मनु भंडारी का जीवन परिचय

  1. Mannu Bhandari Birthdya special writer who rise voice for women smzs
  2. मनु का जीवन परिचय मनुस्मृति Manu Biography Manusmriti Hindi​
  3. मनु का जीवन परिचय
  4. मन्नू भंडारी जीवन परिचय
  5. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi, Mannu Bhandari Career, Mannu Bhandari Works
  6. मन्नू भंडारी जीवन परिचय
  7. Mannu Bhandari Birthdya special writer who rise voice for women smzs
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  10. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi, Mannu Bhandari Career, Mannu Bhandari Works


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Mannu Bhandari Birthdya special writer who rise voice for women smzs

Birth anniversary or Manu Bhandari: नई कहानी आंदोलन की आधार स्तंभों में से एक मन्नू भंडारी इस पीढ़ी की अंतिम कड़ी थीं. राजेंद्र यादव , मोहन राकेश और कमलेश्वर त्रयी के अलावा निर्मल वर्मा, भीष्म साहनी, मनोहर श्याम जोशी, नामवर सिंह नई कहानी आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे. इन्होंने हिंदी साहित्य को एक प्रचलित परिपाटी से मुक्त कर एक नए युग में प्रवेश कराया. अपने संवेदनशील और विषय केंद्रित लेखन से मन्नू भंडारी ने सामाजिक परिस्थिति से उपजे मानवीय द्वंद को बड़े ही सहजता से अपनी रचना में उकेरा. बिना किसी खास विचारधारा और भेदभाव के उन्होंने सामाजिक यथार्थ को केंद्र में रखकर एक अनमोल साहित्य रचा. इनकी हर दूसरी रचना में रोजमर्रा की परिस्थितियों से संघर्ष करता हुआ पात्र आसानी से देखने को मिल जाता है. सहज भाषा में अपने मर्मस्पर्शी लेखन से एक आम पाठक का बड़ा वर्ग मन्नू भंडारी ने तैयार किया. इन्होंने अपने यथार्थवादी लेखन में महिला पात्रों को हमेशा केंद्र में रख, उनका चित्रण स्वतंत्र और सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने वाले रुप में किया. व्यक्तिगत जीवन 'आपका बंटी' और 'महाभोज' जैसी कालजयी कृति रचने वाली मन्नू भंडारी का जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल 1939 को हुआ था. पर परवरिश और प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर शहर में हुई. कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक और बीएचयू से हिंदी में एम.ए की डिग्री हासिल की. वह वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में हिंदी की अध्यापिका रहीं और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजन पीठ की अध्यक्षा भी रहीं. मन्नू भंडारी का विवाह, हिन्दी के चर्चित साहित्यकार एवं पत्रिका हंस के संपादक राजेंद्र यादव से हुआ था. उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं रह...

