मकर सक्रांति कब है

  1. Makar Sankranti Date 2023: मकर संक्रांति कब है? जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि, सारी जानकारी
  2. Makar Sankranti Date: कब है मकर संक्रांति? जानें इसकी पौराणिक कथा, इतिहास और महत्व
  3. मकर संक्रांति 2023: कब है? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
  4. Makar Sankranti 2023: नए साल में कब है मकर संक्रांति का पर्व? जानें स्नान
  5. Makar Sakranti 2022: कब है मकर सक्रांति और कब है स्नान
  6. मकर संक्रांति 2022: Makar Sankranti 2022 में कब है जानें डेट,तिथि,शुभ मुहूर्त »


Download: मकर सक्रांति कब है
Size: 50.47 MB

Makar Sankranti Date 2023: मकर संक्रांति कब है? जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि, सारी जानकारी

Makar Sankranti Date 2023: मकर संक्रांति कब है? जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि, सारी जानकारी : Makar Sankranti 2023 Date, मकर संक्रान्ति कब है ? मकर संक्रांति तिथि 2023 : जानिए , आप भी कब मनाई जाएगी मकर सक्रांति : बाकी सभी त्यौहार की तरह ही मकर सक्रांति भी हमारे भारत देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती हैं, अब कुछ ही दिनों बाद मकर संक्रांति का त्यौहार आने वाला है जैसे ही 2022 के आखिरी दिनों के बाद 2023 के पहले महीना जनवरी में मकर संक्रांति को त्यौहार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आ रहा है | “मुबारक मुबारक नया साल आया, 3.7 मकर सक्रांति के दिन क्या होता है ? Makar Sankranti Date 2023 – संक्षिप्त जानकारी त्यौहार का नाम मकर संक्रान्ति / Makar Sankranti आर्टिकल का नाम Makar Sankranti Date 2023 आर्टिकल का प्रकार ताजा खब़र वर्ष 2023 में मकर संक्रांति कितने दिन मनाई जाएगी ? साल 2023 में, मकर संक्रान्ति का त्यौहार 2 दिन मनायें साल 2023 मे दो दिनों तक रहेगी मकर संक्रान्ति आइए हम, आपको यहां नव वर्ष के पहले ना हो त्यौहार के बारे में कुछ रोचक जानकारियां प्रदान करेंगे जो कि आपके ज्ञान एवं आपके बौद्धिक शक्ति को बढ़ाएगा | आशा है यह नया साल आपके लिए ढेर सारी खुशियां और खूबसूरत समय लेकर आए। नए साल की बहुत सारी शुभकामनाएं. • आप सबको तो, यह पता ही होगा कि हर वर्ष मकर सक्रांति का त्यौहार नए वर्ष की शुरुआत के पहले महीने की 14 जनवरी को मनाया जाता है | • हम आपको बता दें, कि आ रही नए वर्ष 2023 में मकर संक्रांति कात्यौहार हर्ष उल्लास के साथ 2 दिन मनाया जाएगा, • नए वर्ष 2023 में मकर संक्रांति का त्यौहार 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा , • साल 2023 में, मकर संक्रान्ति का त्यौहार 2 दिन मनायें जाने ...

Makar Sankranti Date: कब है मकर संक्रांति? जानें इसकी पौराणिक कथा, इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान करते हैं. इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है. Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति भारत वर्ष में मनाया जाने वाला बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है. ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में चले जाते हैं. इसी दिन से खरमास (Kharmas) खत्म हो जाता है और शुभ काम फिर से शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान करना और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में गुड़ और तिल के लड्डू बना कर खाते हैं. यह त्योहार ना सिर्फ भारत में बल्कि नेपाल में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं मकर संक्रांति का इतिहास और उसका महत्व. भारत देश में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों के पीछे कोई ना कोई कहानी, घटनाएं, विज्ञान, ज्ञान स्वास्थ्य से जुड़ी बातें होती हैं. मकर संक्रांति का त्योहार हर साल जनवरी के महीने में 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. यह भी पढ़ें – मकर संक्रांति का इतिहास/ पौराणिक कथा इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथा और वैज्ञानिक कारण हैं. इनमें सबसे प्रसिद्ध मां गंगा, राजा भगीरथ और राजा सगर के पुत्रों से जुड़ी है. कथा के अनुसार कपिल मुनि पर देवराज इंद्र के घोड़े चोरी करने का झूठा आरोप राजा सगर के पुत्रों ने लगाया था जिससे क्रोधित होकर कपिल मुनि राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को श्राप दिया और वे जलकर भस्म हो गए थे.जब इस बात की जानकारी राजा सगर को हुई तो उन्होंने कपिल मुनि से क्षमा मांगी. उन...

