नवरात्रि के 9 दिन के भोग

  1. Navratri bhog 2021 for 9 days : नवरात्रि के 9 दिन कौन से 9 भोग लगाए
  2. Navratri 2022: Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि पर 9 दिन माता को लगाएं 9 तरह के भोग, पूरी होगी मनोकामना
  3. Nine Days Of Navratri Offer These Different Bhog To The Nine Forms Of Maa Durga
  4. नवरात्रि दौरान किस देवी को लगाएं कौन सा भोग? जानिए यहां
  5. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ, 9 दिन नौ देवियों को चढ़ाएं यह भोग और पाएं आशीर्वाद
  6. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ, 9 दिन नौ देवियों को चढ़ाएं यह भोग और पाएं आशीर्वाद
  7. Navratri bhog 2021 for 9 days : नवरात्रि के 9 दिन कौन से 9 भोग लगाए
  8. Nine Days Of Navratri Offer These Different Bhog To The Nine Forms Of Maa Durga
  9. नवरात्रि के 9 भोग, दिलाएंगे समस्याओं से मुक्ति
  10. नवरात्रि दौरान किस देवी को लगाएं कौन सा भोग? जानिए यहां


Download: नवरात्रि के 9 दिन के भोग
Size: 57.38 MB

Navratri bhog 2021 for 9 days : नवरात्रि के 9 दिन कौन से 9 भोग लगाए

दोस्तों नवरात्री यानि माँ के नवरूप का दिन आस्था के नव दिन और माता रानी को मनाने के नव दिन निरोग, सफलता, धनवान, बुद्धिमान होने की आप पर भी कृपा बरस सकती है. अगर आप नवरात्री में माता रानी को लगाएगे उनके मनपसंद का भोग फिर देखिए आपकी सारी कष्ट दूर हो जाएगी ऐसा कहा जाता है की यदि किसी भी माँ को उनके प्रिय भोग अर्पित किया तो माता की उसपर विशेष कृपा होती है ये सभी विशेष प्रसाद ऐसे होते है जिनसे होती है मनोकामनाए पूरी होती है. नवरात्र के 9 भोग माँ को जरूर लगाए • पहले दिन :- माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, और नवरात्री के पहले दिन माँ के चरणों में गाय का शुध्य घी अर्पित करे। इससे शरीर निरोगी होता है. • दूसरे दिन :- माँ बर्ह्मचारणी की पूजा की जाती है, आप नवरात्र के दूसरे दिन शक़्कर का लगाए। इससे आयु वृद्धि होती है. • तीसरे दिन :- माँ चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है, नवरात्र के तीसरे दिन दूध या दूध बनी हुई खीर का भोग लगाए। इससे दुःखों से मुक्ति मिलती है. • चौथे दिन :- माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है, नवरात्री के चौथे दिन आप मालपुए का भोग लगाए। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है. • पांचवे दिन :- माँ स्कन्धमाता की पूजा की जाती है, नवरात्र के पांचवे दिन माँ को केले का भोग चढ़ाएं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है. • छठे दिन :- माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, नवरात्रि के छठे दिन माँ को शहद का भोग लगाए। जिससे लोग आप की तरफ आकर्षित होंगे। • सांतवे दिन :- माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है, नवरात्री के सातवें दिन माँ को गुड़ का भोग चढ़ाए। इससे आकस्मिक आने वाले संकटो से रक्षा मिलती है. • आठवें दिन :- माँ महागौरी की पूजा होती है, नवरात्री के आठवें दिन माँ को नारियल का भोग लगाए। इससे...

Navratri 2022: Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि पर 9 दिन माता को लगाएं 9 तरह के भोग, पूरी होगी मनोकामना

