नशा मुक्ति अभियान एवं जनकल्याण योजना

  1. नशा मुक्ति पर निबंध
  2. नशा मुक्ति पर निबंध in english
  3. नशा मुक्ति पर निबंध (Essay) कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का कारण है नशा। Nasha Mukti Par Nibandh
  4. English to Hindi Transliterate
  5. नशा मुक्त भारत अभियान


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नशा मुक्ति पर निबंध

Nasha Mukti Essay नशा क्या है ? (Nasha Kya Hai) अक्सर लोग सोचते है कि नशा सिर्फ शराब पीना या सिगरेट पीना है, लेकिन वास्तविकता में नशा किसी पदार्थ पर आवश्यकता से अधिक निर्भरता ही नशा है। जिसमें अलग – अलग दवाइयां, ड्रग्स जैसे मार्फिन, निकोटिन इत्यादि। नशे से ग्रस्त व्यक्ति को नशीले पदार्थ न मिलने पर वह हिसंक तक हो जाता है। उसका दिमाग कार्य करना बंद हो जाता है। यदि उसे नसीले पदार्थ मिल जाता है तो उसे परम सुख की अनुभूति होती है। इससे ऊर्जा मिलती है। नशा करने के कारण (Nasha Karne ke Kaaran) नशा या मादक द्रव्यो को सेवन के प्रत्येक व्यक्ति के अलग अलग कारण होते है, जैसे नीचे कुछ कारण बताए जा रहे है – • विभिन्न प्रकार की पारिवारिक कारण होना • आर्थिक परेशानियों का होना • मानसिक परेशानियो के कारण • अत्यधिक • व्यक्ति को अवसाद होना • थकावट को दूर करने के लिए • कुछ लोग प्रसिद्धि के कारण • सुख, आराम, शांति, तनाव से मुक्त प्राप्त करने के लिए • दोस्तो के बहकावे के कारण • कुछ पारिवारिक प्रथाओ के कारण नशा करने के दुष्प्रभाव (Nasha Karne ke Nuksan) मादक द्रव्यो के उपयोग या सेवन से व्यक्ति को शारारिक, मानसिक, आर्थिक तथा सामाजिक रुप से भी हानि होती है। चलिए नशे से होने वाली कुछ हानियो को जाने- • • उसका स्वभाव गर्म रहता है। • वह अपने आप से नियंत्रिण खो देता है, वह अपने आपको संसार से दूर महसूस करता है। • समाज में उसकी इज्जत घटती है। • पारिवारिक तथा आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। • नशा करने से सड़क दुर्घटना के अवसर बढते है। • वह कैंसर जैसी भयानक बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। • अपराधिक घटनाओ में वृद्धि होती है। • सोच में नशे से मुक्ति पाने के उपाय (Nasha Mukti Ke Upay) आज के समय में कई ऐसी संस्थाए है...

नशा मुक्ति पर निबंध in english

नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi नशाखोरी भारतीय समाज में बड़ी समस्या बन चुकी हैं. अक्सर लोग जीवन के तनाव तथा विफलताओं से पीछा छुड़ाने के लिए नशे की लत का सहारा लेते हैं, जिसका परिणाम एक दिन उन्हें नशे का गुलाम बना देता हैं, ह्रदय की पवित्रता तथा विचारों की शुद्धता के लिए नशा मुक्ति बेहद जरुरी हैं. यह एक तरह का संघर्ष है जो आपकों उस लत के विरुद्ध करता हैं. नशाखोरी समस्या एवं समाधान पर निबंध,नशा मुक्ति अभियान एवं जनकल्याण योजना:स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया हैं. नशीले पदार्थों का सेवन करने हम स्वयं के दुशम न बन रहे हैं. यदि इंसान के पास पर्याप्त धन हो तो उसे नशीले पदार्थों के सेवन में व्यर्थ करने की बजाय अपने बच्चों की शिक्षा तथा आर्थिक विकास पर लगाना चाहिए. मगर दुर्भाग्यवश ऐसा नही होता हैं. मुख्य रूप से निम्न वर्ग के लोगों में नशाखोरी की समस्या आम है वे अपनी कमाई का अधिकतर भाग नशे में ही खर्च कर देते हैं. यदि दूसरे शब्दों में कही तो ऐसे हालातों में परिवार के अन्य लोगों के लहू पीने जैसा हैं. कैंसर जैसी बीमारियाँ इन्ही बुरी आदतों की वजह से आती हैं. 70 फीसदी से अधिक अपराध लोग नशे की हालत में करते हैं. अथवा उस अपराध को अंजाम तक पहुचाने के लिए ही नशा करते हैं. यह भी सत्य है कि आप किसी नशेड़ी व्यक्ति को तर्क के आधार पर पराजित नहीं कर सकते हैं. उनके पास ऐसे कुतर्क होंगे जिनके जवाब आपके पास नहीं होंगे. मैं गम भुलाने के लिए पीता हूँ, नशा करने से दिमाग हल्का हो जाता है टेंशन दूर हो जाती हैं. Telegram Group Join Now ऐसी परिस्थतियों में इन्होने मजबूरी में नशे को चुना अथवा नशा नहीं ये तो दवाई है इस तरह के सैकड़ों अकाट्य तर्क आपकों नशे करने वाले व्यक्ति से मिल सकते हैं...

