ओम जय जगदीश हरे लिरिक्स

  1. Om jay jagdish hare Lyrics
  2. ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स
  3. ओम जय जगदीश हरे लिरिक्स
  4. ॐ जय जगदीश हरे आरती (लिरिक्स)
  5. Aarti Om Jai Jagdish Hare Lyrics
  6. ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे लिरिक्स / Om Jai Jagdish hare Swami Jai Jagdish Hare Aarti lyrics


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Om jay jagdish hare Lyrics

आज के लेख में हम भगवान विष्णु की आरती( Vishnu bhagwan ki aarti ) जिसकी शुरुवात ॐ जय जगदीश हरे लिरिक्स ( Om jay jagdish hare Lyrics ) के साथ होती है , उस मधुर और पावन आरती का वर्णन करने वाले है। साथ ही हम ॐ जय जगदीश हरे आरती के पीडीऍफ़ और वीडियो फॉर्मेट को भी शामिल करेंगे , आशा है आपको हमारा प्रयास अवश्य पसंद आएगा। ॐ जय जगदीश हरे लिरिक्स - Om jay jagdish hare Lyrics Om jay jagdish hare Lyrics Om jay jagdish hare aarti Lyrics हिंदू धर्म के अनुसार हर दिन किसी न किसी भगवान को अर्पित किया गया है सप्ताह का हर दिन किसी एक भगवान की पूजा-आरती की जाती है उस मे से एक है विष्णु भगवान जिनकी पूजा आरती बृहस्पतिवार को की जाती है इनकी पूजा करने से अशांत मन भी शांत रहता है जो लोग परेशानियों में भी भगवान से अपना रिश्ता जोड़े रखता है उसे जीवन में आने वाली परेशानियों से लड़ने की हिम्मत और साहस मिलता है भगवान विष्णु उसकी सारी परेशानिया दूर कर देते है यदि आप सच्चे मन से भगवान की पूजा आराधना करते हैं तो आपको मनचाहा फल भी मिलता है साथ ही सुबह-शाम उनकी आरती भी करते हैं। ऐसा करने घर-परिवार में शांति बनी रहती है और घर में खुशियों का वास होता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। जिससे भक्तों को धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। Vishnu bhagwan ki aarti :- भगवान विष्णु की आरती मंगलकारी मानी जाती है और लगभग हर पूजा का हिस्सा रहती है ओम जय जगदीश हरे आरती के हिंदी लिरिक्स आप यहां देख सकते हैं जिसे पढ़ कर आप का मन आनंदित हो जायेगे। Om jay jagdish hare Lyrics in pdf भगवान विष्णु की आरती - Om jay jagdish hare Lyrics ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास ...

ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे ओमजयजगदीशआरती ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त ज़नो के संकट, दास ज़नो के संकट क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन का सुख सम्पति घर आवे सुख सम्पति घर आवे कष्ट मिटे तन का ॐ जय जगदीश हरे मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी स्वामी शरण गहूं किसकी तुम बिन और ना दूजा तुम बिन और ना दूजा आस करूँ जिसकी ॐ जय जगदीश हरे Mcbmusic तुम पूरण, परमात्मा तुम अंतरियामी स्वामी तुम अंतरियामी पार ब्रह्म परमेश्वर पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ॐ जय जगदीश हरे तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी तुम पालन करता मैं मूरख खलकामी मैं सेवक तुम स्वामी कृपा करो भर्ता ॐ जय जगदीश हरे AartiLyrics तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति स्वामी सबके प्राण पति किस विध मिलु दयामय किस विध मिलु दयामय तुम को मैं कुमति ॐ जय जगदीश हरे दीन-बन्धु दुःख-हर्ता ठाकुर तुम मेरे स्वामी रक्षक तुम मेरे अपने हाथ उठाओ अपनी शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे ॐ जय जगदीश हरे विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ सन्तन की सेवा ॐ जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे

ओम जय जगदीश हरे लिरिक्स

मात – पिता तुम मेरे , शरण गहूं मैं किसकी । तुम बिन और न दूजा , आस करूं जिसकी । । ॐ . . . तुम पूरण परमात्मा , तुम अंतर्यामी । पारब्रह्म परमेश्वर , तुम सबके स्वामी । । ॐ . . . तूम करुणा के सागर , तुम पालन कर्ता । मैं मूरख खल कामी , कृपा करो भर्ता । । ॐ . . . तुम हो एक अगोचर , सबके प्राणपती । किस विधि मिलू दयामय , तुमको मैं कुमती । । ॐ . . . दीनबंधु दुखहर्ता , तुम रक्षक मेरे । करुणा हस्त बढ़ाओ , द्वार पड़ा तेरे । । ॐ . . . विषम विकार मिटाओ , पाप हरो देवा । श्रद्वा भक्ति बढ़ाओ , संतन की सेवा । । ॐ . . . श्री जगदीश जी की आरति , जो कोई नर गावे । कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे । । ॐ . . . om jay jagadeesh hare , svaamee jay jagadeesh hare . bhaktajanon ke sankat , kshan mein door kare . . om . . . jo dhyaave phal paave , dukhavin se man ka . sukh sampatti ghar aave , kasht mite tan ka . . om . . . maat – pita tum mere , sharan gahoon main kisakee . tum bin aur na dooja , aas karoon jisakee . . om . . . tum pooran paramaatma , tum antaryaamee . paarabrahm parameshvar , tum sabake svaamee . . om . . . toom karuna ke saagar , tum paalan karta . main moorakh khal kaamee , krpa karo bharta . . om . . . tum ho ek agochar , sabake praanapatee . kis vidhi miloo dayaamay , tumako main kumatee . . om . . . deenabandhu dukhaharta , tum rakshak mere . karuna hast badhao , dvaar pada tere . . om . . . visham vikaar mitao , paap haro deva . shradva bhakti badhao , santan kee seva . . om . . . shree jagadeesh jee kee aarati , jo koee nar gaave . kahat shivaanand svaamee, sukh sampati paave ...

