मोरारी बापू के दामाद का नाम

  1. कान्‍हा की नगरी में मोरारी बापू के मुख से बही राम नाम की धारा
  2. [43+] मोरारी बापू के प्रसिद्ध अनमोल विचार हिंदी कोट्स और प्रेरक उद्धरण morari bapu quotes in hindi
  3. Morari Bapu Biography in hindi
  4. iiRAMii: मोरारी बापू के बारे मे
  5. मुरारी बापू का जादू मुसलमानों के सिर चढ़ा
  6. Rajasthan: मोरारी बापू की कथा में शामिल हुई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे


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कान्‍हा की नगरी में मोरारी बापू के मुख से बही राम नाम की धारा

विश्राम घाट के सामने गोर गिरधर मोरारी उद्यान में नौ दिवसीय रामकथा का आरंभ हो गया। शाम चार बजे से कथा शुरू होनी थी, लेकिन मोरारी बापू के मुख से कथा सुनने को लोग सुबह से ही उमडऩे लगे। कोई मुंबई से तो कोई गुजरात से। देखते ही देखते पंडाल खचाखच भर गया। कथा से पूर्व श्रद्धालुओं ने पोथी को सिर पर रखकर ढोल नगाड़ों के साथ यात्रा निकाली। फिर इसे व्यासपीठ पर विराजमान कराया गया। बापू के आते ही पंडाल जयकारों से गूंज उठा। शुरुआत हनुमान चालीसा और शांति पाठ से हुई। इसके बाद हनुमानजी का आह्वान और फिर रामकथा का श्रीगणेश हुआ। जैसे-जैसे मोरारी बापू कथा सुनाते गए वैसे-वैसे भक्त मगन होते गए।

[43+] मोरारी बापू के प्रसिद्ध अनमोल विचार हिंदी कोट्स और प्रेरक उद्धरण morari bapu quotes in hindi

मोरारी बापू कोट्स और सुविचार हिंदी में -उनकी कथा का सामान्य लोकाचार व्यापक सद्भाव और सत्य, प्रेम और सहानुभूति का संदेश फैलाना है। जबकि अभिसरण का बिंदु केवल पवित्र पाठ है, बापू विभिन्न धर्मों के मॉडलों को आकर्षित करते हैं और वार्ता में जाने के लिए सभी विश्वासों के व्यक्तियों का स्वागत करते हैं। बापू को 1947 में शिवरात्रि के आगमन पर गुजरात के भावनगर इलाके में महुवा के पास तलगजरदा शहर में लाया गया था, वह वास्तव में अपने परिवार के साथ वहां रहते हैं। उनका वैष्णव बावा साधु निम्बार्क वंश के साथ एक स्थान है और उन्होंने अपने दादा और गुरु, त्रिभुवनदास दादा और दादी, अमृत माँ के विचार में अपनी किशोरावस्था का काफी समय बिताया। जबकि उनकी दादी उन्हें लंबे समय तक प्यार से लोककथाएं सौंपती थीं, उनके दादाजी ने उन्हें राम चरित मानस में अपनी अंतर्दृष्टि प्रदान की। बारह साल की उम्र तक, बापू ने पूरे रामचरित मानस को याद किया था और चौदह साल की उम्र में राम कथा प्रस्तुत करना और गाना शुरू कर दिया था।

