नाभि के ऊपर सूजन

  1. सूजन का इलाज करें
  2. नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? जानें लक्षण और बचाव
  3. नाभि में इन्फेक्शन हो गया है? ये 5 नेचुरल तरीके आएंगे काम
  4. नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे
  5. Ayurvedic Tips in Hindi: नाभि की सूजन
  6. नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? जानें लक्षण और बचाव
  7. सूजन का इलाज करें
  8. नाभि में इन्फेक्शन हो गया है? ये 5 नेचुरल तरीके आएंगे काम
  9. नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे
  10. Ayurvedic Tips in Hindi: नाभि की सूजन


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सूजन का इलाज करें

सूजन किसी चोट, गर्भावस्था, और अन्य चिकित्सा परिस्थितियों के परिणाम स्वरुप हो सकती है | यदि इसका इलाज न किया जाए, तो सूजन निराशाजनक और दर्दनाक भी बन सकती है | सूजन वाले क्षेत्र को ऊपर उठाने से, बहुत सारा तरल पदार्थ पीने से, और उस क्षेत्र में कुछ ठंडा लगाने से सूजन कम हो सकती है | सूजन का इलाज करने के तरीके के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें | सूजन वाले क्षेत्र को आराम करने दें: आपके शरीर में सूजन चाहे किसी चोट की वजह से आई हो या फिर रक्त का संचार कम होने की वजह से, सबसे बेहतर यही होगा की सूजन वाली जगह को थोड़े समय आराम करने दें | यदि आपके पाँव में सूजन है, तो कोशिश करें की कुछ दिन तक उस पर ज़्यादा भार न डालें, जब तक उसकी सूजन कम् नही हो जाती | • अगर आपके पैर में चोट है तो, सूजन वाली जगह को दबाव से बचाने के लिए बैसाखी या एक छड़ी के उपयोग पर विचार करें | • अगर किसी चोट की वजह से आपके हाथ में सूजन आई है, तो काम करने के लिए दूसरे हाथ का उपयोग करें, या किसी और से मदद के लिए पूछें | सूजे हुए शरीर के अंग को ऊपर रखें: किसी भी समय आप बैठे हों या लेटे हों, तो सूजे हुए स्थान को तकिये के सहारे से थोड़ा ऊपर रखें, ताकि वह आपके दिल के स्तर से ऊपर आ जाए। X रिसर्च सोर्स • यदि आवश्यक हो तो अपने हाथ को ऊंचा रखने के लिए एक गोफन का प्रयोग करें | • यदि आपकी सूजन गंभीर है, तो यह सुनिश्चित करें की आप नीचे बैठें और कुछ घंटों के लिए सूजन वाले शरीर के अंग को ऊपर उठा कर रखें | दवाई लें: सूजन को काम करने वाली दवायें (non-steroidal anti-inflammatory drugs), ऐसी दवाएं हैं जो दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं | इस तरह की सबसे प्रचिलित दवाओं में मुख्यतः एसिटामिनोफेन (acetaminophen), आइब्रूफेन (ibuprofen...

नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? जानें लक्षण और बचाव

Belly Button Infection in Hindi: नाभि शरीर के नाजुक अंगों में से एक है। शरीर के सेंटर पॉइंट में मौजूद नाभि की सही ढंग से साफ-सफाई न रखने पर इन्फेक्शन का खतरा रहता है। नाभि में यीस्ट इन्फेक्शन कैंडिडा नामक खमीर के इन्फेक्शन के कारण होता है। इसकी वजह से नाभि के आसपास खुजली, दर्द और दानें की समस्या हो सकती है। कई बार धूल, गंदगी, बैक्टीरिया और फंगस आदि के संक्रमण की वजह से भी नाभि में इन्फेक्शन की समस्या हो जाती है। नाभि में इन्फेक्शन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसका संक्रमण नवजात शिशुओं में भी देखा जाता है। नाभि में होने वाले इन्फेक्शन के दो प्रमुख प्रकार होते हैं- पहला बैक्टीरियल इन्फेक्शन और यीस्ट इन्फेक्शन। सही समय पर इलाज न लेने की स्थिति में मरीज को ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है। आइए जानते हैं नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? नाभि में इन्फेक्शन की समस्या से बचने के तरीके। नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है?- What Causes Belly Button Infection in Hindi बेली बटन यीस्ट इन्फेक्शन या नाभि में होने वाले इन्फेक्शन का सबसे प्रमुख कारण कैंडिडिआसिस होता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के डॉ एस के पांडेय के मुताबिक इसके अलावा नाभि में गंदगी, संक्रमण, चोट या कट आदि की वजह से संक्रमण हो सकता है। इसकी वजह से होने वाले इन्फेक्शन में आपको खुजली, दानें या रैशेज आदि की समस्या हो सकती है। नाभि में इन्फेक्शन के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं- इसे भी पढ़ें: नाभि में जलन और दर्द होने पर अपनाएं ये 5 आसान घरेलू नुस्खे • नाभि में गंदगी होने के कारण • बहुत ज्यादा तंग कपडे पहनना • साफ-सफाई न रखना • इंटरट्रिगो और सोरायसिस की समस्या • यीस्ट इन्फेक्शन • प्रेग्नेंसी की वजह से • कीमोथेरेपी या कैंस...

नाभि में इन्फेक्शन हो गया है? ये 5 नेचुरल तरीके आएंगे काम

नाभि में इन्फेक्शन का कारण हो सकता है बैक्टीरिया. नाभि में दर्द या सूजन इंफेक्शन के हो सकते हैं लक्षण. कोकोनट ऑयल से इंफेक्शन को कर सकते हैं कम. Belly button infection: नाभि शरीर का सबसे नाजुक अंग माना जाता है. चेहरे और शरीर की तरह नाभि की देखभाल भी बेहद जरूरी है. शरीर में नाभि सेंटर प्वाइंट होती है. ये जानने के बाद भी हममें से कई लोग इसकी साफ़ सफाई को बिलकुल इग्नोर कर देते हैं. इसी वजह से नाभि में कई तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. नाभि में इन्फेक्शन होने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. यहां तक कि नवजात बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. नाभि में यीस्ट और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. जिससे कई बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं. इससे बचने के लिए नेचुरल तरीके क्या हैं, चलिए जानते हैं. नाभि में इंफेक्शन का कारण – -साफ़ सफाई की आदत ना होना. -पेट की सर्जरी होने से इन्फेक्शन का डर बना रहता है. -जरूरत से ज्यादा मोटापा होना. -प्रेग्नेंसी के दौरान नाभि में इन्फेक्शन होने का खतरा बना रह सकता है. इसे भी पढ़ें: इंफेक्शन दूर करने के नेचुरल तरीके नारियल का तेल -नारियल का तेल इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है. -इससे सूजन भी कम होती है. -उंगलियों को साफ़ करके नारियल का तेल नाभि में लगाएं. -रोज रात को सोने से पहले नाभि में नारियल का तेल इंफेक्शन से बचाएगा. नमक का पानी -नमक का घोल नाभि के अंदर की नमी को कम करता है. -नमक का पानी इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकता है. -नाभि में होने वाली खुजली और सूजन से भी राहत मिलती है. टी ट्री ऑयल -टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. -टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदे नाभि में लगाने से इंफेक्शन बढ़ाने...

नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे

नाभि पर तेल लगाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। नाभि पर अलग-अलग तेल लगाने के अलग-अलग लाभ मिलते हैं। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं, नाभि में नीम का तेल लगाने के फायदों के बारे में, जी हां नाभि में नीम का तेल लगाना बेहद लाभकारी होता है। नाभि में नीम का तेल लगाने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा और बालों को भी लाभ पहुंचाता है। क्योंकि नीम का तेल एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें विटमिन-ई की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है। तो आइए जानते हैं नाभि में नीम का तेल लगाने के क्या-क्या फायदे होते हैं। नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे-Benefits Of Applying Neem Oil In The Navel In Hindi त्वचा को रखे स्वस्थ नाभि में नीम का तेल लगाना त्वचा (Skin) को काफी लाभ पहुंचाता है। क्योंकि नीम का तेल एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाते हैं, तो इससे पिंपल्स, दाग धब्बों जैसी समस्याएं दूर होती है और त्वचा पर निखार भी आता है। बालों के लिए फायदेमंद नाभि में नीम का तेल लगाना बालों के भी लिए फायदेमंद होता है। जी हां क्योंकि इसमें विटामिन ई पाया जाता है, जो बालों को घना और मजबूत (Strong Hair) बनाने में मदद करता है। साथ ही इसके उपयोग से बाल झड़ने की समस्या भी कम होती है। पाचन क्रिया में करे सुधार अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाते हैं, तो यह पेट के लिए फायदेमंद होता है। जी हां नाभि में तेल लगाने से ब्लोटिंग, गैस जैसी समस्याएं दूर होती है और पाचन क्रिया (Digestion) में सुधार होता है। जोड़ों के दर्द में फायदेमंद ज...