मकर संक्रांति 2023: कब है? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व

मकर संक्रांति 2023 14 जनवरी को मनाई जाती है। देश भर में हर साल मकर संक्रांति को लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। अधिकांश हिंदू त्योहारों के विपरीत, जो चंद्रमा की बदलती स्थिति और चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करते हैं, मकर संक्रांति की 2023 की तारीख और समय भी सौर कैलेंडर पर निर्भर करता है। हर साल, मकर संक्रांति मकर राशि या मकर राशि में सूर्य की गति को चिह्नित करती है। वस्तुत: ‘संक्रान्ति’ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘आंदोलन’ है। इसलिए, ऐसा नाम। साथ ही मकर संक्रांति पर्व के दिन दिन-रात की अवधि बराबर होती है। साथ ही, यह त्योहार आधिकारिक तौर पर वसंत या भारतीय गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन के बाद, सूर्य पिछले दिनों की तुलना में थोड़ी अधिक देर तक रहता है, जिससे दिन रात से अधिक लंबे हो जाते हैं। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति के पर्व का बड़ा महत्व है। सौर घटना होने के कारण भी यह ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल एक ही तारीख को पड़ती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग इसे अलग-अलग नामों से जानते हैं। यह आंध्र प्रदेश में पेड्डा पांडुगा, तमिलनाडु में पोंगल, असम में माघा बिहू, गुजरात में उत्तरायण और भी बहुत कुछ है। आइए हम मकर संक्रांति 2023 के जीवंत त्योहार के बारे में अधिक चर्चा करें। मकर संक्रांति 2023 हिंदू धर्म में मकर संक्रांति 2023 इस त्योहार का अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। पुराणों के अनुसार, यह त्योहार पिता और पुत्र के बीच स्वस्थ बंधन का प्रतीक है। साथ ही, प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति भगवान विष्णु की असुरों पर विजय का उत्सव है। किंवदंती आगे बताती है कि कैसे भगवान विष्णु पृथ्वी पर असुरों के सिर काटकर और उन्हें मंदरा पर्वत के नीचे दफन करके उनके द्वार...

Makar Sankranti 2023: नए साल में कब है मकर संक्रांति का पर्व? जानें स्नान

जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति होती है. मकर संक्रांति के दिन देश की पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. Makar Sankranti 2023: नए साल में मकर संक्रांति का पर्व उस दिन मनाया जाता है, जिस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. जिस क्षण वे मकर राशि में प्रवेश करते हैं, वह समय सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है. मकर संक्रांति के दिन देश की पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. उसके बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं और दान पुण्य करते हैं. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन कई बार इसकी तिथि में अंतर भी होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि नए साल 2023 में मकर संक्रांति कब है और स्नान-दान तथा पुण्यकाल का समय क्या है? मकर संक्रांति 2023 पंचांग के अनुसार, सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी दिन शनिवार की रात 08 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है. यह समय सूर्य की मकर संक्रांति का क्षण है. इस आधार पर मकर संक्रांति क्षण 14 जनवरी को है, लेकिन मकर संक्रांति कर स्नान दान और पूजा पाठ अगले दिन 15 जनवरी रविवार को होगा. इस वजह से नए साल में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. यह भी पढ़ें: नए साल में 64 दिन बजेगी शहनाई, बैंड बाजा बारात के लिए देखें शुभ विवाह मुहूर्त मकर संक्रांति 2023 पुण्यकाल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और यह शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. मकर क्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजे तक रहेगा. मकर संक्रांति 2023 स्नान दान समय मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्योदय के साथ ही स्नान दान प्रारंभ हो जाता है. स्नान के बाद लोग सूर्य देव क...