Morari Bapu Biography in hindi

जीवन परिचय वास्तविक नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी उपनाम मोरारी बापू व्यवसाय रामचरितमानस के कथाकार शारीरिक संरचना लम्बाई (लगभग) से० मी०- 165 मी०- 1.65 फीट इन्च- 5’ 5” वजन/भार (लगभग) 75 कि० ग्रा० आँखों का रंग काला बालों का रंग श्वेत व्यक्तिगत जीवन जन्मतिथि 25 सितंबर 1946 आयु (वर्ष 2018 के अनुसार) 72 वर्ष जन्मस्थान तालगरजदा, महुवा, गुजरात राष्ट्रीयता भारतीय गृहनगर तालगरजदा, जिला भावनगर, गुजरात राशि कन्या स्कूल सरकारी हाई स्कूल, तालगरजदा, गुजरात कॉलेज शाहपुर कॉलेज जूनागढ़ शैक्षणिक योग्यता शिक्षण में एक कोर्स धर्म हिन्दू पता श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट, तालगरजदा, महुवा, जिला- भावनगर, गुजरात शौक/अभिरुचि विवाद • पोरबंदर के एक वकील ने जूनागढ़ के पास 'गिर अभयारण्य' के निषेध क्षेत्र में अवैध रूप से शेर का शो आयोजित करने के लिए मोरारी बापू और अन्य वन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी वैवाहिक स्थिति विवाहित परिवार पत्नी नर्मदाबेन बच्चे बेटा - पृथ्वी हरियाणी बेटी - भावना, प्रसन्ना, शोभना माता-पिता पिता - प्रभुदास बापू हरियाणी माता - सावित्री बेन भाई-बहन भाई - 6 बहन - 2 धन संबंधित विवरण कुल संपत्ति (लगभग) ज्ञात नहीं मोरारी बापू से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ • बचपन में, वह तुलसी के बीजों की माला बनाया करते थे। • उन्होंने अधिकतम बचपन अपने दादा-दादी के साथ बिताया है। उन्हें अपनी दादी अमृत माँ से लोककथाएं और दादा त्रिभोवंदासजी से रामचरितमानस (चौपाईयां) को सुनना बहुत पसंद था। • उनके दादा त्रिभोवंदास प्रतिदिन उन्हें रामचरितमानस के पांच भजन (चौपाईयां) सिखाते थे, क्योंकि मोरारी को स्कूल से लौटने के बाद भजन को गाना बहुत अच्छा लगता था। इस तरह, उन्होंने बारह वर्ष...

iiRAMii: मोरारी बापू के बारे मे

अपने विशिष्ट अंदाज में रामकथा का रसास्वादन करवाने वाले और देश-विदेश के लाखों लोगों को जीवनदर्शन का सही मार्ग बताने वाले संतश्री मोरारी बापू का 25 सितम्बर को जन्मदिन है। रामचरित मानस को सरल, सहज और सरस तरीके से प्रस्तुत करने वाले62 वर्षीय बापू की सादगी का कोई सानी नहीं है। टीवी चैनलों पर अनेक संत-महात्माओं के प्रवचन आते हैं, जिनमें बापू भी शामिल हैं, लेकिन जो लोग उनसे जुड़े हुए हैं, वे बापू की कथा का पता चलते ही कभी चैनल नहीं बदलते। जहाँ पर कथा होती है, वहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं। राम के जीवन के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन पता नहीं बापू की वाणी में ऐसा कौन-सा जादू है, जो श्रोताओं और दर्शकों को बाँधे रखता है। वे कथा के जरिये मानव जाति को सद्‍कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं। सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि उनकी कथा में न केवल बुजुर्ग महिला-पुरुष मौजूद रहते हैं, बल्कि युवा वर्ग भी काफी संख्या में मौजूद रहता है। वे न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी मानव कल्याण के लिए रामकथा की भागीरथी को प्रवाहित कर रहे हैं। इन दिनों मोरारी बापू की कथा कंपाला (युगांडा) में गुजराती भाषा में चल रही है। 25 सितम्बर, 1946 के दिन महुआ के समीप तलगारजा (सौराष्ट्र) में वैष्णव परिवार में मोरारी बापू का जन्म हुआ। पिता प्रभुदास हरियाणी के बजाय दादाजी त्रिभुवनदास का रामायण के प्रति असीम प्रेम था। तलगारजा से महुआ वे पैदल विद्या अर्जन के लिए जाया करते थे।5 मील के इस रास्ते में उन्हें दादाजी द्वारा बताई गई रामायण की5 चौपाइयाँ प्रतिदिन याद करना पड़ती थीं। इस नियम के चलते उन्हें धीरे-धीरे समूची रामायण कंठस्थ हो गई। दादाजी को ही बापू ने अपना गुरु मान लिया था।14 वर्ष की आयु में बापू ने ...

