मम प्रिय मित्र संस्कृत निबंध

  1. मम प्रिय: नेता संस्कृत निबंध II आदर्शमहापुरुष संस्कृत निबंध II महात्मा गान्धी संस्कृत निबंध
  2. मम प्रिया भाषा
  3. मेरे मित्र की सीख अनुच्छेद लेखन
  4. मम मित्रम्‌ संस्कृत निबंध II Mam Mitram Sanskrit Nibandha


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मम प्रिय: नेता संस्कृत निबंध II आदर्शमहापुरुष संस्कृत निबंध II महात्मा गान्धी संस्कृत निबंध

मम प्रिय: नेता संस्कृत निबंध आदर्शमहापुरुष संस्कृत निबंध महात्मा गान्धी संस्कृत निबंध My Favourite Leader Sanskrit Nibandha Mahatma Gandhi Sanskrit Nibandha 5 lines on My Favourite Leader in sanskrit​ उत्तराणि--- (1) महात्मा गान्धी मम प्रिय: नेता आदर्शमहापुरुष च अस्ति। (2) सः अहिंसाया:प्रतिमूर्ति: आसीत्। (3) सः अहिंसामार्गेण एव भारतदेशस्य स्वतन्त्रतायै यत्मम्‌ अकरोत्‌। (4) सः सत्य-अहिंसा-समभावपाठं सर्वानू अपाठयतू। (5) गान्धिन: अहिंसामार्ग: एवं विश्वशान्तिं स्थापयितुम्‌ समर्थ: अस्ति। (6) कर्मयोगिने गान्धिने नम: ।

मम प्रिया भाषा

यद्यपि मराठीभाषा मम मातृभाषा आस्ति तथापि संस्कृतभाषा एव मम प्रिया भाषा। संस्कृतभाषा विश्वे प्राचीनतमा। एषा भाषा देववाणी, देवभाषा, सुरवाणी इति नामाभिः अपि ख्याता। संस्कृतभाषा सर्वभारतीयभाषाणां जननी। एषा भाषा ज्ञानस्य महत् भाण्डारम्। एषा भाषा काव्यनाटकसुभाषितैः समृद्धा। संकृतभाषायां वेदपुराणादिग्रन्याः विविधशास्त्रग्रन्थाः च सन्ति। संस्कृतभाषायाः अध्ययनं संस्कृतिरक्षणार्थं संवर्धनार्थं च आवश्यकम्। एषा भाषा सङ्गणकयोग्या आस्ति इति सिद्धाम्। भारतीयसंस्कृतेः एकः प्रमुखः आधारः संस्कृतभाषा। अत: वदन्ति विद्वज्जनाः - " विना संस्कृतं नैव संस्कृतिः।" 😄 माध्यमभाषया उत्तरत। 1) ‘कंसंजघान ’इतिश्लोकं माध्यमभाषया स्पष्टीकुरुत। The above question is from the poetry lesson चित्रकाव्यम् , which means image poetry. Such lessons enhance the intellectual power and knowledge of children. This verse is an example of अन्तरलाप . There are four questions, which are given in the verse and the answer of each of them is hidden in the question itself. This is the beauty of शब्दालड्लार . The answer to the question is obtained by combining or dropping a particular letter (in the question) 1) The first question is कं संजघान कृष्णः? Whom did Krishna kill? By combining कं and सं, the answer is obtained – कंसं जघान कृष्णः। (Kansa) 2) The second question is का शीतलवाहिनी गड्गा? Which (part of) Ganga is coolly flowing? By combining काand शीतलवाहिनी , we get the answer - काशीतलवाहिनी गड्गा। (Ganga that flows at the base of Kashi). 3) The third question is के दारपोषणरताः? Who takes care व्यसने मित्रपरीक्षा 😄 माध्यम...