Makar Sakranti 2022: कब है मकर सक्रांति और कब है स्नान

New Delhi: मकर सक्रांति आने वाली है. सब लोग मकर सक्रांति की पूजा की तैयारी में भी लग चुके हैं. इस साल 2022 मकर संक्रांति की तारीख को लेकर काफी ज्यादा दिक्क़तें चल रहीं हैं. कुछ लोगों को 14 जनवरी तो कुछ 15 जनवरी की मकर सक्रांति मालूम हो रही है. मकर संक्रान्ति (मकर संक्रांति) भारत का प्रमुख पर्व है. मकर संक्रांति (संक्रान्ति) पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है मकर सक्रांति को मान्या जाता है. ज्योतिष अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति कब है और मकर संक्रांति का दान और स्नान चलिए आज हम आपको बताते हैं. यह भी पढ़ें- मकर संक्रांति 2022 स्नान-दान - जानकारों के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी, शुक्रवार 14 जनवरी-2022 की रात 08 बजकर 50 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, मकर-संक्रांति (खिचड़ी) दूसरे दिन 15 जनवरी दिन शनिवार को दिन में 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. ऐसे में स्नान ध्यान , सारे पुण्य काम आप 15 जनवरी को कर सकते हैं. 14 जनवरी की रात में संक्रांति लग रही है, तो दूसरे दिन यानी की 15 जनवरी को ही खिचड़ी का त्योहार मनाया जाएगा. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के दिन शनि प्रदोष व्रत भी है. मकर संक्रांति दान मकर संक्रांति पर तिल-लड्डू, चावल, उड़द की छिलकेदार दाल और खिचड़ी बना कर भी दान दिया जाता है. इस दिन माँ सरस्वती को नयी किताब , कॉपी, पेन, फल फूल, नए वस्त्र भी चढ़ाएं जाते हैं. ये सब करने से तरक्की और शुभ फल की प्राप्ति हुई है. यह भी पढ़ें-

मकर संक्रांति 2022: Makar Sankranti 2022 में कब है जानें डेट,तिथि,शुभ मुहूर्त »

Makar Sankranti 2022: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख पर्व है। भारत के विभिन्न इलाकों में इस त्यौहार को स्थानीय मान्यताओं के अनुसार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। हर वर्ष सामान्यत: मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इसी दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इस प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। ज्यादातर हिंदू त्यौहारों की गणना चंद्रमा पर आधारित पंचांग के द्वारा की जाती है लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य पर आधारित पंचांग की गणना से मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। शरद ऋतु क्षीण होने लगती है और बसंत का आगमन शुरू हो जाता है। इसके फलस्वरूप दिन लंबे होने लगते हैं और रातें छोटी हो जाती है। मकर संक्रांति को सभी संक्रांति में अति महत्वपूर्ण माना गया है। मकर संक्रांति को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। त्योहारों के देश भारतवर्ष में हरदिन कोई ना कोई पर्व या व्रत अवश्य मनाया जाता है। आस्था का प्रतीक यह त्यौहार सिर्फ एक परंपरा ही नहीं है अपितु इसे मनाए जाने का प्रामाणिक वैज्ञानिक कारण भी उपलब्ध है। भारत में हर साल जनवरी में मकर सक्रांति (Makar Sankranti) पर्व मनाया जाता है। मकर सक्रांति काे भारत भिन्न-भिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं जैसे खिचड़ी (बिहार और उत्तर प्रदेश में), लोहड़ी, पिहू और पोंगल इत्यादि। आइए जानते हैं मकर संक्रांति की पौराणिक कहानियाँ, मकर संक्रांति का महत्व, मकर संक्रांति से जुड़े त्यौहार तथा 2022 में मकर संक्रांति कब है व मकर संक्रांति 2022 की तारीख व मुह...