नशा मुक्ति पर निबंध (Essay) कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का कारण है नशा। Nasha Mukti Par Nibandh

नशा मुक्ति पर निबंध: नशा एक अभिशाप है. जो भारतीय समाज मे व्यापक रुप से पाया जाता है. हमे मालूम है कि पूरे पृथ्वी पर मानव ही सबसे बुध्दिमान व ताकतवर है और यह अपने जीवन को व्यवस्थिति बनाने के लिये हर सम्भव प्रयास करता हैं. लेकिन लोगों को सही शिक्षा न मिलने के कारण वो कम उम्र में ही नशा जैसे अन्य शारीरिक दुषप्रभाव के शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशा के लत मे जीवन खराब कर लेते है, आज इस लेख में हम नशा मुक्ति पर निबंध पढेंगे, जानेंगे की मनुष्य को नशा से कैसे दूर किया जाये। नशा मुक्ति पर निबंध चित्र सहित विषय सूची • • • • • • नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में – Nasha Mukti Par Nibandh नशा मुक्ति पर निबंध : नशा स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है यह हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है यह कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का एक मुख्य कारण हैं इसके सेवन से हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ अपना घर बना लेती है, जो धीरे-धीरे करके पूरे शरीर को नष्ट कर देती है, और फिर मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। नशा का सेवन करना अर्थात स्वयं के मृत्यु का कारण बनना है। यह विश्व के सबसे गम्भीर बीमारियो मे से एक है। जो दिन-प्रतिदिन भारतीय समाज मे बढती जा रही है। खासकर भारत के युवा लोग अधिक नशा मे ग्रस्त है। लोगो को नशा से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना, तथा इसके सेवन से बचने के उपायो के लिये, हर वर्ष 31 मई को तम्बाकू दिवस मनाया जाता है। एक सर्वें से यह पता चला की 35% भारतीय किसी न किसी नशा का प्रयोग करते है। इनमें 47% मनुष्य तो 20% से अधिक महिलायें भी शामिल हैं। नशा से उत्पन्न बीमारियाँ:विशेषज्ञों का मानना है की नशा करने वाले मनुष्य की आयु घटती है, इसके सेवन से दांत, आंख, मुह, व फेफडों पर बुरा असर पडता ...

English to Hindi Transliterate

पृष्ठभूमि नवयुवकों, किशोरों एवं बालको में ड्रग तस्करी एवं दुरूपयोग की असाधरण बढोतरी गंभीर व जटिल निहितार्थ सूचित करती है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करती है। इसकी रोकथाम राज्य के साथ साथ समाज की सर्वोत्तम प्राथमिकता है। यह एक खुला राज है की ड्रग/नशा ने निर्दोष बच्चों, नव बालकों, नवयुवकों एवं महिलाओं के ऊपर अपना भयानक शिकंजा कस लिया है। इसका खतरनाक फैलाव इससे प्रतीत होता है की नशे की शुरुआत 9-10 वर्ष की किशोर आयु से हो जाती है। आधुनिक प्रयोगात्मक अध्ययन से ज्ञात हुआ है की भारत में लगभग 7 करोड़ लोग पदार्थ दुरुपयोग में लगे है जिनमे से 17% लोग इसके आदि है। जिन पौधें से यह पदार्थ/ ड्रग बनाये जाते है उनकी अवैध खेती गंभीर चिंता का विषय है। सामान्यतः लोग ऐसी खेती के दुष्प्रभाव से अवगत नहीं होते। पदार्थ की अवैध खेती रोकने के लिए पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकासों की भागेदारी आवश्यक रूप से अपेक्षित है। राज्य की कई एजेन्सियों के साथ साथ गैर सरकारी संगठन भी नशीले पदार्थो की तस्करी और मादक पदार्थो के उन्मूलन के क्षेत्र में कार्यरत है परन्तु उनके बीच समन्वय की कमी है। अभिकरणों एवं विभिन्न पदाधिकारियों के व्यक्तिगत प्रयासों भी अपेक्षित परिणाम नहीं प्राप्त कर सके हैं। इस तथ्य को विचार में रखते हुए कि विधिक सेवा संस्थाएं इस खतरे के उन्मूलन में बड़ा योगदान दे सकती हैं, रांची (झारखण्ड) में हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के तेरहवें अखिल भारतीय सम्मलेन में एक संकल्प लिया गया था जिसका निष्कर्ष यह था कि नशों की लत एवं नशा का दुरूपयोग समस्त विधिक सेवा संस्थाओं के लिए एक गम्भीर चिंता का विषय है एवं इसकी आवश्यकता महसूस की गयी थी कि इस समस्या का परीक्षण किया जा...