Shardiya Navratri 2022 Bhog: नवरात्रि का पावन पर्व 26 सितंबर से शुरू हो रहा है. ऐसे में लोग मां भगवती के लिए व्रत रखते हैं. जिस दिन 9 दिन अलग-अलग माता की पुजा की जाती है, उसी तरह 9 दिनों तक माता को अलग-अलग भोग लगाने की मान्यता है. यहां आपको बताएंगे कि किस दिन क्या भोग लगाना चाहिए, ताकि देवी की कृपा आप पर बनी रहे. पहला दिन - 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है. मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा करने से रोगों का नाश होता है और हर संकट से मां हमें बचाती है. इस दिन माता को गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. दूसरा दिन - दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है.ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को चीनी, पंचामृत का प्रसाद प्रिय है. मां को उनके पसंदीदा भोग लगाने से आयु में वृद्धि होती है. तीसरा दिन - तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई को भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. चौथा दिन - नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को मालपुए का नैवद्य अर्पित करें. ऐसा करने से बुद्धितेज होतीहै. पांचवा दिन - नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. को केले का प्रसाद चढ़ाने से जातक को बेहतर स्वास्थ और बीमारियों से मुक्ति का आशीष मिलता है. छठा दिन - नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पुजा की जाती है. इस दिन मां को शहद और मीठे पान का भोग लगाना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक माहौल उत्पन्न होता है और उम्र बढ़ती है. सातवां दिन - नवरात्रि के सांतवें दिन मां कालरात्रि की पुजा होती ...

Nine Days Of Navratri Offer These Different Bhog To The Nine Forms Of Maa Durga

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों को समर्पित हैं. यानि हर दिन एक अलग देवी की पूजा का विधान है. हर देवी का अलग स्वरूप है और अलग महात्म्य भी. इसीलिए नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा को उनकी पसंद का भोग लगाने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. तो चलिए बताते हैं आपको कि नवरात्रि में किस दिन क्या भोग लगाना चाहिए. नवरात्रि के नौ दिन नौ भोग पहला दिन - मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से रोगों का नाश होता है. और हर संकट से मां हमें बचाती है. दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना. और इन देवी को लगाया जाता है शक्कर और पंचामृत का भोग. मां को इसका भोग लगाने से दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी को दूध या फिर मावे से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती है और जीवन में ना धन की कभी कमी आती है और ना ही वैभव की. चौथा दिन - मां कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है. जिन्हे मालपुआ का भोग लगाने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है. सिर्फ भोग ही नहीं बल्कि मालपुआ का दान भी इस दिन किया जा सकता है. इससे भी मां प्रसन्न होती हैं. पाचवां दिन - मां स्कंदमाता देवी स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए. इससे मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यक्षेत्र में काफी प्रगति होती है. साथ ही मां को केले का भोग लगाने से शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं. छठां दिन - मां कात्याय...

नवरात्रि दौरान किस देवी को लगाएं कौन सा भोग? जानिए यहां

देशभर में नवरात्रि आने का बेसब्री से इंतजार रहता है। वैसे तो सालभर में 4 बार नवरात्रि का त्योहार आता है। मगर चैत्र और शारदीय नवरात्रि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान पूरे नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। मान्यता है कि देवी में के इन रूपों को अलग-अलग भोग लगाने से माता रानी का आशीर्वाद मिलता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से... 9 दिन लगेगा देवी मां के नौ स्वरूपों को अलग-अलग भोग नवरात्रि के पावन दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। मान्यता है कि इस दौरान देवी मां की कृपा पाने के लिए उन्हें अलग-अलग चीजों का भोग लगाना चाहिए। इससे माता रानी की असीम कृपा मिलती है और घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहती है। पहला नवरात्रा- मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन देवी मां को गाय के घी के तैयार या किसी सफेद चीज का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे रोगों से छुटकारा मिलता है। हर तरह की बीमारी से बचाव रहता है। दूसरा नवरात्रा- मां ब्रह्मचारिणी दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन आप देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं। माना जाता है कि इससे देवी मां दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है। तीसरा नवरात्रा- मां चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन देवी मां की असीम कृपा पाने के लिए उन्हें खीर या दूध से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं। चौथा नवरात्रा- मां कुष्मांडा नवरात्रि का चौथा दिन देवी दुर्गा के कुष्मांडा रूप को समर्पित है। इस दिन माता का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद यह प्रसा...

