti 2022 know date time puja vidhi katha importance shubh muhurat surya gochar 14

makar sankranti 2022 know date time puja vidhi katha importance shubh muhurat surya gochar 14-15 january pcup | Makar Sankranti 2022: कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी? जान लें सही डेट और नोट कर लें पूजा सामग्री और शुभ मुहूर्त | Hindi News, Uttar Pradesh Makar Sankranti 2022: कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी? जान लें सही डेट और नोट कर लें पूजा सामग्री और शुभ मुहूर्त Makar Sankranti 2022: सनातन धर्म में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान दान कर भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पावन पर्व 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को है. इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है. Shani Amavasya 2021: अमावस्या पर इस मंत्र से करें शनिदेव को खुश, नौकरी और बिजनेस में आ रहीं बाधाएं होंगी दूर दो तिथियों को लेकर उलझन मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोग उलझन में हैं. हालांकि संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर कर रहें हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे. तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा. कुछ पंचागों के अनुसार 14 जनवरी तो कुछ के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना शुभ है. भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को अलग अलग नाम से जाना जाता है. एक ओर जहां उत्तर भारत में इसे खिचड़ी या मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं तो तमिलना...

मकर संक्रांति के बारे में संपूर्ण जानकारी, Makar Sankranti Ka Tyohar In Hindi

हिन्दू धर्म में सूर्य देव का स्थान (Makar Sankranti Ka Tyohar) सबसे ऊपर है। हालाँकि देवो का राजा इंद्र को माना गया है और देवो से भी ऊपर भगवान का स्थान (Makar Sankranti Ke Bare Mein Bataiye) होता हैं लेकिन फिर भी पृथ्वी लोक के वासियों के लिए सूर्य देव ही सबसे महान है। तभी भगवान श्रीराम भी सूर्य देव के उपासक रहे है। इसी के साथ भारत देश कृषि प्रधान देश है। मकर संक्रांति का त्यौहार जो हम हर वर्ष माघ के महीने में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं उसका जुड़ाव सूर्य देव व कृषि दोनों से हैं इसलिये इसका महत्व (Makar Sankranti Nibandh) बहुत बढ़ जाता है। हालाँकि इसे भारत देश के विभिन्न राज्यों और अन्य देशों में विभिन्न नामो के साथ आयोजित किया जाता हैं लेकिन संक्रांति मनाई हर जगह जाती है। आज हम मकर संक्रांति पर्व के बारे में (About Sankranti In Hindi) संपूर्ण जानकारी आपके साथ साँझा करेंगे। मकर संक्रांति त्यौहार के बारे में संपूर्ण जानकारी (Makar Sankranti In Hindi) मकर संक्रांति का पर्व कब मनाया जाता है? (Makar Sankranti Kab Manaya Jata Hai) इसे हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी या षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसे जनवरी माह की 14 या 15 तारिख को मनाया जाता है। हालाँकि हिन्दू धर्म के अन्य सभी त्योहारों की अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार तिथि बदलती रहती है लेकिन मकर संक्रांति मुख्यतया 14 या 15 जनवरी को ही पड़ता है। मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? (Why Do We Celebrate Makar Sankranti In Hindi) जैसा कि हमने आपको बताया कि इसे मनाने के पीछे दो कारण हैं: एक सूर्य देव से जुड़ा हुआ है तो दूसरा खेती से। आइए दोनों कारणों के बारे में जानते हैं: मकर...

Makar Sankranti क्‍यो मनाया जाता हैं पूरी जानकारी

Makar Sankranti In Hindi. भारत में माघ महीने में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध पर्व माना जाता है. क्योंकि इंग्लिश महीने से जब नया साल शुरू होता है, तो नए साल में सबसे पहला त्यौहार मकर संक्रांति का आता है. मकर संक्रांति के बाद नए फसल भी तैयार होते हैं. जिससे मकर संक्रांति का उत्सव इसलिए भी मनाया जाता है. वैसे हिंदू धर्म में कई ऐसे महान त्यौहार है जिसको बहुत ही धूमधाम से और मिलजुल कर मनाया जाता है. हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी या 15 जनवरी को ही मनाया जाता है. वैसे तो 14 जनवरी को भारत के कई राज्य में अलग-अलग नाम से लोग मनाते हैं. लेकिन यूपी में बिहार में अधिकतर मकर संक्रांति के नाम से ही इस त्यौहार को जानते हैं. इस लेख में मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, मकर संक्रांति का त्यौहार कब मनाया जाता है, इस त्यौहार से जुड़े कौन से पौराणिक कथा है के बारे में नीचे विस्तार से जानेंगे. हर साल इस त्यौहार को माघ महीने में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि के दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग का द्वार भी खुला रहता है इसलिए इस दिन जो भी दान और धर्म किया जाता है उसका पुण्‍य सबसे ज्यादा मिलता है. • • तीर्थराज प्रयाग में हर साल माघ महीने में माघी मेला लगता है. जो कि हर 6 साल पर अर्धकुंभ और 12 साल पर कुंभ का मेला लगता है. तीर्थराज प्रयागराज में सबसे पहला माघी मेला का पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन ही शुरू होता है. यहां पर एक महीने माघी मेला चलता है. इस महीने में तीर्थराज प्रयाग में जो भी लोग मां गंगा,मां यमुना और सरस्‍वती जिसे संगम के नाम से जानते हैं में स्नान करते हैं और दान करते...

Makar Sankranti 2022 date timing and shubh muhurat

Makar Sankranti 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति का पर्व देश के हर कोने में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. पंजाब में इसे लोहड़ी, केरल में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, उत्तराखंड में उत्तरायणी और कई स्थानों खिचड़ी के नाम में मनाया जाता है. 2022 में मकर संक्रांति कब है, मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन दान का क्या महत्व है. इसे जानते हैं. 2022 में मकर संक्राति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. हिंदीं पंचांग के मुताबिक इस दिन पौष मास की द्वादशी तिथि है. 14 जनवरी 2022 को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जब सूर्य मकर राशि में गोचर करता है तो मकर संक्रांति कहा जाता है. यह संक्रांति सबसे खास होती है क्योंकि इस अवसर पर सूर्यदेव दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त (Makat Sankranti Shubh Muhurat 2022) -मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल- दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक -पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट -मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल - दोपहर 02.43 से 04:28 तक -कुल अवधि - 01 घण्टा 45 मिनट कर संक्रांति: दान का महत्व (Makat Sankranti 2022 Importance of Donation) सूर्यदेव की उपासना के लिए मकर संक्रांति का दिन उत्तम होता है. शास्त्रों में सूर्य को संसार का आत्मा माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. दरअसल शनि मकर राशि के स्वामी ग्रह है. इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण के वक्त किया गया दान सौ गुना अधिक फल देता है. (Disclaimer: यहां ...

मकर संक्रांति कब है?, मकर संक्रांति क्यों और कैसे मनाया जाता है?, निबंध Makar Sankranti 2023 Date, Story, Essay On Makar Sankranti » INDIAN FESTIVALS & CULTURE

मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है? महत्व, कहानी (Makar Sankranti Date, Story, Puja Vidhi in Hindi) भारत देश में हर वर्ष बहुत से पर्व मनाये जाते हैं। सभी पर्वों में से एक मकर संक्रांति (Makar Sankranti) भी है, जिसकी हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। यह पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल, थाईलैंड, कम्बोडिया, श्रीलंका जैसे कई देशों अलग-अलग नामों से जाना और मनाया जाता है। इस त्यौहार के पीछे विज्ञान, कुदरत, स्वास्थ्य और आयुर्वेद से जुड़े कई तथ्य हैं। भारत देश के कई हिस्सों में इस पर्व को अलग- अलग नाम से जाना जाता है। यह पर्व Makar Sankranti images Table of Contents • • • • • मकर संक्रांति कब मनाया जाता है? (Makar Sankranti date 2023) यह पर हर वर्ष 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। 14 जनवरी के बाद सूर्य उत्तर दिशा की और चलना शुरू होता है। जिस कारण इस पर्व को उतरायण भी कहा जाता है। मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? तथ्य (Astronomical, Scientific facts) ज्योतिष विज्ञान और खगोलीय विज्ञान की माने तो यह 14 जनवरी की दिन पौष मास में सूर्य धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करता है। और सूर्य उत्तर दिशा की और बढ़ता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। साल में एक बार सूर्य उत्तर की और बढता है और एक बार सूर्य दक्षिण की और बढ़ता है। जब सूर्य उत्तर की और बढ़ता है तो दिन बड़े होने लगते हैं रातें छोटी और जब सूर्य दक्षिण की और बढ़ता है दिन छोटे होने लगते हैं और रातें बड़ी होने लगती हैं। मकर संक्रांति की कथा व कहानी (Makar Sankranti Story) कहा जाता है की इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव पास जाते हैं। तब शनिदेव मकर राशि को देख रहे होते हैं। जिस करण इस पर्व की मान्यता है। यह...

मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, जानिये इसका इतिहास व धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, मकर संक्रांति का इतिहास, पौराणिक व वैज्ञानिक महत्व Makar Sankranti celebration, history, Story, Makar Sankranti Festival 2023 in hindi भारत में प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। भारत के ज्यादातर हिस्सों में यह त्यौहार 14 एवं 15 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन कहीं-कहीं यह त्यौहार 13 जनवरी को भी मनाया जाता है। Advertisements मकर संक्रांति वर्ष भर में पूरे देश में मनाए जाने वाले भारतीय त्योहारों ऐसे एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। लेकिन ज्यादातर लोग मकर संक्रांति से जुड़ी हुई बहुत सारी बातों के बारे में नहीं जानते जबकि वह प्रत्येक वर्ष इस त्योहार को मनाते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मकर संक्रांत के त्यौहार और उसके महत्व के बारे में बताएंगे साथ ही साथ हम त्यौहार के धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों पर भी चर्चा करेंगे जिनके कारण यह त्यौहार मनाया जाता है। विषय–सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • सूर्य देव को समर्पित है मकर संक्रांति का त्यौहार, आइये जाने इसका इतिहास व धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भारत के हिंदू पंचांग में ज्यादातर तिथियां चंद्रमा की गति पर आधारित होती हैं लेकिन भारत में प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का दिन सूर्य की गति पर निर्भर होता है। मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू मान्यताओं का एक प्रमुख त्योहार है इसे भारत और नेपाल में बहुत प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति का अर्थ क्या है? (Makar SankrantiKya Hai) दरअसल मकर संक्रांति दो शब्दों से मिलकर बना होता है मकर संक्रांति मकर का अर्थ राशि से है जबकि संक्रांति का अर्थ संक्रमण होता है अर्थात जब कभी सूर्य ...

2024 में मकर संक्रांति कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में मकर संक्रांति कब है व मकर संक्रांति 2024 की तारीख व मुहूर्त। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख पर्व है। भारत के विभिन्न इलाकों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है। हर वर्ष सामान्यत: मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जबकि उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इसी दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ज्यादातर हिंदू त्यौहारों की गणना चंद्रमा पर आधारित पंचांग के द्वारा की जाती है लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य पर आधारित पंचांग की गणना से मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। शरद ऋतु क्षीण होने लगती है और बसंत का आगमन शुरू हो जाता है। इसके फलस्वरूप दिन लंबे होने लगते हैं और रातें छोटी हो जाती है। मकर संक्रांति का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से मकर संक्रांति का बड़ा ही महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। चूंकि शनि मकर व कुंभ राशि का स्वामी है। लिहाजा यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है। एक अन्य कथा के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है। बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा। फसलों की कटाई का त्यौहार नई फसल और नई ऋतु के आगमन के तौर पर भी मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है। पंजाब, यूपी, बिह...