मोहिनी अट्टम नृत्य

  1. मोहनी अट्टम नृत्य
  2. मोहिनीअट्टम
  3. मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam)
  4. मोहिनी अट्टम नृत्यांगना कनक रेले का निधन, हेमा मालिनी ने तस्वीरें शेयर कर लिखा आत्मीय नोट


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मोहनी अट्टम नृत्य

चर्चित शब्द (विशेषण) जो किसी वस्तु, स्थान आदि के मध्य या बीच में स्थित हो। (संज्ञा) स्त्रियों का गहने, कपड़े आदि से अपने आपको सजाने की क्रिया। (संज्ञा) राजा जनक की पुत्री तथा राम की पत्नी। (संज्ञा) शिक्षा संबंधी योग्यता। (विशेषण) अच्छे चरित्रवाली। (विशेषण) धोखा देने के लिए किसी प्रकार की झूठी कार्रवाई करने वाला। (विशेषण) कहीं-कहीं पर होने वाला। (संज्ञा) सेना का प्रधान और सबसे बड़ा अधिकारी। (संज्ञा) वह रोग जिसमें भोजन नहीं पचता। (विशेषण) जो प्रशंसा के योग्य हो।

मोहिनीअट्टम

अनुक्रम • 1 व्युत्पत्ति • 2 इतिहास • 2.1 ब्रिटिश शासन का युग • 2.2 आधुनिक युग • 3 प्रदर्शनों की सूची • 3.1 अनुक्रम • 3.2 संगीत और वाद्य • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ व्युत्पत्ति [ ] पौराणिक मोहिनी मोहिनीअट्टम, जिसको मोहिनी अट्टम भी बोला जाता हैं यह "मोहिनी" शब्द से लिया गया है जो भारतीय पौराणिक कथाओं में भगवान् मोहिनी का अर्थ एक "दिव्य जादूगरनी या मन को मोहने वाला" होता है। जिसका अवतरण देव और असुरों के बीच युद्ध के दौरान हुआ था जब असुरों ने अमृत के ऊपर अपना नियंत्रण कर लिया था। मोहिनी ने वो अमृत असुरों को मोह में लेकर देवताओं को दे दिया था इतिहास [ ] मोहिनीअट्टम एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य है, जिसकी जड़े कला की भारतीय कला की जननी समझी जाने वाली पुष्तक नाट्य शास्त्र में हैं। जिसके रचयिता प्राचीन विद्वान भरत मुनि हैं इसकी पहली पूर्ण संकलन 200 ईसा पूर्व और 200 ईसा के बाद की मानी जाती हैं मोहिनीअट्टम संरचना इस प्रकार है और नाट्य शास्त्र में लास्य नृत्य के लिए करना है। रेजिनाल्ड मैसी के अनुसार, मोहिनीअट्टम के इतिहास के बारे में स्पष्ट नहीं है। केरल जहां इस नृत्य शैली विकसित हुई है और लोकप्रिय है, लास्य शैली नृत्य जिसका मूल बातें और संरचना जड़ में हो सकता है कि एक लंबी परंपरा है। ब्रिटिश शासन का युग [ ] 19 वीं सदी में ब्रिटिश शासन के प्रसार के साथ भारत के सभी शास्त्रीय नृत्यों का उपहास और खिल्ली उड़ाई गयी जिससे इनके प्रसार में गंभीर रूप से गिरावट हुई। आधुनिक युग [ ] ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान उपहास और अधिनियमित प्रतिबंध ने राष्ट्रवादी भावनाओं के लिए योगदान दिया है, और मोहिनीअट्टम सहित सभी प्रदर्शनों की सूची [ ] एक अनुक्रम [ ] मोहिनीअट्टम के प्रदर्शनों की सूची अनुक्रम संगीत और ...

मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam)

Table of Contents • • • • मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) मोहिनी (Mohini) का अर्थ होता है – मन को मोहने वाला। किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में केरल में सागर के तट पर यह नृत्य किया था। इसलिए इस नृत्य का नाम मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) पड़ा। मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) का उल्लेख मज्हमंगलम नारायणन नम्बु‍तिरि द्वारा 1709 में लिखित “व्यवहारमाला’’ पाठों और बाद में महान कवि कुंजन नम्बियार द्वारा लिखित ‘‘घोषयात्रा’’ में पाया जाता है । ‘‘मोहिनीअट्टम’’ की लोकप्रियता 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशकों में आजकल के त्रिचुर और पालघाट जिलों को मिलाकर क्षेत्र तक सीमित थी । मोहिनीअट्टम की विभिन्न मुद्राएँ (Poses of Mohiniyattam) • मोहिनीअट्टम नृत्य का एकल प्रदर्शन कन्याएँ ही करती हैं। • स्वाति तिरुनल व दूरियामन थम्पी रचित गीतों पर कर्नाटक संगीत की ध्वनि और चेण्डा एडका भटदलम् आदि के साज-संगीत के साथ इस नृत्य को प्रस्तुत किया जाता है। • लुप्तप्रायः हो चुके इस नृत्य में पुनर्जीवन के भाव भरने का श्रेय नारायण मेनन को जाता है।। मेनन ने ही कल्याणी अन्ना को कलामंडल में इस नृत्य की शिक्षा दी। • कालांतर में वैजयंतीमाला, शांता राव, रोशन वजीफदार, भारती शिवाजी, कनक रेले और हेमामालिनी जैसे नृतयांगनाओं ने इसे अधिक लोकप्रिय बनाया। 19 वीं सदी में ब्रिटिश शासन के प्रसार के साथ भारत के सभी शास्त्रीय नृत्यों का उपहास और खिल्ली उड़ाई गयी जिससे इनके प्रसार में गंभीर रूप से गिरावट हुई। ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान उपहास और अधिनियमित प्रतिबंध ने राष्ट्रवादी भावनाओं के लिए योगदान दिया है, और मोहिनीअट्टम सहित सभी हिंदू प्रदर्शन कला पर इनका असर पड़ा। 1930 के दशक में इसको भी पुनर्जीवित किया गया था। Read Also ....

मोहिनी अट्टम नृत्यांगना कनक रेले का निधन, हेमा मालिनी ने तस्वीरें शेयर कर लिखा आत्मीय नोट

मोहिनी अट्टम नृत्यांगना कनक रेले का निधन, हेमा मालिनी ने तस्वीरें शेयर कर लिखा आत्मीय नोट मोहिनी अट्टम नृत्यांगना कनक रेले का निधन, हेमा मालिनी ने तस्वीरें शेयर कर लिखा आत्मीय नोट By February 23, 2023 09:59 AM 2023-02-23T09:59:19+5:30 2023-02-23T10:14:12+5:30 हेमा मालिनी कनक रेले को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- कनक जी का रूप और व्यक्तित्व शाश्वत है। उनके अद्भुत परिवार और नालंदा के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं हमेशा हमारी दोस्ती को संजो कर रखूंगी। हेमा ने कनक रेले को याद करते हुए लिखा- पद्म विभूषण डॉ. श्रीमती. मोहिनी अट्टम नृत्यांगना, कोरियोग्राफर और नालंदा नृत्य अनुसंधान केंद्र की संस्थापक कनक रेले का निधन शास्त्रीय नृत्य की दुनिया के लिए एक महान युग का अंत है। इस दुनिया में उनका योगदान बहुत बड़ा है। अभिनेत्री ने पोस्ट में आगे कहा है कि कनक जी का रूप और व्यक्तित्व शाश्वत है। उनके अद्भुत परिवार और नालंदा के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं हमेशा हमारी दोस्ती को संजो कर रखूंगी। अभिनेत्री और भरतनाट्यम नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने लिखा, "ओम शांति .... एक और किंवदंती हमें आंसुओं के साथ छोड़ गई ... हमारी नृत्य बिरादरी आपको याद करेगी मैम।" मालूम हो कि हेमा मालिनी एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम नर्तकी हैं और उनकी बेटियाँ ईशा देओल और अहाना देओल भी इसमें प्रशिक्षित हैं। उन्होंने विभिन्न धर्मार्थ कार्यक्रमों के लिए एक साथ प्रदर्शन किया है। रेले की बात करें तो उन्हें पद्म श्री (1989), पद्म भूषण (2013), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1994), कालिदास सम्मान (2006), एम.एस. सुब्बुलक सहित लगभग आठ दशक लंबे नृत्य करियर में विभिन्न पुरस्कार मिले।