22 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ, 9 दिन नौ देवियों को चढ़ाएं यह भोग और पाएं आशीर्वाद

22 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होने वाली है. इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगी. 30 मार्च को रामनवमी के साथ इसका समापन हो जाएगा. चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरूआत भी होगी. इस दिन ही महाराष्ट्र में उड़ी पड़वा का त्योहार और दक्षिण भारत में उगादी का त्योहार मनाने की परंपरा है. एक वर्ष में चार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग पूजा आराधना और साधना की जाती है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना और देवी के पहले स्वरूप की पूजा के साथ नौ दिनों तक देवी दुर्गा का महापर्व शुरू हो जाता है. नवरात्रि के 9 दिन बहुत ही खास और शुभ होते हैं. जिस तरह से नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग देवी के स्वरूप की पूजा करने का विधान होता है उसी तरह से इन नौ दिनों तक नौ देवियों का भोग भी अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों में देवी को अलग-अलग प्रसाद अर्पित करने का महत्व. पहला दिन मां शैलपुत्री- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री हिमालय राज की पुत्री हैं और ये वृषभ पर सवारी करती हैं. इस दिन इन्हें गाय का घी और इससे बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए. इससे व्यक्ति को आरोग्यता और सुख समृद्धि प्राप्ति होती है. दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी- नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान होता है. मां के इस स्वरूप को शक्कर का भोग बेहद ही प्रिय होता है. तीसरा दिन मां चंद्रघंटा- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा शेर की सवारी करती हैं. इस ...

22 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरंभ, 9 दिन नौ देवियों को चढ़ाएं यह भोग और पाएं आशीर्वाद

22 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होने वाली है. इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगी. 30 मार्च को रामनवमी के साथ इसका समापन हो जाएगा. चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरूआत भी होगी. इस दिन ही महाराष्ट्र में उड़ी पड़वा का त्योहार और दक्षिण भारत में उगादी का त्योहार मनाने की परंपरा है. एक वर्ष में चार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग पूजा आराधना और साधना की जाती है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना और देवी के पहले स्वरूप की पूजा के साथ नौ दिनों तक देवी दुर्गा का महापर्व शुरू हो जाता है. नवरात्रि के 9 दिन बहुत ही खास और शुभ होते हैं. जिस तरह से नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग देवी के स्वरूप की पूजा करने का विधान होता है उसी तरह से इन नौ दिनों तक नौ देवियों का भोग भी अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों में देवी को अलग-अलग प्रसाद अर्पित करने का महत्व. पहला दिन मां शैलपुत्री- नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री हिमालय राज की पुत्री हैं और ये वृषभ पर सवारी करती हैं. इस दिन इन्हें गाय का घी और इससे बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए. इससे व्यक्ति को आरोग्यता और सुख समृद्धि प्राप्ति होती है. दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी- नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान होता है. मां के इस स्वरूप को शक्कर का भोग बेहद ही प्रिय होता है. तीसरा दिन मां चंद्रघंटा- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा शेर की सवारी करती हैं. इस ...

Navratri bhog 2021 for 9 days : नवरात्रि के 9 दिन कौन से 9 भोग लगाए

दोस्तों नवरात्री यानि माँ के नवरूप का दिन आस्था के नव दिन और माता रानी को मनाने के नव दिन निरोग, सफलता, धनवान, बुद्धिमान होने की आप पर भी कृपा बरस सकती है. अगर आप नवरात्री में माता रानी को लगाएगे उनके मनपसंद का भोग फिर देखिए आपकी सारी कष्ट दूर हो जाएगी ऐसा कहा जाता है की यदि किसी भी माँ को उनके प्रिय भोग अर्पित किया तो माता की उसपर विशेष कृपा होती है ये सभी विशेष प्रसाद ऐसे होते है जिनसे होती है मनोकामनाए पूरी होती है. नवरात्र के 9 भोग माँ को जरूर लगाए • पहले दिन :- माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, और नवरात्री के पहले दिन माँ के चरणों में गाय का शुध्य घी अर्पित करे। इससे शरीर निरोगी होता है. • दूसरे दिन :- माँ बर्ह्मचारणी की पूजा की जाती है, आप नवरात्र के दूसरे दिन शक़्कर का लगाए। इससे आयु वृद्धि होती है. • तीसरे दिन :- माँ चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है, नवरात्र के तीसरे दिन दूध या दूध बनी हुई खीर का भोग लगाए। इससे दुःखों से मुक्ति मिलती है. • चौथे दिन :- माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है, नवरात्री के चौथे दिन आप मालपुए का भोग लगाए। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है. • पांचवे दिन :- माँ स्कन्धमाता की पूजा की जाती है, नवरात्र के पांचवे दिन माँ को केले का भोग चढ़ाएं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है. • छठे दिन :- माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, नवरात्रि के छठे दिन माँ को शहद का भोग लगाए। जिससे लोग आप की तरफ आकर्षित होंगे। • सांतवे दिन :- माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है, नवरात्री के सातवें दिन माँ को गुड़ का भोग चढ़ाए। इससे आकस्मिक आने वाले संकटो से रक्षा मिलती है. • आठवें दिन :- माँ महागौरी की पूजा होती है, नवरात्री के आठवें दिन माँ को नारियल का भोग लगाए। इससे...

