नवग्रह बीज मंत्र

  1. नवग्रह मंत्र: जप विधि और फायदे
  2. नवग्रहों के दोष को कीजिए दूर, जानिए 9 बीज मंत्र और विधि...
  3. नवग्रह, पूजा
  4. नवग्रहों के 9 बीज मंत्र, जानिए कौन सा मंत्र जपें कितनी बार
  5. ग्रह शांति मंत्र
  6. Navgrah Mantra Jaap Vidhi कब और कैसे करें नवग्रह मंत्रों का जाप जानें क्या हो सकते हैं लाभ
  7. Navgrah Puja Vidhi Significance In Hindi
  8. Navagraha Stotra क्या नवग्रह मंत्र का जाप करने से सचमुच फायदा होता है ?
  9. नवग्रह शांति मंत्र तथा गृह शांति के आसान उपाय


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नवग्रह मंत्र: जप विधि और फायदे

नवग्रह मंत्र, ग्रहों की शांति एवं ग्रह दोषों को मिटाने का सबसे कारगर उपाय है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) का वर्णन है। इनमें राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इन ग्रहों की अपनी भिन्न-भिन्न प्रकृति है और अपनी इसी प्रकृति के कारण ग्रह मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं। अगर किसी की कुंडली में ग्रह दोष बनता है तो वह व्यक्ति उस ग्रह दोष से बचने के लिए संबंधित ग्रह का वैदिक, तांत्रिक या फिर बीज मंत्र का जाप विधि अनुसार कर सकता है। नवग्रह मंत्र के प्रकार इसके अलावा ग्रहों को बली बनाने और उनके शुभ फल पाने के लिए भी नवग्रह मंत्र का जाप करना कारगर माना गया है। हिन्दू इनमें ग्रहों के बीज होते हैं इसलिए इन्हें बीज मंत्र कहा जाता है। किसी भी मंत्र की शक्ति उसके बीज मंत्र में समाहित होती है। इन मंत्रों के द्वारा समस्त प्रकार की बाधाओं, विकारों तथा समस्याओं का चमत्कारिक निदान किया जा सकता है। नवग्रह शांति मंत्र “ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुध च। गुरु च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।” इस मंत्र में त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानि शंकर भगवान से सभी सभी ग्रहों की शांति के लिए प्रार्थना की है, जिस प्रकार सूर्य ग्रह से संबंधित मंत्र ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य के आशीर्वाद से मनुष्य को सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। सूर्य का बीज मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः सूर्य मंत्र को जपने की विधि • मंत्र का जाप रविवार के दिन सूर्य की होरा या सूर्य के • मंत्र जाप के लिए एक निश्चित संख्या, समय और स्थान को सुनिश्चित करें। • मंत्र जाप के लिए ...

नवग्रहों के दोष को कीजिए दूर, जानिए 9 बीज मंत्र और विधि...

1 सूर्य - सूर्य को नवग्रहों में राजा माना गया है। सूर्य का प्रमुख रत्न माणिक्य है जो गहरे लाल-गुलाबी रंग का होता है। इसका उपरत्न लाल-रक्तमणि माना जाता है। सूर्य की प्रमुख धातु ताम्र यानि तांबा और अनाज गेहूं है। अत: सूर्य को प्रसन्न करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह से माणिक्य या रक्तमणि पहना जाता है। तांबा धातु पहनना एवं गेहूं का दान करना शुभ होता है।

