October ki garmi ka mukhya karan kya hai

  1. बुद्धि का अर्थ, परिभाषा, बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांत
  2. कमजोरी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  3. लीवर में सूजन का क्या कारण है? » Liver Mein Sujan Ka Kya Karan Hai
  4. Summer Tips in Hindi
  5. ज्वार भाटा की उत्पत्ति का मुख्य कारण क्या है?
  6. आज भी भारत में ह्रेनसांग को याद करने का मुख्य कारण है
  7. Home Remedies for Burping


Download: October ki garmi ka mukhya karan kya hai
Size: 73.24 MB

बुद्धि का अर्थ, परिभाषा, बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांत

देखिए अमेज़ॉन में आज का ऑफर 50% तक की छूट व्यक्ति के कार्य करने करने की कुशलता, सटीकता जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में बुद्धि का बहुत बड़ा योगदान रहता है। इस पोस्ट में हम बुद्धि का अर्थ क्या है? बुद्धि की परिभाषा। बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांतों के बारे में विस्तार से जानेंगे। • • • • • • • • • • • • • • • • • • बुद्धि का अर्थ बुद्धि एक ऐसा शब्द है, जिसका प्रयोग हम अपने आम जीवन की दिनचर्या में करते हैं। लेकिन जितना हम अपने जीवन में बुद्धि के अर्थ को समझते हैं, बाल विकास, शिक्षाशास्त्र और मनोवैज्ञानिक में इसका अर्थ और महत्व कहीं ज्यादा है। बुद्धि अंग्रेजी शब्द Intelligence का हिन्दी वर्जन है। Intelligence लैटिन भाषा का शब्द है जो कि लैटिन भाषा के दो शब्दों Inter एवं Legere से मिलकर बना है।बुद्धि के अर्थ के बारे में मनोवैज्ञानिकों के बीच मतभेद है, जिससे बुद्धि के किसी एक अर्थ में सहमति नहीं है। बुद्धि का सरल शब्दों में अर्थ है कि– किसी कार्य, स्थिति में उपलब्ध सभी विकल्पों में से सबसे ज्यादा बेहतर और अनुकूलित विकल्प का चुनाव करके अपने लक्ष्य को हासिल करना। बुद्धि की परिभाषाएँ बुद्धि के अर्थ की तरह ही बुद्धि की परिभाषा में अनेक मनोवैज्ञानिकों ने अपने-अपने मत दिए हैं। कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि की परिभाषा को वातावरण के साथ समायोजन करने की क्षमता के आधार पर परिभाषित किया गया है। वहीं बहुत से मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि की परिभाषा को पर्यावरण के साथ समायोजन से न जोड़कर, बुद्धि को सीखने की क्षमता के रूप में और कुछ विद्वानों ने अमूर्त चिन्तन (मन में सोचना) करने की क्षमता के रूप में बुद्धि को परिभाषित किया है। लेकिन बहुत से मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि की परिभाषा को केवल एक चीज से न ...

कमजोरी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार

कमजोरी क्या होती है ? कमजोरी सेशरीर में थकावट की भावना होतीहै। ऐसा हो सकता है किकमजोरी महसूस करने वाला व्यक्ति अपनेशरीर का कोई हिस्सा ठीक से न हिला पाए और उसे उस हिस्से में झटके या ऐंठनमहसूस हों। कुछ लोगों को उनके शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी महसूस होती है, जैसे - हाथों या पैरों में और कुछलोगों को (और पढ़ें - कमजोरी के इलाज के लिए सबसे पहले इसके कारणकी पहचान करकेउसका उपचार किया जाना चाहिए। हालांकि, अगर इसके किसीकारण का पता नहीं चल पाया है या उपचार से कमजोरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो इसके लक्षणों का इलाज किया जाना चाहिए। (और पढ़ें - अगर कमजोरी ऐसे विकार के कारण हुई है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसानपहुंचाती है, तोकॉर्टिकॉस्टिरॉइड (Corticosteroids) दवाओं से कमजोरी का इलाज किया जा सकता है। (और पढ़ें - कमजोरी के कितने प्रकार होते हैं ? कमजोरी केनिम्नलिखित दो प्रकार होते हैं - न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Neuromuscular weakness) न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में किसी दिक्क्तया क्षति के कारण मांसपेशीकीताकत कम हो जातीहै, जिससे उसके कार्य करने की क्षमता में कमी आती है। नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Non-neuromuscular weakness) नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में आपको कोई कार्य करते समय कमजोरी महसूस होती है जबकि वास्तव में मांसपेशी बिलकुल सामान्य होती है। (और पढ़ें - कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं ? अगर आपको शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी महसूस हो रही है, तो हो सकता है आप उस हिस्से को ठीक से हिला न पाएं या वह हिस्सा ठीक से अपना कार्य न कर पाए। आप निम्नलिखित लक्षण भी अनुभव कर सकते हैं - • प्रभावित अंग से कोई कार्य करने में देरी होना • प्रभावित अंग में कंपन या झटके महसूस होना ...

लीवर में सूजन का क्या कारण है? » Liver Mein Sujan Ka Kya Karan Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न है लिवर में सूजन का क्या कारण है देखिए लीवर में सूजन के जो मुख्य कारण है वह लंबे समय तक पेट में कब्जी बने रहना एसिडिटी गैस अगर दिक्कत लंबे समय तक बनी रहती है तो आपका लीवर में सूजन आ जाती है और उसका अगर समय पर उतरना करा जाए तो यह समस्या काफी बढ़ जाती है समय रहते इसका ट्रीटमेंट कराएं और साथ ही साथ आप जो है अपने भोजन पर ध्यान रखें अपने पेट को ध्यान रखना योगाभ्यास करें ताकि आपका पर बैठता कर सके सुपाच्य भोजन ले गरिष्ठ भोजन ना लें और नियमित रूप से योगाभ्यास करें धन्यवाद aapka prashna hai liver mein sujan ka kya karan hai dekhiye liver mein sujan ke jo mukhya karan hai vaah lambe samay tak pet mein kabji bane rehna acidity gas agar dikkat lambe samay tak bani rehti hai toh aapka liver mein sujan aa jaati hai aur uska agar samay par utarna kara jaaye toh yah samasya kaafi badh jaati hai samay rehte iska treatment karaye aur saath hi saath aap jo hai apne bhojan par dhyan rakhen apne pet ko dhyan rakhna yogabhayas kare taki aapka par baithta kar sake supachya bhojan le garishth bhojan na le aur niyamit roop se yogabhayas kare dhanyavad आपका प्रश्न है लिवर में सूजन का क्या कारण है देखिए लीवर में सूजन के जो मुख्य कारण है वह लं

Summer Tips in Hindi

Garmi mai jab taapmaan badne lagta hai to garmi se sath bimaria bhi badne lagti hai aur kuch rog aise hote hai. Jinse pidit logo ko iss mausam mai khastor par savdhaniya baratni chahiye. Aaj hum aapko garmi ke season mai hone wale rogo aur pareshaniyo se bachne ke liye kuch aasan tarike batayenge. Iss mausam mai bade to apna dhyan phir bhi rakh lete hai lekin bacche apna bilkul dhyan nahi rakhte hai, jo unhe garmi ki Summer Tips in Hindi. Summer Tips in Hindi: Garmi ki Tapan Se Bachne Ke Upay Mausam badalne ke sath hi aapko apni aadato tatha swasthya par adhik dhyan dena hota hai. Garmi mai garm aur tej gati se chalne wali hawao ko lu kaha jata hai. Mai, June aur July teen ye teen mahine bahut adhik garmi rahti hai, kyoki inn teeno mahino mai surya ka taapmaan shikhar par hota hai aur prathvi par surya ki kirne sidhe padti hai. Garmi ke prakop ke karan yah tej hawaye aur shushk hone ke karan vatavaran ki name sokh leti hai. Grishma ritu mai shushk aur garm hawaye apni chapet mai le leti hai aur lu ka shikar hona padta hai. Swasthya visheshagya ke anusar, lu se bachne ke liye kuch baato ka dhayan rakhna bahut jaruri hai. Lu lagne ka mukhya karan garmi mai ghumna hai, kyoki garmi se vyakul vyakti ki sharirik shakti kam ho jati hai, twacha chalne lagti hai aur tan shithil ho jati hai. Yaha hum aapko garmi mai hone wali wali main 6 bimariyo ke bare mai vistar se bata rahe hai. You May Also Like:- Heat Stroke – Lu Lagna Mausam ke adhik taapmaan aur garm hawao ka sidha asar huma...

ज्वार भाटा की उत्पत्ति का मुख्य कारण क्या है?

पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता ही ज्वार-भाटा की उत्पत्ति का प्रमुख कारण है। महीने में दो बार पृथ्वी, चंद्रमा एवं सूर्य एक ही सीधी रेखा में स्थित होते हैं। यह घटना अमावस्या और पूर्णिमा के ​दिन घटती है और इन​ दिनों ज्वार अधिकतम ऊंचाई प्राप्त करते हैं। इसे 'उच्च ज्वार' कहते हैं। चंद्रमास के दोनों पक्षों (कृष्ण पक्ष तथा शुक्ल पक्ष) की सप्तमी या अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा, पृथ्वी के केंद्र पर समकोण बनाते हैं। अत: इनके आकर्षण बल तथा अपकेंद्रीय बल संयुक्त नहीं हो पाते हैं। इससे ज्वार की ऊंचाई घटकर सबसे कम हो जाती है, जिसे 'लघु ज्वार' कहते हैं। Tags :

आज भी भारत में ह्रेनसांग को याद करने का मुख्य कारण है

आपका प्रश्न है : आज भी भारत में हेनसांग को याद करने का मुख्य कारण है? विकल्प है.... A. हर्ष के प्रति सम्मान B. नालंदा में अध्ययन C. बौध धर्म के आस्था D. "सी-यु-की" की रचना सही उत्तर : D. "सी-यु-की" की रचना ह्वेनसांग के बारें में : आपको बता दें की ह्वेनसांग यह एक चीनी विद्वान , बौद्ध भिक्षु और प्रवासी थे। उनका जन्म ईसवी सन 602 में चीन में हुआ था। वे भारत भारतीय बौद्ध धर्म और चीनी बौद्ध धर्म के परस्पर विचार का अभ्यास करने आये थे। वे 7वी सदी में भारत आये थे। ध्यान रहे की वह भारत में 15 वर्षों तक रहा। ह्वेनसांग, जिन्हें मानद उपाधि सान-त्सांग से सुशोभित किया गया. उन्हें मू-चा ति-पो भी कहा जाता है। बताया जाता है की ह्वेसन 629 में ह्वेनसांग को एक स्वपन में भारत जाने की प्रेरणा मिली। ह्वेनसांग 7वीं सदी में भारत आया और उसने बुद्ध के जीवन से जुड़े सभी पवित्र स्थलों का भ्रमण किया और उपमहाद्वीप के पूर्व एवं पश्चिम से लगे इलाकों की यात्रा की। और उसने अपनी पुस्तक सी-यू-की में अपनी यात्रा तथा तत्कालीन भारत का विवरण दिया है। उसके वर्णनों से हर्षकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक अवस्था का परिचय मिलता है। ऐसे ही अधिक प्रश्नों के लिए यहाँ क्लिक करें

Home Remedies for Burping

Yadi sharir adhik matra mai hawa nigalta hai to use bahar bhi nikalta hai. Muh dwara iss hawa ke nikalne ko hi dakar kaha jata hai. Yeh pet se gas bahar nikalne ka prakratik tarika hai. Dakar aana koi bimari nahi hai, lekin log ise pasand nahi karte hai. Yadi aapke sath yeh samasya hai to kitne hi bar aapko logo ke bich sharminda hona padhta hai. Ise shistachar nahi samjha jata hai. Yadi aapko bar bar dakar aane ki samasya ho gayi hai to Home Remedies for Burping aapko jarur apnana chahiye. Home Remedies for Burping in Hindi: Dakar Ka Gharelu Illaj Faydemand Papita • Dakar aane ka mukhya karan gastric samasya hai. Papite ko apne dainik aahar mai shamil kar aap iss samasya se nijat pa sakte hai. • Papite mai papain enzyme hota hai jo gastric samasyao ko dur karta hai. Yeh pet ki anya samasyao se bhi nijat dilata hai. Nimbu aur Baking Soda • Yadi aap dakar aane ki samasya se bahut jyada pareshan ho chuke hai. To aaj se hi nimbu aur • Prayog ke liye 1 chammach nimbu ke ras mai ¼ chammach baking soda mila le. Fir ise 2 glass pani mai hilakar pile. • Yeh gharelu upchar aapko dakar ki samasya se rahat dilayega. Khane Ke Bad Saunf • Jin logo ko bhi dakar ki samasya rehti hai wo khana khane ke bad saunf khane ki aadat daal de. • Kyoki saunf aapke hajme ki prakriya ko sucharu karti hai sath hi sath pet ki akad se bhi chutkara dilati hai. • Iske alawa saunf khane se aapke pet ki sujan bhi dur hoti hai. Isliye yeh aapke pet ke liye behad hi faydemand hai. • Yadi aapko gas ki samasya ...