ओके गूगल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई

  1. क्या वाकई एवरेस्ट की ऊंचाई हो गई है कम, जानिए कैसे होगा फैसला
  2. Nepal and China announce revised height of Mount Everest as 8,848.86 metres in Hindi
  3. Height Of Mount Everest Increasing Why General Knowledge
  4. 25 Interesting Facts about Mount Everest in hindi
  5. दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट: Mount Everest के बारे में जाने !


Download: ओके गूगल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई
Size: 41.57 MB

क्या वाकई एवरेस्ट की ऊंचाई हो गई है कम, जानिए कैसे होगा फैसला

माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) इस समय दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है. लेकिन इसकी ऊंचाई (Height) बदलने को लेकर यह इन दिनों सुर्खियों में है. एवरेस्ट की वर्तमान ऊंचाई को लेकर चीन (China) और नेपाल (Nepal) एक साथ एक अभियान चलाने वाले हैं. कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दशकों से भूकंप(Earthquake) और अन्य कारणों से एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव आ सकता है इसलिए इसकी ऊंचाई को फिर से नापने की जरूरत है. अब नेपाल और चीन मिलकर एवरेस्ट की ऊंचाई नापने का काम करेंगे जिससे एवरेस्ट की वर्तमान ऊंचाई की आधिकारिक तौर पर घोषणा की जाएगी. कैसे बढ़ी सुगबुगाहट गुरुवार को ही नेपाली मीडिया में यह खबर आई थी कि चीन के गृह मंत्री नेपाल आ रहे हैं जिसके बाद इस दिशा में दोनों देश मिलकर काम करेंगे. नेपाल सरकार ने कहा था कि एवरेस्ट की ऊंचाई को फिर से नापा जाएगा क्योंकि साल 2015 में आए भूकंप और अन्य कारणों से एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव हो सकता है. क्या ऊंचाई मानी जाती है अभी इससे पहले साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापकर एस 8848 मीटर बताया गया था. इसके बाद 1975 में चीन के सर्वेयर ने इस ऊंचाई को नापकर इसे 8848.13 मीटर बताया था. इसी साल मई के महीने में चीनी सरकार ने एवरेस्ट की ऊंचाई फिर ने नपवाई. All those sacrifices and hard work by Nepal’s surveyors for a ‘project of national pride’ will come to naught now with China getting set to share the credit. — Sujan Dhakal (@SujanDhakal90) क्या ऊंचाई पता लगी तिब्बत के रास्ते एवरेस्ट पर गए एक चीनी आधिकारिक दल ने यह ऊंचाई 8844.43 मीटर आंकी है. यह ऊंचाई पूर्व निर्धारित ऊंचाई से 4 मीटर कम है. इतना ही नहीं चीन ने यहां तक कहा है कि नेपाल ने एवरेस्ट की ऊंचाई स...

Nepal and China announce revised height of Mount Everest as 8,848.86 metres in Hindi

