नाकोड़ा भैरव चालीसा

  1. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा संपूर्ण
  2. Shri Nakoda Bhairav Chalisa In Hindi
  3. Nakoda Bhairav Chalisa Lyrics in Hindi & English
  4. Nakoda Bhairav Chalisa: श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा व इसे पढ़ने के फायदे
  5. भजन: नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा
  6. [Lyrics with PDF] श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा
  7. श्री नाकोड़ा भैरव आरती : ॐ जय जय जयकारा, वारी जय जय झंकारा
  8. Nakoda Bhairav Chalisa


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श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा संपूर्ण

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Shri Nakoda Bhairav Chalisa In Hindi

Nakoda Bhairav is a Hindu temple that is located within Rajasthan, which is in the Indian State of Rajasthan. The temple is committed to the god of Lord Bhairav who is the fierce embodiment of Lord Shiva. It is considered to be one of the most revered and significant Bhairav sites in this region. It is also the site of numerous devotees from all over the world. The complex of temples also has shrines to other gods including the Lord Ganesha as well as Lord Hanuman. Shri Nakoda Bhairav Chalisa or Nakoda Bheruji Chalisa is a prayer or poem that is dedicated to Lord Bhairav God that is the deity of the Nakoda Bhairav temple in Rajasthan, India. There is a belief that by reciting Nakoda Bhairav Chalisa with devotional intent will bring blessings and protection from Lord Bhairav. Bhairav Chalisa Lyrics usually contain 40 verses and are frequently used as a form of worship or to benefit spiritually. The Chalisa contains praise, prayers, and dedication to the God Bhairav. Nakoda Bhairav Chalisa in Hindi Lyrics नकोड़ा भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ पाश्वर्नाथ भगवान की, मूरत चित बसाए ॥ भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर – नारी ॥ जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी ॥ प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता ॥ भैरव नाम जपे जो कोई, उस घर में निज मंगल होई ॥ नाकोडा लाखों नर आवे, श्रद्धा से परसाद चढावे ॥ भैरव – भैरव आन पुकारे, भक्तों के सब कष्ट निवारे ॥ भैरव दर्शन शक्ति – शाली, दर से कोई न जावे खाली ॥ जो नर नित उठ तुमको ध्यावे, भूत पास आने नहीं पावे ॥ परदेशा में नाम ...

Nakoda Bhairav Chalisa Lyrics in Hindi & English

Nakoda Bhairav Chalisa Lyrics is a Hindu devotional song dedicated to Lord Bhairav, one of the manifestations of Lord Shiva. This powerful chalisa is believed to bring peace, prosperity, and protection to the devotees who recite it with devotion and faith. The Nakoda Bhairav Chalisa is composed in 40 verses or chaupais, each describing the glory and divine qualities of Lord Bhairav. The lyrics of this chalisa are written in Hindi, making it accessible to a vast majority of the Indian population. The chalisa is sung by various artists and devotees, and it is widely popular among the followers of Lord Bhairav. The Nakoda Bhairav Chalisa is also recited during various auspicious occasions and festivals, including Navratri and Diwali. If you are looking to seek the blessings of Lord Bhairav and wish to attain peace and prosperity in your life, then the Nakoda Bhairav Chalisa can be an excellent addition to your daily prayers. Reciting the chalisa with devotion and faith can help you overcome obstacles, negative energies, and fears, and can provide you with the strength to face life’s challenges with confidence. Nakoda Bhairav Chalisa Lyrics in Hindi ।। दोहा ।। पार्श्वनाथ भगवान की, मूरत चित बसाए । भैरव चालीसा लिखू, गाता मन हरसाए । ।। चौपाई ।। नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये, दुनिया सारी । १ । भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर – नारी । २ । जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी । ३ । प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता । ४ । भैरव नाम जपे जो कोई...

Nakoda Bhairav Chalisa: श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा व इसे पढ़ने के फायदे

।। दोहा ।। पार्श्वनाथ भगवान की, मूरत चित् बसाए। भैरव चालीसा लिखू, गाता मन हरसाए।। ।। चौपाई ।। श्री नाकोडा भैरव सुखकारी। गूं गाती है दुनिया सारी।।1।। भैरव की महिमा अति भारी। भैरव का नाम जपे नर नारी।।2।। जिनवर के है आज्ञाकारी। श्रद्धा रखते संकित धारी।।3।। प्रात: उठे जो भेरू ध्याता। रिद्धि सिद्धि सब सम्पद पाता।।4।। भेरू नाम जपे जो कोई। उस घर मैं नित् मंगल होई।।5।। नाकोडा लाखो नर आवे। श्रद्धा से प्रसाद चडावे।।6।। भैरव भैरव आन पुकारे। भक्तो के सब कष्ठ निवारे।।7।। भैरव दर्शन शक्तिशाली। दर से कोई न जावे खाली।।8।। जो नर निथ उठ तुमको ध्यावे। भूत पास आने नहीं पावे।।9।। डाकन छु मंतर होजावे। दुष्ट देव आडे नहीं आवे।।10।। मारवाड की दिव्य मणि है। हम सब के तो आप धनि है।।11।। कल्पतरु है पर्तिख भेरू। इच्छित देता सब को भेरू।।12।। अधि व्याधि सब दोष मिटावे। सुमिरत भेरू शांति पावे।।13।। बाहर पर्देसे जावे नर। नाम मंत्र भेरू का लेकर।।14।। चोगडिया दूषण मिट जावे। काल राहू सब नाठा जावे ।।15।। परदेशो मैं नाम कमावे, मन वांछित धन सम्पद पावे।। 16।। तन मैं साथा मन मैं साथा। जो भेरू को नित्य मनाता।।17।। डूंगर वासी काला भैरव। सुख कारक है गोरा भैरव।।18।। जो नर भक्ति से गुण गावें। दिव्य रत्न सुख मंगल पावे।।19।। श्रद्धा से जो शीश झुकावे। भेरू अमृत रस बरसावे।।20।। मिलजुल सब नर फेरे माला। पीते सब अमृत का प्याला।।21।। मेघ झरे जो झरते निर्झर। खुशाली चावे धरती पर।।22।। अन्न सम्पदा भर भर पावे। चारो और सुकाल बनावे।।23।। भेरू है सचा रखवाला। दुश्मन मित्र बनाने वाला।।24।। देश देश मैं भेरू गांजे। खूंट खूंट मैं डंका बाजे।।25।। है नहीं अपना जिनके कोई। भेरू सहायक उनके होई।।26।। नाभि केंद्रे से तुम्हे बुलावे। भेरू झट पट दौड...

भजन: नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा

Read in English नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा । हम भक्तों को दरश दिखाना होगा, नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा ॥ तेरे दर पे भैरव मेरे, सब मिल आते हैं, तेरे दर पे दादा मेरे, सब मिल आते हैं, भक्ति के गीतों से तुमको रिझाते हैं, झूम झूम तुमको भी गाना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा, नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा.. मेरे इस जीवन मे भैरव, छाया अंधियारा हैं, मेरे इस जीवन मे दादा, छाया अंधियारा हैं, सारी दुनिया छोड़ के आए, तु ही सबसे प्यारा हैं, जीवन से दुःख को हटाना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा, नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा.. सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं, सब भक्तों को मेरे दादा, तेरा ही सहारा हैं, भवंरो में डोले नैय्या, मिलता ना किनारा हैं, नैय्या को भव से पार लगाना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा, नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा..

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माणिभद्र वीर की साधना MANIBHADRA VEER SADHNA माणिभद्र वीर पर प्रकाशित इस पुस्तक में माणिभद्र वीर की साधनाविधी एवं मंत्र दिये गये हैं जो अति प्राचीन हैं। आप उसे पढ़े लेकिन साधना गुरु,साधु-साध्वी या विधी कारक से सलाह लेकर ही करे। हमारा उदेश्य आपको माणिभद्र वीर के बारे में जानकारी देना हैं। इस पुस्तक में दी गई जानकारी कई जगहों से संग्रहित हैं। इससे पहले तीन पुस्तक निकाली जा चुकी हैं जिसमें आप प्राचीन मंत्र,पद,छंद,आरती,लधु हवन विधि,चालीसा,जीवनचरित्र आदि कई जानकारी इन पुस्तको में प्रकाशित हैं। अगर आप न पढ़ पाये तो निम्न लिंक पर जाकर पढ़े। https://jaipurboss.blogspot.com/2020/06/manibhadra-veer.html https://jainismbook.blogspot.com/2022/03/manibhadra-veer-part-2.html https://jainismbook.blogspot.com/2022/09/shri-manibhadra-veer-jeevan-charitra.html पुस्तकों मे दी जानकारी आंगलोड तीर्थ से लगभग 80 वर्ष पूर्व प्रकाशित पुस्तक के कुछ अंश हैं व कई जगहों से संग्रहित हैं।जिनका प्रयोग करआप माणिभद्र वीर की आराधना कर सकते हैं। NAKODA BHAIRAV CHITR KATHA नाकोड़ा जैन तीर्थ अधिष्टायक श्री नाकोड़ा भैरव देव : सचित्र इतिहास कथा भैरव का मूल स्वरुप भैरव एक अवतार हैं।उनका अवतरण हुआ था।वे भगवान शंकर के अवतार हैं। भैरव देव के दो रूप - 1) काला भैरव या काल भैरव (उनके रंग के कारण नाम काला भैरव पड़ा)।जिसने काल को जीत लिया वो काल भैरव हैं।आधी रात के बाद काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। श्री काल भैरव का नाम सुनते ही बहुत से लोग भयभीत हो जाते है और कहते है कि ये उग्र देवता है। लेकिन यह मात्र उनका भ्रम है। प्रत्येक देवता सात्विक, राजस और तामस स्वरूप वाले होते है, किंतु ये स्वरूप उनके द्वारा भक्त के कार्यों की सि...

