Need ka nirman fir kis vidha ki rachna hai

  1. बाणभट्ट की आत्मकथा किस विद्या की रचना है?
  2. "नीड़ का निर्माण" किस विद्या की रचना है? » Need Ka Nirmaan Kis Vidya Ki Rachna Hai
  3. भक्तमाल किस विधा की रचना है?
  4. चांद का मुंह टेढ़ा किसकी रचना है?
  5. अजातशत्रु के रचनाकार कौन है तथा यह गद्य की कौन सी विधा में आता है?
  6. Need Ka Nirmaan Phir Phir by Harivansh Rai Bachchan
  7. आवारा मसीहा किस विधा की रचना हैं?


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बाणभट्ट की आत्मकथा किस विद्या की रचना है?

Explanation : बाणभट्ट की आत्मकथा एक उपन्यास की रचना है। जिसके रचनाकार हजारी प्रसाद द्विवेदी है। इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका। इसकी कथावस्तु बाण की कादंबरी और हर्षचरित से संग्रहीत है। इनके अन्य उपन्यासों में चारूचंद्र लेख-1963, पुनर्नवा-1973, अनामदास का पोथा 1976 प्रमुख है। इस उपन्यास में द्विवेदी जी ने प्राचीन कवि बाणभट्ट के बिखरे जीवन-सूत्रों को बड़ी कलात्मकता से गूँथकर एक ऐसी कथाभूमि निर्मित की है जो जीवन-सत्यों से रसमय साक्षात्कार कराती है। 'बाण भट्ट की आत्मकथा' 1946 ई. में प्रकाशित हुआ था। इसका नवीन प्रकाशन 1 सितम्बर 2010 को किया गया था। Tags :

"नीड़ का निर्माण" किस विद्या की रचना है? » Need Ka Nirmaan Kis Vidya Ki Rachna Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार आपका प्रश्न है नीड का निर्माण फिर किस लेखक का नाम है तो देखें नीड का निर्माण फिर फिर में लिखे थे वह है हरिवंश राय बच्चन जी हां नीड़ का निर्माण फिर फिर हरिवंश राय बच्चन ने लिखा namaskar aapka prashna hai need ka nirmaan phir kis lekhak ka naam hai toh dekhen need ka nirmaan phir phir mein likhe the vaah hai harivansh rai bachchan ji haan need ka nirmaan phir phir harivansh rai bachchan ne likha नमस्कार आपका प्रश्न है नीड का निर्माण फिर किस लेखक का नाम है तो देखें नीड का निर्माण फिर फ

भक्तमाल किस विधा की रचना है?

Explanation : भक्तमाल ब्रजभाषा की रचना है। इसके रचनाकार नाभादास या नाभाजी है। इसका रचना काल सं. 1560 और 1680 के बीच माना जाता है। इसकी भाषा शैली प्रौढ़ एवं परिमार्जित है। नाभाजी की भक्तमाल के बाद यह एक परम्परा ही चल पड़ी। कितनी ही भक्तमालाएँ लिखी गई। भिन्न-भिन्न सम्प्रदायों में अपने-अपने संप्रदायों के भक्तों के विवरण विशेषतः प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा चौरासी वैष्णवन की वार्ता एवं दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता भी ब्रजभाषा में लिखी गयी है। ये सभी ग्रंथ जीवनी है। Tags :

चांद का मुंह टेढ़ा किसकी रचना है?

भारत देश में अनेक रचनाकार हुए है जो अपनी रचनाओ से लोगो के दिल जीत लेते है और समाज में अपनी अलग ही छवि बना कर रखते है जो बहुत ही सम्मानीय होती है । वेसी ही एक रचना है “चांद का मुंह टेढ़ा है” क्या आप इस रचना के बारे में जानने के लिए यहाँ आये है तो आगे आपको इस रचना से सम्बन्धी बहुत से सवालो के जवाब मिल जाएँगे जेसे की चांद का मुंह टेढ़ा है किसकी रचना है? और चांद का मुंह टेढ़ा है किस विधा की रचना है आदि । चांद का मुंह टेढ़ा है किसकी रचना है ? गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखी गयी कविताओं का संग्रह है “चाँद का मुँह टेढ़ा है”। यह भारत के प्रसिद्धि कवियों मेसे एक है। 1 जनवरी, सन 2004 को ‘भारतीय ज्ञानपीठ’ द्वारा इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया था। गजानन माधव मुक्तिबोध गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म 13 नवम्बर 1917 श्योपुर, मध्य प्रांत और बरार (वर्तमान में चंबल संभाग, मध्य प्रदेश) में हुआ था । इनका निधन 11 सितम्बर 1964 को भोपाल में हुआ था जब इनकी उम्र 46 वर्ष थी । यह हिंदी सहिय्त के लेखक, कवि, निबंधकार, साहित्यिक आलोचक, राजनीतिक आलोचक थे। इन्हें बचपन से ही बहुत स्नेह और प्यार मिला था क्योकि माधव जी जो पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर थे उनकी पहले भी दो संताने थी जिनकी असमय मृत्यु हो गयी थी । गजानन माधव मुक्तिबोध को घर पर बचपन में बाबु शाहब कह कर पुकारा जाता था । इन्होने समय को माध्यम मान कर जीवन मूल्यों और समय की संस्क्रति को रचने के प्रयास किये है। गजानन माधव मुक्तिबोध की पहली रचना तारसप्तक थी जो एक महाकाव्य है । गजानन माधव की चेतना का निर्माण प्रगतिवाद के साथ साथ आधुनिकता वाद के आपस में जुड़ने और मेल खाने से हुआ था। गजानन जी माधव कविता को एक सांस्कृतिक रीति समझते हैं न की केवल भावाभिव्यक्ति । म...

अजातशत्रु के रचनाकार कौन है तथा यह गद्य की कौन सी विधा में आता है?

ऐसे और सवाल अजातशत्रु किसकी रचना है?... आपका सवाल है अज्ञात तत्वों के लेखक कौन हैं अज्ञात पत्रों के लेखक जयप्रकाश और पढ़ें Nikhil पायलिया के घुँघरू किस विधा की रचना है?... आपका पर्सनल पायलिया के घुंघरू किस विधा की रचना है तुम्हें बताना दूंगा पायलिया के और पढ़ें Suman SauravGovernment Teacher & Carrear Counsultent अजातशत्रु किस विधा पर आधारित है?... नमस्कार आपका मोकलपुर स्वागत है आपका प्रश्न पत्र किस विधा पर आधारित है तो अजातशत्रु और पढ़ें BRAHMA PRAKASH MISHRATEACHER & COUNSELOR अजातशत्रु किसके द्वारा लिखित है?... अजातशत्रु रचना जयशंकर प्रसाद की है और पढ़ें Kudeep दीप जले शंख बजे किस विधा की रचना है?... हमें कुछ पूछा जी के लिए संबोधित विधा की रचना है तुम बताना चाहता नहीं और पढ़ें prakhar singhTeacher अजातशत्रु के लेखक कौन हैं और यह क्या है?... को प्रश्न है आजा सूत्र के लेखक कौन है लेखक के चाणक्य और पढ़ें Shiraj KhanTeacher अजातशत्रु कौन था?... अपना स्नेह अजातशत्रु कौन था तो आपकी जानकारी के लिए बता दें अजातशत्रु हर्यक वंश और पढ़ें UserTeacher इन साई मिला किस विधा की रचना है?... साईं मिला आप एक आत्मकथा की रचना इंसान मिला एक आत्मकथा की रचना... और पढ़ें BhavyaTeacher प्रतीक्षा किसकी रचना है?... आपका प्रश्न है कि परीक्षा किसकी रचना है तो आपके प्रश्न का उत्तर है दोस्तों और पढ़ें HIMANSHU KUMARTeacher Related Searches: अजातशत्रु किस विधा की रचना है ; ajatshatru kis vidha ki rachna hai ; ajatshatru kiski rachna hai ; अजातशत्रु किसकी रचना है ; azad shatru kis vidha ki rachna hai ; This Question Also Answers: • अजातशत्रु किस विधा की रचना है - ajatashatru kis vidhaa ki rachna hai • ...

Need Ka Nirmaan Phir Phir by Harivansh Rai Bachchan

Need Ka Nirmaan Phir Phir by Harivansh Rai Bachchan नीड़ का निर्माण फिर-फिर - हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूलि धूसर बादलों ने भूमि को इस भाँति घेरा, रात-सा दिन हो गया, फिर रात आई और काली, लग रहा था अब न होगा इस निशा का फिर सवेरा, रात के उत्पात-भय से भीत जन-जन, भीत कण-कण किंतु प्राची से उषा की मोहिनी मुस्कान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! वह चले झोंके कि काँपे भीम कायावान भूधर, जड़ समेत उखड़-पुखड़कर गिर पड़े, टूटे विटप वर, हाय, तिनकों से विनिर्मित घोंसलो पर क्या न बीती, डगमगाए जबकि कंकड़, ईंट, पत्थर के महल-घर; बोल आशा के विहंगम, किस जगह पर तू छिपा था, जो गगन पर चढ़ उठाता गर्व से निज तान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर! क्रुद्ध नभ के वज्र दंतों में उषा है मुसकराती, घोर गर्जनमय गगन के कंठ में खग पंक्ति गाती; एक चिड़िया चोंच में तिनका लिए जो जा रही है, वह सहज में ही पवन उंचास को नीचा दिखाती! नाश के दुख से कभी दबता नहीं निर्माण का सुख प्रलय की निस्तब्धता से सृष्टि का नव गान फिर-फिर! नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर। Need ka nirmaan phir-phir - Hindi poem by Harivansh Rai Bachchan Need ka nirmaan phir-phir Neh ka aahwan phir-phir vah uthi aandhi ki nabh me chhaa gaya sahsaa andhera dhooli dhoosar baadlon ne bhumi ko is bhaanti ghera raat-sa din ho gya, phir raat aai aur kaali lag rha tha ab na hoga is nisha ka phir sabera raat ke utpaat-bhay se bheet jan-jan, bheet kan-kan kintu praachi se usha ki mohini muskaan p...

आवारा मसीहा किस विधा की रचना हैं?

आवारा मसीहा विष्णु प्रभाकर जी द्वारा रचित एक ऐसी पुस्तक है जिसमे कई तरह के नज़ारे दिखाई देते है जिसमे जीवन, संस्मरण, रेखाचित्र, कहानी, नाटक, यात्रा और भी बहुत कुछ है जो की काफी लुभावनी पुस्तक मानी जाती है।‘आवारा मसीहा’ गौरव-ग्रंथ का प्रकाशन 1974 में हुआ था। अब बात कर लेते परीक्षा में पूछे गए सवाल की वो था की "आवारा मसीहा किस विधा की रचना हैं?" तो नि:संदेह जीवनी विधा ही है। विष्णु प्रभाकर जी के बारे में अगर आप जानने में रूचि रखते है। तो बता दे की उनका जन्म मीरानपुर में हुआ जो की उत्तरप्रदेश का एक क़स्बा है। इनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद एवं माता जी का नाम महादेवी है। इनको कई सारे अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया है जिनमे से प्रमुख है महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, पद्म भूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल 2009 नई दिल्ली में हुआ।