नवरात्रि कब से शुरू हो रहा है

  1. Shardiya Navratri 2022 Date navratri kab shuru ho rahi kalash sthapna kaise karen stmp
  2. After Pitru Paksh Navratri Will Be Start, Know Here Date And Puja Vidhi
  3. Navratri 2022 Date: इस तिथि से शुरू हो रही है 9 दिन की नवरात्रि, जानिए पूरी जानकारी मात्र एक क्लिक में
  4. Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि
  5. Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी
  6. Navaratri 2022: कब से शुरू हो रही है नवरात्रि, जानें महत्‍व, कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त और विधि
  7. Gupt Navratri: 18 या 19 जून? कब शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, देवघर के ज्योतिषी से जानें सही तारीख


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Shardiya Navratri 2022 Date navratri kab shuru ho rahi kalash sthapna kaise karen stmp

Shardiya Navratri 2022 kalash Sthapna Vidhi: हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होता है. नवरात्रि में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. अब से कुछ ही दिन में शारदीय नवरात्रि शुरू होने वाली है, जिसको लेकर भक्तों में अभी से काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कब शुरू हो रही नवरात्रि, कैसे करे मां दुर्गा की पूजा और क्या है कलश स्थापना की सही विधि? शारदीय नवरात्रि 2022 तिथि हिंदू पंचाग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ 26 सितंबर से हो रहा है. नवरात्रि का समापन 05 अक्टूबर को होगा. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की अलग-अलग पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद शैलपुत्री की पूजा की जाती है. जो लोग नौ दिन का व्रत नहीं रख पाते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं. कलश स्थापना शुभ मुहूर्त नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. इस बार नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 मिनट तक है. वहीं इस दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक चौघड़िया का अमृत्त सर्वोत्तम मुहूर्त है. इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करना विशेष लाभकारी होता है. जानिए कैसे करें कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें. इस दिन स्नान करने के पश्चात मिट्टी के बड़े पात्र में मिट्टी डालें और उसमें जौ के बीज डाल दें. इसके बाद पात्र में थोड़ी और मिट्टी डालें और फिर जौ के बीज और डाल दें. अब इसके बाद इसमें थोड़ा सा जल डालें. इसके पश्चात कलश में मौली बांधकर तिलक लगाएं. अब आप...

After Pitru Paksh Navratri Will Be Start, Know Here Date And Puja Vidhi

Shardiya Navratri 2022 : शारदीय नवरात्रि का त्योहार पितृ पक्ष खत्म होने के अगले दिन ही शुरू हो जाएगा यानि 26 सितंबर को.नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में 9 दिन तक बहुत धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान गरबा (garba) और डांडिया (dandiya) जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है,सोसायटी, स्कूल और कॉलेज में. पूरे नौ दिन लोग मां दुर्गा (Maa Durga) की भक्ति में डूबे रहते हैं. ऐसे में चलिए जान लेते हैं इसकी तारीख और पूजा विधि. -इस बार नवरात्रि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर हो जाएगा. वहीं, घटास्थापना का मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. उनकी ये सवारी शांति और समृद्धि का संकेत है. उनकी पूजा अर्चना करने से जीवन खुशियों से भर जाएगा और सारी मनोकामननाएं भी पूर्ण हो जाएंगी. ऐसे में 9 दिन मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना बहुत फलदायी होगा. नौ रूपों की जाती है पूजा नौ दिन के व्रत में घरों में सुबह शाम पूजा आरती होती है. मां के नौ रूपों की आरती की जाती है. इस समय लोग सुंदरकांड भी पढ़ते हैं. दुर्गा स्तुति भी करते हैं. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है. ऋतिक बेटों संग देखने पहुंचे ब्रह्मास्त्र, बाकी सेलेब्स में दिखा फिल्म का क्रेज

Navratri 2022 Date: इस तिथि से शुरू हो रही है 9 दिन की नवरात्रि, जानिए पूरी जानकारी मात्र एक क्लिक में