नवग्रह, पूजा

नवग्रह, पूजा-मन्त्र एवं उपाय । navgrah mantra and upay navgrah mantra evam upay सृष्टि को सुचारू रूप से चलाने हेतु परमेश्वर ने सूर्यादि नवग्रहों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। यह सभी ग्रह संसार में स्थित सभी जड़-चेतन के कर्मो के अनुसार उसके लिए फला-फल की व्यवस्था करते हैं। आज कल ज्योतिष जैसी पवित्र विद्या की आड़ में कुछ ज्योतिषी ग्रहों के नाम पे लोगो को भयभीत कर के अपनी दुकानदारी चला रहे है यह ठीक नहीं है। कोई भी ग्रह हमारा शत्रु नहीं होता बल्कि वह तो हमारे द्वारा किये गए अच्छे-बुरे कर्मों के अनुरूप तथा हमारे प्रारब्ध के लेखा-जोखा के अनुसार बस हमें फल प्रदान करता है। जिस तरह से हम रात-दिन अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं वैसे ही वह भी केवल अपनी ड्यूटी निभा रहे होते हैं। और हमारे लिए जो भी न्याय संगत होता है वही हमें प्रदान करते हैं । फिर उनसे भयभीत कराना या उन्हें बुरा-भला कहना कौन सा ज्योतिष है। लेकिन.. हम आप सभी जानते हैं कि एक चीज ऐसी है जिससे हम रुष्ट ग्रह एवं देवी-देवताओं को भी मना सकते हैं ? और वो है प्रार्थना जी हां प्रार्थना, याचना, स्तुति (गुणगान) में एक ऐसी शक्ति होती है जिससे परमपिता परमेश्वर को भी बस में किया जा सकता है। फिर भला हमारे लिए रुष्ट ग्रह-देव हमारी श्रद्धा-भक्ति, पूजा-पाठ, मन्त्र-जाप एवं व्रत-स्तुति से क्यों प्रसन्न न होंगे । हमारे आदि धर्मवेत्ताओं, हमारे पूर्वजों, हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें ढेरों मन्त्र, यंत्र, स्त्रोत, स्तुति, कवच, पाठ अदि प्रदान किया है। जिनके श्रवण, पाठ एवं स्थापन-पूजन से हम अपने कुल देवता, नवग्रह देवता, इष्टदेवता तथा परमपिता परमेश्वर को भी प्रसन्न कर के उनसे अपने लिए सुख-सौभाग्य एवं मोक्ष-मुक्ति की कामना पूर्ण कर सकते हैं। तो आइये जान...

नवग्रहों के 9 बीज मंत्र, जानिए कौन सा मंत्र जपें कितनी बार

How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते हैं। हालांकि बहुत से लोग राजनीति में अपना भविष्य चमकाना चाहते हैं परंतु वे सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप भी राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं तो आपने मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या करूं कि इस क्षेत्र में सफलता मिले तो जानिए कि कौन से वार को व्रत रखने से यह मनोकामना होगी पूर्ण। धार्मिक मान्यतानुसार सभी माताएं पूजा से नहीं साधना क...

ग्रह शांति मंत्र

नवग्रह परिचय एवं उनके – वैदिक, तांत्रिक व बीज मंत्र ज्योतिष शास्त्र का सम्पूर्ण आधार सौरमंडल में स्थित ग्रहों को माना गया है | ज्योतिष शास्त्र को ज्योतिष विज्ञान भी कहा गया है क्योंकि इसने अपने तथ्यों को समय-समय पर वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से प्रमाणित किया है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में स्थित 9 ग्रहों को नवग्रह की संज्ञा दी गयी है | जिस प्रकार से ब्रह्मांड में होनी वाली हलचल का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है, चन्द्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वार -भाटे आते है ठीक उसी प्रकार से सौरमंडल में स्थित ग्रहों का मावन जीवन पर सीधे-सीधे प्रभाव पड़ता है | जातक की कुंडली में नवग्रह (सूर्य, शनि, शुक्र, ब्रहस्पति, चंद्रमा, बुध, मंगल, राहू और केतु) का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव दिखाते है | यह निर्भर करता है जातक की लग्न कुंडली में कि कौन सा ग्रह कौन से भाव में बैठा है | कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों को ही ग्रहदोष की श्रेणी में रखा जाता है व समय रहते इनके उपाय भी किये जाते है | जातक की कुंडली में सभी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव एकसाथ हो सकते है इसकी सम्भावना नही के बराबर ही होती है | ग्रह दोष जातक को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सभी प्रकार से कष्ट देते है | नवग्रह शांति की पाठ-पूजा का विधान काफी लम्बा है इसलिए किसी विद्वान् पंडित द्वारा ही नवग्रह पूजा संपन्न की जानी चाहिए | नवग्रह मंत्र – वैदिक, तांत्रिक व बीज मंत्र ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह मंत्र ग्रहों की शांति एवं उनका आशीष पाने के लिए होते हैं। इन मंत्र से व्यक्ति अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है। साथ ही वह इन मंत्रों जाप से अपनी समस्त बाधाओं से मुक्ति पा सकता है। वैदिक शास्त्रों में कहा गया है मंत्र ‘मन: तार...