[Lyrics with PDF] श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा

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श्री नाकोड़ा भैरव आरती : ॐ जय जय जयकारा, वारी जय जय झंकारा

श्री नाकोड़ा भैरव आरती हिंदी में Shri Nakoda Bhairav Dev Ki Aarti In Hindi श्री नाकोड़ा भैरव आरती : राजस्थान राज्य के बाड़मेर ज़िले का एक गांव नाकोड़ा जिसमें एक प्रसिद्ध पार्श्व जैन मन्दिर हैं ! जो जैन धर्म का एक तीर्थ स्थल कहलाता है। जैन धर्म श्रमण परम्परा से निकला है ! तथा इसके प्रवर्तक 24 तीर्थंकर हैं ! जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थंकर महावीर स्वामी को माना जाता हैं। -: अन्य आरती संग्रह :- विश्वकर्माजी की आरती खेतरपालजी की आरती गोरख नाथ जी की आरती बद्रीनाथ जी के आरती *********************** श्री नाकोड़ा भैरव आरती ॐ जय जय जयकारा, वारी जय जय झंकारा I आरती उतारो भविजन मिलकर, भैरव रखवाला, वारी जीवन रखवाला II ॐ जय जय जयकारा (१) तुम समकीत सुरनर मनमोहक, मंगल नितकारा वा. म. I श्री नाकोडा भैरव सुनदर, जन मन हरनारा वा. ज. II ॐ जय जय जयकारा (२) खडग त्रिशूलधर ख-पर सोहे, डमरु करधारा वा. ड. I अदभुत रुप अनोखी रचना, मकुट कुंडल सारा, वा. मु. II ॐ जय जय जयकारा (३) ॐ ह्रीं क्षां क्ष मंत्र बिज युत, नाम जपे ताहरा I रिद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर, जीवन सुखकारा, वा. जी. II ॐ जय जय जयकारा (४) कुशल करे तेरा नाम लीया नीत , आनंद कर नारा, वा. आ. I रोग शोक दुःख दारिद्र हरता, वंचित दातारा, वा. वा. II ॐ जय जय जयकारा (५) श्रीफल लापसी मातर सुखडी , लड्डू तेल धारा वा.ल. I धुप दीप फु ल माल आरती, नित्त नये रविवारा, वा.नि. II ॐ जय जय जयकारा (६) वेयावछ करता संघ तेरी , ध्यान अडग धारा वा. ध्या . I हिम्मत हीत से चित मै धर्ता, भाव्यनन्द प्यारा वा. भ. II ॐ जय जय जयकारा (७) दो हजार के शुभ संवत्सर, पोष मॉस रसाला, वा. पो. I श्री सघं मिलकर करे आरती, मंगल शीवमाला, वा. म. II ॐ जय जय जयकारा (८)...

Nakoda Bhairav Chalisa

॥ दोहा ॥ पाश्वर्नाथ भगवान की, मूरत चित बसाए ॥ भैरव चालीसा लखू, गाता मन हरसाए ॥ ।। चौपाई ।। नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥ भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर – नारी ॥ जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी ॥ प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता ॥ भैरव नाम जपे जो कोई, उस घर में निज मंगल होई ॥ नाकोडा लाखों नर आवे, श्रद्धा से परसाद चढावे ॥ भैरव – भैरव आन पुकारे, भक्तों के सब कष्ट निवारे ॥ भैरव दर्शन शक्ति – शाली, दर से कोई न जावे खाली ॥ जो नर नित उठ तुमको ध्यावे, भूत पास आने नहीं पावे ॥ डाकण छूमंतर हो जावे, दुष्ट देव आडे नहीं आवे ॥ मारवाड की दिव्य मणि हैं, हम सब के तो आप धणी हैं ॥ कल्पतरु है परतिख भैरव, इच्छित देता सबको भैरव ॥ आधि व्याधि सब दोष मिटावे, सुमिरत भैरव शान्ति पावे ॥ बाहर परदेशे जावे नर, नाम मंत्र भैरव का लेकर ॥ चोघडिया दूषण मिट जावे, काल राहु सब नाठा जावे ॥ परदेशा में नाम कमावे, धन बोरा में भरकर लावे ॥ तन में साता मन में साता, जो भैरव को नित्य मनाता ॥ मोटा डूंगर रा रहवासी, अर्ज सुणन्ता दौड्या आसी ॥ जो नर भक्ति से गुण गासी, पावें नव रत्नों की राशि ॥ श्रद्धा से जो शीष झुकावे, भैरव अमृत रस बरसावे ॥ मिल जुल सब नर फेरे माला, दौड्या आवे बादल – काला ॥ वर्षा री झडिया बरसावे, धरती माँ री प्यास बुझावे ॥ अन्न – संपदा भर भर पावे, चारों ओर सुकाल बनावे ॥ भैरव है सच्चा रखवाला, दुश्मन मित्र बनाने वाला ॥ देश – देश में भैरव गाजे, खूटँ – खूटँ में डंका बाजे ॥ हो नहीं अपना जिनके कोई, भैरव सहायक उनके होई ॥ नाभि केन्द्र से तुम्हें बुलावे, भैरव झट – पट दौडे आवे ॥ भूख्या नर की भूख मिटावे, प्यासे नर को नीर पिलावे ॥ इधर – उधर अब नहीं भटकना, भैर...