निम्नलिखित में से विज्ञान संबंधी तकनीकी शब्द है

  1. प्रयोजनमूलक हिन्दी क्या है
  2. CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
  3. वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद क्या है इसकी उपयोगिता बताइए? – ElegantAnswer.com
  4. [Solved] निम्नलिखित में से, उस कथन की पहचान करें जो विज�
  5. शुद्ध अशुद्ध शब्द : HindiPrem.com
  6. हिंदी वर्ण उच्चारण और वर्तनी स्वर व्यंजन सामान्य ज्ञान
  7. निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से विज्ञान सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्राप्त होती हैं ?
  8. वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग
  9. विज्ञान का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, मूल्य एवं पाठ्यक्रम में स्थान


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प्रयोजनमूलक हिन्दी क्या है

यह हिंदी साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रशासन, कार्यालय, मीडिया, बैंक, विधि, कृषि, वाणिज्य, तकनीकी, विज्ञापन, विज्ञान, शैक्षिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग में ली जा रही है। विभिन्न व्यवसायों से संबंधित व्यक्तियों जैसे- डाॅक्टर, वकील, पत्रकार, मीडियाकर्मी, व्यापारी, किसान, वैज्ञानिक आदि के कार्य-क्षेत्रों में प्रयुक्त भाषा ही ’प्रयोजनमूलक’ भाषा कहलाती है। ’प्रयोजनमूलक हिंदी(Prayojanmulak hindi) का तात्पर्य है- ’’वह हिंदी जिसका अपना विशेष लक्ष्य, हेतु या प्रयोजन है।’’ प्रयोजनमूलक हिंदी का व्यक्तिगत अर्थ है- वह हिंदी जिसका प्रयोग प्रयोजन विशेष के लिए किया जाए। साथ ही इस हिंदी के माध्यम से ज्ञान विशेष की प्राप्ति और विशिष्ट सेवात्मक क्षेत्रों में कौशल, निपुणता एवं प्राणिण्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रयोजनमूलक भाषा का क्षेत्र सीमित होते हुए भी यह कमी भी साधन से साध्य नहीं बनती है। इसका लक्ष्य सेवा-माध्यम होता है, जो जीविकोपार्जन का साधन बनता है। प्रयोजनमूलक हिंदी के विभिन्न उद्देश्य- डाॅ. अर्जुन चव्हाण ने प्रयोजनमूलक हिंदी के निम्नलिखित उद्देश्य बताए है- • हिंदी की व्यावहारिक उपयोगिता से परिचित कराना। • स्वयं रोजगार उपलब्ध कराने में युवकों की मदद करना। • विविध सेवा-क्षेत्रों में युवक-युवतियों को सेवा के अवसर उपलब्ध करा देना। • रोजी-रोटी की समस्या हल करने में छात्र सक्षम हो, इस दृष्टि से उसका पाठ्यक्रम तैयार करना। • अनुवाद कार्य को बढ़ावा देना तथा इसके जरिए सफल अनुवादक तैयार करना। • कार्यालयों में प्रयुक्त होने वाली हिंदी भाषा का समग्र ज्ञान प्रदान करना। हिंदी साहित्य के प्रश्नोत्तर के लिए यहाँ क्लिक करें • भारतेन्दु जीवन परिचय देखें • दफ्तरी भाषा की पारिभाषिक श...