इस तिथि से शुरू हो रही है 9 दिन की दिन नवरात्रि, पूरी जानकारी सिर्फ यहां मिलेगी ! जोर से बोलिए "जय माता दी", सच्चे दरबार की "जय ! माता दुर्गे के नाम से हम शुरू करते आज की विशेष आर्टिकल माता दुर्गे के भक्तों के लिए है, जो यह जानने के लिए बहुत उतावले और परेशान होंगे की आखिर इस साल नवरात्रि कब से शुरू हो रही है ? कब पूजा करने के लिए विशेष शुभ मुहूर्त है। हालांकि हो सकता है की आप किसी अन्य और तरीके और जगह से पता चल होगा लेकिन जैसा आप सब जानते हैं की आजकल हर त्योहार को मनाए जाने की तिथि भिन्न-भिन्न हैं। लेकिन आपको घबराने के जरूरत नहीं हैं। यहाँ आपको बिल्कुल सच्ची और सही जानकारी मिलेगी क्योंकि वायरल हिन्दी पोस्ट सिर्फ उन्हीं पोस्ट को मान्यता देता है जो सच्ची हो, विश्वशनीय हो, शिक्षाप्रद हो। चलिए शुरू करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से नीचे दिए गए आपके सभी प्रश्नों का जवाब मिल जाएगा : Viral Hindi Post-NAVRATR 2022 • नवरात्रि 2022 की Date कब है ? • नवरात्रितिथि कब से कब तक है? • नवरात्र कब से शुरू हो रहा है ? • नवरात्रि में किस दिन होगा कन्या पूजन ? • जानिए आखिर 9 दिन के नवरात्र में माँ दुर्गे के किस रूप की किसी दिन पूजा और ध्यान लगायें ? • 2022 शारदीय नवरात्र में किस दिन होगा कन्या पूजन ? • नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है ? 2022 शारदीय नवरात्र कब से शुरू हो रहा है ? इस साल शारदीय नवरात्र का पावन पर्व 26 सितंबर 2022 से शुरू हो रहा है और 05 अक्टूबर तक चलेगा. नवरात्र का पहला दिन यानि 26 सितंबर 2022 को बेहद खास है क्योंकि नवरात्र के पहले दिन ही अनेक तरह की विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठान को पूरा करते हुए माँ दुर्गे को आवाहन करते हैं। उन्हीं विधि-विधान में से एक प्रमुख विधि कल...

Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि

• • Faith Hindi • Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि, नोट करें तारीख और जानें महत्व Ashadha Gupt Navratri 2023: कब शुरू होंगे आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि, नोट करें तारीख और जानें महत्व Ashadha Gupt Navratri 2023: आषाढ़ माह में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है और इस दौरान 10 महाविद्याओं का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. Ashadha Gupt Navratri 2023: हिंदू धर्म में हर साल चार बार नवरात्रि का पर्व आता है जो कि बेहद ही महत्वपूर्ण और खास होता है. इनमें से बसंत नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं. जबकि आषाढ़ माह और पौष माह के नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. जहां शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है, वहीं गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि की पूजा आमतौर पर तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधक करते हैं. फिलहाल आषाढ़ का महीना चल रहा है और जल्द ही गुप्त नवरात्रि शुरू होने वाले हैं. आइए जानते हैं कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि. गुप्त नवरात्रि 2023 कब है? आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत मानी जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर होगा. ऐसे में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून से होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रकट नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में भी कलश स्थापना के साथ पूजा आरंभ की जाती है. कलश स्थापन के लिए शुभ मुहूर्त 19 जून को सुबह 5 बजकर 30 मिनट से लेकर स...

Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी

नई दिल्ली : Gupt Navratri 2023: पूरे साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. पहली, चैत्र माह में होने वाली वसंत नवरात्रि से शुरु होती है और दूसरी गुप्त नवरात्रि जो आषाढ़ माह में मनाई जाती है. तीसरी, जो अश्विनी मास का वसंती नवरात्रि है और चौथी माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. यानी कि दो वसंत और दो गुप्त नवरात्रि मनाने की खास परंपरा है. वहीं आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है. तंत्र-मत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत खास मानी जाती है. अब ऐसे में इस साल दिनांक 18 जून को सुबह 11:05 मिनट से आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और इसकी समाप्ति अगले दिन दिनांक 19 जून को 11:13 मिनट पर हो रही है. इसलिए उदया तिथि के आधार पर दिनांक 19 जून को नवरात्रि मनाई जाएगी. ये भी पढ़ें - जानें कैसे अलग है ये नवरात्रि दिनांक 19 जून को घर में कलश रखकर नौ दिन तक मां दुर्गा का पाठ करें. इससे घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होगी. इसके साथही गुप्त नवरात्रि इसलिए भी आलग है, क्योंकि इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की खास पूजा की जाती है. 9 दिन में मां के नौ स्वरूपों की होती है पूजा आषाढ़ माह के गु्प्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा माता, पांचवें दिन मां स्...