Nine Days Of Navratri Offer These Different Bhog To The Nine Forms Of Maa Durga

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों को समर्पित हैं. यानि हर दिन एक अलग देवी की पूजा का विधान है. हर देवी का अलग स्वरूप है और अलग महात्म्य भी. इसीलिए नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा को उनकी पसंद का भोग लगाने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. तो चलिए बताते हैं आपको कि नवरात्रि में किस दिन क्या भोग लगाना चाहिए. नवरात्रि के नौ दिन नौ भोग पहला दिन - मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से रोगों का नाश होता है. और हर संकट से मां हमें बचाती है. दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना. और इन देवी को लगाया जाता है शक्कर और पंचामृत का भोग. मां को इसका भोग लगाने से दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी को दूध या फिर मावे से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती है और जीवन में ना धन की कभी कमी आती है और ना ही वैभव की. चौथा दिन - मां कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है. जिन्हे मालपुआ का भोग लगाने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है. सिर्फ भोग ही नहीं बल्कि मालपुआ का दान भी इस दिन किया जा सकता है. इससे भी मां प्रसन्न होती हैं. पाचवां दिन - मां स्कंदमाता देवी स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए. इससे मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यक्षेत्र में काफी प्रगति होती है. साथ ही मां को केले का भोग लगाने से शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं. छठां दिन - मां कात्याय...

नवरात्रि के 9 भोग, दिलाएंगे समस्याओं से मुक्ति

How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Vidur Niti : भारत में कई महान नीतिज्ञ हुए। जैसे भीष्म, विदुर, मनु, चर्वाक, शुक्राचार्य, बृहस्पति, परशुराम, गर्ग, चाणक्य, भर्तृहरि, हर्षवर्धन, बाणभट्ट आदि ...

नवरात्रि दौरान किस देवी को लगाएं कौन सा भोग? जानिए यहां

देशभर में नवरात्रि आने का बेसब्री से इंतजार रहता है। वैसे तो सालभर में 4 बार नवरात्रि का त्योहार आता है। मगर चैत्र और शारदीय नवरात्रि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान पूरे नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। मान्यता है कि देवी में के इन रूपों को अलग-अलग भोग लगाने से माता रानी का आशीर्वाद मिलता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से... 9 दिन लगेगा देवी मां के नौ स्वरूपों को अलग-अलग भोग नवरात्रि के पावन दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। मान्यता है कि इस दौरान देवी मां की कृपा पाने के लिए उन्हें अलग-अलग चीजों का भोग लगाना चाहिए। इससे माता रानी की असीम कृपा मिलती है और घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहती है। पहला नवरात्रा- मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन देवी मां को गाय के घी के तैयार या किसी सफेद चीज का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे रोगों से छुटकारा मिलता है। हर तरह की बीमारी से बचाव रहता है। दूसरा नवरात्रा- मां ब्रह्मचारिणी दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन आप देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं। माना जाता है कि इससे देवी मां दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है। तीसरा नवरात्रा- मां चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन देवी मां की असीम कृपा पाने के लिए उन्हें खीर या दूध से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं। चौथा नवरात्रा- मां कुष्मांडा नवरात्रि का चौथा दिन देवी दुर्गा के कुष्मांडा रूप को समर्पित है। इस दिन माता का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद यह प्रसा...