नयो लगता दिल

  1. तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नयो लगदा
  2. Vishnu Sahasranamam
  3. नीति शतक श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित Bhartrihari Neeti Shatak Hindi English
  4. Vishnu Sahasranamam
  5. तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नयो लगदा
  6. नीति शतक श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित Bhartrihari Neeti Shatak Hindi English


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तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नयो लगदा

तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नहियो लगदा दिल नहिओ लगदा, वे मन नहीं लगदा कोठे चढ़ चढ़ काग उड़ावा, काग उडावां नाले ओसीआ पावा । हो गई हां परेशान, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना... लोकी मैनू मारदे ताने, आके मिल जा किसे बहाने । हो गयी हां बदनाम, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना... लोकी मैनू आखदे झल्ली लबदी फिरां तैनू गली गली, निकल ना जावे मेरी जान, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना...

Vishnu Sahasranamam

विष्‍णु सहस्‍त्रनामम् स्‍तोत्र Vishnu Sahasranamam Stotra in Hindi ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। 2 ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। 3 ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। 4 ।। स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः । अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। 5 ।। अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो-अमरप्रभुः । विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः ।। 6 ।। अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः । प्रभूतः त्रिककुब-धाम पवित्रं मंगलं परं ।। 7।। ईशानः प्राणदः प्राणो ज्येष्ठः श्रेष्ठः प्रजापतिः । हिरण्य-गर्भो भू-गर्भो माधवो मधुसूदनः ।। 8 ।। ईश्वरो विक्रमी धन्वी मेधावी विक्रमः क्रमः । अनुत्तमो दुराधर्षः कृतज्ञः कृति: आत्मवान ।। 9 ।। सुरेशः शरणं शर्म विश्व-रेताः प्रजा-भवः । अहः संवत्सरो व्यालः प्रत्ययः सर्वदर्शनः ।। 10 ।। अजः सर्वेश्वरः सिद्धः सिद्धिः सर्वादि: अच्युतः । वृषाकपि: अमेयात्मा सर्व-योग-विनिःसृतः ।। 11 ।। वसु:वसुमनाः सत्यः समात्मा संमितः समः । अमोघः पुण्डरीकाक्षो वृषकर्मा वृषाकृतिः ।। 12 ।। रुद्रो बहु-शिरा बभ्रु: विश्वयोनिः शुचि-श्रवाः । अमृतः शाश्वतः स्थाणु: वरारोहो महातपाः ।। 13 ।। सर्वगः सर्वविद्-भानु:विष्वक-सेनो जनार्दनः । वेदो वेदविद-अव्यंगो वेदांगो वेदवित् कविः ।। 14 ।। लोकाध्यक्षः सुराध्यक्षो धर्माध्यक्षः कृता-कृतः । चतुरात्मा चतुर्व्यूह:-चतुर्दंष्ट्र:-चतुर्भुजः ।। 15 ।...

नीति शतक श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित Bhartrihari Neeti Shatak Hindi English

॥ नीति शतकम् भर्तृहरिविरचितम् ॥ परिचय: भर्तृहरि विरचित नीति शतकम् में मनुस्मृति और महाभारत की गम्भीर नैतिकता, कालीदास की-सी प्रतिभा के साथ प्रस्फुटित हुई है। विद्या, वीरता, दया, मैेत्री, उदारता, साहस, कृतज्ञता, परोपकार, परायणता आदि मानव जीवन को ऊंचा उठानेेेे वाली उदात्त भावनाओं का उन्होेेेंनेेे बड़ी सरल एवं सरस पद्यावली में वर्णन किया है। उन्होंने इसमें जिन नीति-सिद्धांतों का वर्णन किया है वे मानव मात्र के लिए अंधरेेे में दीपक के समान हैं। पाश्चात्य लेखक आर्थर डब्ल्यू राइडर के अनुसार छोटे-छोटे पद्य अथवा श्लोक लिखने में भारतीय सबसे आगे हैं। उनका इस रीति पर अधिकार, कल्पना की उड़ान, अनुभूति की गहराई और कोमलता- सभी अत्युत्कृष्ट हैं। जिन व्यक्तियो ने ऐसे पद्य लिखे हैं उनमें भर्तृहरि अग्रणी हैं। नीति शतक के श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित भर्तृहरि विरचितम् मंगलाचरणम् दिक्‍कालाद्यनवच्छिन्‍नानन्‍तचिन्‍मात्रमूर्तये । स्‍वानुभूत्‍येकमानाय नम: शान्‍ताय तेजसे ।। 1 ।। अर्थ: दशों दिशाओं और तीनो कालों से परिपूर्ण, अनंत और चैतन्य-स्वरुप अपने ही अनुभव से प्रत्यक्ष होने योग्य, शान्त और तेजरूप परब्रह्म को नमस्कार है । My salutation to the peaceful light, whose form is only pure intelligence unlimited and unconditioned by space, time, and the principal means of knowing which is self-perception. यां चिन्तयामि सततं मयि सा विरक्ता, साप्यन्यमिच्छति जनं स जनोऽन्यसक्तः। अस्मत्कृते च परितुष्यति काचिदन्या, धिक् तां च तं च मदनं च इमां च मां च ।। 2 ।। अर्थ: मैं जिसके प्रेम में रात दिन डूबा रहता हूँ – किसी क्षण भी जिसे नहीं भूलता, वह मुझे नहीं चाहती, किन्तु किसी और ही पुरुष को चाहती है । वह पुरुष किसी और...