Navaratri 2022: कब से शुरू हो रही है नवरात्रि, जानें महत्‍व, कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

इन दिनों पितृ पक्ष चल रहे हैं. पितृ पक्ष अमावस्‍या के बाद शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन शारदीय नवरात्रि का पहला दिन होता है. इस दिन लोग घर पर कलश स्‍थापना करते हैं और नौ दिनों के व्रत की शुरुआत होती है. जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं, वो भी कम से कम नवरात्रि के पहले दिन और अष्‍टमी के दिन व्रत जरूर रखते हैं. नवरात्रि के दिनों को बेहद शुभ माना जाता है. देवशयनी एकादशी के बाद जिन शुभ कामों पर देवउठनी एकादशी तक रोक लग जाती है, वे शुभ काम इन नौ दिनों के बीच किए जा सकते हैं. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं नवरात्रि का महत्‍व, कलश स्‍थापना के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में. शारदीय नवरात्रि का महत्‍व ज्‍योतिषाचार्य का कहना है कि शारदीय नवरात्रि बुराई पर अच्‍छाई की जीत का पर्व है. ये दिन मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक माने जाते हैं. देवी भागवत की कथा के अनुसार जब महिषासुर का आतंक धरती पर काफी बढ़ गया तो सभी देवी देवताओं ने त्रिदेव से मदद मांगी, लेकिन ब्रह्मा जी के वरदान के कारण त्रिदेव ने असमर्थता जताई. इसके बाद त्रिदेवों ने अपनी शक्ति से मां दुर्गा का सृजन किया. सभी देवताओं नें मां दुर्गा को अपनी-अपनी शक्ति और अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए. इसके बाद मां दुर्गा का नौ दिनों तक महिषासुर के साथ युद्ध चला. दसवें दिन उसका वध किया. इस बीच मां दुर्गा की शक्ति और सामर्थ्‍य ने देवताओं को भी चकित कर दिया. तब से नवरात्रि के नौ दिन शक्ति की पूजा के लिए स‍मर्पित माने जाते हैं और दसवें दिन दशहरे का पर्व मनाया जाता है. ज्‍योतिषाचार्य बताते हैं कि रावण के वध से पहले प्रभु श्रीराम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी और विजयी ...

Gupt Navratri: 18 या 19 जून? कब शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, देवघर के ज्योतिषी से जानें सही तारीख

परमजीत कुमार/देवघर. साल भर में चार नवरात्रि मनायी जाती है. जो चेत माह में होने वाली वसंत नवरात्रि से शुरू होती है. दूसरा गुप्त नवरात्रि है जो आसाढ़ महीने में मनायी जाती है. तीसरा आश्विन मास का वसंती नवरात्रि है और अंतिम माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनायी जाती है. यानि दो वसंत व दो गुप्त नवरात्रि मनाने की परंपरा है. आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनायी जाती है. इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है. तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्री अच्छी मानी जाती है. वहीं, बैद्यनाथधाम के ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस साल 18 जून को दिन के 11 बजकर 05 मिनट में आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और अगले दिन 19 जून को दिन के 11 बजकर 13 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी. उदया तिथि के अनुसार 19 जून से नवरात्रि मानी जाएगी. कैसे अलग है यह नवरात्री बैधनाथधाम के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुदगल ने लोकल18 से बातचीत करते हुए कहा कि चैत्र और अश्विन महीने में पड़ने वाले नवरात्रि में पंडालों में माता की मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है. लेकिन आषाढ़ महीने में मनाई जाने वाली यह गुप्त नवरात्रि अन्य नवरात्रों से अलग है. इसकी पूजा घर पर ही की जाती है. इसमें तंत्र विद्या की साधना होती है. 19 तारीख को घर में कलश रखकर नौ दिन तक माता दुर्गा का पाठ करें. इससे घर में सुख शांति बनी रहेगी और सारी मनोकामना पूर्ण होगी. इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि इसलिए अलग है क्योंकि इस नवरात्री मे मां दुर्गे के नौ रूपों के साथ-साथ 10 महाविद्यायें मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भ...