शिव वास की तिथियां 2022

  1. Sawan Rudrabhishek 2022:जानें सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्व और इससे मिलने वाले फायदे
  2. Shivratri 2022 Date Sawan Month, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, History and Significance
  3. Sawan Somwar 2022 सावन के पहला सोमवार आज जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और शिव मंत्र
  4. Masik Shivratri 2022: कल है मासिक शिवरात्रि, नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त, योग एवं तिथि
  5. Pradosh Vrat in Year 2022: प्रदोष व्रत क्या है? जानें साल 2022 में कब
  6. Sawan 2022 कब से शुरू हो रहा है भोलेनाथ का प्रिय माह सावन जानिए महत्व और सावन सोमवार की तिथियां
  7. Shiv Vas Dekhne Ki Vidhi
  8. Sawan 2022 Start Date And End Date: Tithi, Sawan Somvar Vrat, Puja Vidhi And Lord Shiva Special Bhog


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Sawan Rudrabhishek 2022:जानें सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्व और इससे मिलने वाले फायदे

Importance Of Doing Rudrabhishek In Sawan: भगवान शिव की प्रिय महीना सावन आज से प्रारंभ हो चुका है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है। यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है। सावन के महीने में लोग भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करते हैं। सावन के महीने शिव भक्त मंदिर में जाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर तरह की मनोकामनओं की पूर्ति करते हैं। इस कारण से सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का खास महत्व होता है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जा जाता है जिसका विशेष महत्व होता है। ऐसे में सावन माह के शुरू होने से पहले हम आपको उन वस्तुओं से भगवान शिव का अभिषेक और इससे मिलने वाले फल के बारे में जानकारी देते हैं। शहद से अभिषेक भगवान शिव का रुद्राभिषेक शहद से करने का विशेष महत्व होता है। जो शिव भक्त सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव का अभिषेक शहद से करता है उसको जीवन में हमेशा मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शहद से अभिषेक करने पर व्यक्ति की वाणी में पैदा दोष खत्म हो जाता है और स्वभाव में विनम्रता आती है।

Shivratri 2022 Date Sawan Month, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, History and Significance

Shivratri 2022 Date Sawan Month, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, History and Significance | Sawan Shivratri 2022: 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि, भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां | Hindi News, Uttar Pradesh Sawan Shivratri 2022: 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि, भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां Shivratri 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सावन के पवित्र माह का प्रारंभ 14 जुलाई 2022 से हो रहा है. सावन माह को भगवान शिव जी की आराधना का माह भी कहा जाता है. सावन में शिव मंदिरों में आस्था के अनेक रंग देखने को मिलते हैं. जगह-जगह भक्त शिवजी की भक्ति में रंगे नजर आते हैं. इस महीने ही पवित्र कांवड़ा यात्रा निकलती है. लखनऊ: इस महीने में पड़ने वाले सावन सोमवार को लेकर विशेष मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि सावन सोमवार में पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं यदि व्रत रखती हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. यही नहीं यदि कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है. उनकी शादी में आने वाली रुकावटें भी दूर हो जाती हैं. सामान्यत: हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि होती है लेकिन सावन की शिवरात्रि की वैदिक काल से विशेष अहमियत है. इस वर्ष सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि के दिन व्रत रख रुद्राभिषेक करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और संतान सुख की प्राप्ती होती है. पूजन सामग्री पहले से रख लें सावन के दौरान हर सोमवार को आपको पूजा के लिए विशेष पूजन सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में पहले से ही पूजा के बर्तन, अगरबत्ती, धूपबत्ती, रुई, फूल, पंच मेवा, रत्न, दक्षिणा, कुशा-दुब, दही, शुद्ध देशी घी, शहद...

