नियोजन के उद्देश्य

  1. Manpower Planning: Meaning, Factors, Objectives and Principles
  2. नगर नियोजन के उद्देश्य/लक्ष्य
  3. 04: नियोजन / Vyavsai Adhyayan
  4. मानव संसाधन नियोजन: उद्देश्य, आवश्यकता, महत्व और स्तर
  5. Class 12 Political Science नियोजित विकास की राजनीति Notes In Hindi
  6. भारत में आर्थिक नियोजन का वर्णन कीजिए?
  7. भारत में नियोजन के प्रमुख उद्देश्य क्या है समझाइए? – ElegantAnswer.com


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Manpower Planning: Meaning, Factors, Objectives and Principles

After reading this article you will learn about:- 1. Definition of Manpower Planning 2. Factors Affecting Manpower Planning 3. Objectives 4. Principles. Definition of Manpower Planning: Manpower planning may, be defined as, “the replacement planning which analyse labour turnover, recruitment policy, promotion, development and maintenance of employee programmes and assess the future needs of the organization so that sufficient number of persons may be procured well in time.” Manpower planning is “the process by which management determines how the organization should move from its current manpower position to its desired manpower position.” ADVERTISEMENTS: “Manpower, the labour force is not only an active, deep linking and essential factor of production, but it activates their factors of productions.” “Manpower planning is a dual process, which identifies le manpower requirement, in future and develops, its manpower resources accordingly. According to M.N. Rudrobasavraj, “Manpower planning may be defined as a strategy for acquisition, utilisation, improvement and presentation of an enterprise human resources.” Edwin B. Geisler defined as, “Manpower planning is the process, including forecasting, developing, and controlling by which a firm ensures that it has the right number of people and the right kind of people at the right places at the right me, doing work for which they are economically most useful.” ADVERTISEMENTS: Coleman Bruce P defined as, “Man power planning is the...

नगर नियोजन के उद्देश्य/लक्ष्य

नगर नियोजन के उद्देश्य अथवा लक्ष्य nagar niyojan ke uddeshya;नगर नियोजन नगर वासियों की सुविधाओं, नगर सौन्दर्यीकरण तथा स्वस्थ पर्यावरण निर्माण के लिये किया जाता हैं। पैट्रिक एवरक्राम्बी नामक विद्वान ने नगर नियोजन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए व्यक्त किया हैं कि सौन्दर्य, स्वास्थ्य और सुविधायें अर्थात् उपलब्ध संसाधनों के आधार पर नगर का विकास इस रूप में करना चाहिए कि वह देखने में आकर्षक लगे तथा ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उसका सौन्दर्य बना रहे। ऐसा जरूरी न हो कि सिर्फ निर्माण से नगर का सौन्दर्य नहीं बना रह सकता, उसके सौन्दर्य को बनाये रखने का प्रावधान होना चाहिए। इसी प्रकार ऐसे प्रयास किए जाए जिससे नगर में रहने वालों का जीवन तथा स्वास्थ्य सही बना रहें। नगर मे जल प्रदूषण व वायु प्रदूषण आदि से नगरवासियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं। इसलिए नगरों मे खुली हवा मे जीवन बिताने के लिए नगर नियोजन आवश्यक हैं। यह उपलब्ध भूमि का अच्छे से अच्छा उपयोग करने की अनुमति देता हैं। यह सभी अमीर व गरीब के लिये एक सुन्दर प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रस्तुत करता हैं। यह नागरिकों के रहने, खेलपे, खेलने, मनोरंजन तथा सामाजिक व आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाने के लिए प्रयास करता हैं। नगर नियोजन नगर का विकास इस दृष्टि से करता हैं कि नगर नगरवासियों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ उसके समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों की आवश्यकताओं की भी पूर्ति करे। नगर नियोजन के निम्नलिखित तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य अथवा लक्ष्य होते हैं-- 1. आकर्षण नगर नियोजन उपलब्ध संसाधनों के आधार पर नगर को अधिक से अधिक सुंदर बनाने, नगर को उसकी धरातलीय बनावट के अनुसार सुंदर रूप देने का प्रयास करता हैं। वह नगर में व्यापारिक, औद्...

