मुलायम सिंह यादव हिस्ट्री

  1. नेता जी मुलायम सिंह यादव का सम्पूर्ण राजनीतिक और पारिवारिक जीवन
  2. मुलायम सिंह यादव: आयु, जीवनी, शिक्षा, पत्नी, जाति, संपत्ति, भाषण, राजनीतिक दल
  3. इन नारों ने बढ़ाया मुलायम सिंह यादव का कद, आज भी लोगों की जुबान पर हैं सभी लाइनें!
  4. Amid talk of opposition unity Congress made dent in SP Mulayam close aide joins party


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नेता जी मुलायम सिंह यादव का सम्पूर्ण राजनीतिक और पारिवारिक जीवन

1.6.2) गेस्ट हाउस कांड मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव का प्रारम्भिक जीवन मुलायम सिंह यादव एक ऐसा नाम जो एक साधारण से परिवार से आते है। जिनके पिता उन्हें पहेलवान बनाना चाहते थे। आइये आज उनके व्यक्तित्व के बारे में कुछ जानते है ।जिन्होंने साइकल से संसद तक का सफ़र तय किया जाहिर सी बात है कि ये आसान सफ़र नहीं रहा होगा पर इसे साकार किया नेता जी ने । उनके उपलब्धियों को देखते हुए तो यही लगता है कि उनका कोई भी एक दिन पिछले दिन की तरह नहीं बीता होगा वो हर दिन आगे बढ़ रहे थे तभी इटावा के छोटे से गाँव सैफई से वो दिल्ली के संसद तक पहुँच गए और आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जो उन्हें न जानता हो। मुलायम सिंह यादव जी का जन्म 22 नवम्बर 1939 में इटावा जिले के सैफई गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम मूर्ति देवी और पिता का नाम सुघर सिंह था । जो कि एक किसान थे । ये लोग पाँच भाई बहन थे । नेता जी पाँच भाई बहेनो में दुसरे नम्बर पर थे – 1.रतन सिंह यादव 2.मुलायम सिंह यादव 3.अभयराम सिंह यादव 4.शिवपाल सिंह यादव 5.कमला सिंह यादव व रामगोपाल नेता जी के चचेरे भाई थे । नेता जी के पिता नेता जी को पहलवान बनाना चाहते थे इसलिए उन्हें अपनी निगरानी में नेता जी को पहलवानी के दाव –पेंच सिखाया करते थे । नेता जी एक पहलवान बने और आपने समय के बड़े –बड़े पहलवानो को चित कर देते थे । मुलायम सिंह यादव की शिक्षा नेता जी ने अपने कर्मक्षेत्र इटावा के पोस्ट ग्रेजुएट कोलेज से पोलिटिकल साइंस में बी .ए. किया । और आगरा विश्वविद्यालय से राजनीतिविज्ञान में एम.ए. किया । बी .टी. करने के बाद इन्टर कोलेज में वो प्रवक्ता नियुक्त हुए थे । राजनीति से जुड़ने के बाद नेता जी ने अपने शिक्षण कार्य को छोड़ दिया । मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक ज...

मुलायम सिंह यादव: आयु, जीवनी, शिक्षा, पत्नी, जाति, संपत्ति, भाषण, राजनीतिक दल

जीवनी समाजवादी पार्टी के संस्थापक, मुलायम सिंह यादव, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो एक विपुल राजनीतिक पोर्टफोलियो वाले नेता थे। वे 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक तीन अल्प कार्यकालों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। श्री यादव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता हैं। उन्होंने 1996-1998 में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्हें 1974-2007 के बीच सात कार्यकालों के लिए उत्तर प्रदेश के विधायक के रूप में चुना गया। मुलायम सिंह ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किया, जब तक कि उन्होंने 1992 में उन्हीं के द्वारा स्थापित राजनीतिक पार्टी समाजवादी पार्टी में नेतृत्व करने का फैसला किया । उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई बार जीत हासिल की, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख एवं अग्रणी दल के रूप में स्थापित कर दिया। 10 अक्तूबर 2022 को मुलायम सिंह यादव ने गुरगा‍ँव के मेदांता हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे।

इन नारों ने बढ़ाया मुलायम सिंह यादव का कद, आज भी लोगों की जुबान पर हैं सभी लाइनें!

समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की आज जयंती है. मुलायम उन नेताओं में से रहे हैं जिनके लंबे सियासी सफर में उन्होंने राजनीति के कई पड़ाव तय किए. मुलायम ने खुद कई नारे अपनी प्राथमिकताओं को बताने के लिए दिए. इसमें समान शिक्षा के लिए ‘शिक्षा होगी एक समान, तभी बनेगा हिन्दोस्तान’ जैसा नारा भी है. साथ ही राम मनोहर लोहिया से प्रभावित और उनकी विचारधारा पर समाजवादी राजनीति करने वाले मुलायम सिंह यादव ने स्वास्थ्य, शिक्षा और आम लोगों के लिए महंगाई को प्राथमिकता बताते हुए नारा दिया था. मुलायम सिंह खुद जब अपनी राजनीति के शिखर पर थे तब उन्होंने ‘रोटी-कपड़ा सस्ती हो, दवा-पढ़ाई मुफ्ती हो’ का नारा दिया था. लेकिन मुलायम ऐसे नेता भी रहे जिनकी लोकप्रियता और कार्यकर्ताओं पर उनके प्रभाव ने भी कई नारों (स्लोगन) को जन्म दिया. मुलायम के सियासी सफर की शुरुआत से लेकर उनके राजनीति के शिखर तक पहुंचने और उसके बाद उनके बेटे अखिलेश यादव की राजनीति के दौरान भी ये नारे सुनाई पड़ते रहे. जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है मुलायम सिंह यादव के प्रभाव और कार्यकर्ताओं में उनकी लोकप्रियता की झलक इस नारे में मिलती है. यही वो स्लोगन है जो अंत तक मुलायम कार्यकर्ताओं के बीच सुनाई पड़ता रहा. पर इस नारे की कहानी भी कम रोचक नहीं है. साल 2004 में मुलायम सिंह यादव प्रयागराज (उस समय इलाहाबाद) पहुंचे. रामबाग के सेवा समिति विद्या मंदिर के मैदान में मुलायम को सुनने के लिए बहुत भीड़ जमा थी. मुलायम का हेलीकॉप्टर पहुंचा तो भीड़ ने नारा लगाया ‘जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है’. भीड़ को देख कर गदगद मुलायम ने मंच में माइक पर पहुंचते ही कहा ‘आप सबकी वजह से ही मेरा जलवा कायम है.’ बस फिर क्या था समाजवादी कार्यकर्ताओं ...

Amid talk of opposition unity Congress made dent in SP Mulayam close aide joins party

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजयी रथ को रोकने के लिए विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) में सेंध लगा दी है। सपा के संस्थापक सदस्य रहे चंद्र प्रकाश राय गुरुवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। वह उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान राज्य मंत्री भी थे। उन्हें मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। उन्होंने राहुल गांधी में आस्था दिखाते हुए यह कदम उठाया है। चंद्र प्रकाश राय ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा था। 1967 में जब मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक चुने गए थे, तब राय ने उनके चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था। 1992 में जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का गठन किया, तो उन्होंने राय को पार्टी का संस्थापक महासचिव नियुक्त किया। हालांकि, मुलायम सिंह यादव के साथ मतभेदों के कारण 1994-95 में राय ने सपा छोड़ दी थी। उस दौरान वे कुछ समय के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद वे समाजवादी पार्टी में लौट आए और 1997 में राष्ट्रीय सचिव का पद संभाला। 2006 में जब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे, राय को राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था। 2012 में जब अखिलेश यादव सीएम बने तो राय फिर राज्य मंत्री बने, लेकिन 2014 में सपा की हार से उनका पार्टी से मोहभंग हो गया और उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। 2017 में वह फिर समाजवादी पार्टी में लौट आए, लेकिन 2018 में मुख्य प्रवक्ता के रूप में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इस पार्टी की स्थापना मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव ने की थी, जिसका 2...