- PM Modi Will Visit US For 8th Time, So Far 9 Indian PMs Have Visited America Narendra Modi Manmohan Singh
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PM Modi Will Visit US For 8th Time, So Far 9 Indian PMs Have Visited America Narendra Modi Manmohan Singh
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने कार्यकाल के 9 साल में 8वीं बार अमेरिका जाने वाले हैं. ये उनका पहला राजकीय दौरा होगा. पीएम मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका में रहेंगे. पीएम मोदी साल 2014 में पहली बार अमेरिकी दौरे पर गए थे. इस वर्ष सितंबर में उन्होंने अपना पहला यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (UNGA) संबोधन दिया. इसके बाद उनकी मुलाकात तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से हुई थी. इससे पहले मोदी सितंबर 1993 में अमेरिका पहुंचे थे, तब वह पीएम नहीं बने थे. आजादी के सात दशक बाद अब तक सिर्फ सात अमेरिकी राष्ट्राध्यक्षों ने भारत का दौरा किया है. जबकि भारतीय खेमे की तरफ से प्रधानमंत्रियों के अब तक 30 दौरे हो चुके हैं. गुजरे सात दशक में 9 भारतीय प्रधानमंत्रियों ने अमेरिका का दौरा किया. बतौर पीएम मनमोहन सिंह 8 बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं. अब 21 जून को पीएम मोदी भी आठवीं बार अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं. भारतीय प्रधानमंत्रियों के अब तक के अमेरिकी दौरों पर एक नजर: जवाहर लाल नेहरू: बीबीसी की एक आर्काइव रिपोर्ट के मुताबिक, देश के पहले पीएम नेहरू ने 1949 में 11-15 अक्टूबर तक अमेरिका की पहली यात्रा की. उनका दूसरा दौरा 1956 में 16-20 दिसंबर के बीच हुआ. नेहरू ने तीसरी यात्रा 26 सितंबर 1960 और चौथी नवंबर 1961 में की. इंदिरा गांधी: पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 27 मार्च 1966 को अमेरिका का दौरा किया. उस समय लिंडन जॉनसन अमेरिका के राष्ट्रपति थे. इंदिरा गांधी 14 अक्टूबर 1968 को दूसरी बार और 1970 को तीसरी बार अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करने गई थीं. मोरारजी देसाई: भारत के पहले गैर कांग्रेस सरकार के पीएम मोरारजी देसाई जून 1...
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जी-20 की बैठक में यूक्रेन युद्ध को लेकर दस्तावेज पर नहीं बनी सहमति पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज और अध्यक्ष के सारांश में 14 पैराग्राफ हैं, जिसमें कहा गया है कि दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन पाई है. इसपर लिखी टिप्पणियों से साफ है कि दो देशों- रूस और चीन ने यूक्रेन में युद्ध के संदर्भों का विरोध किया. वाराणसी: यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर जी-20 में मतभेद सोमवार को एक बार फिर सामने आ गए. समूह के विकास मंत्रियों की बैठक रूस और चीन के विरोध की वजह से आम सहमति पर पहुंचने में असमर्थ रही. वहीं, मेजबान भारत ने साझा आधार ढूंढने की कोशिश की. पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज और अध्यक्ष के सारांश में 14 पैराग्राफ हैं, जिसमें कहा गया है कि दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन पाई है. इसपर लिखी टिप्पणियों से साफ है कि दो देशों- रूस और चीन ने यूक्रेन में युद्ध के संदर्भों का विरोध किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में दुनिया के सामने विभिन्न विकासात्मक चुनौतियों की चर्चा की गई. समावेशी रोडमैप के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए भारत द्वारा शुरू की गई सात वर्षीय कार्य योजना को स्वीकार किया. इसने एक अन्य दस्तावेज को भी स्वीकार किया जिसका उद्देश्य जलवायु शमन के लिए स्थायी जीवन शैली के वास्ते सहयोग और साझेदारी को बढ़ाना है. पक्षकारों द्वारा तैयार दस्तावेज के पैराग्राफ 10 और 11 और अध्यक्ष के सारांश में जिक्र है कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की और जोर देकर कहा कि यह अत्यधिक मानवीय पीड़ा का कारण बन रहा है और रेखांकित किया गया है कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए.” यही बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी...