Mudrit madhyamon ki sabse badi visheshta hai

  1. दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता मेसोपोटामिया
  2. भारत की 10 सबसे ताकतवर जाति कौन सी है?
  3. हिंदी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है? » Hindi Bhasha Ki Sabse Badi Visheshata Kya Hai
  4. (Visheshta) विशेषता meaning in hindi
  5. महिलाओं की योनि 9 प्रकार की होती है? जानें वजाइना के 9 प्रकार?
  6. भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ


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दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता मेसोपोटामिया

विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता ,दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता duniya ki sabse purani sabhyata kaun si hai ,vishwa ki sabse purani sabhyata दोस्तों आपको यह पता होना चाहिए कि इस धरती पर आज से 2 मिलियन साल पहले इस धरती पर इंसान आ चुके थे लेकिन वे आज के जितने विकसित नहीं थे । हम आपको नीचे विश्व के अंदर मिली कुछ पुरानी संरचनाओं के बारे मे भी बताएंगे । ‌‌‌और वैसे यदि बात करें जीव की तो धरती पर जीव मिलियन साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि धरती पर जीव सबसे पहले पानी के अंदर विकसित हुआ और उत्परिवर्तन करते हुए यहां तक पहुंचा । होमो सेपियंस मानव 2 लाख साल पहले अफ्रिका के अंदर दिखाई दिये थे ।खैर उसके बाद इंसान विकास करते गए और आज हम यहां तक पहुंचे हैं। प्रकृति के अंदर कई तरह की मानव प्रजातियां आई और विलुप्त हो गई । हम होमो सेपियंस की संतान हैं। एक ऐसा युग भी आएगा जिसके अंदर होमो सेपियंस विलुप्त हो जाएंगे । और ‌‌‌ वातावरण के अनुरूप दूसरी प्रजाति विकसित होगी । ‌‌‌विलुप्त और उत्पन्न होने का यह दौर निरंतर चलता ही रहता है।और चलता ही रहेगा । ‌‌‌यदि हम बात करे दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता की तो वह मेसोपोटामिया थी और यह आज से 6500 साल पहले मौजूद थी । आधुनिक इराक के अंदर यह सभ्यता बसती थी।539 ईसा पूर्व । दोस्तों इस सभ्यता के अंदर आधुनिक शहर के जैसे ही शहर हुआ करते थे । और इसको एक विकसित सभ्यता माना जाता है। मेसोपोटामिया को सुमेरियन सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है।पश्चिमी एशिया में फारस की खाड़ी के उत्तर में स्थित वर्तमान इराक को प्राचीन समय में मेसोपोटामिया कहा जाता था। और यह सभ्यता दजला और फरात नामक दो नदियों के बीच विकसित हुई थी। सुमेरिया, बेबीलोनिया और असीरिया इन तीनों सभ्यताओं को मिलाकर जो स...

भारत की 10 सबसे ताकतवर जाति कौन सी है?

आज हम जानेंगे भारत की सबसे ताकतवर जाति कौन सी है? (Bharat Ki Sabse Takatvar Jaati) भारत के पावरफुल जाति के इस जानकारी को हम भारत के इतिहास के आधार पर बताएंगे जिससे आपको सही सही जानकारी मिल सके। जब आप यह जान लेंगे कि भारत की सबसे ताकतवर जाति कौन सी है? तब आपको इसके आधार पर ही यह पता चल जाएगा कि भारत का सबसे ताकतवर राज्य कौन सा है? भारत का इतिहास अत्यंत शक्तिशाली रहा क्योंकि इसमें भाग लेने वाले सभी लोग ताकतवर जाति से संबंध रखते थे, तो आइए जानते हैं भारत की 10 सबसे ताकतवर जाति कौन सी है। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • भारत की 10 सबसे ताकतवर जाति यहां हमने भारत की 10 सबसे ताकतवर जाति की सूची दे रखी है जो घटते क्रम में है और यह सूची उन जातियों के इतिहास के आधार पर बनाई गई है जिससे आपको सही जानकारी मिलेगी। किसी भी जाति का तुलना करना आसान नहीं है लेकिन हमें हमारा इतिहास इस चीज को सरलता से करने की अनुमति देता है, तो आइए जानते हैं भारत की सबसे ताकतवर जाति कौन सी है? (Bharat Ki Sabse Takatvar Jaati) 1. ब्राह्मण ऐसा मानव जो स्वयं ब्रह्मा के समान उसे ब्राह्मण कहते हैं इनमें अत्यधिक बुद्धि और शक्ति होती है भारतीय इतिहास में इस जाति को सर्वोपरि बताया गया है जो राजा से भी बढ़कर है इसलिए यह भारत की सबसे ताकतवर जाति मानी जाती है। राजा अपने दरबार के ब्राह्मण के इजाजत के बिना कोई कार्य नहीं करते थे तथा सभी प्रकार के कार्यों में ब्राह्मण का परामर्श और आशीर्वाद जरूर लेते थे। ब्राह्मण जातियां भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में अधिक पाया जाता है। ब्राह्मण जातियों के अंतर्गत आने वाले उपनाम है: शर्मा, मिश्रा, पांडे, चतुर्वेदी, भारद्व...

