नोटबंदी कितनी बार हुई

  1. फिर नोटबंदी! इसी मंगलवार से बदले जाएंगे 2000 के नोट, एक बार में बैंक सिर्फ 10 नोट वापस होंगे... जानिए RBI ने क्या
  2. इंटरव्यू का सवालः भारत में पहली बार नोटबंदी कब हुई थी?
  3. नोटबंदी कब हुआ था कौन सा साल में? – Expert
  4. पहली बार भारत में नोटबंदी कब हुई?
  5. नोटबंदी क्यों हुई, कब


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फिर नोटबंदी! इसी मंगलवार से बदले जाएंगे 2000 के नोट, एक बार में बैंक सिर्फ 10 नोट वापस होंगे... जानिए RBI ने क्या

देश एक बार फिर 'नोटबंदी' (Demonetisation) का सामना कर रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 19 मई को एक सर्कुलर जारी कर 2000 रुपये के नोट (Rs 2000 Note ) को चलन से बाहर करने का ऐलान किया. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने साफ शब्दों में कहा कि ये नोटबंदी नहीं है. ये नोट लीगल टेंडर रहेंगे, सिर्फ इन्हें सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. इन्हें बदलने के लिए रिजर्व बैंक ने चार महीने से ज्यादा का समय भी लोगों को दिया है, जिसकी प्रक्रिया अगले मंगलवार से शुरू हो जाएगी. 23 मई से बदलदा सकेंगे नोट रिजर्व बैंक ने एफएक्यू (RBI FAQ) जारी कर दिया है और इसमें कहा गया है कि चलन से बाहर किए जा रहे 2000 रुपये के नोट को बदलने की प्रक्रिया 23 मई 2023 से शुरू हो जाएगी और 30 सितंबर तक इन्हें बदला जा सकेगा. अगर आपके पास भी ये नोट हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप इन्हें आसानी से चेंज करा सकते हैं. आपको करना बस अपने नजदीकी किसी भी बैंक की ब्रांच में ये नोट लेकर जाने होंगे और वहां ये बदल जाएंगे. एक बार में कितने नोट बदलेंगे? इस बार भी नोट बदलने की प्रक्रिया, ठीक वैसी ही है जैसी नवंबर 2016 में पहली नोटबंदी के समय थी. जब 500 और 1000 रुपये के बड़े नोटों को सर्कुलेशन से बाहर किया गया था. मतलब आरबीआई ने नोट बदलवाने के लिए एक लिमिट सेट कर दी है. केंद्रीय बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, आप एक बार में 2000 रुपये के 10 नोट ही बदलवा सकेंगे. यानी एक बार में नोट बदलवाने की लिमिट 20,000 रुपये सेट की गई है. RBI की 19 शाखाओं में बदले जाएंगे नोट 2,000 रुपये के नोट बदलवाने से संबंधित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एफएक्यू के मुताबिक, RBI की 19 शाखाओं में भी चलन से बाहर हुए ये नोट बदले जा सकेंगे. बता दें 2016 में हुई न...

इंटरव्यू का सवालः भारत में पहली बार नोटबंदी कब हुई थी?

file photo आईएएस और आईपीएस बनने के लिए बेहद कठिन परिश्रम करना होता है. इसकी परीक्षा इतनी कठिन होती है कि इसे पास करना हर किसी के बस की बात नहीं है. हर साल लाखों लोग यूपीएससी की तैयारी करते हैं मगर बहुत कम छात्र इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं. तीन चरणों में होने वाली इस परीक्षा के पहले दो चरण लिखित और तीसरा चरण मौखिक होता है. इस दौरान ऐसे सवाल पूछे जाते हैं सिर सुनकर आपका सिर चकरा सकता है. सवालः भारत के अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर की मृत्यु कहां हुई थी? जवाबः बर्मा के रंगून में 733af893ca02343f87df4367bc8ba2b2 सवालः भारत के राष्ट्रीय ध्वज के मध्य में बने चक्र में कितनी तीलियां होती हैं? जवाबः 24 तीलियां सवालः पानी की बॉटल पर लिखी एक्सपायरी डेट किसके लिए लिखी होती है? पानी या बॉटल जवाबः बॉटल के लिए सवालः मनुष्य के शरीर में कितनी हड्डियां होती हैं? जवाबः 206 हड्डियां सवालः दिल्ली को भारत की राजधानी कब बनाया गया? जवाबः सन् 1911 सवालः भारत के किस राज्य को मसालों का बगीचा कहा जाता है? जवाबः केरल सवालः मनुष्य के किस अंग से बिजली पैदा की जा सकती है? जवाबः मस्तिष्क सवालः ट्विटर पर प्रदर्शित होने वाली चिड़िया का क्या नाम है? जवाबः लेरी सवालः कौन से जानवर को पसीना नहीं आता है? जवाबः सुअर सवालः भारत में पहली बार नोटबंदी कब हुई थी? जवाबः भारत में पहली बार नोटबंदी सन् 1946 में हुई थी. इस दौरान दस हजार और एक हजार के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. इसके बाद सन 1978 और 2016 में भी नोटबंदी की गई.