मेरे मित्र की सीख अनुच्छेद लेखन

मेरे मित्र की सीख अनुच्छेद लेखन : मेरा प्रिय मित्र अजय बहुत ही सज्जन एवं व्यवहारी सदाचारी है। वह कभी किसी की बुराई नहीं करता और न ही किसी की चुगली करता है। हम स्कूल में बहुत ही सहमे-सहमे रहते थे। खाना भी हम अकेले ही खाते थे। लेकिन जब से मुझे अजय मिला है तब से मैं अब अकेला नहीं रहता। हम दोनों मिलकर पढ़ते हैं¸ साथ में ही स्कूल आते-जाते हैं और खाना भी साथ मिलकर ही खाते हैं। मेरा प्रिय मित्र अजयबहुत ही सज्जन एवं व्यवहारीसदाचारी है। वह कभी किसी की बुराई नहीं करता और न ही किसी की चुगली करता है। हम स्कूल में बहुत ही सहमे-सहमे रहते थे। खाना भी हम अकेले ही खाते थे। लेकिन जब से मुझे अजयमिला है तब से मैं अब अकेला नहीं रहता। हम दोनों मिलकर पढ़ते हैं¸ साथ में ही स्कूल आते-जाते हैं और खाना भी साथ मिलकर ही खाते हैं। अजयका माननाहै कि खाना सदैव मिलकर ही खाना चाहिए। इससे हमारे बीच प्यार तो बढ़ता ही है साथ ही हमें कई प्रकार की सब्जी या दाल खाने को मिल जाती है जिससे शरीर की पौष्टिकता और ऊर्जा भी बढ़ती है। उसकी यह सीख मुझे अत्यंत अच्छी लगी। तब से मैं उसके एवं अन्य मित्रों के साथ मिलकर ही खाना खाता हूँ। बड़ा आनंद आता है। प्रतिदिन तरह-तरह की सब्जियाँ खाने को मिलती हैं। कभी कोई लड्डू लेकर आता है तो लड्डू खाने को मिलता है कभी कोई कुछ और अच्छी चीज लाता है तो वह खाने को मिलती है। इस प्रकार साथ मिलकर काम करने के अनेक लाभ हैं। यह सीख मैं प्रत्येक मनुष्य को देना चाहता हूँ जिससे कभी कोई लड़े-झगड़े नहीं और सभी मनुष्य प्रेम एवं शांति से रहें। 10 line essay,281,10 Lines in Gujarati,1,Aapka Bunty,3,Aarti Sangrah,3,Aayog,3,Agyeya,4,Akbar Birbal,1,Antar,26,anuched lekhan,50,article,17,asprishyata,1,Bahu ki Vi...

मम मित्रम्‌ संस्कृत निबंध II Mam Mitram Sanskrit Nibandha

मम मित्रम्‌ संस्कृत निबंध II Mam Mitram Sanskrit Nibandha Mam Mitramin Sanskrit 10 lines on mam mitram in sanskrit​ उत्तराणि-- (1) अभिनव: मम प्रियं मित्रम्‌ अस्ति। (2) सः मम विद्यालये सहपाठी अस्ति। (3) तस्य पिता प्राध्यापक: अस्ति। (4) सः पठने निपुण: अनुशासनप्रिय: च अंस्ति। (5) सः अतीव चतुरः कुशाग्रः च। (6) सः सदा सत्य॑ प्रियं च वदति। (7) सः परीक्षायां सदा प्रथमः तिष्ठति। (8) सः कदापि वृथा समयं न यापयति। (9) अर्धावकाशे आवां मिलित्वा एव भोजनं कुर्वः। (10) सर्वे गुरव: तस्मिन्‌ स्निहयन्ति। (11 ) सः गृहे ,विद्यालये ,समाजे तथा च यत्र कुत्रापि गच्छति तत्र स्नेहं सम्मानम् च एव लभते। (12) तथापि सः सदैव नम्रः एव भवति। (13) अतः सः मम प्रियतमं मित्रम् अस्ति।