04: नियोजन / Vyavsai Adhyayan

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मानव संसाधन नियोजन: उद्देश्य, आवश्यकता, महत्व और स्तर

मानव संसाधन नियोजन: उद्देश्य, आवश्यकता, महत्व और स्तर उद्देश्य: मानव संसाधन नियोजन होने का मुख्य उद्देश्य संगठनात्मक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कौशल आवश्यकताओं के मिलान के साथ आवश्यक कर्मचारियों की सटीक संख्या का होना है। दूसरे शब्दों में, मानव संसाधन नियोजन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं: 1. आवश्यकता पड़ने पर जनशक्ति की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। 2. संगठन में मौजूदा मानव संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करें। 3. विभिन्न स्तरों के कौशल के साथ मानव संसाधनों की भविष्य की आवश्यकताओं का पूर्वानुमान। 4. अधिशेष या कमी का आकलन करें, यदि कोई हो, मानव संसाधन समय की एक निर्दिष्ट अवधि से अधिक उपलब्ध हैं। 5. मानव संसाधन के लिए नौकरियों और आवश्यकताओं पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव की आशा करें। 6. संगठन में पहले से ही तैनात मानव संसाधनों पर नियंत्रण। 7. निर्दिष्ट समय अवधि में आवश्यक अतिरिक्त मानव संसाधन को चुनने और प्रशिक्षित करने के लिए उपलब्ध लीड समय प्रदान करें। सिकुला के अनुसार "मानव संसाधन नियोजन का अंतिम उद्देश्य / उद्देश्य भविष्य के मानव संसाधनों को भविष्य के उद्यम से संबंधित करना है ताकि मानव संसाधनों में निवेश पर भविष्य के रिटर्न को अधिकतम किया जा सके"। एचआरपी की आवश्यकता और महत्व: संगठन में मानव संसाधन नियोजन की आवश्यकता निम्न कारणों से महसूस की जाती है: 1. बढ़ती बेरोजगारी के बावजूद, कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल, योग्यता और क्षमताओं के साथ मानव संसाधनों की कमी है। इसलिए मानव संसाधन नियोजन की आवश्यकता है। 2 बड़ी संख्या में कर्मचारी, जो रिटायर होते हैं, मर जाते हैं, संगठनों को छोड़ देते हैं, या शारीरिक या मानसिक बीमारियों के कारण अक्षम हो जाते हैं, उन्हें नए कर्मचारियों द्वारा...

Class 12 Political Science नियोजित विकास की राजनीति Notes In Hindi

12 Class Political Science – II Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति Notes In Hindi Textbook NCERT Class Class 12 Subject Political Science 2nd book Chapter Chapter 3 Chapter Name नियोजित विकास की राजनीति Category Class 12 Political Science Medium Hindi Class 12 Political Science – II Chapter 3 नियोजित विकास की राजनीति Notes in Hindi इस अध्याय मे हम भारत के आर्थिक विकास की बदलती प्रवृत्ति , योजना आयोग और पंचवर्षीय योजनाएँ , राष्ट्रीय विकास परिषद और नीति आयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे । 🍁 अध्याय = 3 🍁 🌺 नियोजित विकास की राजनीति 🌺 💠 नियोजन : – 🔹 नियोजन ‘ का अर्थ है योजनाबद्ध तरीके से कार्य की प्राथमिकता का निर्धारण करना तथा उपलब्ध साधनों के आधार पर कार्य को आगे बढ़ाना है । नियोजन के माध्यम से उत्पादन में वृद्धि , रोजगार के अवसरों में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता आदि लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है । 💠 विकास का क्या अर्थ : – 🔹 सामान्य रूप से विकास का अर्थ परिवर्तन लिया जाता है । वर्तमान भौतिकवादी युग में व्यक्ति या समाज के विकास का अर्थ , आर्थिक विकास से ही लिया जाना है । 💠 नियोजित विकास का अर्थ : – 🔹 नियोजित विकास का अर्थ कम से कम व्यय द्वारा उपलब्ध साधनों का प्रयोग करते हुए पूर्व निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करना है । 🔹 नियोजित विकास का तात्पर्य अपनी विकास की प्राथमिकताओं का निर्धारण कर उपलब्ध साधनों का समुचित उपयोग करना है ताकि विकास की प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया जा सके । 💠 भारत के विकास का अर्थ : – 🔹 आजादी के बाद लगभग सभी इस बात पर सहमत थे कि भारत के विकास का अर्थ आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक समाजिक न्याय दोनो ही है । 🔹 इस बात पर भी सहमति थी कि आर्थिक विकास और साम...

भारत में आर्थिक नियोजन का वर्णन कीजिए?

आर्थिक नियोजन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए योजना में जो नीति अपनाई जाती है, उसे योजना की व्यूह रचना या भारत में आर्थिक नियोजन को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है - • आर्थिक नियोजन के उद्देश्य • आर्थिक नियोजन में प्राथमिकताएँ • आर्थिक योजनाओं का वित्त प्रबन्ध आर्थिक नियोजन के उद्देश्य 1. प्रथम पंचवर्षीय योजना इस योजना के प्रारम्भ होने के समय देश की 2. द्वितीय पंचवर्षीय योजना इस योजना की व्यूह रचना महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी। इस योजना में कृषि के स्थान पर उद्योगों को, श्रम प्रधान परियोजनाओं के आधार पर पूँजी प्रधान परियोजनाओं को, सन्तुलित विकास के आधार पर असन्तुलित विकास को, उपभोग के स्थान पर उत्पादन व रोजगार को मान्यता दी गई। 3. तृतीय पंचवर्षीय योजना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य आत्म-स्फूर्ति की अवस्था को प्राप्त करना था। इस योजना में कृषि एवं सिंचाई के विकास को महत्व प्रदान करते हुए कहा गया है कि विकासशील अर्थव्यवस्था को खाद्य व कच्चे माल की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु, कृषि उत्पादन में वृद्धि लाने की अत्यधिक आवश्यकता है। 4. चतुर्थ पंचवर्षीय योजना इस योजना में 'स्थिरता के साथ विकास' का नारा दिया गया। योजना के लक्ष्यों में खण्डीय सन्तुलन का महत्व स्वीकारा गया, पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया गया तथा भारत के विदेशी व्यापार क्षेत्र को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया। 5. पाँचवीं पंचवर्षीय योजना इस योजना की व्यूह रचना अपने दोहरे उद्देश्यों - • गरीबी को दूर करना • आर्थिक निर्भरता को प्राप्त करना, यद्यपि इस योजना में गरीबी निवारण कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई लेकिन गरीबी कम करने के लिए घरेलू उत्पाद में वृद्धि की दर को ऊँचा उठाने पर जोर दिया गया। • चालू विकास परियोजन...

भारत में नियोजन के प्रमुख उद्देश्य क्या है समझाइए? – ElegantAnswer.com

भारत में नियोजन के प्रमुख उद्देश्य क्या है समझाइए? इसे सुनेंरोकेंआर्थिक नियोजन के उद्देश्यों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्या का निवारण करना, सामाजिक न्याय एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, निवेश एवं पूंजी निर्माण में वृद्धि करना, मानव संसाधन का विकास करना एवं समावेशी विकास निहित है। … कर नियोजन के क्षेत्र कौन कौन से है? कर नियोजन • व्यक्तिगत वित्त वित्तीय योजना बीमा बीमे की मूल बातें जीवन बीमा स्वास्थ्य बीमा मोटर बीमा निवेश म्यूचुअल फंड सोना अन्य निवेश कर योजना सेवानिवृत्ति योजना • प्रश्न पूछे मंच नये व्यवसाय के सम्बन्ध में कर नियोजन से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंनियोजन भविष्य में किये जाने वाले कार्य के सम्बन्ध में यह निर्धारित करता है कि अमुक कार्य को कब किया जाये, किस समय किया जाये कार्य को कैसे किया जाय कार्य में किन साधनों का प्रयोग किया जाये, कार्य कितने समय में हो जायेगा आदि। किसी भी कार्य को करने से पहले उसके सम्बन्ध में सब कुछ पूर्व निर्धारित करना ही नियोजन कहलाता है नियोजन का महत्व क्या है? इसे सुनेंरोकें1. नियोजन सभी प्रबंधकीय कार्यों में सबसे बुनियादी है – नियोजन सभी निर्देशकीय कार्यों जैसे आयोजन, निर्देशन, स्टाफिंग और नियंत्रण से पहले होता है। 2. योजना एक उद्देश्य की पूर्ति करती है – प्रत्येक योजना भविष्य में प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्यों और उन तक पहुँचने के लिए आवश्यक कदमों को निर्दिष्ट करती है। आर्थिक नियोजन क्या है भारत में नियोजन की प्रमुख उपलब्धियां और विफलताएं क्या हैं? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार पूंजी निर्माण की दर वृद्धि के लिए आर्थिक नियोजन आवश्यक है। भारत में आर्थिक योजनाओं के मुख्य उद्देश्य : (1) आर्थिक विकास (2) सामाजिक न...