ॐ जय जगदीश हरे आरती (लिरिक्स)

दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन् १८७० में लिखी गई थी। यह आरती मूलतः भगवान विष्णु को समर्पित है फिर भी इस आरती को किसी भी पूजा, उत्सव पर गाया / सुनाया जाता हैं। कुछ भक्तों का मानना है कि इस आरती का मनन करने से सभी देवी-देवताओं की आरती का पुण्य मिल जाता है। ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, स्वामी दुःख बिनसे मन का । सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी, स्वामी शरण गहूं मैं किसकी । तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी । पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता । मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति । किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे । अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा । श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥ ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता पं. श्रद्धारा...

Aarti Om Jai Jagdish Hare Lyrics

Om Jai Jagdish Hare Lyrics Aarti Om Jai Jagdish Hare Lyrics : दोस्तों अगर आप ॐ जय जगदीश हरे आरती लीरिक्स लिखित में (Om Jai Jagdish Hare Lyrics) ढूंढ रहे हो तो आप बिलकुल सही जगह पर ह। आज मैंने यहाँ पर निचे आपको फुल Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in Hindi and English दोनों में दिए है। तो प्लीज आप इसको लास्ट तक पढ़े। 🕉️🙏🛕🌸🏵️🪔🌹🌺🌻🙏🛕🕉️ ॐ जय जगदीश आरती यह दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती है 1870 में 32 वर्ष की उम्र में पंडित श्रद्धाराम शर्मा ने ‘ ओम जय जगदीश हरे’ आरती की रचना की थी। यह आरती भगवान विष्णु जी को समर्पित है, जो सार्वभौमिक आरती है और हर सनातनी के घर में गयी जाती है। Om Jai Jagdish Hare Lyrics In Hindi ओम जय जगदीश हरे आरती लिखित में हिंदी ⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️ 🕉️🙏🛕🌸🏵️🪔🌹🌺🌻🙏🛕🕉️ ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ 🕉️🙏🛕🌸🏵️🌹🌺🌻🙏🛕🕉️ om jai jagdish hare lyrics Om Jai Jagdish Hare Lyrics English Here are the Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in English ⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️ 🕉️🙏🛕🌸🏵️🌹🌺🌻🙏🛕🕉️ Om Jai Jagdish Hare, Swami Jai Jagdish Hare Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare Om Jai Jagdish Hare… 🕉️🙏🛕🌸🏵️🌹🌺🌻🙏🛕🕉️ Aarti Om Jai Jagdish Hare Lyrics Om Jai Jagdish Hare Aarti PDF Om Jai Jagdish Hare Aarti PDF | ॐ जय जगदीश हरे आरती in Hindi and English PDF download link निचे दिए गए है | Aarti Om Jai Jagdish Hare PDF direct download for free using the download button. Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics In English PDF– [ Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics In Hindi PDF– [ 🪔आरती सामग्री (Song Content) : 🎵 गाना (Song Name):...

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे लिरिक्स / Om Jai Jagdish hare Swami Jai Jagdish Hare Aarti lyrics

ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे , भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट ,, क्षण में दूर करे ॐ जय जगदीश हरे .... जो ध्यावे फल पावे स्वामी दुख बिन से मन का सुख संपत्ति घर आवे सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का ॐ जय जगदीश हरे .... मात पिता तुम मेरे शरण गहु किसकी स्वामी शरण गहु किसकी तुम बिन और ना दूजा तुम बिन और ना दूजा आस करू जिसकी ओम जय जगदीश हरे .... तुम पूरण परमात्मा तुम अन्तर्यामी पार ब्रह्म परमेश्वर पार ब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश हरे .... तुम करुणा के सागर तुम पालन कर्ता स्वामी तुम पालन कर्ता मै मुरख फलकामी मै मुरख फलकामी कृपा करो भर्ता ॐ जय जगदीश हरे .... तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति स्वामी सबके प्राण पति किस विधि मिलूं गोसाई किस विधि मिलूं गोसाई तुमको मै कुमति ओम जय जगदीश हरे .... दिन बन्धु दुख हर्ता तुम ठाकुर मेरे स्वामी तुम ठाकुर मेरे अपने हाथ उठाओ अपने हाथ उठाओ द्वार पड़ा तेरे ओम जय जगदीश हरे .... बिषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा ओम जय जगदीश हरे .... LBMUSICENTERTAINMENT.COM Posted by: नमस्कार, प्रणाम मै Lb का Author & Founder हूँ आप सब के सहयोग से हम इस website पर हिन्दी मे गीत,गज़ल,भजन,भोजपुरी इन सभी गीतो के Lyrics, shere करते है। और इसके अलावा संगीत मे,गायन,बादन और भी संगीत से जुड़ी जानकारी shere करते हैं,और हम इस website पर कहानी,कविता भी,share करते है तो आप इस website "www.LbMusicEntertainment.com"पर जरुर visit करे और अपना सहयोग दें हमारी website पर visit करने के लिए आपका धन्यवाद ।।