मनु का जीवन परिचय मनुस्मृति Manu Biography Manusmriti Hindi​

मनु का जीवन परिचय और मनुस्मृति Manu Maharaj Biography And Manusmriti in Hindi​: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतक मनु के विचारों को जानने का आधार मनुस्मृति हैं. इसमें पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर, व्यक्ति समाज एवं राज्य के विविध कार्यों एवं दायित्वों का विशद विवेचन किया गया हैं. आज के लेख में हम मनु के सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक विचारों को जानेगे. मनु ने पूरे समाज को चार वर्णों में विभाजित कर जन्म के आधार पर प्रत्येक वरण के नियम निषेध तय किये हैं. मनु की आश्रम व्यवस्था व्यक्ति के जीवन को आयु के आधार पर विभाजित कर तदरूप दायित्व निर्धारित किया हैं. मनुस्मृति में स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया हैं. लेकिन जन्म एवं लिंग आधारित मनु की समाज व्यवस्था में स्त्रियों एवं शूद्रों को निम्नतम पायदान पर रखा गया हैं. आज के इस manu meaning & manusmriti in hindi chapter 5 में हम मनु के राजनीतिक विचारों की चर्चा करेगे. मनु ने राज्य की उत्पत्ति से लेकर राजा का कार्य दायित्व शासन एवं न्याय के स्वरूप प्रक्रिया का प्रतिपादन किया हैं. मनु का शासक दैवीय शक्ति सम्पन्न होते हुए भी धर्म और दंड के अधीन था . मनु के राज्य एवं राजा का स्वरूप जन कल्याणकारी एवं नैतिक मूल्यों से युक्त हैं. मनु ने राज्य के सप्तांग सिद्धांत द्वारा राज्य के प्रमुख अंगों का ही विवेक सम्मत विवेचन नहीं किया बल्कि परराष्ट्र सम्बन्धों के लिए भी सार्थक परामर्श दिया गया हैं. इस सम्बन्ध में दिया गया मंडल एवं षडगुण्य सिद्धांत एक सफल एवं सशक्त राज्य की कल्पना का यथार्थ मार्ग दिखाता हैं. Telegram Group जो आधुनिक काल में कूटनीतिक दृष्टि से उतना ही प्रासंगिक है. मनु द्वारा प्रतिपादित कर व्यवस्था राज्य एवं व्यक्ति के आर्...

मनु का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • मनु का जीवन परिचय (Manu Biography in Hindi) मनु एक ऐतिहासिक चरित्रों होने के बावजूद उनकी जीवन काल (period) के बारे में इतिहासकारों ने सटीक रूप से वर्णन नहीं दे पाए हैं। विद्वान , विचारक एवं लेखकों की बीच में मत अंतर होने के कारण महर्षि मनुकी जन्म तथा जीवनकाल की सटीक गणना अभी तक अनिश्चित होकर रहा है। सार विलियम जॉन्स के अनुसार मोनू ईसा पूर्व 1200 जन्म काल बोलकर अपनी राय दिए हैं एवं आर.जी. भंडारकर मनू को द्वितीय शताब्दी के माध्यम और पंचम शताब्दी सेष के बीच के का काल बताएं हैं । इसी तरह से आपकी मोनू को शताब्दी के आरंभ काल तथा उसके पूर्व कल बताए हैं। आश्चर्यजनक रूप से कितने विद्वान और शोधकर्ता मोनू को द्वादशा तथा तेरहवीं शताब्दी क्यों बोल कर वर्णन किए हैं। लेकिन बी.ए. सेलटोरे मनु की जीवनकाल को ईसा पूर्व 1900 से 1800 के बीच में बोलकर मत दिए है. इसलिए महर्षि मनु की रहस्यमई जीवन काल के बारे में पुख्ता गणना नहीं हो पाया है। मनु की जीवन काल की गणना केवल एक-एक संभावना . मनु (Manu) नाम कैसे आया ” मनु “ शब्द एक संस्कृत शब्द जिसका अर्थ है मनोवैज्ञानिक अस्तित्व । और केई लोगों का विश्वास है कि मनू विश्व निर्माता ब्रह्मा जी के संतान है। और कितने लोगों की राय में “ मानव” शब्द की मूल “ मनु” शब्द से सृष्टि हुआ है। श्री अरविंद के अनुसार मनु एक संकेत व्यतीत और कुछ नहीं। मनुस्मृति– के बारे में महर्षि मनु के द्वारा लिखी गई पुस्तक को कहा जाता है मनुस्मृति तथा मनु संहिता । महर्षि मनु के द्वारा लिखी गई ये उत्कृष्ट कृति जो हिंदू धर्म, समाज और जीवन शैली के बारे में विशेष सूचना प्रदान करती है। संकलन श्रुति के बीच में मनुस्मृति ही श्रेष्ठ बोलकर विचार दिया गया है। मनुस्मृति...