मुरारी बापू का जादू मुसलमानों के सिर चढ़ा

ललित गर्ग- भारत की राजनीति के शीर्ष व्यक्तित्व श्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह दुनियाभर में भारत को एक नई पहचान देने के लिये प्रयत्नशील है उससे भारत राजनीतिक दृष्टि से एक महाशक्ति बन कर उभर रहा है। इनदिनों राजनीतिक ही नहीं, आध्यात्मिक जादू भी दुनिया के सर चढ़कर बोल रहा है। ऐसा लग रहा है भारत दुनिया का आध्यात्मिक नेतृत्व करने की अपनी पुरानी छवि को वापिस पाने के लिये तत्पर है और इसका ताजा उदाहरण है श्री मुरारी बापू की हाल की युनाइटेड अरब अमीरात में हुई श्री राम कथा का प्रसंग। जब मुस्लिम देश में न केवल श्री राम के जयकारे लगे, बल्कि समूचा परिवेश श्री राममय हो गया। यह एक अद्भुत एवं चमत्कारी घटना ही कहा जायेगा, जब मुसलमानों के सिर पर भारत के श्रीराम की भक्ति के निराले और अनूठे रंग उभरे। आजकल मुरारी बापू आबू धाबी में राम कथा कर रहे हैं और कुछ दिन पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जब उनको धन्यवाद देने से पहले आबूधाबी के शेख ने मजहब के सारे नियम ताक पर रखकर कहा था – जय सिया राम। धार्मिक जगत के इतिहास में संतश्री मोरारी बापू इन शताब्दियों का एक दुर्लभ व्यक्तित्व है। उनकी जीवनगाथा भारतीय चेतना का एक अभिनव उन्मेष है, आश्चर्यों की वर्णमाला से आलेखित एक कालजयी अभिलेख है। उसे पढ़कर हर कोई नये उच्छवास, नई प्रेरणा और नई प्रकाश शक्ति का अनुभव करता है और इसका उदाहरण है मुसलमानों की रामभक्ति । मुरारी बापू का जीवन और उनके उपदेश तनावों की भीड़ में शांति का संदेश हैं। अशांत मन के लिए समाधि का नाद हैं। चंचल चित्त के लिए एकाग्रता की प्रेरणा हैं। विचारों में द्वैत में सापेक्ष दृष्टिकोण हंै। संघर्ष के क्षणों में संतुलन का उपदेश हैं। मोरारी बापू ऐसी संत चेतना है जो स्वयं जागृत है और सबके भीतर स...

Rajasthan: मोरारी बापू की कथा में शामिल हुई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे

नाथद्वारा: राजस्थान में अगले वर्ष चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने नेता एक्टिव हो गए हैं। जनता की भावनाओं को लुभाने के लिए नेता मंदिर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा पहुंची और यहां चल रही मोरारी बापू की कथा सुनी। बता दें कि फॉर्मर सीएम वसुंधरा राजे राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ परिसर में आयोजित रामकथा के 8वें दिन शीतल संत मोरारी बापू की कथा में हुई शामिल। आयोजित कथा में संत मोरारी बापू का आशीर्वाद लिया। संस्थान के अध्यक्ष मदन पालीवाल व ट्रस्टी मंत्रराज पालीवाल ने उनका स्वागत किया। बापू ने प्रभु श्रीराम व सीता माता के विवाह और भक्तों के चरित्र की कथा सुनाई। यहां पहुंचने के बाद राजे ने कहा भगवान श्रीराम के आदर्शों में ही विश्व की हर समस्या का समाधान है। उनके आदर्शों को यदि जीवन में उतार लिया जाए तो समाज का उद्धार संभव है। आज के युवाओं को मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्शों पर चलकर अपने, समाज और राष्ट्र के हित में भागीदारी निभानी चाहिए। राजे बोलीं, बापू के श्रीमुख से पुण्य कथा के श्रवण का सौभाग्य प्राप्त हुआ और अलौकिक आनंद की अनुभूति हुई। आपको जानकारी के लिए बता दें राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है, जिसे विश्वास स्वरूपम नाम दिया गया है। इस प्रतिमा को बनाने में 10 साल का समय लगा है। इसे दुनिया की टॉप-5 ऊंची प्रतिमाओं में स्थान मिला है। इसे संत कृपा सनातन संस्थान द्वारा तैयार किया गया है। नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है। इस प्रतिमा में भगवान शिव ध...