Ayurvedic Tips in Hindi: नाभि की सूजन

नवजात शिशु की नाल साधारणतः पाँच से नौ दिनों के भीतर गिर पड़ती है। उसके बाद नाभि के ऊपर एक प्रकार कां घाव हो ' जाता है। इस घाव के सूखने में साधारणतः बारह से पन्द्रह दिनों का समय लगता है। यदि किसी कारण से नाभि का घाव नहीं सूखे और उस पर सूजन आ जाए , तो उसे नाभि की सूजन कहते हैं। साधारणतः माता के गन्दे हाथों के स्पर्श से , मेल - कुचेले कपड़े की पट्टी बाँधने के कारण या जोर से पट्टी बाँधने से नाभि पक जाती है। स्नान के बाद नाभि को गीली रखने से भी ऐसा हो सकता है। इसलिए जो भी वस्त्र नीिभ के सम्पर्क में आते हैं , वे यथासम्भव स्वच्छ होने चाहिए । नाभि को स्पर्श करने से पहले माता को अपने हाथ को भी अच्छी तरह धो लेना जरूरी है। नाभि पर सूजन आ जाने पर साधारण स्थिति में नाभि पर दिन में दो बार गरम - ठण्डा ( alternate compress ) का प्रयोग करने से सूजन चली जाती है। प्रत्येक बार एक मिनट गरम सेंक देने के बाद ही एक मिनट के लिये ठण्डे पानी की पट्टी का प्रयोग करना चाहिए और एक समय में तीन बार यह प्रयोग करना आवश्यक है।

नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? जानें लक्षण और बचाव

Belly Button Infection in Hindi: नाभि शरीर के नाजुक अंगों में से एक है। शरीर के सेंटर पॉइंट में मौजूद नाभि की सही ढंग से साफ-सफाई न रखने पर इन्फेक्शन का खतरा रहता है। नाभि में यीस्ट इन्फेक्शन कैंडिडा नामक खमीर के इन्फेक्शन के कारण होता है। इसकी वजह से नाभि के आसपास खुजली, दर्द और दानें की समस्या हो सकती है। कई बार धूल, गंदगी, बैक्टीरिया और फंगस आदि के संक्रमण की वजह से भी नाभि में इन्फेक्शन की समस्या हो जाती है। नाभि में इन्फेक्शन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसका संक्रमण नवजात शिशुओं में भी देखा जाता है। नाभि में होने वाले इन्फेक्शन के दो प्रमुख प्रकार होते हैं- पहला बैक्टीरियल इन्फेक्शन और यीस्ट इन्फेक्शन। सही समय पर इलाज न लेने की स्थिति में मरीज को ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है। आइए जानते हैं नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है? नाभि में इन्फेक्शन की समस्या से बचने के तरीके। नाभि में इन्फेक्शन क्यों होता है?- What Causes Belly Button Infection in Hindi बेली बटन यीस्ट इन्फेक्शन या नाभि में होने वाले इन्फेक्शन का सबसे प्रमुख कारण कैंडिडिआसिस होता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के डॉ एस के पांडेय के मुताबिक इसके अलावा नाभि में गंदगी, संक्रमण, चोट या कट आदि की वजह से संक्रमण हो सकता है। इसकी वजह से होने वाले इन्फेक्शन में आपको खुजली, दानें या रैशेज आदि की समस्या हो सकती है। नाभि में इन्फेक्शन के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं- इसे भी पढ़ें: नाभि में जलन और दर्द होने पर अपनाएं ये 5 आसान घरेलू नुस्खे • नाभि में गंदगी होने के कारण • बहुत ज्यादा तंग कपडे पहनना • साफ-सफाई न रखना • इंटरट्रिगो और सोरायसिस की समस्या • यीस्ट इन्फेक्शन • प्रेग्नेंसी की वजह से • कीमोथेरेपी या कैंस...