हिंदी भाषा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है? » Hindi Bhasha Ki Sabse Badi Visheshata Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। हिंदी भाषा के जो है सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह है कि इंग्लिश में या कोई भी भाषा हिंदी ही ऐसी एक भाषा होती है कि हम जो भी उच्चारण करते हैं वही लिखते हैं परंतु जैसे कि इंग्लिश हो गया या कोई भी अन्य भाषा हो गई तो जो हम उच्चारण करते हैं वही नहीं लिखते हैं ऐसा सिर्फ हिंदी भाषा में ही होता है कि जो हम अपने मुख से चालू करते हैं हम उसी को उचित रूप से लिखते हैं और ऐसे ही किसी अन्य भाषाओं में नहीं है यही हिंदी की जो है सबसे बड़ी विशेषता कह सकते हैं जो लोग अपने बहुत सारे मत होते हैं इसके लिए जहां तक हमारा अध्ययन है वहां तक तो विशेषता के रूप में यही सबसे अच्छा उदाहरण होगा hindi bhasha ke jo hai sabse badi visheshata yah hai ki yah hai ki english mein ya koi bhi bhasha hindi hi aisi ek bhasha hoti hai ki hum jo bhi ucharan karte hain wahi likhte hain parantu jaise ki english ho gaya ya koi bhi anya bhasha ho gayi toh jo hum ucharan karte hain wahi nahi likhte hain aisa sirf hindi bhasha mein hi hota hai ki jo hum apne mukh se chaalu karte hain hum usi ko uchit roop se likhte hain aur aise hi kisi anya bhashaon mein nahi hai yahi hindi ki jo hai sabse badi visheshata keh sakte hain jo log apne bahut saare mat hote hain iske liye jaha tak hamara adhyayan hai wahan tak toh visheshata ke roop mein yahi sabse accha udaharan hoga हिंदी भाषा के जो है सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह है कि इंग्लिश में या कोई भी भाषा हिंदी ह

(Visheshta) विशेषता meaning in hindi

विशेषता - मतलब हिंदी में Get definition, translation and meaning of विशेषता in hindi. Above is hindi meaning of विशेषता. Yahan विशेषता ka matlab devanagari hindi dictionary bhasha mai (विशेषता मतलब हिंदी में) diya gaya hai. What is Hindi definition or meaning of विशेषता ? ( Recently Viewed Hindi Words

महिलाओं की योनि 9 प्रकार की होती है? जानें वजाइना के 9 प्रकार?