नोटबंदी कब हुआ था कौन सा साल में? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • नोटबंदी कब हुआ था कौन सा साल में? 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद उसी दिन आधी रात से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. आइए जानते हैं कि नोटबंदी के बाद इन पांच साल में कितना बदलाव आया? भारत में दूसरी बार नोटबंदी कब हुई थी? जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किए गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके। नोटबंदी कब हुई थी और कितने बजे? 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने नोटबंदी की घोषणा की थी। उस दिन के बाद से 500 और 1000 के नोट सिर्फ कागज से टुकड़े के बराबर हो गए थे। भारत में नोटबंदी कितनी बार हो चुकी है? भारत में कुल 3 बार नोट बंदी हुई है। दुनिया में सबसे पहले नोटबंदी कहाँ हुई थी? विश्व के आधुनिक इतिहास में नोटबेदी का कदम सबसे पहले अफ्रीकी देश घाना में उठाया गया था, जब वर्ष 1982 में टैक्स चोरी व भ्रष्टाचार रोकने के उद्देश्य से वहां 50 सेडी के नोटों को बंद कर दिया गया था. नोटबंदी कौन सी? आठ नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में अप्रत्याशित रूप से उच्च मूल्य वर्ग के 500 एवं 1000 रुपये के करेंसी नोट को प्रचलन से बाहर करते हुए उनके लीगल टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं होने की घोषणा की। नोटबंदी को ही विमुद्रीकरण कहा जाता है। 10000 का नोट कौन से देश में चलता है? दरअसल, भारत में ऐसा पहले भी हो चुका है जब भारतीय क...

पहली बार भारत में नोटबंदी कब हुई?

क्‍या आप जानना चाहते है भारत में नोटबंदी कब हुई थी (Bharat Mein Notebandi Kab Hui Thi) | नोटबंदी की तारीख क्‍या थी | नोटबंदी का ऐलान किस तारीख को और कितने बजे हुआ था | नोट बंदी से क्‍या फायदा और क्‍या नुकसान हुआ ? भारत में नोटबंदी कितने बार हुई है ? तो इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टीकल में मिल जाएंगे | विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • • • नोटबंदी (Demonetization) नाम सुनते ही सब को वह दिन याद आ जाता है जब लोगो में एक तरह से हडकंप मच गया था | आम जनता के समझ में यह नही आ रहा था की आखिर यह क्‍या हो रहा है | जब नोटबंदी का ऐलान हुआ तो मानों सबके होश उड गए | पिछले दशक की बात करें तो भारत में नोटबंदी 2016 में हुई थी | भारत के प्रधानमंत्री श्री.नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजें नोटबंदी का ऐलान कर सबको चौंका दिया था | नोटबंदी में 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था | 8 नवंबर 2016 को क्या हुआ था ? 8 नवंबर भलेही कई लोगो को याद न हो लेकीन नोटबंदी का दिन जरूर याद होगा | क्‍योंकी 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया गया था | नोटबंदी सुनकर लोगो में हडकंप मच गया और मानो एक तरह से अफरातफरी का माहौल हो गया था | Bharat Mein Notebandi Kab Hui Thi सबसे पहले नोटबंदी कब हुई थी ? भारत में सबसे पहले नोटबंदी 1946 में हुई थी | उस वक्‍त अंग्रेज सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था | भारत 1947 आझाद हुआ और आझादी से पहले मतलब 1946 में यह नोट बंदी हुई थी | जब भी नोट बंदी होती है जनजीवन पर इसका असर जरूर पडता है | दूसरी बार नोट बंदी कब हुई थी ? भारत में दूसरी बार नोट बंदी 1978 हुई थी | उस समय देश में मोरारजी देसाई के नेतृत्‍व में सरकार थी | कहा जाता है न...

नोटबंदी क्यों हुई, कब

नोटबंदी क्यों हुई, कब-कब हुई और इसकी जरूरत क्यों आई? विस्तार आठ नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में अप्रत्याशित रूप से उच्च मूल्य वर्ग के 500 एवं 1000 रुपये के करेंसी नोट को प्रचलन से बाहर करते हुए उनके लीगल टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं होने की घोषणा की। नोटबंदी को ही विमुद्रीकरण कहा जाता है। नोटबंदी या विमुद्रीकरण का अर्थ है किसी भी देश में सरकार द्वारा बड़े मूल्य के नोटों को बंद करना या उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना जिससे वे किसी भी काम के नही रहते। न ही उनसे कोई लेन देन किया जा सकता है, न ही कुछ खरीदा जा सकता है। आठ नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में अप्रत्याशित रूप से उच्च मूल्य वर्ग के 500 एवं 1000 रुपये के करेंसी नोट को प्रचलन से बाहर करते हुए उनके लीगल टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं होने की घोषणा की। नोटबंदी को ही विमुद्रीकरण कहा जाता है। नोटबंदी या विमुद्रीकरण का अर्थ है किसी भी देश में सरकार द्वारा बड़े मूल्य के नोटों को बंद करना या उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना जिससे वे किसी भी काम के नही रहते। न ही उनसे कोई लेन देन किया जा सकता है, न ही कुछ खरीदा जा सकता है। सामान्यतः इस प्रक्रिया में प्रचलित पुरानी मुद्रा की जगह नई मुद्राएं लाई जाती हैं। ऐसा कई बार काले धन पर अंकुश एवं जाली मुद्रा पर नियंत्रण हेतु होता है। लेकिन यह सवाल आपने मन में जरूर आ रहा होगा कि क्या सरकार के पास नोटों को वापस लेने की शक्ति होती है। दूसरे शब्दों में, जब पुराने नोटों और सिक्कों को बंद करके नए नोट और सिक्के चलाए जाते हैं उसे नोटबंदी या विमुद्रीकरण कहते हैं। नोटबंदी की जरूरत क्यों होती है यह ऐसा सवाल है, जो लगभग सभी के मन...