जम्मू

जम्मू-कश्मीर में जनकल्याण योजनाएं जारी, नशा मुक्ति अभियान आज से, गांव की ओर भी जल्द जम्मू कश्मीर में नशा मुक्त अभियान चलाए जाने की आवश्यक्ता जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में नशीले पदार्थाें से पीड़ितों की संख्या लगभग छह लाख के करीब है। नशा एक सामाजिक बुराई हैयह कई प्रकार के अपराधों को जन्म देता है। यह जानकारी मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में जनकल्याण की जारी विभिन्न योजनाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के दौरान दी। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में जल्द ही गांव की ओर कार्यक्रम का चौथा चरण शुरु करने की जानकारी देेने के साथ ही स्पष्ट किया कि पीएम किसान योजना की 12वीं किश्त सिर्फ आधार से जड़े लाभान्वितों के बैंक खातों में ही स्थानांतरित होगी,अन्य इसके लाभ से वंचित रहेंगे। जम्मू कश्मीर में नशा मुक्त अभियान चलाए जाने की आवश्यक्ता जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में नशीले पदार्थाें से पीड़ितों की संख्या लगभग छह लाख के करीब है। नशा एक सामाजिक बुराई है,यह कई प्रकार के अपराधों को जन्म देता है। इससे छुटकारा जरुरी है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग को सभी पंचायत राज संस्थानों, ग्रामीण विकास विभाग और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर नशा पीड़ितों का पूरा डेटा 15 सितंबर 2022 तक जमा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग को चिह्नित पीड़ितों की पहचान को उजागर किए बिना उनके उपचार और पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। नशेड़ियों के साथ अपराधी जैसा नहीं बल्कि रोगी जैसा व्यवहार होना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि नशा मुक्त जम्मू कश्मीर अभियान को कामयाब बनाने के लिए सभी जिलाें के प्रशासन को इसके प्रचार में सहायता करने के साथ साथ प...

नशा मुक्त भारत अभियान

टैग्स: • • प्रीलिम्स के लिये: नशा मुक्त भारत अभियान मेन्स के लिये: ‘सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय’ द्वारा नशा मुक्ति के लिये किये गए प्रयास चर्चा में क्यों? हाल ही में ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ (Ministry of Social Justice and Empowerment) द्वारा ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (Nternational Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) के अवसर पर देश के 272 ज़िलों के लिये एक नशीली दवा-रोधी कार्य योजना/’नशा मुक्त भारत’ (Drug-Free India Campaign) अभियान की शुरुआत की गई है। प्रमुख बिंदु : • नशा मुक्त भारत अभियान वर्ष 2020-21 के लिये देश के 272 ज़िलों में शुरू किया गया है। • यह अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर, बल्कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो , सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से नशा मुक्त भारत अभियान के लिये पहचाने गए ज़िलों में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों (community outreach programmes) पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। • इस अभियान के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नशा मुक्ति में कार्यरत संस्थानों के लिये धन जुटाने तथा युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिये स्कूलों और कॉलेजों में नशा मुक्ति अभियान को संचालित करेगा। • इस अभियान में जागरूकता सृजन कार्यक्रम, समुदाय की आउटरीच और दवा पर निर्भर आबादी की पहचान, उपचार सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सेवा-प्रदाताओं के लिये क्षमता-निर्माण कार्यक्रम को शामिल किया गया हैं। • नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ द्वारा नशा मुक्ति अभियान का लोगो व टैग लाइन ‘नशा मुक...