नारायण हरि की वंदना प्रार्थना

  1. व प्रार्थना Saraswati Puja Goddess Saraswati
  2. हरि प्रार्थना
  3. श्री मन नारायण नारायण हरि हरि लिरिक्स
  4. गुरु वंदना ( प्रार्थना )
  5. Lord Vishnu: मनचाही इच्छा पूर्ति के लिए गुरुवार को कर लें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, बरसेगी श्री हरि विष्णु की कृपा


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व प्रार्थना Saraswati Puja Goddess Saraswati

। । । वसन्त पंचमी वसंत पंचमी की पूजा के लिए तैयार एक सरस्वती प्रतिमावसंत पंचमी एक भारतीय त्योहार है, इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं। प्राचीन भारत में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था।जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों मे सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। बसन्त पंचमी कथा सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने जीवों, खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की। अपनी सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है जिसके कारण चारों आ॓र मौन छाया रहता है। विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का, पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा। इसके बाद वृक्षों के बीच से एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, संसार के समस्त जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई। जल...

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नारायण स्तोत्रम् नारायण नारायण जय गोविंद हरे ॥ नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ करुणापारावार वरुणालयगंभीर नारायण ॥ १ ॥ घननीरदसंकाश कृतकलिकल्मषनाशन नारायण ॥ २ ॥ यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार नारायण ॥ ३ ॥ पीतांबरपरिधान सुरकल्याणनिधान नारायण ॥ ४ ॥ मंजुलगुंजाभूष मायामानुषवेष नारायण ॥ ५ ॥ राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक नारायण ॥ ६ ॥ मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद नारायण ॥ ७ ॥ बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड नारायण ॥ ८ ॥ वारिजभूषाभरण राजीवरुक्मिणीरमण नारायण ॥ ९ ॥ जलरुहदलनिभनेत्र जगदारंभकसूत्र नारायण ॥ १० ॥ पातकरजनीसंहार करुणालय मामुद्धर नारायण ॥ ११ ॥ अघ बकहयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे नारायण ॥ १२ ॥ हाटकनिभपीतांबर अभयं कुरु मे मावर नारायण ॥ १३ ॥ दशरथराजकुमार दानवमदसंहार नारायण ॥ १४ ॥ गोवर्धनगिरि रमण गोपीमानसहरण नारायण ॥ १५ ॥ सरयुतीरविहार सज्जन‌ऋषिमंदार नारायण ॥ १६ ॥ विश्वामित्रमखत्र विविधवरानुचरित्र नारायण ॥ १७ ॥ ध्वजवज्रांकुशपाद धरणीसुतसहमोद नारायण ॥ १८ ॥ जनकसुताप्रतिपाल जय जय संस्मृतिलील नारायण ॥ १९ ॥ दशरथवाग्धृतिभार दंडक वनसंचार नारायण ॥ २० ॥ मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार नारायण ॥ २१ ॥ वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य नारायण ॥ २२ ॥ मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर नारायण ॥ २३ ॥ जलनिधि बंधन धीर रावणकंठविदार नारायण ॥ २४ ॥ ताटकमर्दन राम नटगुणविविध सुराम नारायण ॥ २५ ॥ गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन नारायण ॥ २६ ॥ संभ्रमसीताहार साकेतपुरविहार नारायण ॥ २७ ॥ अचलोद्धृतचंचत्कर भक्तानुग्रहतत्पर नारायण ॥ २८ ॥ नैगमगानविनोद रक्षित सुप्रह्लाद नारायण ॥ २९ ॥ भारत यतवरशंकर नामामृतमखिलांतर नारायण ॥ ३० ॥

हरि प्रार्थना

श्री कृष्णःशरणं मम ‼जय श्रीकृष्ण ‼ श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!! काजल भगवत प्रेम का, नयनो मे लूं डार कंठ मे भक्ति की माला हो, प्रभु सुमिरन का हार भक्त कदम वहाँ पर पड़े, जहाँ प्रभु का द्वार नयनों को बस आस रही, हरि दर्शन की आस प्यास लगे जब कंठ को, प्रभु जल की हो प्यास हाथों मे जब भी मिले, प्रभु चरणों के फूल हाथ करे चरणों की सेवा, माथे चरणन धूल कानों मे जब भी पड़े, हो सत्संग का सार । प्रीत करूँ प्रभु की भक्ति से, ये है सच्चा प्यार अधरों पर हर पल धरूं, प्रभु सुमिरन के बोल । जिहवा को पल पल मिले, हरि अमृत का धोल हरि बोल। Sri Krishna: My refuge !!Jai Shri Krishna !! Sri Krishna Govinda Hare Murari, O Nath Narayan Vasudeva!!! Kajal Bhagwat of love, Nayno me lu dar Let there be a rosary of devotion in your throat. Lord Sumiran’s Necklace Devotee feet lying there, where the door of the lord The eyes are just waiting, hope of hari darshan When the throat feels thirsty, Lord be thirsty for water Whenever I meet in hands, Lord’s Feet Flowers Hands do the service of the feet, forehead stepping dust Whenever it fell in the ears, This is the essence of satsang. I love you with the devotion of the Lord, this is true love Hold every moment on the balance, The words of Lord Sumiran. Jihwa gets a moment, dhol of hari nectar Hari speak.

श्री मन नारायण नारायण हरि हरि लिरिक्स

हरी ॐ नमो नारायणा, ॐ नमो नारायणा हरी ॐ नमो नारायणा लक्ष्मी नारायण नारायण हरि हरि बोलो नारायण नारायण हरि हरि । भजो नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि।। सत्य नारायण नारायण हरि हरि जपो नारायण नारायण हरि हरि। भजो नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि।। सुर्य नारायण नारायण हरि हरि बोलो नारायण नारायण हरि हरि। भज मन नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि ।। विष्णु नारायण नारायण हरि हरि जपो नारायण नारायण हरि हरि। भजो नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि।। बदरीनारायण नारायण हरि हरि बोलो नारायण नारायण हरि हरि । भजो मन नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि ।। ब्रह्म नारायण नारायण हरि हरि जपो नारायण नारायण हरि हरि । भजो नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि ।। चन्द्र नारायण नारायण हरि हरि बोलो नारायण नारायण हरि हरि । भजो नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि ।। भक्तो के प्यारे हरि हरि आधार हमारे हरि हरि । तन मन में बसे हो हरि हरि कण कण में बसे हो हरि हरि ।। तेरी छवि है सुन्दर न्यारी न्यारी हरि हरि तेरी मूरत मंगल कारी हरि हरि हरि शरण में अपनी लेलो हरि हरि हरि पृथ्वी नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि हम आए शरण तिहारी हरि हरि शिव नारायण नारायण हरि हरि जय जय नारायण नारायण हरि हरि । तेरी मूरत मंगल कारी हरि हरि हरि शरण में अपनी लेलो हरि हरि हरि ।। Shreeman Narayan Narayan Hari Hari Lyrics Shriman Narayan Narayan Hari Hari Shriman Narayan Narayan Hari Hari -x2 Teri Leela Sabse Nyari Nyari Hari Hari Teri Leela Sabse Nyari Nyari Hari Hari -x2 Bhajman Narayan Narayan Hari Hari – 2 Jay Jay Nara...

गुरु वंदना ( प्रार्थना )

माना जाता है ऐसा शास्त्रों के अनुसार अधर्म को मिटाने लेते ईश्वर अवतार राम कृष्ण जैसे कई है इसके उदाहरण लेकिन उन्होंने भी ली थी गुरु की शरण अभय, शांति, क्षमाएवं करूणामय आचरण ज्ञान के महासागर भी पखारते उनके चरण देखा है संसार ने नित नित बारबार अज्ञानी, दुखियों को उभाराने होता सद्गुरु का अवतार धन्य भारत भूमि जिसमें संतों का अवतरण त्याग, सेवा, सदाचार है जिनका आभूषण स्वयं कष्टों को झेलकर करते दूसरों का रक्षण दुष्टों को सुधारकर करते नित प्रभु स्मरण अनेक जन्मों के सुकृतों का है यह उपहार सद्गुरु ही करते अपने शिष्यों का उद्धार कबीर, साईं, तुलसी, रंग अवधूत (विश्वनाथ अवधूत ), बापू नारायण प्रेम, ऐक्य और सदाचार का देते वह शिक्षण समाज के पथ दर्शक करते नित धर्म जागरण ऐसेपुनित चरणों से पावन इस धरती का कण - कण प्रार्थना सद्गुरु से हमारीयह बारंबार दर्शन देकर कीजिएगुरु हमारा भी बेड़ा पार !

Lord Vishnu: मनचाही इच्छा पूर्ति के लिए गुरुवार को कर लें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, बरसेगी श्री हरि विष्णु की कृपा

Lord Vishnu: मनचाही इच्छा पूर्ति के लिए गुरुवार को कर लें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, बरसेगी श्री हरि विष्णु की कृपा | thursday lord vishnu miracle mantra jaap chant these vishnu mantra to get narayan ji blessings | Hindi News, Lord Vishnu: मनचाही इच्छा पूर्ति के लिए गुरुवार को कर लें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, बरसेगी श्री हरि विष्णु की कृपा Thursday Mantra Jaap: सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है. इस दिन श्री हरि नारायण की विधि-विधान के साथ पूजा-उपासना करने और मंत्र जाप से भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सभी दुख-संकट दूर कर उन्हें मनचाही इच्छा पूर्ति का वरदान देते हैं. बता दें कि गुरुवार के दिन बृहस्पति देव और भगवान विष्णु की पूजा की परंपरा है. किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होने पर उसे गुरुवार के व्रत और उपाय करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि अगर इस दिन आप व्रत आदि नहीं कर सकते,तो भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विधि के साथ पूजा-अर्चना और मंत्र जाप अवश्य करें. धार्मिक मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इस दिन व्यक्ति को किन मंत्रों का जाप करना चाहिए. गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप ये भी पढ़ें- भगवान श्रीहरि विष्णु के पवित्र मंत्र 1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ये भगवान विष्णु का मूल मंत्र है. अगर ध्यान लगाकर सच्चे मन से इन मंत्र का जाप किया जाए, तो भगवान विष्णु को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है. 2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। 3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। 4. ॐ ...