कई प्रकार के vaginas को समझाने का उद्देश्य है कि सभी महिलाओं को अपने अंगों पर गर्व होना चाहिए। मीडिया में हम जो कुछ देखते हैं, हम कभी-कभी यह सोच लेते हैं कि अपील के मामले में हमारे पास वो खूबसूरती नहीं है! इस लेख का उद्देश्य आपको यह विश्वास दिलाना है कि हर तरह की योनि कि अपनी अलग प्रकृति होती है। योनि कितने तरह की होती है? आज तक आप ने जो भी लेख पढ़े होंगे उसमें लेखक योनि का वर्गीकरण केवल बनावट के आधार पर करता है जो उसके अधूरे और सतही ज्ञान को प्रदर्शित करता है| बाहरी आकार के साथ ही इसका वर्गीकरण योनि की खुशबू, गहराई, सम्भोग प्रदर्शन और स्वाद आदि आधारों पर भी आवश्यक है| वैज्ञानिक और प्रदर्शनपरक शोध के आधार पर कुल नौ प्रकार के vaginas होते हैं| तापमान: अन्य महत्वपूर्ण कारकों में से एक कारक यह भी है कि आपकी योनि का आंतरिक तापमान क्या रहता है यानि यह कितनी गर्म है? नमी: योनि कि एक और परिभाषित विशेषता है नमी, जो कि vaginas के गुणवत्ता में एक कारक है| अन्य कारकों में उसकी योनि की गहराई, उसका खुलना, उसके भगनासा यानि क्लेटोरिअस और जी-स्पॉट का स्थान, भगोष्ठ और संभोग के समय उसके प्रदर्शन पर निर्भर होता है नौ प्रकार कि योनि का निम्नानुसार वर्गीकरण किया जाता हैं; The Deer Woman: “मृग योनि” का मतलब उस योनि से है जो तापमान में गर्म होती है लेकिन अपेक्षाकृत शुष्क है। यह गहरी होती है, स्वाद में हल्का खट्टा, संभोग सुख तक पहुंचने में जिसे 2-5 मिनट लगता हो। कुल मिलकर ऐसी योनी पार्टनर के लिए एक आदर्श योनि साबित हो सकती है| The Fox Woman: एक महिला जिसकी फॉक्स योनि होती है उसकी योनि तापमान में सामान्य पर बनावट में बहुत गहरी होती है, और स्वादहीन होती है। जैसे लोमड़ी जंगली जानवर हैं; दिखने में coo...

भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ

विषय सूची • 1 संस्कृति की विशेषताएँ • 2 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 3 बाहरी कड़ियाँ • 4 संबंधित लेख भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं- प्राचीनता - निरन्तरता - भारतीय संस्कृति की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि हज़ारों वर्षों के बाद भी यह संस्कृति आज भी अपने मूल स्वरूप में जीवित है, जबकि लचीलापन एवं सहिष्णुता - भारतीय संस्कृति की सहिष्णु प्रकृति ने उसे दीर्घ आयु और स्थायित्व प्रदान किया है। संसार की किसी भी संस्कृति में शायद ही इतनी सहनशीलता हो, जितनी भारतीय संस्कृति में पाई जाती है। भारतीय ग्रहणशीलता - भारतीय संस्कृति की सहिष्णुता एवं उदारता के कारण उसमें एक ग्रहणशीलता प्रवृत्ति को विकसित होने का अवसर मिला। वस्तुत: जिस संस्कृति में लोकतन्त्र एवं स्थायित्व के आधार व्यापक हों, उस संस्कृति में ग्रहणशीलता की प्रवृत्ति स्वाभाविक रूप से ही उत्पन्न हो जाती है। हमारी संस्कृति में यहाँ के मूल निवासियों ने समन्वय की प्रक्रिया के साथ ही बाहर से आने वाले भारत में इस्लामी संस्कृति का आगमन भी अरबों, तुर्कों और आध्यात्मिकता एवं भौतिकता का समन्वय - भारतीय संस्कृति में आश्रम - व्यवस्था के साथ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जैसे चार पुरुषार्थों का विशिष्ट स्थान रहा है। वस्तुत: इन पुरुषार्थों ने ही भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता के साथ भौतिकता का एक अदभुत समन्वय कर दिया। हमारी संस्कृति में जीवन के ऐहिक और पारलौकिक दोनों पहलुओं से धर्म को सम्बद्ध किया गया था। धर्म उन सिद्धान्तों, तत्त्वों और जीवन प्रणाली को कहते हैं, जिससे मानव जाति परमात्मा प्रदत्त शक्तियों के विकास से अपना लौकिक जीवन सुखी बना सके तथा मृत्यु के पश्चात् जीवात्मा शान्ति का अनुभव कर सके। शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है, ...