शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान

  1. शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान
  2. साफी सिरप के फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका
  3. शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान
  4. शंखपुष्पी के फायदे एवं नुकसान
  5. हेमपुष्पा सिरप के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी
  6. सच्ची सहेली सिरप के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि व पूरी जानकारी
  7. शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान व इसका सेवन कैसे करे
  8. सच्ची सहेली सिरप के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि व पूरी जानकारी
  9. साफी सिरप के फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका
  10. शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान


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शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान

आयुर्विज्ञान में कई पौधों, फलों और जड़ी-बूटियों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इन्हीं में से एक है शंखपुष्पी। इस पौधे की खासियत यह है कि इसके फूल शंख के आकार के होते हैं। इसी कारण इसे शंखपुष्पी के नाम से पुकारा जाता है। आमतौर पर इसका उपयोग दिमागी शक्ति, एकाग्रता और स्मृति सुधार के लिए होता है। वहीं, कई अन्य गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम शंखपुष्पी के फायदे, उपयोग और इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे। विषय सूची • • • • शंखपुष्पी क्या है – What is Shankhpushpi in Hindi शंखपुष्पी पथरीली भूमि वाले जंगलों में पाई जाने वाले एक प्रकार की वनस्पति है। इसका वैज्ञानिक नाम कॉन्वोल्वुलस प्लुरिकायुलिस (Convolvulus pluricaulis) है। मुख्य रूप से शंखपुष्पी का पौधा तीन रंगों (सफेद, लाल और नीला) में पाया जाता है, लेकिन औषधि के लिए विशेष तौर पर इनमें से सफेद रंग वाले पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्दियों में झड़कर मिट्टी में मिल जाता है और बरसात में खुद-ब-खुद पनपने लगता है। इसके तने करीब एक से डेढ़ फीट की लंबाई तक फैलते हैं। वहीं, इसकी जड़ एक से दो इंच तक लंबी और उंगली के समान मोटाई लिए हुए होती है। इसकी पत्तियों को मसलने पर मूली जैसी गंध महसूस होती है। चमत्कारिक औषधीय गुणों के कारण शंखपुष्पी का पौधा आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के तौर पर शामिल किया जाता है और इसकी जड़, पत्ती, तने और फूलों को कई जटिल बीमारियों को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। Image: Shutterstock आयुर्वेद में शंखपुष्पी को तंत्रिका टॉनिक का दर्जा दिया गया है। कारण यह है कि इसमें ट्राइपटेनोइड, फ्लेवोनोल ग्लाइकोसाइ...

साफी सिरप के फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका

safi syrup benefits in hindi : इस आर्टिकल में हम साफी सिरप के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। साफी एक यूनानी दवा है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ब्लड प्यूरीफायर यानी खून साफ करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है, साफी सिरप में नीम, तुलसी, चिरायता, ब्राम्ही व सनाय जैसे कई नेचुरल चीजों का इस्तेमाल किया गया है। त्वचा के अलावा साफी पीने के फायदे ( safi peene ke fayde) पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए भी अच्छे हैं और यह इम्युनिटी को भी बूस्ट करने में मदद करती है। साफी सिरप के नुकसान की बात करें तो इसके अधिक सेवन से स्किन एलर्जी और पेट व पाचन से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। साफी सिरप के फायदे ( safi syrup benefits in hindi) प्राप्त करने के लिए जरुरी है की इसका सेवन सही समय और सही मात्रा में किया जाए। इस आर्टिकल में हम साफी सिरप के फायदे और नुकसान के अलावा साफी सिरप का सेवन कैसे करें, इसके साथ किन चीजों का परहेज करें और साफी कितने दिन पीना चाहिए, जैसे साफी से जुड़े आम सवालों का जवाब जानेंगे। शीशम Burada Sheesham गिलोय Gilo गुलाब के फूल Gulab ke Phool चोपचीनी Chobchini हरड़ Harar चिरायता Chiraita सनाय Senna नीलकंठी Nilkanthi नीम Neem तुलसी Burge Tulsi ब्राह्मी Brahmi कीकर (बबूल) Kikar (Babool) रेवन्दचीनी Ravand chini (Extract) उन्नाब Unnab कासनी Kasani नीम (Neem) – नीम साफी में मौजूद एक मुख्य घटक है। इसमें एंटीएलर्जेनिक, एंटी-एजिंग, एंटिफंगल व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं और यह खून को साफ करने में भी मददगार होता है। स्किन एलर्जी, कील-मुंहासे, फोड़े-फुंसी और त्वचा में सूजन व जलन के लिए नीम काफी उपयोगी होता है। तुलसी (Basil) – तुलस...

शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान

Table of Contents • • • • • • • • • शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान | Shankhpushpi Syrup ke fayde or nuksan hindi mei हैलो प्रिय दोस्तों, आज हम इस लेख में जानेंगे शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान। शंखपुष्पी सिरप एक ओरल सप्लीमेंट है। मूलतः शंखपुष्पी एक प्रकार का पौधा है। यह मुख्य रूप से फूलों के आधार पर तीन प्रकार का होता है, लाल फूलों वाला शंखपुष्पी, नीला फूलों वाला शंखपुष्पी और सफेद फूल वाला शंखपुष्पी। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमे से सफेद फूलों वाला शंखपुष्पी सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। शंखपुष्पी सिरप बिना डॉक्टर के परामर्श के भी ली जा सकती है, यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। शंखपुष्पी सिरप मुख्य रूप से नर्वस सिस्टम की सेहत के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें प्रमुख पोषक तत्व जैसे ही ट्राइपटेनोइड, स्टेरॉयड, एंथोसायनिन और फ्लेवोनॉल ग्लाइकोसाइड आदि पाए जाते हैं। यह तत्व मेमोरी पावर और दिमाग की शक्ति बढ़ाते हैं। इसके साथ ही शंखपुष्पी सिरप में अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। हाइपरसेंसेटिव की समस्या में भी शंखपुष्पी सिरप को पीने के फायदे सामने आए हैं। हाइपरसेंसटिविटी की समस्या में मनुष्य को अपने विचारों और भावनाओं पर कंट्रोल नहीं रहता है। ओवरथिंकिंग करना हाइपरसेंसटिविटी का ही एक लक्षण है। इसके चलते मनुष्य चिंता, तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। नियमित रूप से शंखपुष्पी सिरप का सेवन करने से हाइपरसेंसटिविटी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। शंखपुष्पी सिरप में पाए जाने वाला नोट्रोपिक दिमाग की रिलैक्सेशन में मदद करता है। शंखपुष्पी सिरप में एंटी-स्ट्रेस प्रॉपर्टी पाई जाती है। इससे दिमाग तनाव मुक्त होता है और दिमाग का कंसंट...

शंखपुष्पी के फायदे एवं नुकसान

शंखपुष्पी के नाम से हमें बचपन में दिमाग तेज करने के लिए दी जाने वाली सीरप का ध्यान आता है और अमूमन हर किसी ने शंखपुष्पी का सेवन बचपन या कभी न कभी जरूर किया होगा। दरअसल, ऐसा इसलिए है, क्योंकि शंखपुष्पी दिमाग के लिए काफी प्रभावशाली और जरूरी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद के मुताबिक, शंखपुष्पी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबिटिक और कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं और इसके अलावा, इसमें अल्कालॉइड, फ्लेवोनॉइड और फेनोलिक्स की भी अच्छी मात्रा होती है। शंखपुष्पी का पौधा जन्म भारत से जोड़ा जाता है, जिसके खासकर फूल को औषधि निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, शंखपुष्पी के दो रंग के फूल होते हैं, पहला सफेद और दूसरा नीला और औषधि के लिए सफेद या हल्के गुलाबी रंग के फूल का इस्तेमाल किया जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम कोनोवुल्लूस प्लूरिकालिस (Convolvulus Pluricaulis Choisy) है और यह कोनोवुल्लासी (Convolvulaceae) फैमिली से संबंध रखता है। यह जड़ी-बूटी दिमाग, त्वचा, पेट और दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। और पढ़ें : उपयोग शंखपुष्पी का उपयोग किस लिए किया जाता है? शंखपुष्पी निम्नलिखित स्थितियों व कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाती है। जैसे- याद्दाश्त बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का सबसे प्रचलित और ज्यादा इस्तेमाल दिमागी क्षमता और दिल के स्वास्थ्य के लिए शंखपुष्पी का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना गया है। कुछ शोध में देखा गया है कि, इस जड़ी-बूटी का एथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट शरीर में और पढ़ें : शंखपुष्पी का सेवन त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए भी किया जाता है। शोध में सामने आया है कि, यह जड़ी-बूटी त्वचा के अंदर आसानी से जाती है और सभी त्वचा की सभ...

हेमपुष्पा सिरप के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी

हेमपुष्पा सिरप खून की अनियमितता, असमय होना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, शारीरिक कमजोरी, दर्द से पेट मे सुई चुभना, थकान होना, वजन कम होना आदि सभी यह महिलाओं को स्वस्थ बनाकर चुस्ती एवं ताजगी प्रदान करने, रक्त साफ करने और सौन्दर्य निखारने में सहायक है। साथ ही, महिलाओं में इन मुश्किल दिनों में हॉर्मोन अंसतुलन होता है, जिसकी वजह से मुँह पर पिंपल और बाल उगते है, इन सभी समस्याओं को दूर करने में भी कारगार है। पढ़िये: संयोजन हेमपुष्पा सिरप की संरचना – Hempushpa Syrup Composition in Hindi हेमपुष्पा सिरप आयुर्वेदिक पदार्थ से मिलाकर बनाया जाता है, इसमे निम्न प्रमुख घटक है। लोधरा + मंजिष्ठा + अनंतमूल + बाला + फायदे हेमपुष्पा सिरप के उपयोग व फायदे – Hempushpa Syrup Benefits & Uses in Hindi हेमपुष्पा सिरप के जरूरत अनुसार उपयोग करने पर निम्न फायदे होते है। • पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून बहने की स्थिति में एनीमिया रोग होता है, जिसे हेमपुष्पा सिरप द्वारा दूर किया जा सकता है। • हेमपुष्पा महिला हार्मोन (Astrogen & Projestron) का सामान्य अनुपात बनाये रखने में सहायक है। • मुँह पर मुँहासे और बाल उगना, बाल झड़ना आदि समस्याओं को रोकने में मदद करता हैं। • हेमपुष्पा मूत्र विसंगतियों को दूर करता हैं। • हेमपुष्पा पीरियड्स मे नियमितता लाने मे मदद करता है। • हेमपुष्पा अत्यधिक पेट दर्द, बेचैनी, चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं का निवारण करता है। • गर्भाशय संबंधित हर समस्याओं को दूर करता है। • पीरियड्स से आयी कमजोरी, थकावट, तनाव आदि सबको दूर करता है। • कमजोरी दूर कर वजन को बढ़ाता है। • भुख लगाने में मदद करता है • प्रजनन और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है • स्तनों में दुग्ध स्तर को बढ़ाता है। • पीरियड्स में खून (Bleedi...

सच्ची सहेली सिरप के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि व पूरी जानकारी

Page Contents • • • • • • • • • सच्ची सहेली सिरप के बारे में जानकारी – sachi saheli syrup information in hindi सच्ची सहेली टॉनिक जड़ी बूटियों का एक संयोजन है जो महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न बीमारियों में लाभ की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। दशमूला, अश्वगंधा, मुलेठी, पिप्पली, गिलोय, मंजिष्ठा, दालचीनी, निसोथ और सोंठ जैसी 67 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के गुणों से युक्त, सच्ची सहेली सिरप संपूर्ण स्वास्थ्य सुधार के लिए एक उपाय के रूप में कार्य करता है। सच्ची सहेली सिरप क्या है – sachi saheli syrup kya hai in hindi सच्ची सहेली टॉनिक जड़ी बूटियों का एक संयोजन है जो महिला स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न बीमारियों में लाभ की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इस प्रकार, सच्ची सहेली सिरप संपूर्ण स्वास्थ्य सुधार के लिए एक उपाय के रूप में कार्य करता है। मासिक धर्म में ऐंठन और अनियमित मासिक धर्म की स्थिति में टॉनिक लाभकारी होता है। सच्ची सहेली सिरप की सामग्री – sachi saheli syrup ingredients in hindi सच्ची सहेली टॉनिक की प्रमुख सामग्रियां हैं • अशोका – Ashoka • अश्वगंधा – ashwagandha • शतावरी – shatavari • दशमूल – dashmool • अर्जुन – Arjuna • मुलेठी – mulethi • हरीतकी – Haritaki • हल्दी – haldi सच्ची सहेली सिरप के उपयोग – sachi saheli syrup uses in hindi • शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर शरीर की समग्र सफाई में उपयोगी। • मासिक धर्म में ऐंठन के मामले में राहत प्रदान करता है। • अनियमित मासिक धर्म के उपचार में मदद करता है • सची सहेली सिरप का नियमित उपयोग शरीर को तेज और सक्रिय रखने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जा सकता है • यह उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो अपने लय और शरीर क...

शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान व इसका सेवन कैसे करे

आज हम आपको शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान के बारे में व शंखपुष्पी सिरप का सेवन कैसे करे की जानकारी देने वाले हैं अक्सर लोग इसका इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन कुछ सावधानियाँ नहीं होने के कारण अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं लेकिन आपको इसके फायदे में बहुत सारे मिलते हैं जिनके बारे में हम आज यहाँ चर्चा करने वाले हैं. शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान आपको पता तो है ही की यह शंखपुष्पी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका शंखपुष्पी सिरप बनाया जाता है इससे आपको मेमरी तेज करने में सिर दर्द जैसी अन्य विमारियों से बचने व निजात पाने में इसका उपयोग होता है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में बिस्तार से यह केसे काम करता है . जाने शंखपुष्पी सिरप के फायदे हिमालय पर व जंगलों में मिलने वाली यह औषधि से निर्मित शंखपुष्पी सिरप आपको तेज़ दिमाग व मेमोरी बूस्टर के रूप में कार्य करता है इससे आपकी मस्तिस्क की सेल्स मजबूत होती है साथ ही यह आपके सोचने समझने की क्षमता को भी बढ़ाता है। यह शंखपुष्पी सिरप आँखों की रोशनी, कमजोर दिमाग सोचने समझने में तथा पढाई करने वाले छात्रों के लिए संजीवनी का काम करता है. डिप्रेसन से ग्रसित लोगों के लिए भी यह संखपुष्पी कारगर साबित है यह आपकी दिमाग के डेमेज सेल्स को तुरंत रिकवर करने में मदद करता है। • मिरगी से राहत दिलाये शंखपुष्पी हैं फायदे • सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। इसके बीमारी में भी शंखपुष्पी का चूर्ण काम आता है। • शिशुओं को दांत निकलते समय जिन समस्याओं • शरीर के रसायन या केमिकल को संतुलित करने में फायदेमंद शंखपुष्पी • थायराइड के लिए शंखपुष्पी के हैं फायदे • अनिद्रा के लिए शंखपुष्पी के हैं फायदे • भूख बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का सेवन • अवसाद के अवस्था में शंखपुष्पी ...

सच्ची सहेली सिरप के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि व पूरी जानकारी

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साफी सिरप के फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका

safi syrup benefits in hindi : इस आर्टिकल में हम साफी सिरप के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। साफी एक यूनानी दवा है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ब्लड प्यूरीफायर यानी खून साफ करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है, साफी सिरप में नीम, तुलसी, चिरायता, ब्राम्ही व सनाय जैसे कई नेचुरल चीजों का इस्तेमाल किया गया है। त्वचा के अलावा साफी पीने के फायदे ( safi peene ke fayde) पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए भी अच्छे हैं और यह इम्युनिटी को भी बूस्ट करने में मदद करती है। साफी सिरप के नुकसान की बात करें तो इसके अधिक सेवन से स्किन एलर्जी और पेट व पाचन से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। साफी सिरप के फायदे ( safi syrup benefits in hindi) प्राप्त करने के लिए जरुरी है की इसका सेवन सही समय और सही मात्रा में किया जाए। इस आर्टिकल में हम साफी सिरप के फायदे और नुकसान के अलावा साफी सिरप का सेवन कैसे करें, इसके साथ किन चीजों का परहेज करें और साफी कितने दिन पीना चाहिए, जैसे साफी से जुड़े आम सवालों का जवाब जानेंगे। शीशम Burada Sheesham गिलोय Gilo गुलाब के फूल Gulab ke Phool चोपचीनी Chobchini हरड़ Harar चिरायता Chiraita सनाय Senna नीलकंठी Nilkanthi नीम Neem तुलसी Burge Tulsi ब्राह्मी Brahmi कीकर (बबूल) Kikar (Babool) रेवन्दचीनी Ravand chini (Extract) उन्नाब Unnab कासनी Kasani नीम (Neem) – नीम साफी में मौजूद एक मुख्य घटक है। इसमें एंटीएलर्जेनिक, एंटी-एजिंग, एंटिफंगल व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं और यह खून को साफ करने में भी मददगार होता है। स्किन एलर्जी, कील-मुंहासे, फोड़े-फुंसी और त्वचा में सूजन व जलन के लिए नीम काफी उपयोगी होता है। तुलसी (Basil) – तुलस...

शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान

आयुर्विज्ञान में कई पौधों, फलों और जड़ी-बूटियों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इन्हीं में से एक है शंखपुष्पी। इस पौधे की खासियत यह है कि इसके फूल शंख के आकार के होते हैं। इसी कारण इसे शंखपुष्पी के नाम से पुकारा जाता है। आमतौर पर इसका उपयोग दिमागी शक्ति, एकाग्रता और स्मृति सुधार के लिए होता है। वहीं, कई अन्य गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम शंखपुष्पी के फायदे, उपयोग और इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे। विषय सूची • • • • शंखपुष्पी क्या है – What is Shankhpushpi in Hindi शंखपुष्पी पथरीली भूमि वाले जंगलों में पाई जाने वाले एक प्रकार की वनस्पति है। इसका वैज्ञानिक नाम कॉन्वोल्वुलस प्लुरिकायुलिस (Convolvulus pluricaulis) है। मुख्य रूप से शंखपुष्पी का पौधा तीन रंगों (सफेद, लाल और नीला) में पाया जाता है, लेकिन औषधि के लिए विशेष तौर पर इनमें से सफेद रंग वाले पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्दियों में झड़कर मिट्टी में मिल जाता है और बरसात में खुद-ब-खुद पनपने लगता है। इसके तने करीब एक से डेढ़ फीट की लंबाई तक फैलते हैं। वहीं, इसकी जड़ एक से दो इंच तक लंबी और उंगली के समान मोटाई लिए हुए होती है। इसकी पत्तियों को मसलने पर मूली जैसी गंध महसूस होती है। चमत्कारिक औषधीय गुणों के कारण शंखपुष्पी का पौधा आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के तौर पर शामिल किया जाता है और इसकी जड़, पत्ती, तने और फूलों को कई जटिल बीमारियों को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। Image: Shutterstock आयुर्वेद में शंखपुष्पी को तंत्रिका टॉनिक का दर्जा दिया गया है। कारण यह है कि इसमें ट्राइपटेनोइड, फ्लेवोनोल ग्लाइकोसाइ...