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions निर्धारित समय : 3 घंटे अधिकतम अंक : 80 सामान्य निर्देश: (क) इस प्रश्न-पत्र के दो खंड हैं- ‘अ’ और ‘ब’। (ख) खंड ‘अ’ में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में उपप्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (ग) खंड ‘ब’ में कुल 7 वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न ( अंक 40) अपठित गद्यांश (अंक 5) प्रश्न 1. गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए। (1 × 5 = 5) उत्तर- उन्नीसवीं शताब्दी से पहले, मानव और पशु दोनों की आबादी भोजन की उपलब्धता तथा प्राकृतिक विपदाओं आदि के कारण सीमित रहती थी। कालांतर में जब औद्योगिक क्रांति के कारण मानव सभ्यता की समृद्धि में भारी वृद्धि हुई तब उसके परिणामस्वरूप कई पश्चिमी देश ऐसी बाधाओं से लगभग अनिवार्य रूप से मुक्त हो गए। इससे वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया कि अब मानव जनसंख्या विस्फोटक रूप से बढ़ सकती है। परंतु इन देशों में परिवारों का औसत आकार घटने लगा था और जल्दी ही समृद्धि और प्रजनन के बीच एक उलटा संबंध प्रकाश में आ गया था। जीवविज्ञानियों ने मानव समाज की तुलना जानवरों की दुनिया से कर इस संबंध को समझाने की कोशिश की और कहा कि ऐसे जानवर जिनके अधिक बच्चे होते हैं, वे अधिकतर प्रतिकूल वातावरण में रहते हैं और ये वातावरण प्रायः उनके लिए प्राकृतिक खतरों से भरे रहते हैं। चूँकि इनकी संतानों के जीवित रहने की संभावना कम होती है, इसलिए कई संतानें पैदा करने से यह संभावना बढ़ जाती है कि उनमें स...

वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद क्या है इसकी उपयोगिता बताइए? – ElegantAnswer.com

वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद क्या है इसकी उपयोगिता बताइए? इसे सुनेंरोकेंवैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद आज के युग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुवाद बन चुका है। जीवन में वैज्ञानिक एवं तकनीकी का महत्व और जरूरतें जैसे-जैसे बढ़ती जा रही हैं वैसे ही इस क्षेत्र में अनुवाद की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। अनुवाद करना तकनीकी क्षेत्र की आन्तरिक आवश्यकता है कोई ऊपरी दबाव के लिए नहीं किया जाता। वैज्ञानिक तकनीकी क्या है? इसे सुनेंरोकेंभारत जैसे बहुभाषी देश में अनुवाद की उपादेयता स्वयं सिद्ध है। भारत के विभिन्न प्रदेशों के साहित्य में निहित मूलभूत एकता के स्वरूप को निखारने के लिए अनुवाद ही एक मात्र अचूक साधन है। इस तरह अनुवाद द्वारा मानव की एकता को रोकनेवाली भौगोलिक और भाषायी दीवारों को ढहाकर विश्वमैत्री को और सुदृढ़ बना सकते हैं। इसे सुनेंरोकेंवैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद आज के युग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुवाद बन चुका है। जीवन में वैज्ञानिक एवं तकनीकी का महत्व और जरूरतें जैसे-जैसे बढ़ती जा रही हैं वैसे ही इस क्षेत्र अनुवाद की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। अनुवाद करना तकनीकी क्षेत्र की आन्तरिक आवश्यकता है कोई ऊपरी दबाव के लिए नहीं किया जाता । विज्ञान एवं तकनीकी का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंविज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसने मानव सभ्यता को गहराई में जाकर प्रभावित किया है। आधुनिक जीवन में तकनीकी उन्नति ने पूरे संसार में हमें बहुत अधिक उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि दी है। वैज्ञानिक क्रान्तियों ने 20वीं शताब्दी में अपनी पूरी गति पकड़ी और 21वीं सदी में और भी अधिक उन्नत हो गई। तकनीकी हिंदी से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंपाठ्यक्रम में निर्धारित तकनीकी शब्द की परिभ...

[Solved] निम्नलिखित में से, उस कथन की पहचान करें जो विज�

• जब एक सिद्धांत को वैज्ञानिक सबूतों के एक महान समर्थन द्वारा समर्थित किया गया है, तो यह कानून बन जाता है। • समय के साथ, विज्ञान समाज की अधिकांश समस्याओं को हल करने में सक्षम हो जाएगा। • वैज्ञानिक अपने काम को अंजाम देने के लिए कल्पना पर बहुत भरोसा करते हैं। • सभी वैज्ञानिक विचारों को नियंत्रित प्रयोगों द्वारा खोजा और परखा गया है। ‘विज्ञान’लैटिन शब्द ’साइंटिया’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ’जानना’। 18 वीं शताब्दी से पहले, विज्ञान को 'प्राकृतिक दर्शन' कहा जाता था। • शिक्षार्थियों को विज्ञान की प्रकृति को प्रस्तुत करने के लिए, एक शिक्षक यह ध्यान रख सकता है कि मैककॉम(1998) ने विज्ञान के बारे में 15 गलत विचारों का प्रस्ताव दिया था। Key Points विज्ञान की प्रकृति के बारे में मिथक: • परिकल्पनाएं सिद्धांत बन जाती हैं जो बदले में कानून बन जाता हैं। • वैज्ञानिक कानून और ऐसे अन्य विचार निरपेक्ष हैं। • एक परिकल्पना एक शिक्षित अनुमान है। • एक सामान्य और सार्वभौमिक वैज्ञानिक पद्धति मौजूद है। • ध्यान से जमा किए गए साक्ष्य के परिणामस्वरूप निश्चित ज्ञान प्राप्त होगा। • विज्ञान और इसकी विधियाँ पूर्ण प्रमाण प्रदान करती हैं। • विज्ञान रचनात्मक से अधिक प्रक्रियात्मक है। • विज्ञान और इसके तरीके सभी सवालों के जवाब दे सकते हैं। • वैज्ञानिक विशेष रूप से उद्देश्यपूर्ण हैं। • प्रयोग वैज्ञानिक ज्ञान का प्रमुख मार्ग है। • सटीकता के लिए वैज्ञानिक निष्कर्ष की समीक्षा की जाती है। • नए वैज्ञानिक ज्ञान की स्वीकृति सीधी है। • विज्ञान और प्रौद्योगिकी समान हैं। • विज्ञान एक एकान्त खोज है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वैज्ञानिक चीजों की कल्पना करते हैं, परिकल्पना करते हैं जो सटीक रूप से परिणाम दे सकते हैं या नही...

शुद्ध अशुद्ध शब्द : HindiPrem.com

वर्तनी शुद्ध अशुद्ध शब्द से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूंछे जाते हैं। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए इस लेख में उन सभी महत्वपूर्ष शब्दों को संकलित किया गया है। जो प्रतियोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वर्तनी संबंधी अशुद्धियों का अध्ययन हिंदी व्याकरण में किया जाता है। प्रमुख शुद्ध अशुद्ध शब्द – • शुद्ध – अशुद्ध • हिरण्यकशिपु – हिरण्यकश्यप • अतिशयोक्ति – अतिश्योक्ति • उज्ज्वल – उज्जवल • कवयित्री – कवियित्री • याज्ञवल्क्य – याज्ञवल्कय • अन्तर्धान – अंतर्ध्यान • संन्यास – सन्यास • अध्ययन – अध्यन • तरुच्छाया – तरुछाया • आशीर्वाद – आर्शीवाद • ऐक्य – ऐक्यता • तत्त्व – तत्व • मुमूर्षु – मुमुर्षू • अर्थात् – अर्थात शुद्ध अशुद्ध शब्द निम्नलिखित हैं अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध अगामी आगामी अत्याधिक अत्यधिक अनुसूया अनसूया अहिल्या अहल्या आयू आयु उन्नती उन्नति कवी कवि केन्द्रिय केन्द्रीय/केंद्रीय कृपालू कृपालु चहरदीवारी चहारदीवारी दयालू दयालु दावात दवात नदीयां नदियाँ पूरव पूर्व पत्नि पत्नी पशू पशु पूर्ती पूर्ति प्रदर्शिनी प्रदर्शनी बिमार बीमार मधू मधु शक्ती शक्ति साधू साधु हस्तछेप हस्तक्षेप अनुकुल अनुकूल अलोकिक अलौकिक अहार आहार आर्शीवाद आशीर्वाद एक्य ऐक्य कवित्री कवयित्री क्षत्रीय क्षत्रिय गुरू गुरु तत्कालिक तात्कालिक दिवाली दीवाली निरिह निरीह नराज नाराज परिवारिक पारिवारिक परिक्षा परीक्षा परिणीत परिणति पुर्ण पूर्ण पृश्न प्रश्न बुद्धी बुद्धि व्यक्ती व्यक्ति सून्य शून्य शूर्य सूर्य संसारिक सांसारिक अद्वीतीय अद्वितीय आधीन अधीन अतिथी अतिथि आजकाल आजकल ईस्वर ईश्वर ओद्योगिक औद्योगिक क्रतघ्न कृतघ्न चहिये चाहिये त्यौहार त्योहार दिक्षा दीक्षा निरिक्षण निरीक्षण पुरुश पुरुष पूज...

हिंदी वर्ण उच्चारण और वर्तनी स्वर व्यंजन सामान्य ज्ञान

हिन्दी वर्णमाला सामान्य ज्ञान इसमें से अब तक UPSC, Police, राजस्व विभाग & पटवारी, टीजीटी प्रवेश परीक्षा, प्राथमिक शिक्षक, RPF Sub Inspector Exam, bank, बीएड प्रवेश परीक्षा, आदि एग्जाम्स में पूछे गये है Learn Hindi Grammar FOR & All Exams वर्ण विचार (हिंदी व्याकरण) हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन का इतिहास वर्गों के समूह या समुदाय को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में वर्गों की संख्या 45 है। अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह संस्कृत वर्णमाला में एक और स्वर ऋ है। इसे भी सम्मिलित कर लेने पर वर्गों की संख्या 46 हो जाती है। इसके अतिरिक्त, हिन्दी में अ, ड, ढ़ और अंग्रेज़ी से आगत ऑ ध्वनियाँ प्रचलित हैं। अँ अं से भिन्न है, ड ड से, ढ ढ से भिन्न है, इसी प्रकार ऑ आ से भिन्न ध्वनि है। वास्तव में इन ध्वनियों (अँ, ड, ढ, आँ) को भी हिन्दी वर्णमाला में सम्मिलित किया जाना चाहिए। इनको भी सम्मिलित कर लेने पर हिन्दी में वर्गों की संख्या 50 हो जाती है। हिन्दी वर्णमाला दो भागों में विभक्त है- स्वर और व्यंजन। स्वर जिन ध्वनियों के उच्चारण में हवा मुख-विवर से अबाध गति से निकलती है, उन्हें स्वर कहते हैं। स्वर तीन प्रकार के होते हैं, जो निम्न हैं। • मूल स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में कम-से-कम समय लगता है, अर्थात् जिनके उच्चारण में अन्य स्वरों की सहायता नहीं लेनी पड़ती है, मूल स्वर या ह्रस्व स्वर कहलाते हैं; जैसे-अ, इ, उ, ऋ। • सन्धि स्वर वे स्वर जिनके उच्चारण में मूल स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है, सन्धि स्वर कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं। (i) दीर्घ स्वर वे स्वर जो सजातीय स्वरों (एक ही स्थान से बोले जान वाले स्वर) के संयोग से निर्मित हुए हैं,...

निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से विज्ञान सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्राप्त होती हैं ?

p. 1- 1 [Multi Choice Question] Description: This is a Most important question of gk exam. Question is : निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से विज्ञान सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्राप्त होती हैं ? , Options is : 1. वराहमिहिर की वृहत्संहिता से, 2. कालिदास के ज्योतिविंदाभरण से, 3.विशाखदत्त के मुद्राराक्षस से, 4. उपर्युक्त में से कोई नहीं, 5. NULL Publisher: mympsc.com Source: Online General Knolwedge निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से विज्ञान सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्राप्त होती हैं ? This is a Most important question of gk exam. Question is : निम्नलिखित में से किस ग्रन्थ से विज्ञान सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्राप्त होती हैं ? , Options is : 1. वराहमिहिर की वृहत्संहिता से, 2. कालिदास के ज्योतिविंदाभरण से, 3.विशाखदत्त के मुद्राराक्षस से, 4. उपर्युक्त में से कोई नहीं, 5. NULL Correct Answer of this Question is : 1 Online Electronics Shopping Store - Buy Mobiles, Laptops, Camera Online India Electronics Bazaar is one of best Online Shopping Store in India. Buy online Mobile Phones, Laptops, Tablets, Cameras & much more at best prices. Buy Now! online shopping Electronics india, online shopping in india, online shopping store, buy electronics online, online electronics shopping, online shopping stores, electronics online shopping, online electronics store, online electronic shopping india, online electronics store india • ☞ >हल्दीघाटी का युध्द कब लड़ा गया था ? • ☞ >बाल प्वाइंट पेन का अविष्कार किसने किया ? • ☞ >उर्दू कवि मिर्जा गालिब तथा संगीतज्ञ उस्ताद फैयाज खाँ का जन्म.स्थल कौन-सा है ? • ☞ >...

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (वैतशआ ; सीएसटीटी) स्वतन्त्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिन्दी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गयी और केन्द्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिन्दी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केन्द्रीय शिक्षा मन्त्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिन्दी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरम्भ कीं। इन योजनाओं में हिन्दी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिन्दी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिये 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गयी। पहले यह कार्य शिक्षा मन्त्रालय के अन्तर्गत हिन्दी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिन्न विषयों की हिन्दी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत समय लगेगा और इस कार्य के लिये सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक

विज्ञान का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, मूल्य एवं पाठ्यक्रम में स्थान

विज्ञान का अर्थ (Meaning of Science) विज्ञान शब्द वि + ज्ञान से बना है, जिसका आशय विशिष्ट ज्ञान से है। वास्तव में, प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन करना तथा उनमें आपस में सम्बन्ध ज्ञान करना ही विज्ञान कहलाता है। ' विज्ञान' अंग्रेजी भाषा के Science शब्द का पर्यायवाची है। Science शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ' सांइशिया' (Scientia) शब्द तथा लैटिन क्रिया (Verb) 'Scire' से हुई है। यहाँ पर Scientia शब्द का अर्थ है ज्ञान (Knowledge) तथा क्रिया Scire का अर्थ है "To know" (जानना)। अतः यह स्पष्ट है कि ज्ञान का दूसरा नाम ही विज्ञान है (Science is another word for knowledge)। विज्ञान की परिभाषायें (Definitions of Science) (1) आइंस्टीन के अनुसार- “हमारी ज्ञान अनुभूतियों की अस्त-व्यस्त विभिन्नता को एक तर्क पूर्ण विचार प्रणाली निर्मित करने के प्रयास को विज्ञान कहते हैं।" (2) कोनान्ट के अनुसार—“विज्ञान अन्तः सम्बन्धित संप्रत्ययों एवं सम्प्रत्यात्मक योजनाओं की श्रृंखला है, जो प्रेक्षण और प्रयोग के फलतः विकसित हुई है।" (3) डेम्पीयर के अनुसार- "विज्ञान प्राकृतिक विषय का व्यवस्थित ज्ञान एवं धारणाओं के मध्य सम्बन्धों का तार्किक अध्ययन है, जिनमें ये विषय व्यक्त होते हैं।" विज्ञान की प्रकृति (Nature of Science) विद्यालय पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले प्रत्येक विषय में कुछ उद्देश्य तथा उसकी संरचना होती है जिसके आधार पर उस विषय की प्रकृति निश्चित होती है। गणित की भौतिक विज्ञान विषय की संरचना भी अन्य विद्यालयी विषयों की अपेक्षा अधिक मजबूत तथा शक्तिशाली है जिसके कारण विज्ञान अन्य विषयों की तुलना में अधिक स्थाई एवं महत्त्वपूर्ण है। विज्ञान की प्रकृति सदैव चर्चा का विषय रही है। विज्ञान की प्रकृति क...