Navgrah Mantra Jaap Vidhi कब और कैसे करें नवग्रह मंत्रों का जाप जानें क्या हो सकते हैं लाभ

Navgrah Mantra Jaap Vidhi: कब और कैसे करें नवग्रह मंत्रों का जाप, जानें क्या हो सकते हैं लाभ Navgrah Mantra Jaap Vidhi ज्योतिष में नौ ग्रह बताएं गए हैं जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति का विचार किया जाता है। कुंडली में ग्रह कमजोर होते हैं तो व्यक्ति को बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं। Navgrah Mantra Jaap Vidhi: ज्योतिष विज्ञान में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति का विचार किया जाता है। ज्योतिषविद अनीष व्यास के अनुसार जन्मपत्री (कुंडली) में जब ग्रह कमजोर होते हैं तो व्यक्ति को उससे संबंधित बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं जब ग्रह मजबूत होते हैं तो जातकों को उसका प्रत्यक्ष लाभ भी मिलता है। हालांकि ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए उपाय भी बताए गए हैं और इनमें सबसे ज्यादा कारगर उपाय हैं ग्रहों से जुड़े मंत्रों का जाप। विधि - मंत्र को रविवार के प्रात: काल के समय स्नान ध्यान के बाद 108 बार जपें। 2. चंद्र ग्रह कुंडली में चंद्र दोष होने से कलह, मानसिक विकार, माता-पिता की बीमारी, दुर्बलता, धन की कमी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। कुंडली में चंद्र को मजबूत बनाने के लिए चंद्र ग्रह के बीज मंत्र का जप करना चाहिए। चंद्र बीज मंत्र - ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः। विधि - मंत्र को सोमवार के दिन सायं काल में शुद्ध होकर 108 बार जपें। 3. मंगल ग्रह मंगल साहस और पराक्रम का कारक ग्रह है। कुंडली में मंगल के कमजोर होने पर उसके साहस और ऊर्जा में निरंतर कमी रहती है। मंगल को मजबूत करने के लिए मंगल ग्रह के बीज मंत्र ...

Navgrah Puja Vidhi Significance In Hindi

नवग्रह पूजा सामग्री • चावल जिसमें हल्दी या कुमकुम मिली हो • आरती थाली, ताजे फूल, पंचामृत (दूध, दही, घी, चीनी और शहद का मिश्रण) • 9 प्रकार के फल, विभिन्न रंगों के 9 कपड़े के टुकड़े • पान के पत्ते, 2 दीये (तेल के दीपक, अगरबत्ती, 9 जनेऊ, मौली, चंदन, हल्दी, कुमकुम, तुलसी के पत्ते, 10 सुपारी , गंगाजल, इट्रा (गंध), कलश, नारियल, पूजा की थाली, जलपात्र • अलग-अलग रंगों के 9 मिठाई , 9 ग्रहों का चित्र , नवग्रह यंत्र, हवन समिधा की छड़ें • छोटे गोबर के कंडे, आम की छड़ें, हवन सामग्री, नवग्रह की छड़ें, कपूर की छड़ें, नवग्रह पूजा विधान मंत्र का सही तरीके से पाठ करना होता है। • यदि पूजा पूरी सामग्री के साथ नवग्रह पूजा की जाए तो सबसे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है | नवग्रह पूजा विधि • पूजा का सबसे पहला कार्य होता है कलश की स्थापना | कलश स्थापना का नवग्रह की पूजा में बहुत महत्व है | • पूजा शुरू करने से पहले नवग्रहों या नौ ग्रहों का आह्वान करें । • अपने दाहिनी हथेली पर पल्ली के साथ थोड़ा पानी ले और सभी ग्रहों के बीज मंत्र का जाप करें और उसके बाद पूजा का पूरे मन में विश्वास और श्रद्धा से संकल्प ले | • संकल्प लेने के बाद सबसे पहले पूजा की जायगी | उसके बाद नवग्रह यंत्र की पूजा की जाएगी। • कलश में प्रमुख देवताओं की प्रार्थना की जाती है और सभी नौ ग्रहों के मंत्रों का जाप किया जाता है। • ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाता है। • पूजा समाप्त करने के लिए पुष्पांजलि के साथ एक आरती की जाती है यह भी पढ़े :- अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्...

Navagraha Stotra क्या नवग्रह मंत्र का जाप करने से सचमुच फायदा होता है ?