मन्नू भंडारी जीवन परिचय

मन्नू भंडारी, मन्नू भंडारी जीवन परिचय,मन्नू भंडारी परिवार ,मन्नू भंडारी शिक्षा ,मन्नू भंडारी पुरस्कार, ( Mannu Bhandari, Mannu Bhandari family , Mannu Bhandari education, Mannu Bhandari Biography in Hindi,Manu Bhandari prize) नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है भारत की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारीजी के बारें में | मन्नू भंडारी जी का जन्म ३ अप्रैल १९३० को भानपुरा मंदसोर जिले में हुआ था | मन्नू भंडारी जी की मृत्यु १५ नवम्बर २०२१ को गुरुग्राम में हुआ | आज हम आपको उनके बारे में कुछ रोचक जानकारी देने का प्रयत्न करने जा रहे है | ये ऐसी लेखिका थी जिन्होंने अपनी लेखनी से बहुत रोचक लेख , कहानी, नाटक लिखे ,और अपनी पहचान भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी बनायीं | बॉलीवुड को रजनी गंधा जैसी इतनी अच्छी कहानी दी , और पता नहीं ऐसी कितनी कहानियों की रचना अपनी कल्पना से की | आइये जानते है उनके इस सफर के बारे में | Table of Contents • • • • • • • • • • • मन्नू भंडारी जीवन परिचय ( Mannu Bhandari Biography in Hindi) जीवन परिचय बिंदु जीवन परिचय पूरा नाम महेंद्र कुमारी लेखन के लिए नाम मन्नू भंडारी जन्म तिथि’ ३ अप्रैल , १९३० जन्म स्थान मंदसोर भानपुरा ( मध्य प्रदेश ) मृत्यु तिथि १५ नवम्बर २०२१ मृत्यु स्थान गुरुग्राम पिता सुख सम्पतराय माता – भाई –बहन २ भाई ३ बहने ( सबसे छोटी) शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक बनारस विश्व विद्यालय से हिंदी भाषा और साहित्य में ऍम.ए पुरस्कार हिंदी अकादमी , दिल्ली का शिखर सम्मलेन , भारतीय भाषा परिषद् , राजस्थान संगीत नाटक , अकादमी व्यास सम्मान उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, २००८ में उपधिन्यास मन्नू भंडारी प्रारंभिक जीवन (Manu Bhandari Early life) मन्नू जी क...

मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi, Mannu Bhandari Career, Mannu Bhandari Works

मन्नू भंडारी की जीवनी आज इस लेख में हम आपको भारत की एक आधुनिक कहानीकार और उपन्यासकार मन्नू भंडारी के बारें में बताने जा रहे है जिनका जन्म 3 अप्रैल 1931 को हुआ था. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के भानपुरा नगर में 1931 में जन्मी मन्नू भंडारी को श्रेष्ठ लेखिका होने का गौरव हासिल है. मन्नू भंडारी ने कहानी और उपन्यास दोनों विधाओं में कलम चलाई है. राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान पढ़े-लिखे और आधुनिकता पसंद लोगों की दुखभरी प्रेमगाथा है. विवाह टूटने की त्रासदी में घुट रहे एक बच्चे को केंद्रीय विषय बनाकर लिखे गए उनके उपन्यास आपका बंटी को हिंदी के सफलतम उपन्यासों की कतार में रखा जाता है. आम आदमी की पीड़ा और दर्द की गहराई को उकेरने वाले उनके उपन्यास महाभोज पर आधारित नाटक खूब लोकप्रिय हुआ था. इनकी यही सच है कृति पर आधारित रजनीगंधा फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी. मन्नू भंडारी एक भारतीय लेखक है जो विशेषतः 1950 से 1960 के बीच अपने कार्यो के लिए जानी जाती थी. सबसे ज्यादा वह अपने दो उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध थी, पहला आपका बंटी और दूसरा महाभोज. नयी कहानी अभियान और हिंदी साहित्यिक अभियान के समय में लेखक निर्मल वर्मा, राजेंद्र यादव, भीषम साहनी, कमलेश्वर इत्यादि ने उन्हं अभियान की सबसे प्रसिद्ध लेखिका बताया था. नाटक बिना दीवारों का घर (१९६६) विवाह विच्छेद की त्रासदी में पिस रहे एक बच्चे को केंद्र में रखकर लिखा गया उनका उपन्यास आपका बंटी (१९७१) हिन्दी के सफलतम उपन्यासों में गिना जाता है. लेखक और पति राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान (१९६२) पढ़े लिखे आधुनिक लोगों की एक दुखांत प्रेमकथा है जिसका एक एक अंक लेखक-द्वय ने क्रमानुसार लिखा था. मन्न...

मन्नू भंडारी जीवन परिचय

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Mannu Bhandari Birthdya special writer who rise voice for women smzs

Birth anniversary or Manu Bhandari: नई कहानी आंदोलन की आधार स्तंभों में से एक मन्नू भंडारी इस पीढ़ी की अंतिम कड़ी थीं. राजेंद्र यादव , मोहन राकेश और कमलेश्वर त्रयी के अलावा निर्मल वर्मा, भीष्म साहनी, मनोहर श्याम जोशी, नामवर सिंह नई कहानी आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे. इन्होंने हिंदी साहित्य को एक प्रचलित परिपाटी से मुक्त कर एक नए युग में प्रवेश कराया. अपने संवेदनशील और विषय केंद्रित लेखन से मन्नू भंडारी ने सामाजिक परिस्थिति से उपजे मानवीय द्वंद को बड़े ही सहजता से अपनी रचना में उकेरा. बिना किसी खास विचारधारा और भेदभाव के उन्होंने सामाजिक यथार्थ को केंद्र में रखकर एक अनमोल साहित्य रचा. इनकी हर दूसरी रचना में रोजमर्रा की परिस्थितियों से संघर्ष करता हुआ पात्र आसानी से देखने को मिल जाता है. सहज भाषा में अपने मर्मस्पर्शी लेखन से एक आम पाठक का बड़ा वर्ग मन्नू भंडारी ने तैयार किया. इन्होंने अपने यथार्थवादी लेखन में महिला पात्रों को हमेशा केंद्र में रख, उनका चित्रण स्वतंत्र और सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने वाले रुप में किया. व्यक्तिगत जीवन 'आपका बंटी' और 'महाभोज' जैसी कालजयी कृति रचने वाली मन्नू भंडारी का जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल 1939 को हुआ था. पर परवरिश और प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर शहर में हुई. कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक और बीएचयू से हिंदी में एम.ए की डिग्री हासिल की. वह वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में हिंदी की अध्यापिका रहीं और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजन पीठ की अध्यक्षा भी रहीं. मन्नू भंडारी का विवाह, हिन्दी के चर्चित साहित्यकार एवं पत्रिका हंस के संपादक राजेंद्र यादव से हुआ था. उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं रह...

मनु का जीवन परिचय मनुस्मृति Manu Biography Manusmriti Hindi​

मनु का जीवन परिचय और मनुस्मृति Manu Maharaj Biography And Manusmriti in Hindi​: प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतक मनु के विचारों को जानने का आधार मनुस्मृति हैं. इसमें पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर, व्यक्ति समाज एवं राज्य के विविध कार्यों एवं दायित्वों का विशद विवेचन किया गया हैं. आज के लेख में हम मनु के सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक विचारों को जानेगे. मनु ने पूरे समाज को चार वर्णों में विभाजित कर जन्म के आधार पर प्रत्येक वरण के नियम निषेध तय किये हैं. मनु की आश्रम व्यवस्था व्यक्ति के जीवन को आयु के आधार पर विभाजित कर तदरूप दायित्व निर्धारित किया हैं. मनुस्मृति में स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया हैं. लेकिन जन्म एवं लिंग आधारित मनु की समाज व्यवस्था में स्त्रियों एवं शूद्रों को निम्नतम पायदान पर रखा गया हैं. आज के इस manu meaning & manusmriti in hindi chapter 5 में हम मनु के राजनीतिक विचारों की चर्चा करेगे. मनु ने राज्य की उत्पत्ति से लेकर राजा का कार्य दायित्व शासन एवं न्याय के स्वरूप प्रक्रिया का प्रतिपादन किया हैं. मनु का शासक दैवीय शक्ति सम्पन्न होते हुए भी धर्म और दंड के अधीन था . मनु के राज्य एवं राजा का स्वरूप जन कल्याणकारी एवं नैतिक मूल्यों से युक्त हैं. मनु ने राज्य के सप्तांग सिद्धांत द्वारा राज्य के प्रमुख अंगों का ही विवेक सम्मत विवेचन नहीं किया बल्कि परराष्ट्र सम्बन्धों के लिए भी सार्थक परामर्श दिया गया हैं. इस सम्बन्ध में दिया गया मंडल एवं षडगुण्य सिद्धांत एक सफल एवं सशक्त राज्य की कल्पना का यथार्थ मार्ग दिखाता हैं. Telegram Group जो आधुनिक काल में कूटनीतिक दृष्टि से उतना ही प्रासंगिक है. मनु द्वारा प्रतिपादित कर व्यवस्था राज्य एवं व्यक्ति के आर्...

मनु का जीवन परिचय

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मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi, Mannu Bhandari Career, Mannu Bhandari Works

मन्नू भंडारी की जीवनी आज इस लेख में हम आपको भारत की एक आधुनिक कहानीकार और उपन्यासकार मन्नू भंडारी के बारें में बताने जा रहे है जिनका जन्म 3 अप्रैल 1931 को हुआ था. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के भानपुरा नगर में 1931 में जन्मी मन्नू भंडारी को श्रेष्ठ लेखिका होने का गौरव हासिल है. मन्नू भंडारी ने कहानी और उपन्यास दोनों विधाओं में कलम चलाई है. राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान पढ़े-लिखे और आधुनिकता पसंद लोगों की दुखभरी प्रेमगाथा है. विवाह टूटने की त्रासदी में घुट रहे एक बच्चे को केंद्रीय विषय बनाकर लिखे गए उनके उपन्यास आपका बंटी को हिंदी के सफलतम उपन्यासों की कतार में रखा जाता है. आम आदमी की पीड़ा और दर्द की गहराई को उकेरने वाले उनके उपन्यास महाभोज पर आधारित नाटक खूब लोकप्रिय हुआ था. इनकी यही सच है कृति पर आधारित रजनीगंधा फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी. मन्नू भंडारी एक भारतीय लेखक है जो विशेषतः 1950 से 1960 के बीच अपने कार्यो के लिए जानी जाती थी. सबसे ज्यादा वह अपने दो उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध थी, पहला आपका बंटी और दूसरा महाभोज. नयी कहानी अभियान और हिंदी साहित्यिक अभियान के समय में लेखक निर्मल वर्मा, राजेंद्र यादव, भीषम साहनी, कमलेश्वर इत्यादि ने उन्हं अभियान की सबसे प्रसिद्ध लेखिका बताया था. नाटक बिना दीवारों का घर (१९६६) विवाह विच्छेद की त्रासदी में पिस रहे एक बच्चे को केंद्र में रखकर लिखा गया उनका उपन्यास आपका बंटी (१९७१) हिन्दी के सफलतम उपन्यासों में गिना जाता है. लेखक और पति राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान (१९६२) पढ़े लिखे आधुनिक लोगों की एक दुखांत प्रेमकथा है जिसका एक एक अंक लेखक-द्वय ने क्रमानुसार लिखा था. मन्न...