Sawan Somwar 2022 सावन के पहला सोमवार आज जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और शिव मंत्र

Sawan Somwar 2022: सावन के पहला सोमवार आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शिव मंत्र Sawan Ka Pehla Somwar 2022 सावन मास का पहला सोमवार में काफी शुभ योग पड़ रहे हैं। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। नई दिल्ली, Sawan Somwar 2022:श्रावण मास का पहला सोमवार आज पड़ रहा है। आज के दिन भगवान शिव की विधिवत तरीके से पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन सोमवार पूरे 4 पड़ रहे हैं जिसमें आज पहला सावन सोमवार है। बाबा भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त सावन में सोमवार का व्रत रखते हैं। सावन के पहले सोमवार में काफी विशिष्ट योग बन रहे हैं। जानिए सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। सावन के पहले सोमवार पर बन रहे हैं खास योग सावन के पहले सोमवार पर कई विशिष्ट योग बन रहे हैं। इसमें रवि योग दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 19 जुलाई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही इस दिन शोभन योग 17 जुलाई शाम 5 बजकर 49 मिनट से 18 जुलाई को 3 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और पहले सावन सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेंगे। ऐसे शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करना फलदायी होगा। सावन सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की पूजा • शास्त्रों के अनुसार, सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। • सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ कथा सुनी जाती है। • सावन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान कर लें। • साफ सूथरे वस्त्र धारण कर लें। • अब पूरे घर में गंगा जल छुड़ दे...

Masik Shivratri 2022: कल है मासिक शिवरात्रि, नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त, योग एवं तिथि

Masik Shivratri 2022: पंचांग के अनुसार, 30 मार्च दिन बुधवार को चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं, उनका अभिषेक होता है, उनके पसंद की वस्तुएं चढ़ाई जाती है. पूजा के दौरान शिवरात्रि व्रत कथा पढ़ते हैं या सुनते हैं. शिवरात्रि की पूजा प्रात:काल से ही शुरु हो जाती है, हालांकि शिवरात्रि में रात्रि प्रहर की पूजा होती है. शिवरात्रि पर आप भगवान ​भोलेनाथ को प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुखमय जीवन प्राप्त होता है. पंचांग के आधार पर हर मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है. जानते हैं शिव पूजा का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat), तिथि (Masik Shivratri Date 2022) आदि के बारे में. यह भी पढ़ें: मासिक शिवरा​त्रि 2022 पूजा मुहूर्त हिंन्दू कैलेंडर के अनुसार, 30 मार्च को दोपहर 01:19 बजे से चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो रही है. चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तिथि अगले दिन 31 मार्च को दोपहर 12:22 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर मासिक शिवरात्रि व्रत 30 मार्च को रखा जाएगा. चैत्र मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:02 बजे से लेकर 12:48 बजे तक है. मासिक शिवरात्रि की रात्रि प्रहर की पूजा शुक्ल योग में और दिन की पूजा शुभ योग में है. मासिक शिवरात्रि को शुभ योग प्रात:काल से लेकर 01 बजकर 02 मिनट तक है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा. ये दोनों ही योग शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे योग हैं. यह भी पढ़ें: शिव पूजा मासिक शिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में प्रात:काल से ही भक्त आने लगते हैं. इस दिन भगवान शिव को गंगाजल एवं गाय के दूध से ...

Pradosh Vrat in Year 2022: प्रदोष व्रत क्या है? जानें साल 2022 में कब

Pradosh Vrat in Year 2022: प्रदोष व्रत क्या है? जानें साल 2022 में कब-कब पड़ रही है भगवान शिव की अतिप्रिय त्रयोदशी तिथियां प्रदोष का दिन भगवान शिव को समर्पित माना गया है, इसलिए इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना का विधान है. प्रदोष व्रत संतान, सुख-समृद्धि, पाप से मुक्ति एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है. इससे जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है तथा देह त्यागने के बाद जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. Pradosh Vrat in Year 2022: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का बहुत महत्व है. प्रत्येक माह में दो प्रदोष पड़ते हैं. पहला प्रदोष शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में पड़ता है. सभी प्रदोष व्रत दिन के अनुसार वर्णित किये गये हैं. उदाहरण स्वरूप शनिवार के दिन के प्रदोष को शनि प्रदोष, सोमवार को सोम प्रदोष, मंगलवार को भौम प्रदोष के नाम से उल्लेखित किया जाता है. इसी के अनुसार इसके फलों की भी प्राप्ति होती है. नववर्ष 2021 में शनि प्रदोष से प्रदोष की शुरुआत होगी. चूंकि प्रदोष का दिन भगवान शिव को समर्पित माना गया है, इसलिए इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना का विधान है. मान्यता है कि सच्ची आस्था और विधि-विधान के साथ व्रत एवं शिवजी के साथ माता पार्वती की पूजा करने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है, जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है तथा देह त्यागने के बाद जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत संतान, सुख-समृद्धि, पाप से मुक्ति एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार आइये जानें इस नववर्ष 2022 में कब-कब प्रदोष-व्रत (Pradosh Vrat in Year 2021) पड़ रहे हैं. साल 2022 में पड़ने वाले प्रदोष व्रत 15 जनवरी (शनि...