व्यास मुनि द्वारा नवग्रह स्तोत्र की रचना की गई है। नवग्रह स्तोत्र में एक बीज मंत्र और दूसरा पौराणिक मंत्र है। बीज मंत्र का कम से कम 11000 बार जाप करना चाहिए। अधिकतम आप कर सकते हैं। वर्तमान में, यह देखा गया है कि बीज मंत्र के जाप की संख्या पौराणिक मंत्र के जाप के संख्या के बराबर की जाती है। जैसे बुध का जाप 4000 होता है, वैसा ही 4000 किया जाता है। चूंकि बीज मंत्र छोटा है, इसलिए इसे कम से कम 11000 बार जाप करना चाहिए। हालांकि, पौराणिक मंत्र जो है उसकी जाप संख्या जितनी है उससमान जाप करना चाहिए। मंत्र जाप किसी अन्य व्यक्ति से कराए लेने के बजाए स्वयं के द्वारा किया जाए तो अधिक लाभकारी होता है। जिस काम में आपका दिल नही होता वो काम कैसे सफल होगा।आजकल, ऐसा लगता है कि जाप करना एक फैशन हो गया है। ज्योतिषि कहते है इसलिए लोग जाप करके लेते हैं। हर किसी को पता होना चाहिए कि क्या जाप पुरोहित वास्तव में बीज मंत्र का जाप करता है या पौराणक मंत्र का या किसी और का। कुछ पुजारी ईमानदारी से जाप करते हैं। लोग सोचते हैं कि जाप करने से आपकी शादी तुरंत हो जाती है, आपको पैसा मिलता है, व्यवसाय अच्छा चलता है, पुजारी अपने घर पर जाप करता है, और आप अपने घर में बैठे होते हैं, खाली जाप का संकल्प छोड़ते हैं, आप उस काम में कैसे सफल होंगे जिसमें आपका कोई मन नहीं है, जिस काम में आप भाग नहीं लेते हैं। आखिरकार लोग ज्योतिष के पास वापस आते हैं और वह उन्हें एक और जाप करने को कहता हैं। मेरा मत है कि, ठीक है, एक बार जाप करो, फिर भी अगर काम पूरा न हो, तो भगवान की पूजा करो, भगवान के नाम का पाठ करो। आखिर बात यह है कि पेड़ का फल तब तक नीचे नहीं गिरता है जब तक वह पका हुआ न हो। मेहनतकिये बिना और बिना विश्वासके कोई फल नही मिलत...

नवग्रह शांति मंत्र तथा गृह शांति के आसान उपाय

नवग्रह शांति मंत्र तथा गृह शांति के आसान उपाय –ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरे ब्रह्मांड में कुल 9 ग्रह उपस्थित हैं. इन नवग्रह का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता हैं. ऐसा माना जाता है की यह नवग्रह मनुष्य की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने में सक्षम होते हैं. अगर आप इन नवग्रहों को प्रसन्न करते हैं. तो आपका जीवन सुखमय बन सकता है. तथा आपके जीवन से सभी प्रकार की बाधा का निवारण हो सकता हैं. इसके लिए आपको इन नवग्रहों को शांत करना होगा. नवग्रहों को शांत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में मंत्र बताया गया हैं. जिसके जाप से सभी ग्रह शांत होते हैं. तो यह मंत्र और मंत्र जाप विधि जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नवग्रह शांति मंत्र तथा गृह शांति के आसान उपाय बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।। यह नवग्रह शांति का बहुत ही कारगर और प्रभावशाली मंत्र माना जाता हैं. इस मंत्र जाप से नौ के नौ ग्रह शांत हो जाते हैं. और उनके शुभ प्रभाव से आपका जीवन सुखमय बनाते हैं. इस मंत्र का जाप आपको रोजाना नियमति रूप 108 बार करना हैं. यह मंत्र जाप लगातार 40 दिन तक करने से मंत्र सिद्ध हो जाता हैं. और आपकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं. अगर किसी ग्रह का बुरा प्रभाव आप पर है. तो वह भी इस मंत्र जाप से हट जाएगा. तीव्र बुद्धि मंत्र – ज्ञान पाने का मंत्र / मानसिक शक्ति बढ़ाने के उपाय गृह शांति के आसान उपाय गृह शांति के कुछ आसान और अचूक उपाय हमने नीचे बताए हैं. • गृह शांति के लिए आपको मंगलवार ...