नवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

  1. Chaitra Navratri 2022 Fifth Day: Skanda Mata Puja Vidhi Bhog Mantra aarti Sarvartha Siddhi Yoga Timing and Subh Muhurat
  2. आज से गुप्त नवरात्रि शुरू, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, किस दिन कौन सी देवी की आराधना
  3. Shardiya Navratri 2022 Date Calendar When Is Navratri 2022 Ghatasthapana Date Time Muhurat
  4. चैत्र नवरात्रि 2023, जानिये कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त


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Chaitra Navratri 2022 Fifth Day: Skanda Mata Puja Vidhi Bhog Mantra aarti Sarvartha Siddhi Yoga Timing and Subh Muhurat

नवरात्रि पांचवां दिन: आज बन रहा पूरे दिन ये शुभ योग, जानें स्कंदमाता की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग, शुभ रंग व आरती नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विधान हैं। माता रानी की सच्चे मन से उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। जानें नवरात्रि के पांचवें दिन के बारे में सबकुछ Chaitra Navratri 5th Day 2022: हिंदू धर्म में आदिशक्ति मां दुर्गा के भक्तों के लिए खास होता है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से प्रारंभ हो चुके हैं, जो कि 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। मां स्कंदमाता का स्वरूप कैसा है? स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, यही कारण कि मां को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता को पार्वती एवं उमा नाम से भी जानते हैं। मां की उपासना से संतान की प्राप्ति होने की मान्यताहै। मां का वाहन सिंह है। मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। भूमि पुत्र मंगल दो दिन बाद करने जा रहे राशि परिवर्तन, इन राशि वालों के जीवन में होंगे अहम बदलाव मां स्कंदमाता को प्रिय हैं ये चीजें मान्यता है कि मां स्कंदमाता की उपासना से परम शांति और सुख का अनुभव होता है। मां स्कंदमाता को श्वेत रंग प्रिय है। मां की उपासना में श्वेत रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए। ...

आज से गुप्त नवरात्रि शुरू, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, किस दिन कौन सी देवी की आराधना

गुप्त नवरात्रि के दौरान साधना और विधाओं की पूजा को विशेष माना गया है. नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है और गोपनीय तरीके से सब से छुपा कर पूजा की जाती है. Gupt Navratri 2023 : हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व विशेष महत्व स्थान रखता है. नवरात्रि का पर्व साल में 4 बार मनाया जाता है, जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है और दो नवरात्रि व्यापक रूप से मनाई जाती है. गुप्त रूप से बनाई जाने वाली नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह में पड़ती हैं. वहीं, व्यापक रूप से मनाई जाने वाली नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती है. माघ माह की गुप्त नवरात्रि आज दिनांक 22 जनवरी 2023 दिन रविवार से शुरू हो रही है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से जानेंगे इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. गुप्त नवरात्र का महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक और साधू मुख्य रूप से मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं. मान्यता के अनुसार इस गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक 10 महाविद्याओं को प्रसन्न कर पूजा करते हैं. साथ ही गुप्त सिद्धियां और तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं. यह भी मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा की पूजा जितनी गुप्त रखी जाती है उसका फल उतना ही ज्यादा प्राप्त होता है. यह भी पढ़ें – गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि इस नवरात्रि की शुरुआत कामना पूर्ति करने वाले सिद्धि नामक शुभ योग में हुआ है. जिसका शुभारंभ सुबह 10:06 से अगले दिन सुबह 5:41 तक रहेगा. घटस्थापना मुहूर्त सुबह 9 बजकर 59 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक. घटस्थापना अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक. गुप्त नवरात्रि...

Shardiya Navratri 2022 Date Calendar When Is Navratri 2022 Ghatasthapana Date Time Muhurat

Shardiya Navratri 2022: शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र 26 सितंबर 2022 (Shardiya Navratri 2022 date) से शुरु हो रहे हैं. इसका समापन 5 अक्टूबर 2022 को होगा. साल में चार नवरात्रि होती है दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष. हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती है. नौ दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा (Devi durga) के नौ रूपों की पूजा की जाती है औऱ दशमी तिथि के दिन दशहरा (Dusshera 2022) मनाया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना का विधान है. शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना से विशेष फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं घटस्थापना मुहूर्त औऱ विधि शारदीय नवरात्रि 2022 मुहूर्त (Shardiya Navratri 2022 Muhurat) • शारदीय नवरात्रि - 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक • अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा प्रांरभ - 26 सितंबर 2022, 3.24 AM • अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा समापन- 27 सितंबर 2022, 03.08 AM • अभिजीत मुहूर्त- 26 सितंबर सुबह 11.54 से दोपहर 12.42 मिनट तक • घटस्थापना मुहूर्त - 26 सितंबर 2022, 06.20 AM – 10.19 AM नवरात्रि में घटस्थापन की विधि: (Navratri Ghat Isthapana Vidhi) • नवरात्रि में देवी की पूजा का फल तभी मिलता है जब नियमों का ध्यान रखा जाए. नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें. • कलश स्थापना के लिए एक मिट्‌टी के पात्र में पवित्र मिट्‌टी रखें और उसमें जौ बोएं. • पूजा स्थान या ईशान कोण में कलश स्थापन शुभ मानी जाती है. यहां गंगाजल छिड़कर साफ सफाई कर लें. पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें. • एक तांबे या मिट्‌टी के कलश में गंगा जल या स्वच्छ जल भरकर इ...

चैत्र नवरात्रि 2023, जानिये कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है. चैत्र नवरात्रि के के पहले दिन घरों शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करते हैं. नौ दिन तक नौ देवी की विधि विधान से आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रही है. नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को है. 31 मार्च 2023 को दशमी के दिन व्रत का पारण किया जाएगा. नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि इस बार 22 मार्च को पड़ रही है. इसी दिन कलश की स्थापना भी की जाएगी. घटस्थापना का सबसे अच्छा समय सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 07 बजतक 32 मिनट तक रहेगा. इस दौरान घट स्थापना (chaitra navratri kalash sthapana muhurt) करना बेहद शुभ होगा। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा अपने अलग-अलग रूपों में अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। तो घट स्थापना के शुभ मुहूर्त में माँ को आमंत्रित करें। चैत्र नवरात्रि 2023 पूजा सामग्री (chaitra navratri pooja samagri) • चैत्र नवरात्रि की पूजा के लिए मां दुर्गा की नई मूर्ति या तस्वीर • लाल रंग की चौकी और पीला वस्त्र, पूजा के लिए एक आसन • माता रानी के लिए एक नई लाल रंग की चुनरी • घट स्थापना के लिए मिट्टी का एक कलश, आम या अशोक की 5 हरी पत्तियां, मिट्टी के बर्तन कलश पर रखने के लिए • लाल सिंदूर, गुड़हल का फूल एवं अन्य लाल रंग के फूल, फूलों की माला • माता रानी के लिए श्रृंगार सामग्री, एक नई साड़ी • दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती एवं दुर्गा आरती की किताबें • अक्षत्, गंगाजल, शहद, कलावा, चंदन, रोली, जटावाला नारियल, सूखा नारियल नारियल • गाय का घी, धूप, अगरबत्ती, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, अगरबत्ती • दीपक, बत्ती के लिए रुई, केसर, नैवेद्य, पंचमेवा, ग...