Sawan 2022 कब से शुरू हो रहा है भोलेनाथ का प्रिय माह सावन जानिए महत्व और सावन सोमवार की तिथियां

Sawan 2022: कब से शुरू हो रहा है भोलेनाथ का प्रिय माह सावन? जानिए महत्व और सावन सोमवार की तिथियां Sawan 2022 भगवान शिव के प्रिय मास सावन का प्रारंभ जुलाई माह से हो रहा है। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा की जाती है। सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है। जानिए सावन माह शुरू होने की तिथि और महत्व। नई दिल्ली, Sawan 2022: हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक सावन का महीना माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा के साथ होता है। भगवान शिव को समर्पित इस माह में भोले नाथ की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस माह में भोले नाथ की पूजा करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। सावन के दौरान रुद्राभिषेक का भीअपना एक महत्व है। सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सावन माह में सोमवार का व्रत रखता है उसकी हर मनोकामना भगवान शिव पूरी कर देते हैं। जानिए साल 2022 में कब से शुरू होगेासावन का पवित्र माह। 14 जुलाई,गुरुवार- श्रावण मास का पहला दिन 18 जुलाई, सोमवार- सावन सोमवार व्रत 25 जुलाई, सोमवार- सावन सोमवार व्रत 01 अगस्त, सोमवार- सावन सोमवार व्रत 08 अगस्त, सोमवार- सावन सोमवार व्रत 12 अगस्त, शुक्रवार- श्रावण मास का अंतिम दिन सावन का महत्व हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास को 5वां महीना माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने स्वयं ही इस मास में पड़ने वाले सावन के बारे में बताया है। द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।। श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावण...

Shiv Vas Dekhne Ki Vidhi

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Sawan 2022 Start Date And End Date: Tithi, Sawan Somvar Vrat, Puja Vidhi And Lord Shiva Special Bhog

Sawan 2022 Date: हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस एक महीने शिव भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं. भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए कुछ लोग पूरे महीने एक समय भोजन करके तो कुछ सावन सोमवार व्रत करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान कुछ लोग लहसुन प्याज तक नहीं खाते. इस साल 18 जुलाई से 12 अगस्त तक सावन का माह पड़ेगा. भगवान शिव को सावन में बेल पत्र चढ़ाए जाते हैं. माना जाता है कि दूध, जल, भांग धतूरा, फूल, फल आदि अपर्ण कर भोले नाथ की भक्ति भाव से आराधना करने पर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन का महत्व- Importance Of Sawan Month: हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास हिंदी कैलेंडर में पांचवें स्थान पर आता है. मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन में पड़ने वाले सोमवार व्रत का पालन करता है उसकी भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते हैं. सावन माह में पड़ने वाले सोमवार की तिथियां- Sawan 2022 Tithi And Time: पहला दिन - 14 जुलाई 2022, दिन गुरुवार 1. सावन सोमवार व्रत - 18 जुलाई 2022 2. सावन सोमवार व्रत - 25 जुलाई 2022 3. सावन सोमवार व्रत - 01 अगस्त 2022 4. सावन सोमवार व्रत - 08 अगस्त 2022 सावन मास का अंतिम दिन - 12 अगस्त 2022 तेजी से घटाना है वजन, सुबह भूलकर भी न करें ये गलतियां | Common Mistakes When Trying to Lose Weight