मूल

  1. (Mool) मूल meaning in hindi
  2. मूल कर्तव्य( मौलिक कर्तव्य) ( भाग 4(क), अनु 51 क)
  3. बौद्ध दर्शन का अर्थ, परिभाषा और इसके मूल सिद्धांत
  4. मूल (Mul) meaning in English
  5. मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) और उनके महत्त्व.
  6. मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) और उनके महत्त्व.
  7. बौद्ध दर्शन का अर्थ, परिभाषा और इसके मूल सिद्धांत
  8. मूल कर्तव्य( मौलिक कर्तव्य) ( भाग 4(क), अनु 51 क)
  9. मूल (Mul) meaning in English
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(Mool) मूल meaning in hindi

[सं-पु.] - 1. वह आदिम पदार्थ जिससे समस्त पदार्थों की निर्मिति हुई है 2. मूलधन 3. किसी व्यापार में लगाई हुई लागत या पूँजी। [सं-पु.] - वह मासिक वेतन जिसमें अतिरिक्त कार्य या किसी प्रकार के भत्ते न जुड़े हों; (बेसिक पे)। [वि.] - 1. उत्पन्न करने वाला 2. जिसके मूल में कुछ हो 3. जो किसी के मूल में हो। [सं-पु.] 1. मूली नामक कंद 2. मूल प्रकृति 3. वह विष जो वृक्षों के मूल या जड़ के रूप में रहता है। [वि.] - आधारभूत; असली; मौलिक; मूलभूत। [सं-पु.] - ग्रंथकार की मूल रचना; असल किताब। [सं-पु.] - 1. जड़ से ख़त्म अथवा नष्ट करना 2. समूल नाश। [वि.] - जड़ से ख़त्म अथवा नष्ट करने वाला।

मूल कर्तव्य( मौलिक कर्तव्य) ( भाग 4(क), अनु 51 क)

( भाग 4(क), अनु 51 क) • 29 मई 1978 को संवैधानिक सुधारों पर अनुशंसाएं देने के लिए सरदार स्वर्ण सिंह समिति गठित की गई • स्वर्ण सिंह समिति ने अपनी संपत्ति में 8 मौलिक कर्तव्यों का सुझाव दिया • स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसाओं के आधार पर 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा अनुच्छेद 51 (क) संविधान में जोड़ा गया तथा संविधान में 10 मौलिक कर्तव्य शामिल हुए • वर्ष 2002 में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा एक मौलिक कर्तव्य और जोड़ दिया गया है अतः मौलिक कर्तव्यों की कुल संख्या अब 11 है संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51 (ए) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह • संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें • स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें • भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें • देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें • भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी भेदभाव से परे हो ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है • हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका परीक्षण करें • प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन झील नदी और वन्य जीव है उनकी रक्षा और संवर्ध्दन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें • वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें • सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे • व्यक्तिगत और सा...

बौद्ध दर्शन का अर्थ, परिभाषा और इसके मूल सिद्धांत

बौद्ध दर्शन की जन्मभूमि भारत है, यह बात दूसरी है कि उसका विकास भारत की अपेक्षा, बर्मा, श्याम, जावा, तिब्बत, चीन, कोरिया, मंगोलिया और जापान में अधिक हुआ है। प्रारंभ में यह मत भी एक धर्म के रूप में विकसित हुआ था। शाक्य गणाधिपति शुद्धोधन के पुत्र सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध, 567-487 ई. पू.) इसके प्रतिपादक थे। सिद्धार्थ जन्म से ही आभायुक्त थे। ऐसा उल्लेख मिलता है कि सिद्धार्थ वृद्ध, रोगी और मृतक को देखने से मनुष्यों के दुखों से पीडि़त हो उठे थे और एक दिन राज्य, परिवार, पत्नी और पुत्रा सभी को त्यागकर चल दिए थे। सबसे पहले वे भृगु आश्रम पहुँचे। उसके बाद आलार कालाम के पास गए और यहाँ से गया पहुँचकर तपस्या में लीन हो गए। यहाँ उन्हें चार आर्य सत्यों का ज्ञान हुआ, वे सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए। धर्म के रूप में बौद्ध दर्शन के दो रूप हैं-हीनयान और महायान। हीनयान वह संप्रदाय है जो बुद्ध की मौलिक शिक्षाओं को मानता है। बुद्ध की मौलिक शिक्षाएँ हैं-आर्य सत्य, आर्य अष्टांगिक मार्ग और त्रिरत्न। बुद्ध ने उपदेश दिया कि न तो ब्राह्मणों द्वारा प्रतिपादित कर्मकाण्ड के पालन में सुख है और न चार्वाकों द्वारा प्रतिपादित इंद्रिय भोग में सुख है सुख तो इन दोनों के बीच में ही हो सकता है। इसलिए बुद्ध के मार्ग को मध्यम प्रतिपदा मार्ग कहा जाता है। इसके विपरीत महायान वह संप्रदाय है जो बुद्ध की मौलिक शिक्षाओं-चार आर्य सत्य, आर्य अष्टांगिक मार्ग और त्रिरत्न के साथ-साथ भक्ति में भी विश्वास करता है। महायानियों ने तो मूर्ति पूजा के विरोधी बुद्ध को ही भगवान के रूप में प्रतिष्ठित कर डाला और निर्वाण के लिए ज्ञान के साथ-साथ भक्ति को आवश्यक माना। महायानियों ने अपने मार्ग की श्रेष्ठता को स्पष्ट करने हेतु अपने मार्ग को महायान और ...

मूल (Mul) meaning in English

Information provided about मूल ( Mul ): मूल (Mul) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is MOOL (मूल ka matlab english me MOOL hai). Get meaning and translation of Mul in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Mul in English? मूल (Mul) ka matalab Angrezi me kya hai ( मूल का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने) Tags: English meaning of मूल , मूल meaning in english, मूल translation and definition in English. English meaning of Mul , Mul meaning in english, Mul translation and definition in English language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group). मूल का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने |

मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) और उनके महत्त्व.

मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) मूल कर्तव्य हिंदी में, मूल कर्तव्य की परिभाषा, मूल कर्तव्य कौन कौन से हैं, मूल कर्तव्य कितने हैं, मूल कर्तव्यों को संविधान में कब जोड़ा गया, सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें, रिपोर्ट क्या थीं, Mul Kartavya Kya Hai इत्यादि इस लेख के माध्यम से जानेंगे . मूल कर्तव्य, वस्तुतः मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे. मूल संविधान में सिर्फ मूल अधिकारों ( ● स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें – वर्ष 1975-77 के दौरान भारत में आपातकाल लागू था . देश असामाजिक तत्वों के आग में जल रहा था. ठीक उसी दौरान वर्ष 1976 में सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया गया जिसका मूल उद्देश्य भारत के नागरिकों के मूल कर्तव्यों और उनकी आवश्यकताओं के बारे में अपनी संस्तुति देनी थी. ” सरदार स्वर्ण सिंह समिति ने सिफारिशें की कि देश के नागरिकों को अपने अधिकारों को वहन करने के साथ-साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी निर्वहन करना चाहिए . “ ● मूल कर्तव्यों को संविधान में कब जोड़ा गया वर्ष 1976 में केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए संविधान में भाग 4(क) और अनुच्छेद 51(क) को जोड़ा गया. स्वर्ण सिंह समिति ने ‘आठ’ मूल कर्तव्यों को जोड़ने का सुझाव दिया था किंतु 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा नागरिको के लिए पहली बार कुल 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया. ● मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) कितने हैं वर्तमान में संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्य वर्णित है . नागरिको के लिए पहली बार वर्ष 1976 में कुल 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया. बाद में साल 2002 में 86वें संविधान द्वारा एक और मूल कर्तव्य को जोड़ा गया जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के आयु के बच्चों को शिक्षा के अवसर...

मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) और उनके महत्त्व.

मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) मूल कर्तव्य हिंदी में, मूल कर्तव्य की परिभाषा, मूल कर्तव्य कौन कौन से हैं, मूल कर्तव्य कितने हैं, मूल कर्तव्यों को संविधान में कब जोड़ा गया, सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें, रिपोर्ट क्या थीं, Mul Kartavya Kya Hai इत्यादि इस लेख के माध्यम से जानेंगे . मूल कर्तव्य, वस्तुतः मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे. मूल संविधान में सिर्फ मूल अधिकारों ( ● स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें – वर्ष 1975-77 के दौरान भारत में आपातकाल लागू था . देश असामाजिक तत्वों के आग में जल रहा था. ठीक उसी दौरान वर्ष 1976 में सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया गया जिसका मूल उद्देश्य भारत के नागरिकों के मूल कर्तव्यों और उनकी आवश्यकताओं के बारे में अपनी संस्तुति देनी थी. ” सरदार स्वर्ण सिंह समिति ने सिफारिशें की कि देश के नागरिकों को अपने अधिकारों को वहन करने के साथ-साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भी निर्वहन करना चाहिए . “ ● मूल कर्तव्यों को संविधान में कब जोड़ा गया वर्ष 1976 में केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए संविधान में भाग 4(क) और अनुच्छेद 51(क) को जोड़ा गया. स्वर्ण सिंह समिति ने ‘आठ’ मूल कर्तव्यों को जोड़ने का सुझाव दिया था किंतु 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा नागरिको के लिए पहली बार कुल 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया. ● मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) कितने हैं वर्तमान में संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्य वर्णित है . नागरिको के लिए पहली बार वर्ष 1976 में कुल 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया. बाद में साल 2002 में 86वें संविधान द्वारा एक और मूल कर्तव्य को जोड़ा गया जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के आयु के बच्चों को शिक्षा के अवसर...

बौद्ध दर्शन का अर्थ, परिभाषा और इसके मूल सिद्धांत

बौद्ध दर्शन की जन्मभूमि भारत है, यह बात दूसरी है कि उसका विकास भारत की अपेक्षा, बर्मा, श्याम, जावा, तिब्बत, चीन, कोरिया, मंगोलिया और जापान में अधिक हुआ है। प्रारंभ में यह मत भी एक धर्म के रूप में विकसित हुआ था। शाक्य गणाधिपति शुद्धोधन के पुत्र सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध, 567-487 ई. पू.) इसके प्रतिपादक थे। सिद्धार्थ जन्म से ही आभायुक्त थे। ऐसा उल्लेख मिलता है कि सिद्धार्थ वृद्ध, रोगी और मृतक को देखने से मनुष्यों के दुखों से पीडि़त हो उठे थे और एक दिन राज्य, परिवार, पत्नी और पुत्रा सभी को त्यागकर चल दिए थे। सबसे पहले वे भृगु आश्रम पहुँचे। उसके बाद आलार कालाम के पास गए और यहाँ से गया पहुँचकर तपस्या में लीन हो गए। यहाँ उन्हें चार आर्य सत्यों का ज्ञान हुआ, वे सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए। धर्म के रूप में बौद्ध दर्शन के दो रूप हैं-हीनयान और महायान। हीनयान वह संप्रदाय है जो बुद्ध की मौलिक शिक्षाओं को मानता है। बुद्ध की मौलिक शिक्षाएँ हैं-आर्य सत्य, आर्य अष्टांगिक मार्ग और त्रिरत्न। बुद्ध ने उपदेश दिया कि न तो ब्राह्मणों द्वारा प्रतिपादित कर्मकाण्ड के पालन में सुख है और न चार्वाकों द्वारा प्रतिपादित इंद्रिय भोग में सुख है सुख तो इन दोनों के बीच में ही हो सकता है। इसलिए बुद्ध के मार्ग को मध्यम प्रतिपदा मार्ग कहा जाता है। इसके विपरीत महायान वह संप्रदाय है जो बुद्ध की मौलिक शिक्षाओं-चार आर्य सत्य, आर्य अष्टांगिक मार्ग और त्रिरत्न के साथ-साथ भक्ति में भी विश्वास करता है। महायानियों ने तो मूर्ति पूजा के विरोधी बुद्ध को ही भगवान के रूप में प्रतिष्ठित कर डाला और निर्वाण के लिए ज्ञान के साथ-साथ भक्ति को आवश्यक माना। महायानियों ने अपने मार्ग की श्रेष्ठता को स्पष्ट करने हेतु अपने मार्ग को महायान और ...

मूल कर्तव्य( मौलिक कर्तव्य) ( भाग 4(क), अनु 51 क)

( भाग 4(क), अनु 51 क) • 29 मई 1978 को संवैधानिक सुधारों पर अनुशंसाएं देने के लिए सरदार स्वर्ण सिंह समिति गठित की गई • स्वर्ण सिंह समिति ने अपनी संपत्ति में 8 मौलिक कर्तव्यों का सुझाव दिया • स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसाओं के आधार पर 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा अनुच्छेद 51 (क) संविधान में जोड़ा गया तथा संविधान में 10 मौलिक कर्तव्य शामिल हुए • वर्ष 2002 में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा एक मौलिक कर्तव्य और जोड़ दिया गया है अतः मौलिक कर्तव्यों की कुल संख्या अब 11 है संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51 (ए) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह • संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें • स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें • भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें • देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें • भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी भेदभाव से परे हो ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है • हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका परीक्षण करें • प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन झील नदी और वन्य जीव है उनकी रक्षा और संवर्ध्दन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें • वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें • सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे • व्यक्तिगत और सा...

मूल (Mul) meaning in English

Information provided about मूल ( Mul ): मूल (Mul) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is MOOL (मूल ka matlab english me MOOL hai). Get meaning and translation of Mul in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Mul in English? मूल (Mul) ka matalab Angrezi me kya hai ( मूल का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने) Tags: English meaning of मूल , मूल meaning in english, मूल translation and definition in English. English meaning of Mul , Mul meaning in english, Mul translation and definition in English language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group). मूल का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने |

(Mool) मूल meaning in hindi

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