Vishnu Sahasranamam

विष्‍णु सहस्‍त्रनामम् स्‍तोत्र Vishnu Sahasranamam Stotra in Hindi ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। 2 ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। 3 ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। 4 ।। स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः । अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। 5 ।। अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो-अमरप्रभुः । विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः ।। 6 ।। अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः । प्रभूतः त्रिककुब-धाम पवित्रं मंगलं परं ।। 7।। ईशानः प्राणदः प्राणो ज्येष्ठः श्रेष्ठः प्रजापतिः । हिरण्य-गर्भो भू-गर्भो माधवो मधुसूदनः ।। 8 ।। ईश्वरो विक्रमी धन्वी मेधावी विक्रमः क्रमः । अनुत्तमो दुराधर्षः कृतज्ञः कृति: आत्मवान ।। 9 ।। सुरेशः शरणं शर्म विश्व-रेताः प्रजा-भवः । अहः संवत्सरो व्यालः प्रत्ययः सर्वदर्शनः ।। 10 ।। अजः सर्वेश्वरः सिद्धः सिद्धिः सर्वादि: अच्युतः । वृषाकपि: अमेयात्मा सर्व-योग-विनिःसृतः ।। 11 ।। वसु:वसुमनाः सत्यः समात्मा संमितः समः । अमोघः पुण्डरीकाक्षो वृषकर्मा वृषाकृतिः ।। 12 ।। रुद्रो बहु-शिरा बभ्रु: विश्वयोनिः शुचि-श्रवाः । अमृतः शाश्वतः स्थाणु: वरारोहो महातपाः ।। 13 ।। सर्वगः सर्वविद्-भानु:विष्वक-सेनो जनार्दनः । वेदो वेदविद-अव्यंगो वेदांगो वेदवित् कविः ।। 14 ।। लोकाध्यक्षः सुराध्यक्षो धर्माध्यक्षः कृता-कृतः । चतुरात्मा चतुर्व्यूह:-चतुर्दंष्ट्र:-चतुर्भुजः ।। 15 ।...

तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नयो लगदा

तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नहियो लगदा दिल नहिओ लगदा, वे मन नहीं लगदा कोठे चढ़ चढ़ काग उड़ावा, काग उडावां नाले ओसीआ पावा । हो गई हां परेशान, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना... लोकी मैनू मारदे ताने, आके मिल जा किसे बहाने । हो गयी हां बदनाम, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना... लोकी मैनू आखदे झल्ली लबदी फिरां तैनू गली गली, निकल ना जावे मेरी जान, मेरा दिल नहिओ लगदा तेरे बिना...

नीति शतक श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित Bhartrihari Neeti Shatak Hindi English

॥ नीति शतकम् भर्तृहरिविरचितम् ॥ परिचय: भर्तृहरि विरचित नीति शतकम् में मनुस्मृति और महाभारत की गम्भीर नैतिकता, कालीदास की-सी प्रतिभा के साथ प्रस्फुटित हुई है। विद्या, वीरता, दया, मैेत्री, उदारता, साहस, कृतज्ञता, परोपकार, परायणता आदि मानव जीवन को ऊंचा उठानेेेे वाली उदात्त भावनाओं का उन्होेेेंनेेे बड़ी सरल एवं सरस पद्यावली में वर्णन किया है। उन्होंने इसमें जिन नीति-सिद्धांतों का वर्णन किया है वे मानव मात्र के लिए अंधरेेे में दीपक के समान हैं। पाश्चात्य लेखक आर्थर डब्ल्यू राइडर के अनुसार छोटे-छोटे पद्य अथवा श्लोक लिखने में भारतीय सबसे आगे हैं। उनका इस रीति पर अधिकार, कल्पना की उड़ान, अनुभूति की गहराई और कोमलता- सभी अत्युत्कृष्ट हैं। जिन व्यक्तियो ने ऐसे पद्य लिखे हैं उनमें भर्तृहरि अग्रणी हैं। नीति शतक के श्लोक हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित भर्तृहरि विरचितम् मंगलाचरणम् दिक्‍कालाद्यनवच्छिन्‍नानन्‍तचिन्‍मात्रमूर्तये । स्‍वानुभूत्‍येकमानाय नम: शान्‍ताय तेजसे ।। 1 ।। अर्थ: दशों दिशाओं और तीनो कालों से परिपूर्ण, अनंत और चैतन्य-स्वरुप अपने ही अनुभव से प्रत्यक्ष होने योग्य, शान्त और तेजरूप परब्रह्म को नमस्कार है । My salutation to the peaceful light, whose form is only pure intelligence unlimited and unconditioned by space, time, and the principal means of knowing which is self-perception. यां चिन्तयामि सततं मयि सा विरक्ता, साप्यन्यमिच्छति जनं स जनोऽन्यसक्तः। अस्मत्कृते च परितुष्यति काचिदन्या, धिक् तां च तं च मदनं च इमां च मां च ।। 2 ।। अर्थ: मैं जिसके प्रेम में रात दिन डूबा रहता हूँ – किसी क्षण भी जिसे नहीं भूलता, वह मुझे नहीं चाहती, किन्तु किसी और ही पुरुष को चाहती है । वह पुरुष किसी और...