सूजन का इलाज करें

सूजन किसी चोट, गर्भावस्था, और अन्य चिकित्सा परिस्थितियों के परिणाम स्वरुप हो सकती है | यदि इसका इलाज न किया जाए, तो सूजन निराशाजनक और दर्दनाक भी बन सकती है | सूजन वाले क्षेत्र को ऊपर उठाने से, बहुत सारा तरल पदार्थ पीने से, और उस क्षेत्र में कुछ ठंडा लगाने से सूजन कम हो सकती है | सूजन का इलाज करने के तरीके के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें | सूजन वाले क्षेत्र को आराम करने दें: आपके शरीर में सूजन चाहे किसी चोट की वजह से आई हो या फिर रक्त का संचार कम होने की वजह से, सबसे बेहतर यही होगा की सूजन वाली जगह को थोड़े समय आराम करने दें | यदि आपके पाँव में सूजन है, तो कोशिश करें की कुछ दिन तक उस पर ज़्यादा भार न डालें, जब तक उसकी सूजन कम् नही हो जाती | • अगर आपके पैर में चोट है तो, सूजन वाली जगह को दबाव से बचाने के लिए बैसाखी या एक छड़ी के उपयोग पर विचार करें | • अगर किसी चोट की वजह से आपके हाथ में सूजन आई है, तो काम करने के लिए दूसरे हाथ का उपयोग करें, या किसी और से मदद के लिए पूछें | सूजे हुए शरीर के अंग को ऊपर रखें: किसी भी समय आप बैठे हों या लेटे हों, तो सूजे हुए स्थान को तकिये के सहारे से थोड़ा ऊपर रखें, ताकि वह आपके दिल के स्तर से ऊपर आ जाए। X रिसर्च सोर्स • यदि आवश्यक हो तो अपने हाथ को ऊंचा रखने के लिए एक गोफन का प्रयोग करें | • यदि आपकी सूजन गंभीर है, तो यह सुनिश्चित करें की आप नीचे बैठें और कुछ घंटों के लिए सूजन वाले शरीर के अंग को ऊपर उठा कर रखें | दवाई लें: सूजन को काम करने वाली दवायें (non-steroidal anti-inflammatory drugs), ऐसी दवाएं हैं जो दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं | इस तरह की सबसे प्रचिलित दवाओं में मुख्यतः एसिटामिनोफेन (acetaminophen), आइब्रूफेन (ibuprofen...

नाभि में इन्फेक्शन हो गया है? ये 5 नेचुरल तरीके आएंगे काम

नाभि में इन्फेक्शन का कारण हो सकता है बैक्टीरिया. नाभि में दर्द या सूजन इंफेक्शन के हो सकते हैं लक्षण. कोकोनट ऑयल से इंफेक्शन को कर सकते हैं कम. Belly button infection: नाभि शरीर का सबसे नाजुक अंग माना जाता है. चेहरे और शरीर की तरह नाभि की देखभाल भी बेहद जरूरी है. शरीर में नाभि सेंटर प्वाइंट होती है. ये जानने के बाद भी हममें से कई लोग इसकी साफ़ सफाई को बिलकुल इग्नोर कर देते हैं. इसी वजह से नाभि में कई तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. नाभि में इन्फेक्शन होने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. यहां तक कि नवजात बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. नाभि में यीस्ट और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. जिससे कई बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं. इससे बचने के लिए नेचुरल तरीके क्या हैं, चलिए जानते हैं. नाभि में इंफेक्शन का कारण – -साफ़ सफाई की आदत ना होना. -पेट की सर्जरी होने से इन्फेक्शन का डर बना रहता है. -जरूरत से ज्यादा मोटापा होना. -प्रेग्नेंसी के दौरान नाभि में इन्फेक्शन होने का खतरा बना रह सकता है. इसे भी पढ़ें: इंफेक्शन दूर करने के नेचुरल तरीके नारियल का तेल -नारियल का तेल इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है. -इससे सूजन भी कम होती है. -उंगलियों को साफ़ करके नारियल का तेल नाभि में लगाएं. -रोज रात को सोने से पहले नाभि में नारियल का तेल इंफेक्शन से बचाएगा. नमक का पानी -नमक का घोल नाभि के अंदर की नमी को कम करता है. -नमक का पानी इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकता है. -नाभि में होने वाली खुजली और सूजन से भी राहत मिलती है. टी ट्री ऑयल -टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. -टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदे नाभि में लगाने से इंफेक्शन बढ़ाने...

नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे

नाभि पर तेल लगाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। नाभि पर अलग-अलग तेल लगाने के अलग-अलग लाभ मिलते हैं। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं, नाभि में नीम का तेल लगाने के फायदों के बारे में, जी हां नाभि में नीम का तेल लगाना बेहद लाभकारी होता है। नाभि में नीम का तेल लगाने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा और बालों को भी लाभ पहुंचाता है। क्योंकि नीम का तेल एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें विटमिन-ई की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है। तो आइए जानते हैं नाभि में नीम का तेल लगाने के क्या-क्या फायदे होते हैं। नाभि में नीम का तेल लगाने से मिलते हैं ये 5 फायदे-Benefits Of Applying Neem Oil In The Navel In Hindi त्वचा को रखे स्वस्थ नाभि में नीम का तेल लगाना त्वचा (Skin) को काफी लाभ पहुंचाता है। क्योंकि नीम का तेल एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाते हैं, तो इससे पिंपल्स, दाग धब्बों जैसी समस्याएं दूर होती है और त्वचा पर निखार भी आता है। बालों के लिए फायदेमंद नाभि में नीम का तेल लगाना बालों के भी लिए फायदेमंद होता है। जी हां क्योंकि इसमें विटामिन ई पाया जाता है, जो बालों को घना और मजबूत (Strong Hair) बनाने में मदद करता है। साथ ही इसके उपयोग से बाल झड़ने की समस्या भी कम होती है। पाचन क्रिया में करे सुधार अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाते हैं, तो यह पेट के लिए फायदेमंद होता है। जी हां नाभि में तेल लगाने से ब्लोटिंग, गैस जैसी समस्याएं दूर होती है और पाचन क्रिया (Digestion) में सुधार होता है। जोड़ों के दर्द में फायदेमंद ज...

Ayurvedic Tips in Hindi: नाभि की सूजन

नवजात शिशु की नाल साधारणतः पाँच से नौ दिनों के भीतर गिर पड़ती है। उसके बाद नाभि के ऊपर एक प्रकार कां घाव हो ' जाता है। इस घाव के सूखने में साधारणतः बारह से पन्द्रह दिनों का समय लगता है। यदि किसी कारण से नाभि का घाव नहीं सूखे और उस पर सूजन आ जाए , तो उसे नाभि की सूजन कहते हैं। साधारणतः माता के गन्दे हाथों के स्पर्श से , मेल - कुचेले कपड़े की पट्टी बाँधने के कारण या जोर से पट्टी बाँधने से नाभि पक जाती है। स्नान के बाद नाभि को गीली रखने से भी ऐसा हो सकता है। इसलिए जो भी वस्त्र नीिभ के सम्पर्क में आते हैं , वे यथासम्भव स्वच्छ होने चाहिए । नाभि को स्पर्श करने से पहले माता को अपने हाथ को भी अच्छी तरह धो लेना जरूरी है। नाभि पर सूजन आ जाने पर साधारण स्थिति में नाभि पर दिन में दो बार गरम - ठण्डा ( alternate compress ) का प्रयोग करने से सूजन चली जाती है। प्रत्येक बार एक मिनट गरम सेंक देने के बाद ही एक मिनट के लिये ठण्डे पानी की पट्टी का प्रयोग करना चाहिए और एक समय में तीन बार यह प्रयोग करना आवश्यक है।