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 86 सेंटीमीटर बढ़ गई है. नेपाल और चीन ने दो साल तक सर्वे वर्क पूरा करने के बाद माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की संयुक्त घोषणा की. इस घोषणा के बाद अब दुनिया की किताबों में भी एवरेस्ट की ऊंचाई के आंकड़ों में परिवर्तन हो जाएगा. विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में वृद्धि को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है. नेपाल और चीन ने साझे तौर पर घोषणा किया है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई तय हो गई है. यह साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर ज्यादा है. माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई मौजूदा समय में 8848 मीटर मानी जाती है. अब नई ऊंचाई 8848.86 मापी गई है. ऐसे में विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई और बढ़ गई है. बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की कोशिश पिछले साल शुरू की गई थी. इस बेहद जटिल कार्य का अंजाम देने के पिछले साल एक अभियान दल चोटी पर भेजा था. उधर, इस साल तिब्बत की तरफ से एवरेस्ट की ऊंचाई मापने के लिए भी एक अभियान दल भेजा. इस पर विवाद: एक नजर में चीनी अधिकारियों का कहना था कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की गणना चट्टान की ऊंचाई के आधार पर की जानी चाहिए. उधर, नेपाल का मानना था कि इसकी ऊंचाई की गणना में जमी बर्फ की परत को भी शामिल करना चाहिए, क्योंकि पर्वतारोही वह दूरी भी तय करते हैं. मापी कैसे हुई पहाड़ों की ऊंचाई समुद्र तल से मापी जाती है. नेपाल ने मापी के लिए बंगाल की खाड़ी को चुना. भारत के पास बंगाल की खाड़ी से एवरेस्ट की मापी का आधार उपलब्ध था, जिसे उसने नेपाल को उपलब्ध करा दिया. नेपाल ने 250 किमी के दायरे में लाइन ऑफ साइट की शृंखला तैयार की. चीन ने पीत सागर को आधार बनाया. न...

Height Of Mount Everest Increasing Why General Knowledge

Mount Everest: आपने भी सुना होगा कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ रही है. आपको यह जानकर हैरत भी होती होगी कि आखिर ऐसा कैसे होता है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि कैसे और क्यों बढ़ रही है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई- नवीन वलित पर्वत है माउंट एवरेस्ट- माउंट एवरेस्ट एक नवीन वलित पर्वत है. अब आपके मन में सवाल आया होगा कि आखिर ये नवीन वलित पर्वत क्या है. तो हम आपको आसान भाषा में इसका मतलब भी समझाते हैं. सबसे पहले तो हम आपको बताते हैं कि धरती को अलग-अलग प्लेटों में बांटा गया है. ऐसी ही एक प्लेट है इंडियन प्लेट और दूसरी है यूरेशियन प्लेट. उत्तर से यूरेशियन प्लेट और दक्षिण से इंडियन प्लेट धरती के नीचे एक-दूसरे से टकराते हैं. जिसकी वजह से ठीक वैसे जैसे कि आटा गूंथने के समय जब हम उसे बीच से दबाते हैं तो वो बाहर निकलता है धरती से पर्वत भी दोनों के बीच दबाव के चलते निकला है. इसको वलित पर्वत इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें साड़ी के फोल्ड जैसे वलन पड़ते हैं. इसके अलावा उम्र के हिसाब से यह अभी अपनी युवावस्था में ही है. कुछ करोड़ साल पर्वत के लिए युवावस्था की ही उम्र होती है. इसलिए ही यह एक नवीन(युवा)वलित पर्वत है. कितनी है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई- पहले माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर थी. लेकिन 2020 में नेपाल और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर इसकी नई ऊंचाई के बारे में बताते हुए कहा था कि इसकी वर्तमान ऊंचाई अब 8848.86 मीटर है. यानी कि इसकी ऊंचाई में .86 मीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि यह तय है कि आगे भी इसकी ऊंचाई बढ़ेगी. कहां स्थित है माउंट एवरेस्ट- माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत श्रंखला के अंतर्गत आता है. यह नेपाल में स्थित है और चीन के साथ नेपाल की सीमा बनाता...

25 Interesting Facts about Mount Everest in hindi

माउंट एवरेस्ट, 8,848 मीटर (29,029 फीट) की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। माउंट एवरेस्ट एक विशाल पिरामिड की तरह आकार लेता है। दुनिया भर से खोजकर्ता को आकर्षित करने वाली छवि सामने आई है। यहां हम माउंट एवरेस्ट के बारे में 30 तथ्य एकत्र करते हैं जिसमें आपकी रुचि हो सकती है। माउंट एवरेस्ट के बारे में 25 रोचक तथ्य 1. तिब्बती लोग सर्वोच्च शिखर चोमोलुंगमा या कोमोलंगमा कहते हैं। इसका अर्थ है पहाड़ों की देवी माँ। माउंट एवरेस्ट का नेपाली नाम सागरमाथा है, जिसका अर्थ है फोरहेड इन द स्काई। पर्वत अब सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। 2. माउंट एवरेस्ट का नाम जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है - 1830 से 1843 तक भारत के सरकारी सर्वेक्षण के निदेशक, जो एक टीम को संगठित करने और हिमालय पर्वत को मापने वाले पहले व्यक्ति थे। इस प्रकार, आज हम इसे "माउंट एवरेस्ट" कहते हैं। 1841 में, इस ऊंचे पहाड़ को आखिरकार इसकी खासियत के लिए पहचाना गया। 3. ज्यादातर लोग सोचते हैं कि इसके विपरीत, माउंट एवरेस्ट की खोज जॉर्ज एवरेस्ट द्वारा नहीं की गई है। हालाँकि इस पर्वत का नाम जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है, लेकिन वह दुनिया में सबसे ऊंचे पर्वत के रूप में इसकी पहचान करने वाले पहले व्यक्ति नहीं थे। इसके बजाय माउंट एवरेस्ट को एक भारतीय, राधानाथ सिकदर, एक भारतीय सर्वेक्षणकर्ता और गणितज्ञ द्वारा खोजा गया था। 4. माउंट एवरेस्ट चीन और नेपाल, उत्तर में चीन और दक्षिण में नेपाल के बीच स्थित है। यह तिब्बत के शानदार क्षेत्रों से लेकर सुंदर नेपाल तक फैला हुआ है। 5. नेपाल और अन्य देशों में उपयोग किए जाने वाले बर्फ के आवरण की ऊंचाई (कुल ऊंचाई) 8,848 मीटर (29,029 फीट) है। और चीन द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित चट्ट...

दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट: Mount Everest के बारे में जाने !

महान हिमालय के मुकुट की भांति खड़े माउंट एवरेस्ट को पूरी दुनिया की सबसे ऊँची चोटी होने का गौरव प्राप्त है। नेपाल हिमालय में स्थित एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत स्वायत क्षेत्र के मध्य स्थित पर्वत शिखर है जिस पर चढ़ने का प्रयास हर वर्ष लाखों पर्वतारोही करते है परन्तु कुछ विरले साहसी पर्वतारोही ही इस महान चोटी को पार कर पाते है। ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1856 में महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण के तहत माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापी गयी थी जो की वर्ष 8,840 मीटरया 29,002 फीट मापी गयी थी परन्तु बाद के वर्षो में इस ऊंचाई में संशोधन किया गया था और एवरेस्ट की ऊँचाई 8848 मीटर मापी गयी। Mount Everest Information हिमालय शिखर के मस्तक की भांति खड़े माउंट एवरेस्ट ( Mount Everest) का हिमालय के भूगोल पर विस्तृत प्रभाव है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको माउंट एवरेस्ट के बारे में जानकारी (Mount Everest Information In Hindi) प्रदान करने वाले है जिससे की आप माउंट एवरेस्ट के बारे में सभी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं तात्कालिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यहाँ भी देखें -->> हिमालय का मस्तक-माउंट एवरेस्ट नेपाल में स्थित माउंट एवरेस्ट को पूरी दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी होने का गौरव प्राप्त है। साल भर बर्फ से ढ़का रहने वाला माउंट एवरेस्ट नेपाल हिमालय में स्थित है। नेपाल में इस शिखर को सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है जिसका यहाँ के स्थानीय समाज में भी अत्यधिक धार्मिक एवं आर्थिक महत्व है। माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहियों के लिए अंतिम लक्ष्य के समान माना जाता है जहाँ पहुंचने के पश्चात पर्वतारोही अपने जीवन की सबसे दुर्गम चढ़ाई को पार कर लेते है। माउंट एवरेस्ट का नाम इसके सर्वेक्षणकर्ता जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर...